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Saturday, October 8, 2011
MP Police: यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे होशंगाबाद के एडीशनल एसपी अनिल कुमार मिश्रा, RI और Addl SP के बीच ठनी...
होशंगाबाद। यौन उत्पीड़न के एक मामले ने होशंगाबाद पुलिस का असली चेहरा उजागर कर दिया है। आरोपों से घिरे दागी अफसर एडीशनल एसपी अनिल कुमार मिश्रा के खिलाफ अब तक जांच तो आगे बढ़ी नहीं, अलबत्ता उत्पीड़न के मामले को उजागर करने वाले आरआई के खिलाफ गबन की एफआईआर जरूर दर्ज कर ली गई है। मामला साफ है आला अफसर किसी भी तरह दबाव बनाकर यौन उत्पीड़न के आरोपों को रफा-दफा करने में जुटे हुए हैं।
क्या है मामला
एक महिला नव आरक्षक ने जिले के एडीशनल एसपी मिश्रा के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि इस कृत्य के लिए सविता नामक एक महिला कांस्टेबल ने मध्यस्थता की और जबरिया एएसपी से नजदीकी बढ़ाने का दबाव बनाया। मामला आरआई देवेंद्र सिंह यादव के संज्ञान में आया तो एएसपी और आरआई में भिड़ंत हो गई। अब एएसपी ने लंबित पड़ी जांच का पिटारा खोला और आरआई यादव के खिलाफ गबन की एफआईआर दर्ज करवा दी।
जांच पर आंच
आला अफसर भी जानते हैं कि दागी अफसर के पद पर बने रहते हुए निष्पक्ष जांच संभव नहीं है, फिर भी विभाग ने एएसपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। यहां तक कि जांच तक उन्हें अवकाश पर भी भेजने की जहमत नहीं उठाई।
डीआईजी छुट्टी पर
होशंगाबाद पुलिस के इस गंभीर मामले के उजागर होने के साथ ही रेंज डीआईजी ए.के. गुप्ता अवकाश पर चले गए। बताया जाता है कि जिले में पुलिस के दो गुट बने हुए हैं। एक गुट में एएसपी है तो दूसरे गुट में आरआई। दोनों के गॉडफादर अपने-अपने मातहतों को बचाने में जुटे हैं।
बात से बचते रहे
इस मामले पर जब आईजी होशंगाबाद रेंज विजय कटारिया और एसपी रूचि वर्द्धन मिश्र से बात करनी चाही तो दोनों कन्नी काट गए। कटारिया ने फोन नहीं उठाया और रूचि ने फोन काट दिया। डीआईजी ने जरूर बात की, लेकिन उन्होंने छुट्टी पर होने का कहकर टाल-मटोल कर दी।
आदिवासी उत्पीड़न का भी मामला
यौन उत्पीड़न से पीडित नव आरक्षक आदिवासी है। इस लिहाज से पुलिस को एएसपी और मध्यस्थ आरक्षक के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का मामला तो अब तक दर्ज कर लेना चाहिए था। लेकिन आला अफसर दागियों को बचाने के लिए टाल मटोल कर रहे हैं।
सरकार गंभीर
होशंगाबाद पुलिस के इस रूप पर प्रदेश सरकार सख्त नजर आ रही है। गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि वे जल्द ही इस मामले पर पूरी रिपोर्ट तलब करेंगे। दोषी कितना भी बड़ा अधिकारी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
...उधर कलेक्टर पर छींटे
छिंदवाड़ा . कलेक्टर पवन शर्मा पर वहां के निलंबित सीएमएचओ डॉ. एसआर चौहान ने चरित्र हनन के आरोप लगाए हैं। चौहान की मानें तो कलेक्टर हर रात उनसे अवांछित मांग करते थे। चौहान ने इस संबंध में कमिश्नर से मुख्यमंत्री व राष्ट्रपति तक शिकायत की। जबलपुर संभागायुक्त रवींद्र पस्तोर ने चौहान को निलंबित कर दिया। इस मामले पर जब पस्तोर से "पत्रिका" ने बात की तो उन्होंने कहा कि उनके पास शिकायत आई है। इसकी वे जांच कराएंगे। फिलहाल कुछ भी कहना उचित नहीं। पस्तोर ने यह जरूर कहा कि सीएमएचओ पर कुछ कर्मचारियों को स्थाई करने के मामले में धांधली के आरोप लगे थे, जिसकी जांच कलेक्टर ने की। इसके आधार पर ही उनका निलंबन हुआ है।
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