नई दिल्ली। आखिरकार दिल्ली पुलिस की तलाश पूरी हुई और क्रिकेट को बदनाम करने वाले कबूतरबाज जैकब मार्टिन को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस उसे लंबे समय से खोज रहा था। आपको बता दें कि पुलिस ने जैकब मार्टिन की सूचना पर देने वाले को पच्चीस हजार रूपए का ईनाम देने की घोषणा की थी। गौरतलब है कि मार्टिन के खिलाफ 2004 में मानव तस्करी का केस दर्ज किया गया था। भारत के लिए दस एकदिवसीय मैच खेलने वाले मार्टिन पर 2003 में 17 खिलाडियों को फर्जी तौर पर ब्रिटेन ले जाने का आरोप है। उनमें से 16 खिलाड़ी ही देश वापस आए थे।
पुलिस ने जो बताया उस के मुताबिक निमेष कुमार नामक एक शख्स के पास फर्जी पासपोर्ट पाया गया था। जिसने बताया था ये पासपोर्ट जैकब ने उसेक लिए बनवाया था। जिसके लिए उसने मार्टिन को सात लाख रूपये दिये थे। आईजीआई एयरपोर्ट के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस आर. ए. संजीव के मुताबिक जैकब ने अजवा स्पोर्टस क्लब, वड़ोदरा, गुजरात के नाम से एक फर्जी क्रिकेट टीम बनाई थी। वह भी उसी टीम का सदस्य था।
आपको बता दें कि जैकब मार्टिन का जन्म 11 मई 1972 में बड़ौदा में हुआ था। जैकब राईट हैंड बैंटसमैन हैं, इन्होंने भारतीय टीम की ओर से दस बार इंटरनेशनल वन डे खेला है लेकिन एक भी टेस्ट उन्होंने भारत की ओर से नहीं खेला है। मार्टिन के बारे में कहा जाता रहा है कि वो एक अच्छे बैटसमैन के साथ-साथ गेंदबाजी में भी कमाल कर सकते हैं। और कई बार उन्होंने प्रथम श्रेणी के मैचों में अपना कमाल दिखाया भी है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मार्टिन की अग्रीम जमानत की अर्जी को खारिज करते हुए कहा था कि मार्टिन को सजा जरूर मिलनी चाहिए क्योंकि उन्होंने करोड़ो लोगों के धर्म बन चुके क्रिकेट को बदनाम किया है
पुलिस की खबरें, सिर्फ पुलिस के लिए ...... An International Police Blog for police personnels and their family, their works, their succes, promotion and transfer, work related issues, their emotions,their social and family activities, their issues and all which related to our police personnels.
Sunday, May 8, 2011
Bihar Police: बिहार से फरार पुलिस इंस्पेक्टर हरदोई में धरा गया
लखनऊ। लाखों रुपये का घोटाला कर पुलिस महानिरीक्षक गुप्तेश्वर पाण्डेय का मारने की सुपारी लेने वाले बिहार के पुलिस इंस्पेक्टर बालेश्वर प्रसाद को प्रदेश के हरदोई जिले से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार इंस्पेक्टर के खिलाफ अलग-अलग मामलों में नौ गैर जमानती वारंट जारी किए जा चुके हैं। बालेश्वर को उसके एक रिश्तेदारके निर्माणाधीन भवन से गिरफ्तार किया गया।
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मेकाजीमुहम्मदपुर थाने में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर बालेश्वर प्रसाद लम्बे समय से फरार चल रहा था। तैनाती के दौरान उसने कई गलत कार्य किए। बालेश्वर का नाम किसान क्रेडिट कार्ड घोटाले में आया जिसके बाद वह थाने से फरार हो गया। कई घोटालों व आपराधिक वारदातों में नाम आने के बाद उसके खिलाफ थाने में ही कई मामले दर्ज किए गए। बिहार पुलिस ने बालेश्वर को गिरफ्तार करने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। न्यायालय ने उसके खिलाफ नौ गैर जमानती वारंट जारी किए। बिहार पुलिस को पता चला कि वह बिहार से सटे उत्तर प्रदेश के किसी जिले में छिप गया है। बिहार पुलिस ने राज्य मुख्यालय को इसकी सूचना दी। मुखबिरों के हवाले से जानकारी मिली कि बालेश्वर के रिश्तेदार राज्य के हरदोई जिले में रहते हैं।
पुलिस ने रिश्तेदारों के घरों की निगरानी शुरू करायी तो पता चला कि एक संदिग्ध व्यक्ति बालेश्वर के रिश्तेदार अखिलेश सिंह के निर्माणाधीन आवास पर रहता है। व्यक्ति के बारे में जानकारी अर्जित करने परपता चला कि वह कोई और नहीं बल्कि बालेश्वर प्रसाद ही है। पुलिस सावधानी के साथ अखिलेश सिंह के घर छापा मारा और बालेश्वर को गिरफ्तार कर लिया। पूछतांछ में पताचला कि अखिलेश सिंह रेलवे में इंजीनियर हैं।
हरदाई के पुलिस अधीक्षक लव कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि शहर कोतवाली के आशानगर मोहल्ले से बिहार पुलिस की सूचना पर स्थानीय पुलिस के सहयोग से फरार चल रहे इंस्पेक्टर बालेश्वर प्रसाद को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस के इस इंस्पेक्टर पर आरोप है कि मुजफ्फरपुर में किसान क्रेडिट कार्ड घोटाले को उजागर करने के बजाय वह खुद ही फर्जीवाडा करने वालों से मिल गया और वर्दी की हनक दिखाकर फर्जीवाडा करने वालों की गिरफ्तारी करने की बजाय खुद उनसे वसूली करने लगा था।
बालेश्वर पर आरोप है कि उसने एक बैंक प्रबंधक को गिरफ्तार किया तथा एक दलाल को पैसे लेकर छोड दिया। इसके बाद बिहाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसके कारनामे की जांच की तो वर्दी के नशे में चूर बालेश्वर ने उनको भी मारने की धमकी दी थी। उन्होंने बताया कि जांच में दोषी पाए जाने पर इसे निलंबित कर दिया गया था जिसके बाद से ही यह फरार चल रहा है। गिरफ्तारी के बाद उसे बिहार भेजने की तैयारी की जा रही है।
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मेकाजीमुहम्मदपुर थाने में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर बालेश्वर प्रसाद लम्बे समय से फरार चल रहा था। तैनाती के दौरान उसने कई गलत कार्य किए। बालेश्वर का नाम किसान क्रेडिट कार्ड घोटाले में आया जिसके बाद वह थाने से फरार हो गया। कई घोटालों व आपराधिक वारदातों में नाम आने के बाद उसके खिलाफ थाने में ही कई मामले दर्ज किए गए। बिहार पुलिस ने बालेश्वर को गिरफ्तार करने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। न्यायालय ने उसके खिलाफ नौ गैर जमानती वारंट जारी किए। बिहार पुलिस को पता चला कि वह बिहार से सटे उत्तर प्रदेश के किसी जिले में छिप गया है। बिहार पुलिस ने राज्य मुख्यालय को इसकी सूचना दी। मुखबिरों के हवाले से जानकारी मिली कि बालेश्वर के रिश्तेदार राज्य के हरदोई जिले में रहते हैं।
पुलिस ने रिश्तेदारों के घरों की निगरानी शुरू करायी तो पता चला कि एक संदिग्ध व्यक्ति बालेश्वर के रिश्तेदार अखिलेश सिंह के निर्माणाधीन आवास पर रहता है। व्यक्ति के बारे में जानकारी अर्जित करने परपता चला कि वह कोई और नहीं बल्कि बालेश्वर प्रसाद ही है। पुलिस सावधानी के साथ अखिलेश सिंह के घर छापा मारा और बालेश्वर को गिरफ्तार कर लिया। पूछतांछ में पताचला कि अखिलेश सिंह रेलवे में इंजीनियर हैं।
हरदाई के पुलिस अधीक्षक लव कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि शहर कोतवाली के आशानगर मोहल्ले से बिहार पुलिस की सूचना पर स्थानीय पुलिस के सहयोग से फरार चल रहे इंस्पेक्टर बालेश्वर प्रसाद को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस के इस इंस्पेक्टर पर आरोप है कि मुजफ्फरपुर में किसान क्रेडिट कार्ड घोटाले को उजागर करने के बजाय वह खुद ही फर्जीवाडा करने वालों से मिल गया और वर्दी की हनक दिखाकर फर्जीवाडा करने वालों की गिरफ्तारी करने की बजाय खुद उनसे वसूली करने लगा था।
बालेश्वर पर आरोप है कि उसने एक बैंक प्रबंधक को गिरफ्तार किया तथा एक दलाल को पैसे लेकर छोड दिया। इसके बाद बिहाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसके कारनामे की जांच की तो वर्दी के नशे में चूर बालेश्वर ने उनको भी मारने की धमकी दी थी। उन्होंने बताया कि जांच में दोषी पाए जाने पर इसे निलंबित कर दिया गया था जिसके बाद से ही यह फरार चल रहा है। गिरफ्तारी के बाद उसे बिहार भेजने की तैयारी की जा रही है।
UP Police: पुलिस व किसान भिड़े, DM को लगी गोली, दो पुलिसकर्मी और किसान की मौत
नोएडा। ग्रेटर नोएडा में महीनेभर से जारी किसानों का आंदोलन शनिवार को हिंसक हो गया। इससे पहले शुक्रवार को किसानों ने रोडवेज के तीन कर्मचारियों को बंधक बना लिया था। शनिवार सुबह जब पुलिस इन कर्मचारियों को मुक्त कराने पहुंची तो किसानों ने पुलिस पर पथराव व फायरिंग कर दी।
इसमें गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी जख्मी हो गए। जबकि दो पुलिसकर्मियों को किसानों ने जमीन पर पटक-पटक कर मार डाला। इसके अलावा दो और पुलिसकर्मियों को अभी भी बंधक बनाया हुआ है। इस पूरी घटना में एसएसपी, सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ प्रथम ग्रेटर नोएडा सहित दर्जनभर पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। सभी को ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल इलाके में तीन महीने से धरने पर बैठे किसान यमुना एक्सप्रेस हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। वे अधिग्रहण के बदले उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इससे पहले आंदोलित किसानों ने ताज एक्सपे्रस हाई-वे पर फार्मूला वन रेसिंग ट्रैक को खोदने की धमकी दी थी।
प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। इसके बावजूद किसानों ने रोडवेज सुपरवाइजर निरंजन दास, स्टेशन प्रभारी दुर्गेश भारद्वाज और चालक जितेन्द्र को बंधक बना लिया। बंधकों को छुड़ाने के लिए पुलिस के अलावा २६०० पीएसी जवान बुला लिए गए। सुबह प्रशासन ने बंधकों को मुक्त करने के लिए प्रस्ताव भेजा जिसे किसानों ने ठुकरा दिया।
किसान नेता मनवीर तेवतिया ने कहा, किसान सिर्फ मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे। दोपहर करीब १२ बजे एक बार फिर जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल ने किसानों को मनाने का प्रयास किया पर वे नहीं माने। अंत में जिलाधिकारी ने गांव जाकर बंधकों को मुक्त कराने का फैसला लिया। प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस को देखते ही किसान उग्र हो गए। पुलिस प्रशासन पर फायङ्क्षरग शुरू कर दी।
मृतक सिपहियों के परिजनों को 5 लाख मुआवजा
ग्रेटर नोएडा में किसानों से हिंसक झड़प में मारे गए दो पुलिस कर्मियों के परिजनों को मुख्यमंत्री मायावती ने ५-५ लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। भट्टा पारसौल गांव में बंधक रोडवेज कर्मचारियों को मुक्त कराने पहुंची पुलिस और किसानों के बीच हुई फायरिंग में सिपाही मनोहर सिंह और मनवीर सिंह की मौत हो गई। इसकी पुष्टि एडीजी बृजलाल ने की है।
तेवतिया की सूचना देने वाले को 50 हजार का इनाम
किसान नेता मानवीर तेवतिया पर प्रदेश सरकार ने 50 हजार इनाम की घोषणा की है। तेवतिया इस समय फरार बताया जाता है।
बयान
सरकार ने अपनी आदत के मुताबिक संवेदनहीनता का परिचय दिया तथा किसानों की जायज मांगों को अनसुना कर दिया। यमुना एक्सप्रेस वे के लिए कम मूल्य पर ज्यादा भूमि का अधिग्रहण तथा किसानों के हितों को अनदेखा करने के कारण ही किसान उत्तेजित हुए।
सूर्य प्रताप शाही (यूपी भाजपा अध्यक्ष)
मुख्यमंत्री अपने निजी स्वार्थ के लिए व जेपी समूह को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों की भूमि का जबरन अधिग्रहण कर रही है। डीएम को गोली लगने व दो पुलिस जवानों की मौत की जांच होनी चाहिए। किसान कभी भी किसी पर हमला नहीं करता है।
अखिलेश यादव (सपा के प्रदेश अध्यक्ष)
इस समूचे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। प्रदेश सरकार मगरूर तरीके से किसानों को बर्बाद करने में जुटी है। किसानों की उपजाऊ जमीनों को हड़पने की कार्रवाई तत्काल रोकी जाए।
डा. गिरीश (भाकपा केराज्य सचिव)
इसमें गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी जख्मी हो गए। जबकि दो पुलिसकर्मियों को किसानों ने जमीन पर पटक-पटक कर मार डाला। इसके अलावा दो और पुलिसकर्मियों को अभी भी बंधक बनाया हुआ है। इस पूरी घटना में एसएसपी, सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ प्रथम ग्रेटर नोएडा सहित दर्जनभर पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। सभी को ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल इलाके में तीन महीने से धरने पर बैठे किसान यमुना एक्सप्रेस हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। वे अधिग्रहण के बदले उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इससे पहले आंदोलित किसानों ने ताज एक्सपे्रस हाई-वे पर फार्मूला वन रेसिंग ट्रैक को खोदने की धमकी दी थी।
प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। इसके बावजूद किसानों ने रोडवेज सुपरवाइजर निरंजन दास, स्टेशन प्रभारी दुर्गेश भारद्वाज और चालक जितेन्द्र को बंधक बना लिया। बंधकों को छुड़ाने के लिए पुलिस के अलावा २६०० पीएसी जवान बुला लिए गए। सुबह प्रशासन ने बंधकों को मुक्त करने के लिए प्रस्ताव भेजा जिसे किसानों ने ठुकरा दिया।
किसान नेता मनवीर तेवतिया ने कहा, किसान सिर्फ मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे। दोपहर करीब १२ बजे एक बार फिर जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल ने किसानों को मनाने का प्रयास किया पर वे नहीं माने। अंत में जिलाधिकारी ने गांव जाकर बंधकों को मुक्त कराने का फैसला लिया। प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस को देखते ही किसान उग्र हो गए। पुलिस प्रशासन पर फायङ्क्षरग शुरू कर दी।
मृतक सिपहियों के परिजनों को 5 लाख मुआवजा
ग्रेटर नोएडा में किसानों से हिंसक झड़प में मारे गए दो पुलिस कर्मियों के परिजनों को मुख्यमंत्री मायावती ने ५-५ लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। भट्टा पारसौल गांव में बंधक रोडवेज कर्मचारियों को मुक्त कराने पहुंची पुलिस और किसानों के बीच हुई फायरिंग में सिपाही मनोहर सिंह और मनवीर सिंह की मौत हो गई। इसकी पुष्टि एडीजी बृजलाल ने की है।
तेवतिया की सूचना देने वाले को 50 हजार का इनाम
किसान नेता मानवीर तेवतिया पर प्रदेश सरकार ने 50 हजार इनाम की घोषणा की है। तेवतिया इस समय फरार बताया जाता है।
बयान
सरकार ने अपनी आदत के मुताबिक संवेदनहीनता का परिचय दिया तथा किसानों की जायज मांगों को अनसुना कर दिया। यमुना एक्सप्रेस वे के लिए कम मूल्य पर ज्यादा भूमि का अधिग्रहण तथा किसानों के हितों को अनदेखा करने के कारण ही किसान उत्तेजित हुए।
सूर्य प्रताप शाही (यूपी भाजपा अध्यक्ष)
मुख्यमंत्री अपने निजी स्वार्थ के लिए व जेपी समूह को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों की भूमि का जबरन अधिग्रहण कर रही है। डीएम को गोली लगने व दो पुलिस जवानों की मौत की जांच होनी चाहिए। किसान कभी भी किसी पर हमला नहीं करता है।
अखिलेश यादव (सपा के प्रदेश अध्यक्ष)
इस समूचे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। प्रदेश सरकार मगरूर तरीके से किसानों को बर्बाद करने में जुटी है। किसानों की उपजाऊ जमीनों को हड़पने की कार्रवाई तत्काल रोकी जाए।
डा. गिरीश (भाकपा केराज्य सचिव)
Friday, April 29, 2011
Maharastra Police: kolhapur sex scandel: Mira Road land mafia make a comeback,IPS officer Maithili Jha had been shunted out.
In a setback to what former home minister R R Patil has envisioned for Mira Road, local land mafia and illegal businesses are making a comeback with a vengeance, say police sources.
The suburb had been a cause of concern for Patil three years ago. Rampant land grabbing, indomitable land mafia and illegal businesses thrived as the police turned a blind eye.
That’s when Patil sought to combat the problem by posting only young IPS officers at Mira Road Police Subdivision. The post has traditionally been occupied by promotee officers who would work in the area all through their service terms and ultimately build relations with criminal elements. They would later exploit each other symbiotically, Patil had realised.
Patil’s plan worked well initially. After IPS officer Sharda Nikam was posted to the area three years ago, the region witnessed a considerable decrease in crime. IPS officer Maithili Jha, who was appointed after Nikam, had also managed to maintain a similar control over criminal elements.
But last week things underwent a sea change. Less than eight months after her posting, Maharashtra Home Department shunted Jha out and posted her to Javhar subdivision of Thane rural district. A promotee officer, who is on the verge of retirement, has taken her place.
‘Officers pay huge sums for Mira Road posting’
“The purpose of posting young IPS officers was to stop police from falling prey to the local mafia. By transferring Jha before she completed her term, the government is sending a signal that it has succumbed to the pressure from vested interests,” said an IPS official who did not wish to be named.
Though Mira Road falls under the jurisdiction of Thane rural police, it is situated far from the district headquarters where the chief is posted, making it difficult for the officer to keep a check on the area.
“Mira Road is a hub of flesh trade and other illegal businesses. None of them can flourish without the tacit support of police. Officers are therefore always ready to pay huge sums to get be posting there,” said a senior IPS officer who was once the district police chief there.
“Patil realised that it was essential to post someone who would not succumb to the bad elements easily. Hence, it was decided to post probationary IPS officers,” said another official. Sources said IPS officers are shunted out prematurely only if they land in a controversy. But in Jha’s case, her tenure was non-controversial, they added.
The suburb had been a cause of concern for Patil three years ago. Rampant land grabbing, indomitable land mafia and illegal businesses thrived as the police turned a blind eye.
That’s when Patil sought to combat the problem by posting only young IPS officers at Mira Road Police Subdivision. The post has traditionally been occupied by promotee officers who would work in the area all through their service terms and ultimately build relations with criminal elements. They would later exploit each other symbiotically, Patil had realised.
Patil’s plan worked well initially. After IPS officer Sharda Nikam was posted to the area three years ago, the region witnessed a considerable decrease in crime. IPS officer Maithili Jha, who was appointed after Nikam, had also managed to maintain a similar control over criminal elements.
But last week things underwent a sea change. Less than eight months after her posting, Maharashtra Home Department shunted Jha out and posted her to Javhar subdivision of Thane rural district. A promotee officer, who is on the verge of retirement, has taken her place.
‘Officers pay huge sums for Mira Road posting’
“The purpose of posting young IPS officers was to stop police from falling prey to the local mafia. By transferring Jha before she completed her term, the government is sending a signal that it has succumbed to the pressure from vested interests,” said an IPS official who did not wish to be named.
Though Mira Road falls under the jurisdiction of Thane rural police, it is situated far from the district headquarters where the chief is posted, making it difficult for the officer to keep a check on the area.
“Mira Road is a hub of flesh trade and other illegal businesses. None of them can flourish without the tacit support of police. Officers are therefore always ready to pay huge sums to get be posting there,” said a senior IPS officer who was once the district police chief there.
“Patil realised that it was essential to post someone who would not succumb to the bad elements easily. Hence, it was decided to post probationary IPS officers,” said another official. Sources said IPS officers are shunted out prematurely only if they land in a controversy. But in Jha’s case, her tenure was non-controversial, they added.
Thursday, April 28, 2011
Maharastra Police: police training sex scandle : पुलिस ट्रेनिंग स्कूल की 11 कांस्टेबल प्रेग्नेंट
कोल्हापुर। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक शहर के एक पुलिस ट्रेनिंग स्कूल पर यौन शोषण का आरोप लगा है। स्कूल में 11 ट्रेनी कांस्टेबल प्रेग्नेंट हुई हैं जिनमें से अधिकतर कुंवारी हैं।
पुलिस ने ट्रेनिंग स्कूल के इंस्पेक्टर युवराज कांबले को गिरफ्तार कर लिया है। ट्रेनिंग स्कूल के इंस्ट्रक्टर कांबले को मामले का मुख्य आरोपी माना जा रहा है। इस मामले में और लोगों के भी शामिल होने की संभावना है।
मंगलवार को हुए मेडिकल टेस्ट में इस बात का पता चला कि 11 महिला ट्रेनी कांस्टेबल जिनमें से कई कुंवारी हैं, गर्भवती हैं। महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर. आर. पाटिल ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
कोल्हापुर सेक्स स्कैंडल में शामिल हैं बड़े अधिकारी
मुंबई। कोल्हापुर महिला पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में सामने आए सेक्स स्कैंडल ने पूरे महाराष्ट्र में हड़कंप मचा रखा है। सियासत से लेकर अफसरशाही तक हिल गई है। पुलिस ट्रेंनिंग सेंटर मेलड़कियों के साथ यौन शोषण का आरोप लगा है। इस मामले में एक ट्रेनर को गिरफ्तार किया गया है जबकि उसका आरोप है कि लड़कियों से बलात्कार की वारदात में कई आला अफसर भी शामिल हैं। अब पूरे मामले को दबाने की कोशिशें की जा रही है। जबकि गृहमंत्रालय ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं,नासिक की महिला आईपीएस अधिकारी इस मामले की जांच करेंगी।
कोल्हापुर में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल ही सेक्स स्कैंडल का खुलासा तब हुआ जब एक ट्रेनी महिला कांस्टेबल ने चिठ्ठी के ज़रिए अपनी आप बीती आला अफसरों को बताई। चिट्ठी में पीड़ित लड़की ने खुलासा किया है कि ट्रेनिंग देने के नाम पर कोल्हापुर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में ट्रेनी महिला कांस्टेबलों के साथ बलात्कार किया जा रहा है। एक दो नहीं दर्जनों लड़कियां इसका शिकार बन चुकी हैं। पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में ये गोरखधंधा संगठित अपराध की तरह चल रहा है। और इस सेक्स स्कैंडल में ट्रेनिंग स्कूल के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं।
इस सनसनीखेज खुलासे के बाद सूबे की सरकार हरकत में आई और महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर.आर. पाटिल ने फौरन मामले की जांच के आदेश दे दिए। पाटिल ने कहा कि कोल्हापुर सेक्स सकैंडल मामलें में नासिक की महीला आईपीएस को इस मामले की जांच का आदेश दिया गया है। अब तक इस मामले में 3 लड़कियां आरोपों के साथ सामने आई हैं।
सूत्रों की मानें तो मेडिकल जांच में 8 और ट्रेनी कांस्टेबलों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हो चुकी है। यानि अबतक 11 लड़कियों के साथ बलात्कार की बात साफ हो चुकी है। जबकि कई लड़कियों की मेडिकल रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। हिरासत में लिए गए ट्रेनर युवराज कांबले और उसका परिवार आला अधिकारियों पर संगीन आरोप लगा रहा है। ट्रेनर कांबले के मुताबिक सेक्स स्कैंडल के असल आरोपी ट्रेनिंग स्कूल के बड़े अधिकारी हैं। अधिकारी खुद को बचाने के लिए उसे बलि का बकरा बना रहे हैं। यही नहीं अधिकारियों के डर से ज्यादातर पीड़ित लड़कियां सामने नहीं आ रहीं हैं।
ट्रेनर की पत्नी अमृता ने बताया कि मेरे पति को फंसाने की साजिश की जा रही है। जो असली गुनहगार हैं उन्हें बचाया जा रहा है। वहीं,इस खुलासे से घबराई सरकार ने कई ट्रेनी लड़कियों को छुट्टी पर भेज दिया है। तो कई को आनन फानन में नागपुर शिफ्ट कर दिया गया है। जबकि कोल्हापुर के सांसद सदाशिव ने इस मामले की सीआईडी जांच की मांग की है।
पुलिस ने ट्रेनिंग स्कूल के इंस्पेक्टर युवराज कांबले को गिरफ्तार कर लिया है। ट्रेनिंग स्कूल के इंस्ट्रक्टर कांबले को मामले का मुख्य आरोपी माना जा रहा है। इस मामले में और लोगों के भी शामिल होने की संभावना है।
मंगलवार को हुए मेडिकल टेस्ट में इस बात का पता चला कि 11 महिला ट्रेनी कांस्टेबल जिनमें से कई कुंवारी हैं, गर्भवती हैं। महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर. आर. पाटिल ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
कोल्हापुर सेक्स स्कैंडल में शामिल हैं बड़े अधिकारी
मुंबई। कोल्हापुर महिला पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में सामने आए सेक्स स्कैंडल ने पूरे महाराष्ट्र में हड़कंप मचा रखा है। सियासत से लेकर अफसरशाही तक हिल गई है। पुलिस ट्रेंनिंग सेंटर मेलड़कियों के साथ यौन शोषण का आरोप लगा है। इस मामले में एक ट्रेनर को गिरफ्तार किया गया है जबकि उसका आरोप है कि लड़कियों से बलात्कार की वारदात में कई आला अफसर भी शामिल हैं। अब पूरे मामले को दबाने की कोशिशें की जा रही है। जबकि गृहमंत्रालय ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं,नासिक की महिला आईपीएस अधिकारी इस मामले की जांच करेंगी।
कोल्हापुर में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल ही सेक्स स्कैंडल का खुलासा तब हुआ जब एक ट्रेनी महिला कांस्टेबल ने चिठ्ठी के ज़रिए अपनी आप बीती आला अफसरों को बताई। चिट्ठी में पीड़ित लड़की ने खुलासा किया है कि ट्रेनिंग देने के नाम पर कोल्हापुर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में ट्रेनी महिला कांस्टेबलों के साथ बलात्कार किया जा रहा है। एक दो नहीं दर्जनों लड़कियां इसका शिकार बन चुकी हैं। पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में ये गोरखधंधा संगठित अपराध की तरह चल रहा है। और इस सेक्स स्कैंडल में ट्रेनिंग स्कूल के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं।
इस सनसनीखेज खुलासे के बाद सूबे की सरकार हरकत में आई और महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर.आर. पाटिल ने फौरन मामले की जांच के आदेश दे दिए। पाटिल ने कहा कि कोल्हापुर सेक्स सकैंडल मामलें में नासिक की महीला आईपीएस को इस मामले की जांच का आदेश दिया गया है। अब तक इस मामले में 3 लड़कियां आरोपों के साथ सामने आई हैं।
सूत्रों की मानें तो मेडिकल जांच में 8 और ट्रेनी कांस्टेबलों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हो चुकी है। यानि अबतक 11 लड़कियों के साथ बलात्कार की बात साफ हो चुकी है। जबकि कई लड़कियों की मेडिकल रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। हिरासत में लिए गए ट्रेनर युवराज कांबले और उसका परिवार आला अधिकारियों पर संगीन आरोप लगा रहा है। ट्रेनर कांबले के मुताबिक सेक्स स्कैंडल के असल आरोपी ट्रेनिंग स्कूल के बड़े अधिकारी हैं। अधिकारी खुद को बचाने के लिए उसे बलि का बकरा बना रहे हैं। यही नहीं अधिकारियों के डर से ज्यादातर पीड़ित लड़कियां सामने नहीं आ रहीं हैं।
ट्रेनर की पत्नी अमृता ने बताया कि मेरे पति को फंसाने की साजिश की जा रही है। जो असली गुनहगार हैं उन्हें बचाया जा रहा है। वहीं,इस खुलासे से घबराई सरकार ने कई ट्रेनी लड़कियों को छुट्टी पर भेज दिया है। तो कई को आनन फानन में नागपुर शिफ्ट कर दिया गया है। जबकि कोल्हापुर के सांसद सदाशिव ने इस मामले की सीआईडी जांच की मांग की है।
Maharastra Police: police training sex scandle : कोल्हापुर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल: सेक्स स्कैंडल की सीआईडी जांच की मांग
मुंबई। निर्दलीय सांसद सदाशिवराव मंडलिक ने कोल्हापुर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में सेक्स स्कैंडल की सीआईडी जांच की मांग की है। उन्होंने इस कांड में गिरफ्तार ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर युवराज कांबले का लाइ डिटेक्टर टेस्ट कराने की मांग भी की है।
मंडलिक ने आरोप लगाया कि ट्रेनी महिला कांस्टेबलों का कई वर्षों से यौन शोषण हो रहा था और इसमें पुलिस विभाग के आला अफसरों के शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार कांस्टेबल कांबले ने शाहूपुरी पुलिस स्टेशन में जो बयान दिया है उसमें पुलिस निरीक्षक ज्ञानेश्वर मुंडे और पुलिस उप-अधीक्षक विजय परकाले के भी सेक्स स्कैंडल में शामिल होने की बात कही है।
यही वजह है कि मंगलवार को पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में सेक्स स्कैंडल के खुलासे के फौरन बाद गृह मंत्री आरआर पाटिल ने जांच का आदेश देते हुए नासिक ग्रामीण की तेज-तर्रार आईपीएस अधिकारी मैथिली झा को जांच अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है। उधर, शिवसेना की महिला इकाई ने उप-जिलाधिकारी को एक ज्ञापन देकर जांच में समाजसेविकाओं को भी शामिल करने की मांग की है।
मंडलिक ने आरोप लगाया कि ट्रेनी महिला कांस्टेबलों का कई वर्षों से यौन शोषण हो रहा था और इसमें पुलिस विभाग के आला अफसरों के शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार कांस्टेबल कांबले ने शाहूपुरी पुलिस स्टेशन में जो बयान दिया है उसमें पुलिस निरीक्षक ज्ञानेश्वर मुंडे और पुलिस उप-अधीक्षक विजय परकाले के भी सेक्स स्कैंडल में शामिल होने की बात कही है।
यही वजह है कि मंगलवार को पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में सेक्स स्कैंडल के खुलासे के फौरन बाद गृह मंत्री आरआर पाटिल ने जांच का आदेश देते हुए नासिक ग्रामीण की तेज-तर्रार आईपीएस अधिकारी मैथिली झा को जांच अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है। उधर, शिवसेना की महिला इकाई ने उप-जिलाधिकारी को एक ज्ञापन देकर जांच में समाजसेविकाओं को भी शामिल करने की मांग की है।
Maharastra Police: पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में 3 साल से चल रहा था सेक्स का 'खेल'?
कोल्हापुर. महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में यौन शोषण का मामला गरमाने लगा है। महिला कांस्टेबल के यौन शोषण के आरोपी इंस्पेक्टर युवराज कांबले को गिरफ्तार किया गया है और उसके नारको टेस्ट की मांग की जा रही है। हालांकि कांबले का कहना है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
इस स्कैंडल का खुलासा तब हुआ जब ट्रेनिंग स्कूल की 11 महिला कांस्टेबल के गर्भवती होने की खबरें सामने आईं। गत मार्च में इस स्कूल की 71 महिला कांस्टेबल का मेडिकल टेस्ट किया गया था। ऐसी खबर है कि उस वक्त सिर्फ दो महिला कांस्टेबल के गर्भवती होने की बात सामने आई हालांकि बाद एक को सामान्य करार दिया गया। अब इस स्कूल की 11 ट्रेनी कांस्टेबल के गर्भवती होने की बात कही जा रही है। इनमें से ज्यादातर कुंवारी हैं।
पीडित महिला कांस्टेबल की शिकायत है कि इंस्पेक्टर युवराज कांबले ने गत जनवरी में उसे टेस्ट पेपर देने के बहाने अपने कमरे पर बुलाया और उसकी मजबूरी का फायदा उठाया। आरोप है कि महिला कांस्टेबल की मेडिकल रिपोर्ट में भी हेर फेर की गई है।
स्थानीय सांसद सदाशिव राव का कहना है कि 11 कांस्टेबल गर्भवती हैं। उनके मुताबिक तीन साल से ट्रेनिंग स्कूल में यह खेल चल रहा था। अभी डर के मारे कई कांस्टेबल सामने नहीं आ रही हैं। उन्हें वरिष्ठ अफसरों के घर पर सेक्स के लिए भेजा जाता था।
मामला एक कांस्टेबल की शिकायत के बाद उजागर हुआ। बताया जा रहा है कि पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में यह गोरखधंधा किसी संगठित अपराध का हिस्सा हो सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि जांच के बाद इस मामले में कई रसूखदार लोग बेनकाब हो सकते हैं।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर.आर पाटिल ने जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच की जिम्मेदारी नाशिक ग्रामीण की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मैथिली झा को दी गई है। महिला आयोग ने भी अपनी ओर से जांच के आदेश दिए हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि मेडिकल जांच में केवल एक महिला गर्भवती पाई गई है और वही शिकायतकर्ता भी है। लेकिन स्थानीय सांसद सदाशिव मंडलिक ने दावा किया कि पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में कुल 11 महिला कांस्टेबल गर्भवती हुई हैं और इनमें से एक कांस्टेबल ने गर्भपात भी कराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक यशस्वी यादव भी इस कांड में शामिल हैं, इसलिए निष्पक्ष जांच के लिए उनका तबादला किया जाना चाहिए।
घटना सामने के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया है। आरोप इंस्पेक्टर के खिलाफ स्थानीय पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर उसे निलंबित भी कर दिया गया है।
इस स्कैंडल का खुलासा तब हुआ जब ट्रेनिंग स्कूल की 11 महिला कांस्टेबल के गर्भवती होने की खबरें सामने आईं। गत मार्च में इस स्कूल की 71 महिला कांस्टेबल का मेडिकल टेस्ट किया गया था। ऐसी खबर है कि उस वक्त सिर्फ दो महिला कांस्टेबल के गर्भवती होने की बात सामने आई हालांकि बाद एक को सामान्य करार दिया गया। अब इस स्कूल की 11 ट्रेनी कांस्टेबल के गर्भवती होने की बात कही जा रही है। इनमें से ज्यादातर कुंवारी हैं।
पीडित महिला कांस्टेबल की शिकायत है कि इंस्पेक्टर युवराज कांबले ने गत जनवरी में उसे टेस्ट पेपर देने के बहाने अपने कमरे पर बुलाया और उसकी मजबूरी का फायदा उठाया। आरोप है कि महिला कांस्टेबल की मेडिकल रिपोर्ट में भी हेर फेर की गई है।
स्थानीय सांसद सदाशिव राव का कहना है कि 11 कांस्टेबल गर्भवती हैं। उनके मुताबिक तीन साल से ट्रेनिंग स्कूल में यह खेल चल रहा था। अभी डर के मारे कई कांस्टेबल सामने नहीं आ रही हैं। उन्हें वरिष्ठ अफसरों के घर पर सेक्स के लिए भेजा जाता था।
मामला एक कांस्टेबल की शिकायत के बाद उजागर हुआ। बताया जा रहा है कि पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में यह गोरखधंधा किसी संगठित अपराध का हिस्सा हो सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि जांच के बाद इस मामले में कई रसूखदार लोग बेनकाब हो सकते हैं।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर.आर पाटिल ने जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच की जिम्मेदारी नाशिक ग्रामीण की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मैथिली झा को दी गई है। महिला आयोग ने भी अपनी ओर से जांच के आदेश दिए हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि मेडिकल जांच में केवल एक महिला गर्भवती पाई गई है और वही शिकायतकर्ता भी है। लेकिन स्थानीय सांसद सदाशिव मंडलिक ने दावा किया कि पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में कुल 11 महिला कांस्टेबल गर्भवती हुई हैं और इनमें से एक कांस्टेबल ने गर्भपात भी कराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक यशस्वी यादव भी इस कांड में शामिल हैं, इसलिए निष्पक्ष जांच के लिए उनका तबादला किया जाना चाहिए।
घटना सामने के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया है। आरोप इंस्पेक्टर के खिलाफ स्थानीय पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर उसे निलंबित भी कर दिया गया है।
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