पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और आज कल टीवी के किक्रेटर एंकर अतुल वासन को हरियाणा के गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा के काफिले को ओवरटेक करने पर सुरक्षाकर्मियों ने पीट दिया। गुड़गांव टोल ब्रिज से पहले उनकी कार रुकवा कर स्कॉट में तैनात पांच पुलिस कर्मियों ने उनकी पिटाई कर दी। अतुल का महिपालपुर में कार्यालय है।
वासन ने वसंतकुंज दक्षिण थाने में पांचों पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। अतुल बुधवार देर रात करीब डेढ़ बजे वह अपनी कार से वसंतकुंज-गुड़गांव रोड होते हुए गुड़गांव स्थित अपने घर जा रहे थे। तभी प्रदेश के मंत्री गृह वह अपने चालक के साथ टोल प्लाजा से गुजर रहे थे। राज्यमंत्री गोपाल कांडा का काफिला निकला। काफिले में कार में बैठे सुरक्षा गार्डों ने हूटर बजाई।
लेकिन अतुल और उनके चालक इसे नहीं सुन सके। कुछ दूर आगे जाने पर हरियाणा का इलाका लगते ही स्कॉट पुलिस ने भी ओवरटेक कर अतुल की कार को रुकवा लिया और बाहर खींचकर उनकी पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने 100 पर फोन किया। दिल्ली की पीसीआर पहुंची। उसने बयान लेने के बाद बसंतकुंज थाने में बुलाया।
उन्होंने वसंतकुंज दक्षिण थाना पहुंच शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। दक्षिण जिले की डीसीपी छाया शर्मा के मुताबिक अतुल वासन का सफदरजंग अस्पताल में मेडिकल करवाया गया। डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें अधिक चोट नहीं आई है। देर रात पुलिस ने जब मौके का मुआयना किया तो पता चला वह इलाका गुड़गांव के डीएलएफ फेज दो थाने में लगता है। लिहाजा वसंतकुंज दक्षिण थाने से अतुल की शिकायत व मेडिकल रिपोर्टडीएलएफ फेज दो थाने को भेज दी गई।
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Sunday, July 24, 2011
Delhi Police : रईसजादों की लड़की किडनेप की कोशिश, दो गिरफ्तार
देश की राजधानी दिल्ली में दो अलग अलग जगहों पर लड़कियों को अगवा करने की कोशिश की गई। द्वारका में 10 साल की छात्रा का अपहरण करने की कोशिश की गई। लेकिन, लोगों ने अपहरणकर्ताओं को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं, घिटोरनी इलाके में पांच रईसजादों ने चार लड़कियों को मौजमस्ती के लिए अगवा करने की कोशिश की। पुलिस ने पांच में से दो को गिरफ्तार कर लिया। तीन की तलाश की जा रही है। पुलिस ने इनके कब्जे से लड़की को भी छुड़ा लिया।
गौरतलब है कि द्वारका में डीपीएस स्कूल के सामने अपहरणकर्ता 10 साल की छात्रा को मारुति वैन में अपहरणकर ले जाने लगे। तभी आसपास मौजूद महिलाओं ने शोर मचाया। इसके बाद महिलाओं की शोर सुनकर लोग जमा हो गए। वैन में सवार अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।
जबकि, घिटोरनी इलाके में मॉल से निकल कर कैब में बैठ रही चार लड़कियों को बीती रात एक स्कॉर्पियो में सवार पांच रईसजादों ने अगवा करने की कोशिश की। इन पांच लड़कों ने चारों लड़कियों को जबरन स्कॉर्पियो गाड़ी में खींचने की कोशिश की। हाथापाई और लड़कियों द्वारा शोर मचाने पर रईसजादे एक लड़की को अपने साथ ले जाने में कामयाब रहे।
गौरतलब है कि द्वारका में डीपीएस स्कूल के सामने अपहरणकर्ता 10 साल की छात्रा को मारुति वैन में अपहरणकर ले जाने लगे। तभी आसपास मौजूद महिलाओं ने शोर मचाया। इसके बाद महिलाओं की शोर सुनकर लोग जमा हो गए। वैन में सवार अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।
जबकि, घिटोरनी इलाके में मॉल से निकल कर कैब में बैठ रही चार लड़कियों को बीती रात एक स्कॉर्पियो में सवार पांच रईसजादों ने अगवा करने की कोशिश की। इन पांच लड़कों ने चारों लड़कियों को जबरन स्कॉर्पियो गाड़ी में खींचने की कोशिश की। हाथापाई और लड़कियों द्वारा शोर मचाने पर रईसजादे एक लड़की को अपने साथ ले जाने में कामयाब रहे।
Delhi Police: रिश्वत लेने पर महिला पुलिस इंस्पेक्टर को दो साल की कैद
दिल्ली यातायात पुलिस की एक महिला इंस्पेक्टर को 500 रुपये की रिश्वत मागने के आरोप में दो साल कैद की सजा सुनाई गई है।
विशेष न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी आर केडिया ने दुराचार के आरोप में 10 साल के लिए निलंबित की गई इंस्पेक्टर अलका सिंह [56] को रिश्वत लेने का दोषी ठहराया। अलका पर 14,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
अदालत ने हालाकि अलका की कैद को 19 अगस्त तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान वह सजा के खिलाफ अपील दायर कर सकेगी।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि अलका ने शिकायतकर्ता धमर्ेंद्र शर्मा से 500 रुपये की रिश्वत मागी, जबकि शर्मा के पास अपनी बस से जुड़े सभी दस्तावेज मौजूद थे।
अतिरिक्त लोक अभियोजक विनोद शर्मा ने अदालत को बताया कि शर्मा ने न्यायाधीश से अपनी बस के रिहाई के आदेश हासिल कर लिए थे, लेकिन इसके बाद भी अलका ने उससे 500 रुपये की माग की। इसके अगले ही दिन शर्मा ने इस संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में शिकायत दर्ज करा दी।
विशेष न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी आर केडिया ने दुराचार के आरोप में 10 साल के लिए निलंबित की गई इंस्पेक्टर अलका सिंह [56] को रिश्वत लेने का दोषी ठहराया। अलका पर 14,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
अदालत ने हालाकि अलका की कैद को 19 अगस्त तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान वह सजा के खिलाफ अपील दायर कर सकेगी।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि अलका ने शिकायतकर्ता धमर्ेंद्र शर्मा से 500 रुपये की रिश्वत मागी, जबकि शर्मा के पास अपनी बस से जुड़े सभी दस्तावेज मौजूद थे।
अतिरिक्त लोक अभियोजक विनोद शर्मा ने अदालत को बताया कि शर्मा ने न्यायाधीश से अपनी बस के रिहाई के आदेश हासिल कर लिए थे, लेकिन इसके बाद भी अलका ने उससे 500 रुपये की माग की। इसके अगले ही दिन शर्मा ने इस संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में शिकायत दर्ज करा दी।
Delhi Police: बदमाशों ने दंपति को पीटा, पुलिस की वर्दी फाड़ी
फर्राटा भरते बाइकर्स अब अपनी गुंडई पर भी उतर रहे हैं। शुक्रवार को ऐसा ही एक वाक्या सामने आया। बाइक सवार दो युवकों ने पहले गलत दिशा से गाड़ी चलाकर एक दंपति की स्कूटी में टक्कर मार दी। जब दंपति ने इस पर ऐतराज जताया, तो वे झगड़े पर उतर आए। यहीं नहीं उन्होंने फोनकर मौके पर अपने साथियों को बुला लिया और साथियों के साथ मिलकर बीच सड़क महिला के पति की जमकर पिटाई की। हद तो तब हो गई।
जब वहां पहुंची पुलिस से भी बदमाशों ने हाथापाई की। एक हवलदार की वर्दी फाड़ डाली। इसकी सूचना मिलने पर थाने से और पुलिस पहुंच गई और बलपूर्वक छह बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। जबकि दो बदमाश फरार हो गए।
भगतसिंह कालोनी की यासिका दिल्ली की आईटीसी कम्पनी प्रगति मैदान में बतौर एजेंट काम करती हैं। जबकि इनके पति रणजीत आहूजा पांच नंबर में ही मशीन वेल्डिंग का काम करते हैं। यासिका शुक्रवार को अपने पति के साथ एक्टिवा से 1 नम्बर मार्केट कपड़े खरीदने जा रही थी।
इसी बीच टाउन न0-1 स्थित ग्रोवर नर्सिग होम के सामने मोटरसाइकिल सवार अलीगढ़ यूपी के राहुल और ओल्ड फरीदबाद के प्रकाश ने गलत दिशा से आकर उनकी स्कूटी में टक्कर मार दी। टक्कर लगने पर रणजीत ने उन्हें ठीक से चलने की हिदायत दी। इस पर वे रणजीत के साथ उलझ गए। नौबत हाथापाई की आ गई। इसी बीच राहुल ने फोनकर अपने साथियों को बुला लिया।
थोड़ी ही देर में राहुल का दोस्त प्रिंस अपने साथी यतेन्द्र, पवन, गौरव, सिकन्दर, रामछेत स्विफ्ट कार से पहुंच गए। वे वहां पहुंचते ही रणजीत पर टूट पड़े। उसका हेलमेट छीन उसके सिर में दे मारा। जिससे उसका सिर फट गया। किसी ने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दे दी। इस पर वहां कोतवाली में तैनात हवलदार दीपक पीसीआर लेकर पहुंच गया।
उसने युवकों को मारपीट करने से रोकने का प्रयास किया। लेकिन वे मानें तो नहीं, उल्टे हवलदार पर टूट पड़े। उसके साथ मारपीट की और उसकी वर्दी फाड़ डाली। इस पर उसने इसकी सूचना कोतवाली थाना प्रभारी उदयराज को दे दी।
थोड़ी ही देर में उदयराज दलबल के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस को देख बदमाश भागने लगे। लेकिन पुलिस ने घेरेबंदीकर मौके से प्रिंस, यतेन्द्र, राहुल, पवन शर्मा, गौरव शर्मा व शिकन्दर को गिरफ्तार कर लिया। जबकि प्रकाश व रामछेत मौके से फरार हो गए। जिनकी तालाश की जा रही है। यासिका की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 279,336,323,506,332,353,186,147 व 149 के तहत मुकदमा दर्जकर जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी उदय ने बताया कि सभी नेहरु ग्राउंड स्थित एक वर्कशॉप में काम करते हैं।
जब वहां पहुंची पुलिस से भी बदमाशों ने हाथापाई की। एक हवलदार की वर्दी फाड़ डाली। इसकी सूचना मिलने पर थाने से और पुलिस पहुंच गई और बलपूर्वक छह बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। जबकि दो बदमाश फरार हो गए।
भगतसिंह कालोनी की यासिका दिल्ली की आईटीसी कम्पनी प्रगति मैदान में बतौर एजेंट काम करती हैं। जबकि इनके पति रणजीत आहूजा पांच नंबर में ही मशीन वेल्डिंग का काम करते हैं। यासिका शुक्रवार को अपने पति के साथ एक्टिवा से 1 नम्बर मार्केट कपड़े खरीदने जा रही थी।
इसी बीच टाउन न0-1 स्थित ग्रोवर नर्सिग होम के सामने मोटरसाइकिल सवार अलीगढ़ यूपी के राहुल और ओल्ड फरीदबाद के प्रकाश ने गलत दिशा से आकर उनकी स्कूटी में टक्कर मार दी। टक्कर लगने पर रणजीत ने उन्हें ठीक से चलने की हिदायत दी। इस पर वे रणजीत के साथ उलझ गए। नौबत हाथापाई की आ गई। इसी बीच राहुल ने फोनकर अपने साथियों को बुला लिया।
थोड़ी ही देर में राहुल का दोस्त प्रिंस अपने साथी यतेन्द्र, पवन, गौरव, सिकन्दर, रामछेत स्विफ्ट कार से पहुंच गए। वे वहां पहुंचते ही रणजीत पर टूट पड़े। उसका हेलमेट छीन उसके सिर में दे मारा। जिससे उसका सिर फट गया। किसी ने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दे दी। इस पर वहां कोतवाली में तैनात हवलदार दीपक पीसीआर लेकर पहुंच गया।
उसने युवकों को मारपीट करने से रोकने का प्रयास किया। लेकिन वे मानें तो नहीं, उल्टे हवलदार पर टूट पड़े। उसके साथ मारपीट की और उसकी वर्दी फाड़ डाली। इस पर उसने इसकी सूचना कोतवाली थाना प्रभारी उदयराज को दे दी।
थोड़ी ही देर में उदयराज दलबल के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस को देख बदमाश भागने लगे। लेकिन पुलिस ने घेरेबंदीकर मौके से प्रिंस, यतेन्द्र, राहुल, पवन शर्मा, गौरव शर्मा व शिकन्दर को गिरफ्तार कर लिया। जबकि प्रकाश व रामछेत मौके से फरार हो गए। जिनकी तालाश की जा रही है। यासिका की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 279,336,323,506,332,353,186,147 व 149 के तहत मुकदमा दर्जकर जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी उदय ने बताया कि सभी नेहरु ग्राउंड स्थित एक वर्कशॉप में काम करते हैं।
CG Police : एसपीओ को नियमित पुलिस में शामिल होने की राह साफ
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में एसपीओ को नियमित पुलिस में शामिल होने की राह साफ कर दिया है.
सरकार ने शुक्रवार को पुलिस की नियुक्तियों में स्थानीय युवकों की योग्यता में विशेष छूट देने का फैसला किया.
सर्वोच्च न्यायालय ने गत पांच जुलाई के अपने एक आदेश में राज्य सरकार को नक्सलियों से लड़ने वाले विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) से हथियार वापस लेने के लिए कहा था.
न्यायालय ने कहा था कि एसपीओ सामूहिक रूप से मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हैं और उन्हें हथियार देना असंवैधानिक है.न्यायालय के इस फैसले के बाद राज्य सरकार ने एसपीओ से हथियार वापस ले लिए थे.
वहीं, हथियार वापस लिए जाने पर एसपीओ ने आशंका जताई थी कि वे नक्सलियों का निशाना बन सकते हैं लेकिन अब कांस्टेबल के रूप में अपनी नियुक्ति के सिलसिले में सरकार के इस फैसले से वे काफी उत्साहित हैं.
राजधानी रायपुर से करीब 450 किलोमीटर बीजापुर के कोतवाली पुलिस स्टेशन में वर्ष 2006 की शुरुआत से एसपीओ के रूप में तैनात महेंद्र साकनी ने कहा, ईश्वर को बहुत-बहुत धन्यवाद, मेरे हथियार मुझे वापस मिल जाएंगे. हमें वापस सेवा में शामिल करने के सरकार के इस फैसले मैं बहुत खुश हूं.
ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने नक्सलियों के खिलाफ जनजातीय लोगों को हथियार देकर उनकी नियुक्ति एसपीओ के रूप में करने पर राज्य सरकार की जमकर खिंचाई की थी और सरकार से कहा था कि इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए.
कोतवाली पुलिस स्टेशन पर एसपीओ के रूप में तैनात चेतन दुरगम (32) ने कहा, इससे बस्तर क्षेत्र के युवाओं के बीच यह संदेश जाएगा कि सरकार नक्सलियों से निपटने के प्रति गम्भीर है.
एसपीओ को नियमित पुलिस में शामिल करने का फैसला मुख्यमंत्री रमन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की एक बैठक में लिया गया.
बैठक में निर्णय लिया गया कि बस्तर इलाके में होने वाली कांस्टेबलों की भर्ती में स्थानीय लोगों की शैक्षणिक एवं शारीरिक योग्यता और उम्र में छूट दी जाएगी.
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने करीब 5000 जनजातीय युवाओं की नियुक्ति एसपीओ के रूप में की है.
सरकार ने शुक्रवार को पुलिस की नियुक्तियों में स्थानीय युवकों की योग्यता में विशेष छूट देने का फैसला किया.
सर्वोच्च न्यायालय ने गत पांच जुलाई के अपने एक आदेश में राज्य सरकार को नक्सलियों से लड़ने वाले विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) से हथियार वापस लेने के लिए कहा था.
न्यायालय ने कहा था कि एसपीओ सामूहिक रूप से मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हैं और उन्हें हथियार देना असंवैधानिक है.न्यायालय के इस फैसले के बाद राज्य सरकार ने एसपीओ से हथियार वापस ले लिए थे.
वहीं, हथियार वापस लिए जाने पर एसपीओ ने आशंका जताई थी कि वे नक्सलियों का निशाना बन सकते हैं लेकिन अब कांस्टेबल के रूप में अपनी नियुक्ति के सिलसिले में सरकार के इस फैसले से वे काफी उत्साहित हैं.
राजधानी रायपुर से करीब 450 किलोमीटर बीजापुर के कोतवाली पुलिस स्टेशन में वर्ष 2006 की शुरुआत से एसपीओ के रूप में तैनात महेंद्र साकनी ने कहा, ईश्वर को बहुत-बहुत धन्यवाद, मेरे हथियार मुझे वापस मिल जाएंगे. हमें वापस सेवा में शामिल करने के सरकार के इस फैसले मैं बहुत खुश हूं.
ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने नक्सलियों के खिलाफ जनजातीय लोगों को हथियार देकर उनकी नियुक्ति एसपीओ के रूप में करने पर राज्य सरकार की जमकर खिंचाई की थी और सरकार से कहा था कि इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए.
कोतवाली पुलिस स्टेशन पर एसपीओ के रूप में तैनात चेतन दुरगम (32) ने कहा, इससे बस्तर क्षेत्र के युवाओं के बीच यह संदेश जाएगा कि सरकार नक्सलियों से निपटने के प्रति गम्भीर है.
एसपीओ को नियमित पुलिस में शामिल करने का फैसला मुख्यमंत्री रमन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की एक बैठक में लिया गया.
बैठक में निर्णय लिया गया कि बस्तर इलाके में होने वाली कांस्टेबलों की भर्ती में स्थानीय लोगों की शैक्षणिक एवं शारीरिक योग्यता और उम्र में छूट दी जाएगी.
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने करीब 5000 जनजातीय युवाओं की नियुक्ति एसपीओ के रूप में की है.
Delhi Police: पंजाबी गायक सुखविंदर मान कबूतरबाजी में गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने मशहूर पंजाबी गायक सुखविंदर मान उर्फ सुक्खा को गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि वह अपनी पत्नी के नाम पर किसी अन्य महिला को विदेश भेजने की कोशिश कर रहे थे। यह गिरफ्तारी अमेरिकी दूतावास की शिकायत पर की गई है।
पुलिस के मुताबिक होशियारपुर की रहने वाली एक महिला अनिता ने २००८ में अमेरिकी दूतावास में वीजा के लिए अर्जी दी थी। वीजा में इस महिला ने अपना नाम बदलकर कमलजीत कौर और पति का नाम सुखविंदर मान दर्शाया था। लेकिन दूतावास की ओर से महिला अर्जी को खारिज कर दिया था। इसके बाद महिला ने दूतावास में एक बार फिर वीजा देने की अर्जी दे दी। इस बार दूतावास की ओर से इस फर्जीवाड़े की शिकायत चाणक्यपुरी पुलिस से की गई।
पुलिस ने दूतावास की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए महिला अनिता को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद इस महिला ने पुलिस को बताया कि पंजाबी पॉप गायक सुखविंदर मान ने उससे विदेश भेजने के नाम पर दो लाख रुपए लिए थे। इसके बाद उसने उसकी पत्नी कमलजीत कौर के नाम से वीजा के लिए अर्जी दी थी। इसके बाद पुलिस ने सुखविंदर को गिरफ्तार कर लिया। बताया जाता है कि सुखविंदर लंबे समय से उस्मानपुर इलाके में रह रहा है। पुलिस ने उसे जनकपुरी डिस्ट्रिक सेंटर के पास से एक गुप्त सूचना के बाद पकड़ा है। पुलिस यह जानने की कोशिश में लगी है कि वह अबतक और कितने लोगों को इस तरह से विदेश भेज चुका है।
पुलिस के मुताबिक होशियारपुर की रहने वाली एक महिला अनिता ने २००८ में अमेरिकी दूतावास में वीजा के लिए अर्जी दी थी। वीजा में इस महिला ने अपना नाम बदलकर कमलजीत कौर और पति का नाम सुखविंदर मान दर्शाया था। लेकिन दूतावास की ओर से महिला अर्जी को खारिज कर दिया था। इसके बाद महिला ने दूतावास में एक बार फिर वीजा देने की अर्जी दे दी। इस बार दूतावास की ओर से इस फर्जीवाड़े की शिकायत चाणक्यपुरी पुलिस से की गई।
पुलिस ने दूतावास की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए महिला अनिता को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद इस महिला ने पुलिस को बताया कि पंजाबी पॉप गायक सुखविंदर मान ने उससे विदेश भेजने के नाम पर दो लाख रुपए लिए थे। इसके बाद उसने उसकी पत्नी कमलजीत कौर के नाम से वीजा के लिए अर्जी दी थी। इसके बाद पुलिस ने सुखविंदर को गिरफ्तार कर लिया। बताया जाता है कि सुखविंदर लंबे समय से उस्मानपुर इलाके में रह रहा है। पुलिस ने उसे जनकपुरी डिस्ट्रिक सेंटर के पास से एक गुप्त सूचना के बाद पकड़ा है। पुलिस यह जानने की कोशिश में लगी है कि वह अबतक और कितने लोगों को इस तरह से विदेश भेज चुका है।
Monday, July 18, 2011
Gujrat Police: Case agaianst gujrat police in encounter case
Ahmedabad, Jul 17 (PTI) The Central Bureau of Investigation (CBI) has registered a case relating to alleged fake encounter of Sadiq Jamal Mehtar in 2003 by Gujarat police, an official statement on the agency' website said.The case was registered by the Central agency yesterday on the directions of the Gujarat High Court."The CBI has registered a case relating to the killing of Sadiq Jamal Mehtar in an alleged police encounter by the Gujarat Police, on the directions of High Court of Gujarat in Special Criminal Application no.963/2007, filed by the brother of deceased," the CBI statement said."A Special Investigation Team (SIT) has been constituted by CBI under a Joint Director and investigation is continuing," the statement added.The case has been registered against police officials of Gujarat and Maharashtra and others.
On June 16, High Court judge Justice M R Shah had ordered CBI investigation into the Sadiq Jamal encounter with which certain high ranking police officers were associated, including suspended IPS officer D G Vanzara, one of the key accused in Sohrabuddin Sheikh fake encounter case.Sadiq was killed in a police encounter by city crime branch officials near Galaxy cinema in Naroda area of the city on January 13, 2003. .
On June 16, High Court judge Justice M R Shah had ordered CBI investigation into the Sadiq Jamal encounter with which certain high ranking police officers were associated, including suspended IPS officer D G Vanzara, one of the key accused in Sohrabuddin Sheikh fake encounter case.Sadiq was killed in a police encounter by city crime branch officials near Galaxy cinema in Naroda area of the city on January 13, 2003. .
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