जिले में शुक्रवार को पुलिस भर्ती आवेदन फॉर्म के वितरण में कथित बदइंतजामी से नाराज हजारों युवकों ने हंगामा किया और पुलिस के साथ उनकी झड़पें हुईं। उग्र युवाओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
सदर इलाके स्थित मुख्य डाकघर में पुलिस कांस्टेबल के आदेवन फॉर्म लेने आए करीब पांच हजार युवकों ने आवेदन फॉर्म मिलने में देरी से नाराज होकर हंगामा करना शुरू कर दिया। इस दौरान वहां मौजूद पुलिस बल ने जब उन्हें रोका तो वे पुलिस से भिड़ गए।
आक्रोशित छात्रों पर लाठियां भांजकर पुलिस ने उन्हें तितर-बितर किया। युवकों का आरोप है कि बदइंतजामी के कारण फॉर्म मिलने में घंटों देरी लग रही थी। अगर व्यवस्थित तरीके से वितरण होता तो सबको समय पर फॉर्म मिल जाते। आवाज उठाने पर पुलिस उन्हें बाहर निकालने लगी जिसके बाद युवा उग्र हो गए।
सदर थाना प्रभारी पंकज राय ने बताया, "फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। तनाव के मद्देनजर पूरे इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।" उन्होंने कहा कि इस घटना में किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
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Sunday, July 24, 2011
UP Police : 'दारोगा बाबू' की दौड़ में अचेत हुए 32 सिपाही, महकमा हुआ शर्मसार
प्रदेश पुलिस भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड द्वारा उपनिरीक्षक पद पर पदोन्नति के लिए की जा रही दौड के दौरान आज यहां पुलिस लाइन मैदान में 32 सिपाही बेहोश हो गये जिसमें दो की हालत गंभीर है।
बेहोश सभी सिपाहियों को जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया है। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि सिपाही से दारोगा पद पर प्रोन्नति के लिये 75 मिनट में पुलिस लाइन के 25 चक्कर लगाने थे। दौड के दौरान ही 32 सिपाही बेहोश होकर गिर पडे। दौड में दो सौ से अधिक सिपाहियों ने हिस्सा लिया था। प्रोन्नति की दौड में आस पास के जिलों से भी सिपाही आये थे।
प्रोन्नति के लिये कल हुई दौड में एक पुलिसकर्मी की मृत्यु हो गयी थी तथा 24 बीमार हो गये थे।
राज्य के पुलिस महानिरीक्षक .कानून व्यवस्था. ए.पी.माहेश्वरी के अनुसार राज्य के 18 जिलों में पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा सिपाहियों को प्रोन्नत करने के लिए लिखित परीक्षा के बाद 75 मिनट में दस किलोमीटर की दौड करायी जा रही थी।
कानपुर में दौड़ के दौरान 14 पुलिसकर्मी बीमार हो गये जिसमें एक को सघन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया। सात पुलिसकर्मियों को उपचार के बाद घर भेज दिया गया जबकि अन्य का अस्पताल में उपचार चल रहा है। इसके अलावा मेरठ में सात पुलिसकर्मी बीमार हो गये जिसमें 44वीं वाहिनी पीएसी मेरठ में तैनात आरक्षी अगरज कुमार दुबे .37. की मृत्यु हो गयी।
सीतापुर में चार पुलिसकर्मी बीमार हुये। उनका उपचार चल रहा है और सभी खतरे से बाहर हैं।
इससे पूर्व भी राज्य में रैंकर पदोन्नति के दौरान तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी थी और राज्य सरकार ने इस तरह की दौड पर रोक लगा दी थी।
बेहोश सभी सिपाहियों को जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया है। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि सिपाही से दारोगा पद पर प्रोन्नति के लिये 75 मिनट में पुलिस लाइन के 25 चक्कर लगाने थे। दौड के दौरान ही 32 सिपाही बेहोश होकर गिर पडे। दौड में दो सौ से अधिक सिपाहियों ने हिस्सा लिया था। प्रोन्नति की दौड में आस पास के जिलों से भी सिपाही आये थे।
प्रोन्नति के लिये कल हुई दौड में एक पुलिसकर्मी की मृत्यु हो गयी थी तथा 24 बीमार हो गये थे।
राज्य के पुलिस महानिरीक्षक .कानून व्यवस्था. ए.पी.माहेश्वरी के अनुसार राज्य के 18 जिलों में पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा सिपाहियों को प्रोन्नत करने के लिए लिखित परीक्षा के बाद 75 मिनट में दस किलोमीटर की दौड करायी जा रही थी।
कानपुर में दौड़ के दौरान 14 पुलिसकर्मी बीमार हो गये जिसमें एक को सघन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया। सात पुलिसकर्मियों को उपचार के बाद घर भेज दिया गया जबकि अन्य का अस्पताल में उपचार चल रहा है। इसके अलावा मेरठ में सात पुलिसकर्मी बीमार हो गये जिसमें 44वीं वाहिनी पीएसी मेरठ में तैनात आरक्षी अगरज कुमार दुबे .37. की मृत्यु हो गयी।
सीतापुर में चार पुलिसकर्मी बीमार हुये। उनका उपचार चल रहा है और सभी खतरे से बाहर हैं।
इससे पूर्व भी राज्य में रैंकर पदोन्नति के दौरान तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी थी और राज्य सरकार ने इस तरह की दौड पर रोक लगा दी थी।
Delhi Police : ट्रेनी दरोगा ने एसआई को मार डाला
निहाल विहार थाने में तैनात एक सीनियर सब इंस्पेक्टर (एसआई) की उसी थाने के ट्रेनी एसआई ने गोली मारकर हत्या कर दी। ट्रेनी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि दोनों के बीच किसी बात को लेकर अनबन थी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
पश्चिमी जिले के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त वी रंगनाथन ने बताया कि 1996 बैच के एसआई कैलाश चंद (40) को स्पेशल सेल से महज तीन माह पहले ही निहाल विहार थाने भेजा गया था। वहीं, अमरजीत 2009 में पुलिस में भर्ती हुआ था और दो माह पहले ट्रेनी एसआई के तौर पर उसे रणहौला थाने से स्थानांतरित किया गया था।
गुरुवार शाम कैलाश जांच अधिकारी के कमरे में बैठे हुए थे, तभी करीब 5:15 बजे अमरजीत गश्त से लौटा और सर्विस रिवाल्वर से उन पर दो फायर किए। गोली पेट और सीने में लगी। घायल कैलाश को बालाजी एक्शन अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। कैलाश पांच वर्ष तक दिल्ली पुलिस की सबसे अहम यूनिट स्पेशल सेल में तैनात रहे। सरोजनी नगर ब्लास्ट सहित कई वारदात में उन्होंने छानबीन की थी। मूल रूप से झांसी के कैलाश दिलशाद गार्डन में अपने परिवार के साथ रहते थे। परिवार में पत्नी, दो बच्चों व माता-पिता हैं।
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पश्चिमी जिले के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त वी रंगनाथन ने बताया कि 1996 बैच के एसआई कैलाश चंद (40) को स्पेशल सेल से महज तीन माह पहले ही निहाल विहार थाने भेजा गया था। वहीं, अमरजीत 2009 में पुलिस में भर्ती हुआ था और दो माह पहले ट्रेनी एसआई के तौर पर उसे रणहौला थाने से स्थानांतरित किया गया था।
गुरुवार शाम कैलाश जांच अधिकारी के कमरे में बैठे हुए थे, तभी करीब 5:15 बजे अमरजीत गश्त से लौटा और सर्विस रिवाल्वर से उन पर दो फायर किए। गोली पेट और सीने में लगी। घायल कैलाश को बालाजी एक्शन अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। कैलाश पांच वर्ष तक दिल्ली पुलिस की सबसे अहम यूनिट स्पेशल सेल में तैनात रहे। सरोजनी नगर ब्लास्ट सहित कई वारदात में उन्होंने छानबीन की थी। मूल रूप से झांसी के कैलाश दिलशाद गार्डन में अपने परिवार के साथ रहते थे। परिवार में पत्नी, दो बच्चों व माता-पिता हैं।
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Rajasthan Police :जमकर होती है पुलिस लाइन स्कूल में शराब पार्टी
ठीक सामने शहर पुलिस अधीक्षक (एसपी) का बंगला और स्कूल की दीवार से ही सटी पुलिस लाइन। यहां एक ही परिसर में राजकीय माध्यमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के दो स्कूल चलते हैं और पूरा शहर उनको पुलिस लाइन स्कूल के नाम से ही जानता है। बावजूद इसके दोनों स्कूलों के बच्चों की नियति है कि प्रतिदिन सुबह पढ़ाई शुरू करने से पहले उन्हें कक्षाओं और खेल मैदान में बिखरी शराब के खाली बोतलें और पाउच बीनने पड़ते हैं। वे इन्हें उठाकर एक जगह इकट्ठा करते हैं और फिर हाथ धोकर पढ़ाई शुरू करते हैं। पुलिस को कई बार स्कूल प्रशासन ने शिकायतें दी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पुलिस लाइन के इन दोनों स्कूलों में प्रतिदिन सुबह छात्र शराब की बोतलें बीनकर कौनसा सबक सीख रहे हैं, यह तो वे खुद भी नहीं जानते लेकिन स्कूल के शिक्षक इससे जरूर परेशान हैं। वे नहीं चाहते कि बच्चों का इस बुरी चीज से किसी तरह वास्ता पड़े लेकिन, कक्षाओं तक में सुबह जगह-जगह सिगरेट के पैकेट, पानी और शराब की खाली बोतलें मिलती हैं। कई बार तो सुबह बच्चों का वास्ता फर्श पर बिखरी शराब और फूटी बोतलें और उसकी गंध से पड़ता है। शिक्षकों ने बताया कि दोनों स्कूल एक पारी में चलते हैं। कई बार तो स्कूल समय में लोग यहां मौका तलाशते रहते हैं। स्कूल बंद होते ही उनको मौका मिल जाता है। डेढ़ साल पहले भी पुलिस ने यहां से कुछ पुलिसकर्मियों को शराब पीते हुए पकड़ा था। उसके बाद एक गार्ड लगाया था। तब से कुछ कमी आई थी, लेकिन 6 माह से गार्ड भी हटा लिया गया है। फिर से वही आलम हो गया है।
क्यों है मुसीबत
स्कूल पुलिस लाइन से सटा हुआ है। इसका एक गेट पुलिस लाइन को जोड़ता है और दूसरा एसपी के बंगले के सामने वाली सैन्य क्षेत्र की सड़क पर खुलता है। पुलिस लाइन होने के कारण पुलिस की गश्त भी कम ही होती है। ऐसे में शराब पार्टी के लिए लोगों ने उपयुक्त स्थान चुन रखा है। लोग स्कूल की छत पर भी बैठकर शराब पीते हैं।
कहीं पुलिसवाले तो नहीं करते!
स्कूल स्टाफ का कहना है कि उन्हें नहीं पता, यहां कौन लोग आए दिन शराब पार्टी करते हैं। उन्हें तो हर रोज स्कूल आने पर खाली बोतलें दिखाई देती हैं। यहीं पर स्टाफ के कुछ लोगों ने दबी जुबान में कहा कि स्कूल के पास पुलिस लाइन है, एक तरफ एसपी का बंगला और दूसरी तरफ आर्मी एरिया। और किसी के आने की हिम्मत नहीं हो सकती। हो सकता है कुछ पुलिस वाले ही खुद या किसी के साथ मिलकर यहां ये काम करते हों।
पुलिस लाइन के इन दोनों स्कूलों में प्रतिदिन सुबह छात्र शराब की बोतलें बीनकर कौनसा सबक सीख रहे हैं, यह तो वे खुद भी नहीं जानते लेकिन स्कूल के शिक्षक इससे जरूर परेशान हैं। वे नहीं चाहते कि बच्चों का इस बुरी चीज से किसी तरह वास्ता पड़े लेकिन, कक्षाओं तक में सुबह जगह-जगह सिगरेट के पैकेट, पानी और शराब की खाली बोतलें मिलती हैं। कई बार तो सुबह बच्चों का वास्ता फर्श पर बिखरी शराब और फूटी बोतलें और उसकी गंध से पड़ता है। शिक्षकों ने बताया कि दोनों स्कूल एक पारी में चलते हैं। कई बार तो स्कूल समय में लोग यहां मौका तलाशते रहते हैं। स्कूल बंद होते ही उनको मौका मिल जाता है। डेढ़ साल पहले भी पुलिस ने यहां से कुछ पुलिसकर्मियों को शराब पीते हुए पकड़ा था। उसके बाद एक गार्ड लगाया था। तब से कुछ कमी आई थी, लेकिन 6 माह से गार्ड भी हटा लिया गया है। फिर से वही आलम हो गया है।
क्यों है मुसीबत
स्कूल पुलिस लाइन से सटा हुआ है। इसका एक गेट पुलिस लाइन को जोड़ता है और दूसरा एसपी के बंगले के सामने वाली सैन्य क्षेत्र की सड़क पर खुलता है। पुलिस लाइन होने के कारण पुलिस की गश्त भी कम ही होती है। ऐसे में शराब पार्टी के लिए लोगों ने उपयुक्त स्थान चुन रखा है। लोग स्कूल की छत पर भी बैठकर शराब पीते हैं।
कहीं पुलिसवाले तो नहीं करते!
स्कूल स्टाफ का कहना है कि उन्हें नहीं पता, यहां कौन लोग आए दिन शराब पार्टी करते हैं। उन्हें तो हर रोज स्कूल आने पर खाली बोतलें दिखाई देती हैं। यहीं पर स्टाफ के कुछ लोगों ने दबी जुबान में कहा कि स्कूल के पास पुलिस लाइन है, एक तरफ एसपी का बंगला और दूसरी तरफ आर्मी एरिया। और किसी के आने की हिम्मत नहीं हो सकती। हो सकता है कुछ पुलिस वाले ही खुद या किसी के साथ मिलकर यहां ये काम करते हों।
HR Police: गृह राज्यमंत्री की कार ओवरटेक की, तो हरियाणा पुलिस ने की क्रिकेटर अतुल वासन की पिटाई
पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और आज कल टीवी के किक्रेटर एंकर अतुल वासन को हरियाणा के गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा के काफिले को ओवरटेक करने पर सुरक्षाकर्मियों ने पीट दिया। गुड़गांव टोल ब्रिज से पहले उनकी कार रुकवा कर स्कॉट में तैनात पांच पुलिस कर्मियों ने उनकी पिटाई कर दी। अतुल का महिपालपुर में कार्यालय है।
वासन ने वसंतकुंज दक्षिण थाने में पांचों पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। अतुल बुधवार देर रात करीब डेढ़ बजे वह अपनी कार से वसंतकुंज-गुड़गांव रोड होते हुए गुड़गांव स्थित अपने घर जा रहे थे। तभी प्रदेश के मंत्री गृह वह अपने चालक के साथ टोल प्लाजा से गुजर रहे थे। राज्यमंत्री गोपाल कांडा का काफिला निकला। काफिले में कार में बैठे सुरक्षा गार्डों ने हूटर बजाई।
लेकिन अतुल और उनके चालक इसे नहीं सुन सके। कुछ दूर आगे जाने पर हरियाणा का इलाका लगते ही स्कॉट पुलिस ने भी ओवरटेक कर अतुल की कार को रुकवा लिया और बाहर खींचकर उनकी पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने 100 पर फोन किया। दिल्ली की पीसीआर पहुंची। उसने बयान लेने के बाद बसंतकुंज थाने में बुलाया।
उन्होंने वसंतकुंज दक्षिण थाना पहुंच शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। दक्षिण जिले की डीसीपी छाया शर्मा के मुताबिक अतुल वासन का सफदरजंग अस्पताल में मेडिकल करवाया गया। डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें अधिक चोट नहीं आई है। देर रात पुलिस ने जब मौके का मुआयना किया तो पता चला वह इलाका गुड़गांव के डीएलएफ फेज दो थाने में लगता है। लिहाजा वसंतकुंज दक्षिण थाने से अतुल की शिकायत व मेडिकल रिपोर्टडीएलएफ फेज दो थाने को भेज दी गई।
वासन ने वसंतकुंज दक्षिण थाने में पांचों पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। अतुल बुधवार देर रात करीब डेढ़ बजे वह अपनी कार से वसंतकुंज-गुड़गांव रोड होते हुए गुड़गांव स्थित अपने घर जा रहे थे। तभी प्रदेश के मंत्री गृह वह अपने चालक के साथ टोल प्लाजा से गुजर रहे थे। राज्यमंत्री गोपाल कांडा का काफिला निकला। काफिले में कार में बैठे सुरक्षा गार्डों ने हूटर बजाई।
लेकिन अतुल और उनके चालक इसे नहीं सुन सके। कुछ दूर आगे जाने पर हरियाणा का इलाका लगते ही स्कॉट पुलिस ने भी ओवरटेक कर अतुल की कार को रुकवा लिया और बाहर खींचकर उनकी पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने 100 पर फोन किया। दिल्ली की पीसीआर पहुंची। उसने बयान लेने के बाद बसंतकुंज थाने में बुलाया।
उन्होंने वसंतकुंज दक्षिण थाना पहुंच शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। दक्षिण जिले की डीसीपी छाया शर्मा के मुताबिक अतुल वासन का सफदरजंग अस्पताल में मेडिकल करवाया गया। डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें अधिक चोट नहीं आई है। देर रात पुलिस ने जब मौके का मुआयना किया तो पता चला वह इलाका गुड़गांव के डीएलएफ फेज दो थाने में लगता है। लिहाजा वसंतकुंज दक्षिण थाने से अतुल की शिकायत व मेडिकल रिपोर्टडीएलएफ फेज दो थाने को भेज दी गई।
Delhi Police : रईसजादों की लड़की किडनेप की कोशिश, दो गिरफ्तार
देश की राजधानी दिल्ली में दो अलग अलग जगहों पर लड़कियों को अगवा करने की कोशिश की गई। द्वारका में 10 साल की छात्रा का अपहरण करने की कोशिश की गई। लेकिन, लोगों ने अपहरणकर्ताओं को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं, घिटोरनी इलाके में पांच रईसजादों ने चार लड़कियों को मौजमस्ती के लिए अगवा करने की कोशिश की। पुलिस ने पांच में से दो को गिरफ्तार कर लिया। तीन की तलाश की जा रही है। पुलिस ने इनके कब्जे से लड़की को भी छुड़ा लिया।
गौरतलब है कि द्वारका में डीपीएस स्कूल के सामने अपहरणकर्ता 10 साल की छात्रा को मारुति वैन में अपहरणकर ले जाने लगे। तभी आसपास मौजूद महिलाओं ने शोर मचाया। इसके बाद महिलाओं की शोर सुनकर लोग जमा हो गए। वैन में सवार अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।
जबकि, घिटोरनी इलाके में मॉल से निकल कर कैब में बैठ रही चार लड़कियों को बीती रात एक स्कॉर्पियो में सवार पांच रईसजादों ने अगवा करने की कोशिश की। इन पांच लड़कों ने चारों लड़कियों को जबरन स्कॉर्पियो गाड़ी में खींचने की कोशिश की। हाथापाई और लड़कियों द्वारा शोर मचाने पर रईसजादे एक लड़की को अपने साथ ले जाने में कामयाब रहे।
गौरतलब है कि द्वारका में डीपीएस स्कूल के सामने अपहरणकर्ता 10 साल की छात्रा को मारुति वैन में अपहरणकर ले जाने लगे। तभी आसपास मौजूद महिलाओं ने शोर मचाया। इसके बाद महिलाओं की शोर सुनकर लोग जमा हो गए। वैन में सवार अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।
जबकि, घिटोरनी इलाके में मॉल से निकल कर कैब में बैठ रही चार लड़कियों को बीती रात एक स्कॉर्पियो में सवार पांच रईसजादों ने अगवा करने की कोशिश की। इन पांच लड़कों ने चारों लड़कियों को जबरन स्कॉर्पियो गाड़ी में खींचने की कोशिश की। हाथापाई और लड़कियों द्वारा शोर मचाने पर रईसजादे एक लड़की को अपने साथ ले जाने में कामयाब रहे।
Delhi Police: रिश्वत लेने पर महिला पुलिस इंस्पेक्टर को दो साल की कैद
दिल्ली यातायात पुलिस की एक महिला इंस्पेक्टर को 500 रुपये की रिश्वत मागने के आरोप में दो साल कैद की सजा सुनाई गई है।
विशेष न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी आर केडिया ने दुराचार के आरोप में 10 साल के लिए निलंबित की गई इंस्पेक्टर अलका सिंह [56] को रिश्वत लेने का दोषी ठहराया। अलका पर 14,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
अदालत ने हालाकि अलका की कैद को 19 अगस्त तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान वह सजा के खिलाफ अपील दायर कर सकेगी।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि अलका ने शिकायतकर्ता धमर्ेंद्र शर्मा से 500 रुपये की रिश्वत मागी, जबकि शर्मा के पास अपनी बस से जुड़े सभी दस्तावेज मौजूद थे।
अतिरिक्त लोक अभियोजक विनोद शर्मा ने अदालत को बताया कि शर्मा ने न्यायाधीश से अपनी बस के रिहाई के आदेश हासिल कर लिए थे, लेकिन इसके बाद भी अलका ने उससे 500 रुपये की माग की। इसके अगले ही दिन शर्मा ने इस संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में शिकायत दर्ज करा दी।
विशेष न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी आर केडिया ने दुराचार के आरोप में 10 साल के लिए निलंबित की गई इंस्पेक्टर अलका सिंह [56] को रिश्वत लेने का दोषी ठहराया। अलका पर 14,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
अदालत ने हालाकि अलका की कैद को 19 अगस्त तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान वह सजा के खिलाफ अपील दायर कर सकेगी।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि अलका ने शिकायतकर्ता धमर्ेंद्र शर्मा से 500 रुपये की रिश्वत मागी, जबकि शर्मा के पास अपनी बस से जुड़े सभी दस्तावेज मौजूद थे।
अतिरिक्त लोक अभियोजक विनोद शर्मा ने अदालत को बताया कि शर्मा ने न्यायाधीश से अपनी बस के रिहाई के आदेश हासिल कर लिए थे, लेकिन इसके बाद भी अलका ने उससे 500 रुपये की माग की। इसके अगले ही दिन शर्मा ने इस संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में शिकायत दर्ज करा दी।
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