हुजूरपुर(बहराइच), हुजूरपुर थाना क्षेत्र के 85 गांवों में सुरक्षा का दारोमदार 17 सिपाहियों के कंधों पर है। ऊपर से बैंक सुरक्षा, रात्रि गश्त, पिकेट ड्यूटी और डाकसेवा के लिए अतिरिक्त सिपाहियों की जरूरत है। पहले से ही सुरक्षा कर्मियों की कमी झेल रहे थाने से दो सिपाही और एक हेड कांस्टेबल जीआरपी में अलग से भेज दिए गए हैं।
थाने पर एक थानाध्यक्ष के साथ चार उपनिरीक्षक, दो हेडकांस्टेबल और 35 सिपाही का नियतन स्वीकृत है, लेकिन थानाध्यक्ष के अलावा सिर्फ तीन दरोगा, एक हेडकांस्टेबिल और 17 सिपाहियों की तैनाती है। 58 ग्रामपंचायतों के 85 राजस्व गांव थाना क्षेत्र की परिधि में आते हैं। क्षेत्र में पांच बैंक स्थापित हैं। यहां नियमित दो-दो सिपाहियों की ड्यूटी लगती है। थाने पर नियमित पहरा के लिए एक सिपाही, कस्बा गश्त, पिकेट ड्यूटी, वाहन चेकिंग और रात्रिकालीन गश्त ऊपर से करने की जिम्मेदारी है।
इसके अतिरिक्त गिरफ्तार अभियुक्तों को न्यायालय ले जाने, क्षेत्राधिकारी, पुलिस कार्यालय और न्यायिक पैरवी के लिए पैरोकार की जरूरत पड़ती है। औसतन थाने पर प्रतिदिन 40 से 50 शिकायती प्रार्थना पत्र आते हैं। इनके जांच की जिम्मेदारी भी सिपाहियों को सौंपी जाती है। अपराधियों की धर-पकड़ और मामलों के खुलासे में थानेदार इन्हीं सिपाहियों की मदद लेते हैं। कार्य की दृष्टि से अगर देखा जाए तो यह सिपाही अगर 24 घंटे भी ड्यूटी करें तो थाने का कार्य निपटाना इनके वश के बाहर की बात है। लेकिन इसके बावजूद सारा कुछ चकाचक चल रहा है। सिपाहियों की कमी और कार्यो की अधिकता के सवाल पर जब थानाध्यक्ष बृजेश सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकारी कार्य का निस्तारण करना ही उनका दायित्व है। सिपाहियों की कमी निश्चित तौर पर है, लेकिन जिले पर ही नियतन के अनुरूप सिपाही नहीं हैं, इसलिए थाने पर भी उनकी कमी है। किसी तरह कार्य चलाया जा रहा है।
पुलिस की खबरें, सिर्फ पुलिस के लिए ...... An International Police Blog for police personnels and their family, their works, their succes, promotion and transfer, work related issues, their emotions,their social and family activities, their issues and all which related to our police personnels.
Tuesday, August 2, 2011
Rajasthan Police :45 पुलिस इंस्पेक्टरों के तबादले
5 इंस्पेक्टरों को पुलिस लाइन भेजा, 7 इंस्पेक्टरों को कमिश्नरेट व डीसीपी कार्यालय में लगाया
जयपुर। पुलिस महानिदेशक ने सोमवार को 45 इंस्पेक्टरों की बहुप्रतिक्षित तबादला सूची जारी कर दी। इसमें 5 इंस्पेक्टरों को पुलिस लाइन भेजा गया है। वहीं 7 इंस्पेंक्टरों को पुलिस कमिश्नरेट में लगाया गया है। जबकि शेष को अन्य थानों में लगाया गया है।
आदेशानुसार विधायकपुरी थानाप्रभारी रमेशचंद्र, चाकसू थानाप्रभारी राजेंद्र सिंह, करधनी थानाप्रभारी सुरेंद्र सिंह व चौमूं थानाप्रभारी ओमप्रकाश कासलीवाल तथा इंस्पेक्टर शिवभगवान गोदारा को पुलिस लाइन में भेजा गया है। सोढाला थानाप्रभारी नेमसिंह को अति. पुलिस आयुक्त(प्रथम) कार्यालय, लालकोठी थानाप्रभारी प्रदीप हापावत तथा इंस्पेक्टर सपात खान को कमिश्नरेट अपराध शाखा, महिला थानाप्रभारी (पूर्व) सीताराम को कमिश्ररेट आसूचना शाखा, विद्याधर नगर थानाप्रभारी मोहन सिंह को पुलिस उपायुक्त कार्यालय(पश्चिम), ट्रांसपोर्ट थानाप्रभारी विजयपाल सिंह को पुलिस उपायुक्त कार्यालय(पूर्व) तथा दुर्घटना थाना दक्षिण के थानाप्रभारी बाबूलाल जोशी को पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय में स्थानांतरित किया है।
इसके अलावा इंस्पेक्टर राजवीर सिंह को ट्रांसपोर्ट नगर थाना, रामचंद्र मूंड को वैशाली नगर, पुष्पेंद्र सिंह को कोतवाली थाना, विद्याप्रकाश को जवाहर सर्किल थाना, दीपक खंडेलवाल को मोतीडूंगरी थाना, शंकरलाल छाबा को करधनी थाना, सुरेश कुमार यादव को गांधी नगर थाना, माधोसिंह को शिप्रापथ थाना, रामगोपाल पारीक को श्याम नगर थाना, राजेंद्र सिंह राठौड़ को चौमूं थाना, मदनदान सिंह को यातायात निरीक्षक (पूर्व), महेश मीणा को दुर्घटना थाना (दक्षिण), सुरेश सांवरिया को जालुपूरा थाना, चंद्रपुरोहित को विधायकपुरी थाना, राजेंद्र सिंह को बनीपार्क थाना, धर्मवीर सिंह को मानसरोवर थाना, शिवकुमार भारद्वाज को चाकसू थाना, अनूप सिंह को हरमाड़ा थाना, दिनेश मीणा को गलतागेट थाना, कुशाल ङ्क्षसह को विद्याधर नगर थाना, हरिशंकर शर्मा को मालवीय नगर थाना, जगमोहन शर्मा को प्रताप नगर थाना, हरिचरण मीणा को लालकोठी थाना, अशोक चौहान को बस्सी थाना, भंवर रणधीर सिंह को सिंधीकैंप थाना, आस मोहम्मद को अशोक नगर थाना, सूर्यवीर सिंह को आदर्श नगर थाना, नीलकमल मीणा को जवाहर नगर थाना, महावीर सिंह को महिला थाना (पूर्व), राजेंद्र सिंह को करणी विहार थाना, रायसिंह बेनीवाल को महेश नगर थाना, विक्रम सिंह को सोढाला थाना व संजय शर्मा को (अटैच) कालवाड़ थाने में लगाया गया है।
जयपुर। पुलिस महानिदेशक ने सोमवार को 45 इंस्पेक्टरों की बहुप्रतिक्षित तबादला सूची जारी कर दी। इसमें 5 इंस्पेक्टरों को पुलिस लाइन भेजा गया है। वहीं 7 इंस्पेंक्टरों को पुलिस कमिश्नरेट में लगाया गया है। जबकि शेष को अन्य थानों में लगाया गया है।
आदेशानुसार विधायकपुरी थानाप्रभारी रमेशचंद्र, चाकसू थानाप्रभारी राजेंद्र सिंह, करधनी थानाप्रभारी सुरेंद्र सिंह व चौमूं थानाप्रभारी ओमप्रकाश कासलीवाल तथा इंस्पेक्टर शिवभगवान गोदारा को पुलिस लाइन में भेजा गया है। सोढाला थानाप्रभारी नेमसिंह को अति. पुलिस आयुक्त(प्रथम) कार्यालय, लालकोठी थानाप्रभारी प्रदीप हापावत तथा इंस्पेक्टर सपात खान को कमिश्नरेट अपराध शाखा, महिला थानाप्रभारी (पूर्व) सीताराम को कमिश्ररेट आसूचना शाखा, विद्याधर नगर थानाप्रभारी मोहन सिंह को पुलिस उपायुक्त कार्यालय(पश्चिम), ट्रांसपोर्ट थानाप्रभारी विजयपाल सिंह को पुलिस उपायुक्त कार्यालय(पूर्व) तथा दुर्घटना थाना दक्षिण के थानाप्रभारी बाबूलाल जोशी को पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय में स्थानांतरित किया है।
इसके अलावा इंस्पेक्टर राजवीर सिंह को ट्रांसपोर्ट नगर थाना, रामचंद्र मूंड को वैशाली नगर, पुष्पेंद्र सिंह को कोतवाली थाना, विद्याप्रकाश को जवाहर सर्किल थाना, दीपक खंडेलवाल को मोतीडूंगरी थाना, शंकरलाल छाबा को करधनी थाना, सुरेश कुमार यादव को गांधी नगर थाना, माधोसिंह को शिप्रापथ थाना, रामगोपाल पारीक को श्याम नगर थाना, राजेंद्र सिंह राठौड़ को चौमूं थाना, मदनदान सिंह को यातायात निरीक्षक (पूर्व), महेश मीणा को दुर्घटना थाना (दक्षिण), सुरेश सांवरिया को जालुपूरा थाना, चंद्रपुरोहित को विधायकपुरी थाना, राजेंद्र सिंह को बनीपार्क थाना, धर्मवीर सिंह को मानसरोवर थाना, शिवकुमार भारद्वाज को चाकसू थाना, अनूप सिंह को हरमाड़ा थाना, दिनेश मीणा को गलतागेट थाना, कुशाल ङ्क्षसह को विद्याधर नगर थाना, हरिशंकर शर्मा को मालवीय नगर थाना, जगमोहन शर्मा को प्रताप नगर थाना, हरिचरण मीणा को लालकोठी थाना, अशोक चौहान को बस्सी थाना, भंवर रणधीर सिंह को सिंधीकैंप थाना, आस मोहम्मद को अशोक नगर थाना, सूर्यवीर सिंह को आदर्श नगर थाना, नीलकमल मीणा को जवाहर नगर थाना, महावीर सिंह को महिला थाना (पूर्व), राजेंद्र सिंह को करणी विहार थाना, रायसिंह बेनीवाल को महेश नगर थाना, विक्रम सिंह को सोढाला थाना व संजय शर्मा को (अटैच) कालवाड़ थाने में लगाया गया है।
Foreign Police : Afganistan Police: पुलिस मुख्यालय में बम धमाका, 11 मृत
दक्षिणी अफगानिस्तान के लश्कर गाह स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर रविवार को एक आत्मघाती बम हमलावर द्वारा विस्फोट कर देने 10 पुलिसकर्मियों और एक बच्चे की मौत हो गई।
हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में सुरक्षा व्यवस्थाओं का जिम्मा अफगान बलों द्वारा संभाल लेने के बाद यह हमला हुआ है।
विदेशी बल वर्ष 2014 तक अफगानिस्तान छोड़ देंगे। इस हमले के कारण अफगान सैनिकों और पुलिस की तालिबान के हमलों से देश को बचाने की काबिलियत पर सवाल खड़े हो गए हैं।
हेलमंद प्रांत के प्रवक्ता दाउद अहमदी ने कहा कि हमले में 11 लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए। मृतकों में एक बच्चा और 10 अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं। घायलों में सात पुलिसकर्मी और दो आम नागरिक हैं।
उन्होंने कहा कि यह विस्फोट स्थानीय समयानुसार सुबह साढ़े आठ बजे हुआ। विस्फोटक एक एसयूवी वाहन में रखे गए थे। (भाषा)
हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में सुरक्षा व्यवस्थाओं का जिम्मा अफगान बलों द्वारा संभाल लेने के बाद यह हमला हुआ है।
विदेशी बल वर्ष 2014 तक अफगानिस्तान छोड़ देंगे। इस हमले के कारण अफगान सैनिकों और पुलिस की तालिबान के हमलों से देश को बचाने की काबिलियत पर सवाल खड़े हो गए हैं।
हेलमंद प्रांत के प्रवक्ता दाउद अहमदी ने कहा कि हमले में 11 लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए। मृतकों में एक बच्चा और 10 अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं। घायलों में सात पुलिसकर्मी और दो आम नागरिक हैं।
उन्होंने कहा कि यह विस्फोट स्थानीय समयानुसार सुबह साढ़े आठ बजे हुआ। विस्फोटक एक एसयूवी वाहन में रखे गए थे। (भाषा)
Monday, July 25, 2011
Delhi Police : लालबत्ती के चक्कर में कटे सांसदजी, विधायकजी के चालान
यातायात पुलिस ने नियमों की अनदेखी करने पर राजधानी के तीन माननीयों के चालान काटे हैं, जिनमें दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश कुमार, पश्चिमी संसदीय क्षेत्र से सांसद महाबल मिश्रा और हरिनगर क्षेत्र के विधायक हरिशरण सिंह बल्ली शामिल हैं। यातायात पुलिस ने न सिर्फ इनके चालान काटे, बल्कि इनके वाहनों पर लगी लाल बत्ती को भी जब्त कर लिया।
यातायात पुलिस के अनुसार राजधानी में किसी भी सांसद व विधायक को लाल बत्ती लगाकर घूमने की इजाजत नहीं है, लेकिन इन नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले नेताओं की कमी नहीं है। कुछ जागरूक लोगों ने जब इन नेताओं के लाल बत्ती लगे वाहनों के फोटो खींचकर यातायात पुलिस के फेसबुक एकाउंट पर अपलोड किए तो मजबूरन यातायात पुलिस को नियमों की अनदेखी करने के मामले में इनके चालान काटने पड़े। बताते चलें कि इन रसूखदार नेताओं पर हाथ डालना यातायात पुलिस के लिए इतना आसान भी नहीं रहा।
फेसबुक पर मिली शिकायत के बाद लंबे समय तक पुलिस इन माननीयों पर कार्रवाई करने से बचती रही, लेकिन जब मामला आला अफसरों के संज्ञान में आया तो पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। महाबल मिश्रा की ‘प्राडो’ कार पर लाल बत्ती लगे होने की शिकायत मनोरंजन कुमार नामक शख्स ने की थी। सत्येंद्र गर्ग के अनुसार इन वाहनों के चालान काटने के साथ-साथ लाल बत्ती को तुरंत हटाने के निर्देश दिए थे।
यातायात पुलिस के अनुसार राजधानी में किसी भी सांसद व विधायक को लाल बत्ती लगाकर घूमने की इजाजत नहीं है, लेकिन इन नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले नेताओं की कमी नहीं है। कुछ जागरूक लोगों ने जब इन नेताओं के लाल बत्ती लगे वाहनों के फोटो खींचकर यातायात पुलिस के फेसबुक एकाउंट पर अपलोड किए तो मजबूरन यातायात पुलिस को नियमों की अनदेखी करने के मामले में इनके चालान काटने पड़े। बताते चलें कि इन रसूखदार नेताओं पर हाथ डालना यातायात पुलिस के लिए इतना आसान भी नहीं रहा।
फेसबुक पर मिली शिकायत के बाद लंबे समय तक पुलिस इन माननीयों पर कार्रवाई करने से बचती रही, लेकिन जब मामला आला अफसरों के संज्ञान में आया तो पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। महाबल मिश्रा की ‘प्राडो’ कार पर लाल बत्ती लगे होने की शिकायत मनोरंजन कुमार नामक शख्स ने की थी। सत्येंद्र गर्ग के अनुसार इन वाहनों के चालान काटने के साथ-साथ लाल बत्ती को तुरंत हटाने के निर्देश दिए थे।
Delhi Police : बाबा रामदेव मामले में सुप्रीम कोर्ट की दिल्ली पुलिस को फटकार, दिखाओ रामलीला मैदान का फुटेज
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव और उनके समर्थकों के ख़िलाफ़ हुई दिल्ली पुलिस की कार्रवाई का वीडियो फुटेज देखना चाहता है.
जस्टिस बीएस चौहान और स्वतंत्र कुमार की खंडपीठ ने कहा कि वे ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ऐसी घटना दोबारा न हो.
हालाँकि अदालत ने फ़िलहाल गृह मंत्री पी चिदंबरम को इस मामले में पार्टी बनाने से इनकार कर दिया. लेकिन अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि वो अपना विकल्प खुला रखे हुए है.
चार जून की देर रात को दिल्ली पुलिस ने रामदेव और उनके समर्थकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करते हुए उन्हें रामलीला मैदान से हटा दिया था.नोटिस बाद में इस मामले में ख़ुद संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था.
सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कहा कि पाँच अगस्त को वे रामलीला मैदान में हुई घटना का वीडियो फुटेज देखेंगे.
घटना पर चिंता जताते हुए खंडपीठ ने कहा, "निर्दोष नागरिक इस तरह नहीं पीटे जाने चाहिए. हमें ये सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों."
बाबा रामदेव की ओर से अदालत में जिरह कर रहे वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने अदालत से अनुरोध किया कि वो गृह मंत्री पी चिदंबरम को ये निर्देश दे कि वो इस घटना के बारे में जानकारी दें और उन्हें नोटिस जारी किया जाना चाहिए.
लेकिन अदालत ने फ़िलहाल ऐसा करने से इनकार कर दिया.
जस्टिस बीएस चौहान और स्वतंत्र कुमार की खंडपीठ ने कहा कि वे ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ऐसी घटना दोबारा न हो.
हालाँकि अदालत ने फ़िलहाल गृह मंत्री पी चिदंबरम को इस मामले में पार्टी बनाने से इनकार कर दिया. लेकिन अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि वो अपना विकल्प खुला रखे हुए है.
चार जून की देर रात को दिल्ली पुलिस ने रामदेव और उनके समर्थकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करते हुए उन्हें रामलीला मैदान से हटा दिया था.नोटिस बाद में इस मामले में ख़ुद संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था.
सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कहा कि पाँच अगस्त को वे रामलीला मैदान में हुई घटना का वीडियो फुटेज देखेंगे.
घटना पर चिंता जताते हुए खंडपीठ ने कहा, "निर्दोष नागरिक इस तरह नहीं पीटे जाने चाहिए. हमें ये सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों."
बाबा रामदेव की ओर से अदालत में जिरह कर रहे वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने अदालत से अनुरोध किया कि वो गृह मंत्री पी चिदंबरम को ये निर्देश दे कि वो इस घटना के बारे में जानकारी दें और उन्हें नोटिस जारी किया जाना चाहिए.
लेकिन अदालत ने फ़िलहाल ऐसा करने से इनकार कर दिया.
MP Police: फेसबुक पर मध्य प्रदेश के सीएम का फर्जी प्रोफाइल, इंदौर का लड़का गिरफ्तार
भोपाल। मध्य प्रदेश के तमाम आईएएस पीसीएस अधिकारी व पुलिस महकमे के लोग रविवार को अपने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फेसबुक पर देख चकित रह गये। हर जगह चर्चा का विषय बन गया, देखते ही देखते प्रोफाइल पर फ्रेंड्स रिक्वेस्ट की बाढ़ आ गई। तभी अचानक पता चला कि वो प्रोफाइल फर्जी है, जिसे एक नाबालिग छात्र ने बनाया है। साइबर क्राइम की टीम की सहायता से एमपी पुलिस ने सोमवार को उस छात्र को धर दबोचा।
अब अगर इस प्रोफाइल की बात करें तो शिवराज सिंह चौहान के नाम से बने इस प्रोफाइल की वॉल पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई नेताओं की आपत्तिजनक तस्वीरें लगायी गईं। यही नहीं मनमोहन सिंह एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भीख मांगते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा एवं फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन को रसोइया और पाकिस्तान के झंडे के बीच तिरंगा की तस्वीरें अपलोड की। मुख्यमंत्री के नाम से साइबर क्राइम का यह पहला मामला सामने आया है।
छात्र नाबालिग है, लिहाजा उसके नाम का खुलासा पुलिस ने नहीं किया है। भोपाल के पुलिस महानिरीक्षक शैलेंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक छात्र की गिरफ्तारी इंदौर में हुई है और उसे सोमवार को ही भोपाल लाया गया है। उससे पूछताछ जारी है।
मुख्यमंत्री की जानकारी में यह मामला लाए जाने के बाद उन्होंने खुद पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर जांच के निर्देश दिए थे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल बनाने के मामले में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है.
मुख्यमंत्री के नाम से बनी इस प्रोफाइल में कई नेताओं के आपत्तिजनक फोटो चस्पा थे.
इस प्रोफाइल की शिकायत मिलने के बाद भोपाल पुलिस जांच में जुट गई और 15 दिनों की जांच के बाद इंदौर से एक युवक को गिरफ्तार कर लिया. नाबालिग होने के कारण पुलिस ने उसका नाम नहीं खोला है.
मुख्यमंत्री की प्रोफाइल इंदौर के मल्हारगंज के एक सायबर कैफे से जनवरी 2011 में बनाई गई थी. चार जुलाई को यह मामला सार्वजनिक होने के बाद भोपाल पुलिस इसकी तफ्तीश में जुटी हुई थी.
आईजी भोपाल शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि जब पुलिस ने फेसबुक के हैदराबाद स्थित ऑफिस से संपर्क किया तो प्राइवेसी का हवाला देते हुए कंपनी वालों ने जानकारी देने से मना कर दिया.
पुलिस ने इसके बाद इंटरपोल से मदद मांगी और फेसबुक के सिंगापुर स्थित मुख्यालय को संपर्क किया. वहां से जानकारी दी गई कि यह प्रोफाइल मल्हारगंज के सायबर कैफे से बनाई गई है.
इस जानकारी के आधार पर शनिवार रात भोपाल पुलिस इंदौर पहुंची और उन्होंने रविवार देर रात सायबर कैफे पर छापा मारकर कार्रवाई की.
अब अगर इस प्रोफाइल की बात करें तो शिवराज सिंह चौहान के नाम से बने इस प्रोफाइल की वॉल पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई नेताओं की आपत्तिजनक तस्वीरें लगायी गईं। यही नहीं मनमोहन सिंह एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भीख मांगते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा एवं फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन को रसोइया और पाकिस्तान के झंडे के बीच तिरंगा की तस्वीरें अपलोड की। मुख्यमंत्री के नाम से साइबर क्राइम का यह पहला मामला सामने आया है।
छात्र नाबालिग है, लिहाजा उसके नाम का खुलासा पुलिस ने नहीं किया है। भोपाल के पुलिस महानिरीक्षक शैलेंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक छात्र की गिरफ्तारी इंदौर में हुई है और उसे सोमवार को ही भोपाल लाया गया है। उससे पूछताछ जारी है।
मुख्यमंत्री की जानकारी में यह मामला लाए जाने के बाद उन्होंने खुद पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर जांच के निर्देश दिए थे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल बनाने के मामले में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है.
मुख्यमंत्री के नाम से बनी इस प्रोफाइल में कई नेताओं के आपत्तिजनक फोटो चस्पा थे.
इस प्रोफाइल की शिकायत मिलने के बाद भोपाल पुलिस जांच में जुट गई और 15 दिनों की जांच के बाद इंदौर से एक युवक को गिरफ्तार कर लिया. नाबालिग होने के कारण पुलिस ने उसका नाम नहीं खोला है.
मुख्यमंत्री की प्रोफाइल इंदौर के मल्हारगंज के एक सायबर कैफे से जनवरी 2011 में बनाई गई थी. चार जुलाई को यह मामला सार्वजनिक होने के बाद भोपाल पुलिस इसकी तफ्तीश में जुटी हुई थी.
आईजी भोपाल शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि जब पुलिस ने फेसबुक के हैदराबाद स्थित ऑफिस से संपर्क किया तो प्राइवेसी का हवाला देते हुए कंपनी वालों ने जानकारी देने से मना कर दिया.
पुलिस ने इसके बाद इंटरपोल से मदद मांगी और फेसबुक के सिंगापुर स्थित मुख्यालय को संपर्क किया. वहां से जानकारी दी गई कि यह प्रोफाइल मल्हारगंज के सायबर कैफे से बनाई गई है.
इस जानकारी के आधार पर शनिवार रात भोपाल पुलिस इंदौर पहुंची और उन्होंने रविवार देर रात सायबर कैफे पर छापा मारकर कार्रवाई की.
Sunday, July 24, 2011
CG Police : हाईटेक होगी पुलिस भर्ती प्रक्रिया
पुलिस भर्ती में होने वाले घोटालों को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय पूरा सिस्टम बदल रहा है। हर उस रास्ते को बंद करने की कोशिश की गई है, जहां पक्षपात की गुंजाइश होती है। मानवीय हस्तक्षेप को कम से कम रखने के लिए बायोमीट्रिक रिकार्ड से लेकर माइक्रोचिप तक सारे संसाधनों का इस्तेमाल किया जाएगा। पुलिस भर्ती के फिजिकल टेस्ट के दौरान पहली बार रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआईडी) का इस्तेमाल होगा।
आमतौर पर ओलिंपिक गेम्स जैसे आयोजन में इसका इस्तेमाल होता है। इसकी शुरुआत अक्टूबर में होने वाली सब इंस्पेक्टर परीक्षा से होगी, जिसमें 400 पद भरे जाने हैं। इसके बाद आरक्षकों के 10 हजार से ज्यादा पदों की भर्ती में भी इसी तरीके का इस्तेमाल होगा।
केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को लिखे पत्र में पुलिस भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने कहा था। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय में प्रशासन विभाग पिछले चार महीने से इसी कवायद में लगा था।
बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान समेत दक्षिण भारत के कुछ राज्यों की पुलिस भर्ती प्रक्रिया का बारीकी से अध्ययन करने के बाद उसकी खासियतों को लिया गया। बिहार में पुलिस आरक्षक भर्ती का आवेदन एक पेज की ओएमआर शीट में लिया जाता है। भर्ती प्रक्रिया में मॉडर्न टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है।
इससे भर्ती के दौरान होने वाली मानवीय भूलों को कम किया जा सकेगा। भर्ती स्थलों से सारे रिकार्ड 10-15 मिनट के अंदर ही पीएचक्यू पहुंच जाएंगे। पूरी भर्ती प्रक्रिया और उसमें इस्तेमाल होने वाले तरीकों की जानकारी छत्तीसगढ़ पुलिस की वेबसाइट पर डाल दी गई है। पूरे सिस्टम को खड़ा करने के लिए पीएचक्यू हफ्तेभर के अंदर टेंडर को फाइनल करने जा रहा है।
देश के कई राज्यों ने अपने यहां की भर्ती में इस तरह के तरीकों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। अक्टूबर में पुलिस सब इंस्पेक्टर की भर्ती में इस सिस्टम को टेस्ट किया जाएगा। बड़ी चुनौती आरक्षकों की भर्ती है, जिसमें 10 हजार रिक्त पदों को भरा जाना है।
सारे आवेदन पत्र, प्रवेश पत्र छत्तीसगढ़ पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे। आईजी प्रशासन पवन देव ने बताया कि भर्ती में मॉडर्न टेक्नीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। ताकि पारदर्शिता बनी रहे। मानवीय हस्तक्षेप को कम से कम रखने की कोशिश है। ताकि मानवीय भूल से बचा जा सके।
ये बदलाव
> भर्ती के सारे आवेदनों की स्कैनिंग कर उसका डेटाबेस तैयार किया जाएगा। हर आवेदक का परीक्षा के पहले बॉयोमीट्रिक रिकार्ड तैयार किया जाएगा, ताकि कोई मुन्नाभाई उसकी जगह एक्जाम ही न दे पाए।
> प्रवेश पत्र इस तरह से डिजाइन किए जा रहे हैं कि जिलों के भर्ती अधिकारी को भी आवेदन के रोलनंबर तक का पता नहीं होगा। उसे पीएचक्यू एक बारकोड देगा, वही आवेदक की पहचान होगी।
> भर्ती का सारा रिकार्ड ऑनलाइन नेटवर्क से सीधे पुलिस मुख्यालय के सेंट्रल सर्वर में पहुंच जाएगा। इसकी सारी जानकारी रीड ओनली होगी, यानि उसमें कोई भी अधिकारी संशोधन नहीं कर पाएगा। इस सर्वर को चालू करने के लिए फिंगर प्रिंट एक्सेस होगी।
> सबसे ज्यादा गड़बड़ी फिजिकल टेस्ट के दौरान होती है। 1500 मीटर लंबी दौड़ समेत दो टेस्ट में आरएफआईडी टेक्नीक इस्तेमाल होगी। इसमें प्रतियोगी द्वारा दौड़ को पूरा करने में लिए गए समय का सटीक कैलकुलेशन होता है।
> भर्ती प्रक्रिया की पूरी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। रिजेक्ट आवेदनों की जानकारी भी वेबसाइट पर होगी।
> आवेदकों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन शुरू की जाएगी।
आमतौर पर ओलिंपिक गेम्स जैसे आयोजन में इसका इस्तेमाल होता है। इसकी शुरुआत अक्टूबर में होने वाली सब इंस्पेक्टर परीक्षा से होगी, जिसमें 400 पद भरे जाने हैं। इसके बाद आरक्षकों के 10 हजार से ज्यादा पदों की भर्ती में भी इसी तरीके का इस्तेमाल होगा।
केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को लिखे पत्र में पुलिस भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने कहा था। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय में प्रशासन विभाग पिछले चार महीने से इसी कवायद में लगा था।
बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान समेत दक्षिण भारत के कुछ राज्यों की पुलिस भर्ती प्रक्रिया का बारीकी से अध्ययन करने के बाद उसकी खासियतों को लिया गया। बिहार में पुलिस आरक्षक भर्ती का आवेदन एक पेज की ओएमआर शीट में लिया जाता है। भर्ती प्रक्रिया में मॉडर्न टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है।
इससे भर्ती के दौरान होने वाली मानवीय भूलों को कम किया जा सकेगा। भर्ती स्थलों से सारे रिकार्ड 10-15 मिनट के अंदर ही पीएचक्यू पहुंच जाएंगे। पूरी भर्ती प्रक्रिया और उसमें इस्तेमाल होने वाले तरीकों की जानकारी छत्तीसगढ़ पुलिस की वेबसाइट पर डाल दी गई है। पूरे सिस्टम को खड़ा करने के लिए पीएचक्यू हफ्तेभर के अंदर टेंडर को फाइनल करने जा रहा है।
देश के कई राज्यों ने अपने यहां की भर्ती में इस तरह के तरीकों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। अक्टूबर में पुलिस सब इंस्पेक्टर की भर्ती में इस सिस्टम को टेस्ट किया जाएगा। बड़ी चुनौती आरक्षकों की भर्ती है, जिसमें 10 हजार रिक्त पदों को भरा जाना है।
सारे आवेदन पत्र, प्रवेश पत्र छत्तीसगढ़ पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे। आईजी प्रशासन पवन देव ने बताया कि भर्ती में मॉडर्न टेक्नीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। ताकि पारदर्शिता बनी रहे। मानवीय हस्तक्षेप को कम से कम रखने की कोशिश है। ताकि मानवीय भूल से बचा जा सके।
ये बदलाव
> भर्ती के सारे आवेदनों की स्कैनिंग कर उसका डेटाबेस तैयार किया जाएगा। हर आवेदक का परीक्षा के पहले बॉयोमीट्रिक रिकार्ड तैयार किया जाएगा, ताकि कोई मुन्नाभाई उसकी जगह एक्जाम ही न दे पाए।
> प्रवेश पत्र इस तरह से डिजाइन किए जा रहे हैं कि जिलों के भर्ती अधिकारी को भी आवेदन के रोलनंबर तक का पता नहीं होगा। उसे पीएचक्यू एक बारकोड देगा, वही आवेदक की पहचान होगी।
> भर्ती का सारा रिकार्ड ऑनलाइन नेटवर्क से सीधे पुलिस मुख्यालय के सेंट्रल सर्वर में पहुंच जाएगा। इसकी सारी जानकारी रीड ओनली होगी, यानि उसमें कोई भी अधिकारी संशोधन नहीं कर पाएगा। इस सर्वर को चालू करने के लिए फिंगर प्रिंट एक्सेस होगी।
> सबसे ज्यादा गड़बड़ी फिजिकल टेस्ट के दौरान होती है। 1500 मीटर लंबी दौड़ समेत दो टेस्ट में आरएफआईडी टेक्नीक इस्तेमाल होगी। इसमें प्रतियोगी द्वारा दौड़ को पूरा करने में लिए गए समय का सटीक कैलकुलेशन होता है।
> भर्ती प्रक्रिया की पूरी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। रिजेक्ट आवेदनों की जानकारी भी वेबसाइट पर होगी।
> आवेदकों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन शुरू की जाएगी।
Subscribe to:
Posts (Atom)