Saturday, August 6, 2011

MP Police: कल जिसके खिलाफ बेटी के अपहरण की रिपोर्ट की थी, आज उसे बना लिया दामाद, लेकिन टीआई साहब के निलंबन का क्या होगा???

इंदौर। सवा महीने पहले अपहृत हुई युवती को कोतवाली पुलिस ने ढूंढ निकाला और आरोपी को भी पकड़ लिया। उन्हें जब थाने लाया गया तो कहानी ही बदल गई। युवती ने खुद के बालिग होने और प्रकरण झूठा होने की बात कही। उधर, युवती को किशोरी बताकर रिपोर्ट कराने वाले माता-पिता भी अब आरोपी को दामाद के रूप में स्वीकारने को तैयार हो गए हैं।

30 जून को सेंट्रल कोतवाली पुलिस ने पूर्व फौजी वी जेसुकुमार की रिपोर्ट पर क्रिस्टोफर पिता आर अंथोनी निवासी विशाखापट्टनम के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज किया था। जेसुकुमार ने पुलिस को बताया था उनकी 17 वर्षीय बेटी जोस्पिन को रेलवे स्टेशन के बाहर से क्रिस्टोफर हाथ पकड़कर जबरन ले गया था।


इस मामले में सेंट्रल कोतवाली थाने के तत्कालीन टीआई अशोक उपाध्याय की शिकायत जेसुकुमार ने डीआईजी पवन श्रीवास्तव से की थी। उन्होंने टीआई पर सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाया था। इस पर डीआईजी ने टीआई को निलंबित कर खुद एफआईआर दर्ज करवाई थी। कोतवाली पुलिस लगातार क्रिस्टोफर की कॉल डिटेल पर नजर रखती रही। वह पहले दिल्ली फिर विशाखापट्टनम गए और हाल में हैदराबाद के पास सिकंदराबाद में रुके थे। उन्हें पकड़कर शुक्रवार को इंदौर लाया गया।

टीआई अतीक अहमद खान ने बताया जोस्पिन ने कहा मैं बालिग हूं और मर्जी से क्रिस्टोफर के साथ गई थी। उनके इंदौर आने के बाद जोस्पिन के पिता के स्वर भी बदल गए, उन्होंने न सिर्फ क्रिस्टोफर को अपना लिया बल्कि यह भी मानने लगे कि वह बालिग है।

जबकि पूर्व में उन्होंने उसे नाबालिग बताया था। पूछताछ में खुलासा हुआ क्रिस्टोफर चायनीज व्यंजन बनाने का काम करता है जबकि जेसुकुमार ढोलक वादन व म्युजिक डायरेक्शन का काम करते हैं। दोनों के परिवार रेलवे स्टेशन पर ठहरे थे। 25 जून को क्रिस्टोफर ने अपने जन्मदिन का कहकर जेसुकुमार के परिवार को युवराज होटल में बुलाया था और वहीं से केक लेने के बहाने वे दोनों भागे थे।

Bihar Police: फील्ड ड्यूटी से हटाये गए 56 अक्षम पुलिस अधिकारी

पटना. बिहार में अपराध नियंत्रण में 'अक्षम' 56 पुलिस अधिकारियों को फील्ड ड्यूटी से हटाकर अपराध अनुसंधान और विशेष शाखा में नियुक्ति की कार्रवाई प्रारम्भ कर दी गई है। राज्य के पुलिस महानिदेशक नीलमणि ने शनिवार को बताया कि इनमें छह पुलिस निरीक्षक तथा 50 पुलिस सहायक निरीक्षक हैं। उन्होंने बताया कि इनमें 50 पुलिस सहायक निरीक्षक बतौर थानेदार किसी न किसी थाने में तैनात थे।

CM ने दिया था अपराध नियंत्रण पर अंकुश लगाने का निर्देश

उल्लेखनीय है कि जुलाई के अंत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 72 घंटे के दौरान दो बार पुलिस महानिदेशक को बुलाकर राज्य में अपराध नियंत्रण पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया था। इसके बाद पुलिस महानिदेशक ने सभी क्षेत्रीय पुलिस उप महानिरीक्षकों को क्षेत्र में पुलिस अधिकारियों के कार्यो का पुनर्मूल्यांकन कर रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को देने का निर्देश दिया था। रिपोर्ट मिलने के बाद उक्त कार्रवाई की गई है।


अब होगा पुलिस उपाधीक्षकों के प्रदर्शन का मूल्यांकन

नीलमणि के मुताबिक हटाये गये अधिकारियों की अपराध अनुसंधान तथा विशेष शाखा में तैनाती की जायेगी तथा इन थानों में नये अधिकारियों को भेजा जाएगा। सूत्रों के अनुसार अगस्त के अंत तक राज्य में पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन होना तय माना जा रहा है।

Mumbai Police : बम-बम-बम बंबई...

मुंबई में आतंकी आते हैं और चले जाते हैं...अंडरवर्ल्ड खुलेआम मर्डर कर सकते हैं... आखिर पुलिस का काम क्या है...

Friday, August 5, 2011

Mumbai Police : 14 घंटे इंतजार करती रही मुंबई पुलिस

मुंबई । देश में खुफिया तंत्र की नाकामी और सूचना मिलने पर उसकी वास्तविकता पता लगाने की क्षमता किस कदर कमजोर है इसका एक उदाहरण देखिए। दरअसल मुंबई पुलिस मछुआरों से मिली सूचना पर लगातार 14 घंटे तक समुद्र की निगरानी करती रही लेकिन उसे कुछ भी हाथ नहीं लगा।


दरअसल मछुआरों ने पुलिस को सूचना की दी कि कुछ विदेशी शिप भारतीय सीमा में बिना इजाजत दखल दे रहे हैं। जिसके बाद मुंबई पुलिस लगातार 14 घंटों तक शिप की तलाशी के लिए इंजतार करती रही। नियमों के अनुसार संदिग्ध सूचना मिलने पर पुलिस को तुरंत ही कोस्ट गार्ड को सूचित करना चाहिए था लेकिन उसने ऎसा नहीं किया। ठीक एक दिन बाद पुलिस ने जब कोस्ट गार्ड को सूचना दी तो पता चला कि वर्सोवा बीच पर एमवी पवित शिप फंसा हुआ है। जिसकी संदिग्ध सवचना मछुआरों ने पुलिस को दी थी।

Rajasthan Police : पुलिस ने समझा दिया अपनी स्टाइल में, पोस्टर चिपकाया तो जाओगे जेल

चित्तौडग़ढ़। नगरपालिका की सम्पत्ति एवं सरकारी सम्पत्ति पर पोस्टर एवं पेम्पलेट चिपकाने तथा अवैध रूप से विज्ञापन लिखने वालों के खिलाफ नगरपालिका ने दो प्रमुख फर्नीचर व्यवसायियों के साथ ही चार जनों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवा इस तरह का कृत्य करने वालों के खिलाफ हड़कम्प सा मचा दिया है।
पालिका आयुक्त दिलीप गुप्ता के अनुसार, नगरपालिका की एवं सरकारी सम्पत्ति पर पोस्टर एवं पेम्पलेट चिपकाने के साथ ही अवैध रूप से विज्ञापन लिखने वालों को जगह-जगह सावचेत करने एवं चेतावनी देने के बावजूद प्रमुख दिवारों पर अवैध रूप से प्रचार कर नगर की सुन्दरता को भी नष्ट किया जा रहा है।


उन्होंने बताया कि इस तरह सरकारी सम्पत्ति पर अवैध रूप से अपनी दुकान आदि का प्रचार करने पर नगर के प्रमुख फर्नीचर व्यवसायी जे.पी. फर्नीचर के प्रो. जय प्रकाश, बालाजी फर्नीचर के गोपाल लाल मून्दड़ा, विद्यार्थी परिषद् के संयोजक अशोक रायका एवं एसटेक के व्यवस्थापक गोपाल लाल शर्मा के खिलाफ पुलिस कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है।
विद्यार्थी परिषद् द्वारा गत दिनों आयोजित एक रैली को लेकर कई स्थानों पर पोस्टर लगाए गए थे। आयुक्त के अनुसार, पालिका एवं सरकारी सम्पत्ति पर किसी भी व्यक्ति द्वारा इस तरह की कार्यवाही की गई तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
इधर उन्होंने बताया कि नगरपालिका के अतिक्रमण निरोधक दस्ते द्वारा बुधवार को नगर के विभिन्न क्षैत्रों में ५८ दुकानों की तलाशी ली जाकर २५ किलो प्लास्टिक कैरी बेग एवं एक कार्टून पाउच का भी जप्त किया गया।

UP Police : दरोगा बाबू की दौड़ में अचेत हुए पुलिसवाले

लखनऊ /सीतापुर ! उत्तर प्रदेश में चल रही पुलिस रैंकर भर्ती के दौरान दौडते समय आज तीन और पुलिसकर्मी बेहोश हो गये जबकि दो अगस्त को बेहोश हुए एक पुलिसकर्मी की लखनऊ के ट्रामा सेंटर में मृत्यु हो गयी 1
राज्य के पुलिस महानिरीक्षक .अपराध. जी.पी. शर्मा ने आज लखनऊ में संवाददाताओं को बताया कि पुलिस लाइन में उपनिरीक्षक रैंकर भर्ती के लिए चयनित अभ्यर्थियों की करायी जा रही दौड के दौरान बेहोश हुए एक पुलिसकर्मी घनश्याम की उपचार के दौरान आज लखनऊ के ट्रामा सेंटर में मृत्यु हो गयी 1 वह लखनऊ के मलिहाबाद थाने की रहीमाबाद चौकी में तैनात था1


उन्होंने बताया कि दो अगस्त को सीतापुर में दौडते समय आठ पुलिसकर्मी बेहोश हो गये थे 1 तीन को गंभीर हालत में लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था जहां उपचार के दौरान अम्बेडकरनगर निवासी घनश्याम की मृत्यु हो गयी 1
सीतापुर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार दौडते समय आज भी तीन पुलिसकर्मी बहोश हो गये 1 तीनों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है 1
गौरतलब है कि राज्य के 18 जिलों में चल रही रैंकर पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती के दौरान अब तक करीब 100 पुलिसकर्मी दौडते समय बेहोश गये थे 1 अब तक चार पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है 1

Rajasthan Police : 125 ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त और निलंबित

आरटीओ ने किया छह माह लिए 125 ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त और निलंबित

जयपुर। लापरवाही और शराब के नशे में वाहन चलाने वालों के लिए यातायात पुलिस अब सख्त हो गई है। अब ऐसे लोगों को यातायात पुलिस पहले तो चालान करेगी। इसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त के लिए आरटीओ को भेजेगी। आरटीओ ऑफिस संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी कर उसका पक्ष सुनेगा। इसके बाद लाइसेंस निलंबित करने की प्रक्रिया अपनाएगा।
यातायात पुलिस ने पिछले तीन माह में ऐसे 125 वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त और निलंबित करने के लिए आरटीओ को पत्र लिखा है। जिसमें ज्यादातर वे वाहन चालक है जो शराब के नशे में या लापरवाही से वाहन चला रहे थे।
आरटीओ डॉ. बी.एल. जाटावत ने बताया कि इन लाइसेंस धारकों को जवाब के लिए नोटिस जारी कर दिए है। इन्हें जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। अगर इस अवधि में जवाब नहीं आया तो निलंबित करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसके बाद निलंबित लाइसेंस की जानकारी सभी आरटीओ ऑफिस में भेजी जाएगी। ताकि इस बीच अन्य ऑफिस में निलंबित लाइसेंस धारक लाइसेंस नहीं बनावा सकें।
डीटीओ राजेंद्र गहलोत ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम1988 की धारा 19 (1)/(एफ) के तहत एक दिन से 6 माह तक के लिए लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है। इस दौरान लाइसेंस धारक से वाहन चलाता समय अगर कोई दुर्घटना हो जाती है तो इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगा