भ्रष्टाचार के खिलाफ और जन लोकपाल बिल को लेकर अन्ना हजारे की मुहिम के समर्थन में प्रदेश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन को सरकार कानून व्यवस्था के लिए फिलहाल किसी भी तरह की परेशानी के तौर पर नहीं देख रही। अलबत्ता, सांसदों के आवासों पर जरूरत पड़ने पर सुरक्षा बंदोबस्त दुरुस्त रखने को पुलिस अलर्ट है।
भ्रष्टाचार के विरोध में नई दिल्ली में अनशनरत अन्ना के समर्थन में राजधानी दून समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में धरना-प्रदर्शन, अनशन, जुलूस और कैंडल मार्च का सिलसिला जारी है।
हर जिले में बड़ी तादाद में लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए आगे आ रहे हैं, लेकिन इससे फिलहाल कानून व्यवस्था पर आंच नहीं आई है। केंद्र सरकार के खिलाफ जनता के आंदोलन को लेकर प्रदेश सरकार फिलहाल स्थिति को पूरी तरह नियंत्रित मान रही है। हालांकि, सुरक्षा में चूक और शांतिपूर्ण आंदोलन में जन भावनाएं आहत न हो, इसका खास ख्याल रखा जा रहा है। गृह मंत्रालय स्थिति पर नजर रखे है। जनांदोलन पटरी से न उतरे, इसे लेकर एहतियात बरती जा रही है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एसके भगत के मुताबिक लोगों का आंदोलन शांतिपूर्ण है। फिर भी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एहतियात बरत रही है।
उधर, अन्ना हजारे के जन लोकपाल बिल के लिए सांसदों पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत उनके आवासों पर प्रदर्शन के आह्वान के मद्देनजर वहां सुरक्षा बंदोबस्त किए जाएंगे। दून में दो सांसदों के आवासों की सुरक्षा को एसएसपी जीएस मर्तोलिया ने पुलिस को अलर्ट किया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ाए जा सकते हैं।
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Friday, August 26, 2011
Maharastra Police: Pune CP: पुणे पुलिस प्रमुख को एनएचआरसी का नोटिस
किसानों की रैली पर गोलीबारी के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुणे के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया है. इस गोलीबारी में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी.
आयोग ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि में शिकायत मिली है, जिसमें आरोप है कि पुणे में पुलिस की गोलीबारी में चार किसानों की मौत हो गई. नौ अगस्त को किसान पाइपलाइन बिछाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, उसी दौरान उनके और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी.
आयोग ने पुणे के पुलिस आयुक्त को जारी नोटिस में चार हफ्ते के भीतर इस मामले पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.
ज्ञात हो कि मंगलवार को पुणे जिले के बाहुरी गांव में प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों पर पुलिस ने गोलीबारी की थी जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी. किसान पावना बांध से पुणे के बाहरी इलाके तक पेयजल की पाइपलाइन बिछान के लिए किए जा रहे भूमि अधिग्रहण के विरोध में राजमार्ग पर प्रदर्शन कर रहे थे. रैली पर गोलीबारी के सिलसिले में गुरुवार को छह पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया गया था.
आयोग ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि में शिकायत मिली है, जिसमें आरोप है कि पुणे में पुलिस की गोलीबारी में चार किसानों की मौत हो गई. नौ अगस्त को किसान पाइपलाइन बिछाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, उसी दौरान उनके और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी.
आयोग ने पुणे के पुलिस आयुक्त को जारी नोटिस में चार हफ्ते के भीतर इस मामले पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.
ज्ञात हो कि मंगलवार को पुणे जिले के बाहुरी गांव में प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों पर पुलिस ने गोलीबारी की थी जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी. किसान पावना बांध से पुणे के बाहरी इलाके तक पेयजल की पाइपलाइन बिछान के लिए किए जा रहे भूमि अधिग्रहण के विरोध में राजमार्ग पर प्रदर्शन कर रहे थे. रैली पर गोलीबारी के सिलसिले में गुरुवार को छह पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया गया था.
CRPF Exam: केंद्रीय पुलिस बल (असिस्टेंट कमांडेंट) परीक्षा
केंद्रीय पुलिस बल (असिस्टेंट कमांडेंट) परीक्षा उन छात्रों के लिए एक उम्मीद की किरण हैं, जो देश सेवा में अपना करियर बनाना चाहते हैं। यह परीक्षा कई स्तरीय होती है, इसलिए यह जानना जरूरी है कि इसमें सफलता के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए।
परीक्षा की तिथि- 09 अक्तूबर, 2011
भारत में कानून व्यवस्था को कायम रखने एवं विद्रोहों को शांत करने के लिए केन्द्रीय पुलिस बल की स्थापना की गई है। इसकी स्थापना और गठन, दोनों ही अखिल भारतीय स्तर पर होता है। इसके अंतर्गत बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी एवं सहायक कमांडेंट को शामिल किया जाता है। अभी हाल ही में केन्द्रीय पुलिस बल ने सहायक कमांडेंट के 497 पदों के लिए रिक्तियां घोषित की थी, जिसकी परीक्षा यूपीएससी द्वारा 09 अक्तूबर 2011 को आयोजित की जाएगी।
चयन चार चरणों में
सहायक कमांडेंट बनने के लिए उम्मीदवार को चार चरण की परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है-
लिखित परीक्षा
फिजिकल स्टैंडर्ड/फिजिकल एफिसिएंसी टेस्ट
मेडिकल स्टैंडर्ड टेस्ट
पर्सनेलिटी टेस्ट/इंटरव्यू
दो पेपरों पर टिका दारोमदार
लिखित परीक्षा दो पेपरों के रूप में होती है। पहला पेपर 250 अंकों का होता है तथा इसमें पूछे जाने वाले प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप के होते हैं। इसके अंतर्गत जनरल एबिलिटी एंड इंटेलीजेंस के प्रश्न आते हैं तथा प्रश्नों का माध्यम हिन्दी व इंग्लिश, दोनों होते हैं। दूसरा पेपर जनरल स्टडी, एस्से व कॉम्प्रिहेंशन का होता है। इसके लिए 200 अंक निर्धारित होते हैं। प्रश्नों का स्वरूप डिस्क्रिप्टिव होता है। एस्से राइटिंग सेक्शन के प्रश्न हिन्दी व इंग्लिश में तथा कॉम्प्रिहेंशन व प्रेसिस राइटिंग का उत्तर इंग्लिश में देना है।
निगेटिव मार्किंग से सावधान
इस परीक्षा में गलत उत्तर दिए जाने पर निगेटिव मार्किंग का प्रावधान है। इसलिए उत्तर देते समय सावधानी बरतें। कहने का तात्पर्य यह है कि जिन प्रश्नों को लेकर आपको भ्रम है, उन्हें छोड़ कर आगे बढ़ जाएं। हो सकता है, जब आप दोबारा उन प्रश्नों को देखें तो उनका उत्तर आपको याद आ जाए।
प्रजेंस ऑफ माइंड से बनेगी बात
जनरल मेंटल एबिलिटी सेक्शन के कुछ प्रश्न लॉजिकल रीजनिंग, क्वांटिटेटिव एप्टीटय़ूड, न्यूमेरिकल एबिलिटी एवं डाटा इंटरप्रिटेशन से पूछे जाते हैं। इसके लिए प्रजेंस ऑफ माइंड की दरकार होती है और यह तभी संभव हो पाता है, जब आप उन प्रश्नों की रेगुलर प्रैक्टिस करें।
करेंट अफेयर्स मजबूत रखें
कुछ प्रश्न जनरल साइंस (साइंटिफिक टेम्पर, आईटी, बायोटेक्नोलॉजी, एनवायरमेंटल साइंस) एवं करेंट अफेयर्स से होते हैं। इसके लिए प्रतिदिन न्यूज पेपर-मैगजीन, रिसर्च रिपोर्ट, खोज, समसामयिक घटनाओं से अवगत होते रहें। जो भी चीज जरूरी लगे, उसे एक जगह नोट करते जाएं। बारहवीं लेवल की साइंस की किताबों भी पढ़ें।
एनसीईआरटी की किताबों का सहारा लें
देश की पॉलिसी, अर्थव्यवस्था, राजनीति, इतिहास, देश व विदेश के भूगोल के प्रश्नों को हल करने के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ें। इस क्रम में स्वतंत्रता संग्राम, भारतीय संविधान, मानव अधिकार, आर्थिक विकास, सुरक्षा व्यवस्था आदि प्रश्नों को गहराई से देख लें। ज्यादातर प्रश्न इन्हीं भागों से पूछे जाते हैं।
एस्से लिखने का अभ्यास करें
दूसरे पेपर के लगभग 80 अंक के सवाल केवल एस्से राइटिंग से आते हैं, इसलिए प्रतिदिन एस्से लिखने का अभ्यास करें। इस संदर्भ में कुछ महत्त्वपूर्ण विषय जैसे आधुनिक भारत का इतिहास, पॉलिसी एवं इकोनॉमी, सिक्योरिटी एवं मानव अधिकार का ज्ञान, स्वतंत्रता संग्राम, भूगोल आदि सुझाए जा सकते हैं। वैसे एस्से के प्रश्न कहीं से भी पूछे जा सकते हैं।
कम्युनिकेशन/लेंग्वेज स्किल्स मजबूत बनाएं
यह सेक्शन पूरी तरह से इंग्लिश में होता है। इसमें उम्मीदवार की लेंग्वेज स्किल्स परखने से लेकर कॉम्प्रिहेंशन, प्रेसिस राइटिंग, काउंटर आर्गुमेंट, ग्रामर आदि से प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें कुल 120 अंक निर्धारित हैं। कॉम्प्रिहेंशन में दिए गए पैसेज पर प्रश्न पूछे जाते हैं। ग्रामर मजबूत होने से कम्युनिकेशन व लेंग्वेज स्किल्स भी मजबूत हो सकती है।
महिलाओं व पुरुषों का फिजिकल टेस्ट
लिखित परीक्षा में सफल होने के पश्चात नंबर आता है फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट या फिजिकल एबिलिटी टेस्ट का। इसके अंतर्गत 100 एवं 800 मीटर की दौड़, लंबी कूद, ऊंची कूद, गोला फेंकना आदि परीक्षण संबंधी कार्य कराए जाते हैं। इनकी समय-सीमा महिलाओं तथा पुरुषों में अलग-अलग होती है। इसके पश्चात उन्हें मेडिकल टेस्ट के लिए भेजा जाता है। रिटन टेस्ट की तैयारी के साथ-साथ उम्मीदवार को बिना प्रवेश पत्र का इंतजार किए फिजिकल टेस्ट की तैयारी भी शुरू कर देनी चाहिए।
इंटरव्यू एवं अंतिम सूची
मेडिकल टेस्ट में सफल होने के पश्चात उम्मीदवार को इंटरव्यू अथवा पर्सनेलिटी टेस्ट के लिए बुलाया जाता है। यह पर्सनेलिटी टेस्ट 200 अंकों का होता है तथा इस दौरान उम्मीदवार से उसकी पर्सनेलिटी, एकेडमिक, हॉबी आदि पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं। बाद में उनकी योग्यता सूची जारी की जाती है, जो कि लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट तथा इंटरव्यू आदि में प्राप्त किए गए अंकों के आधार पर बनाई जाती है। इसी के आधार पर अभ्यर्थी की समस्त भूमिका एवं उनकी उपस्थिति सुनिश्चित की जाती है तथा उन्हें सूचना दी जाती है। परीक्षा के पैटर्न एवं अन्य जानकारी के लिए यूपीएससी की वेबसाइट www.upsc.gov.in पर विजिट करें।
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परीक्षा की तिथि- 09 अक्तूबर, 2011
भारत में कानून व्यवस्था को कायम रखने एवं विद्रोहों को शांत करने के लिए केन्द्रीय पुलिस बल की स्थापना की गई है। इसकी स्थापना और गठन, दोनों ही अखिल भारतीय स्तर पर होता है। इसके अंतर्गत बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी एवं सहायक कमांडेंट को शामिल किया जाता है। अभी हाल ही में केन्द्रीय पुलिस बल ने सहायक कमांडेंट के 497 पदों के लिए रिक्तियां घोषित की थी, जिसकी परीक्षा यूपीएससी द्वारा 09 अक्तूबर 2011 को आयोजित की जाएगी।
चयन चार चरणों में
सहायक कमांडेंट बनने के लिए उम्मीदवार को चार चरण की परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है-
लिखित परीक्षा
फिजिकल स्टैंडर्ड/फिजिकल एफिसिएंसी टेस्ट
मेडिकल स्टैंडर्ड टेस्ट
पर्सनेलिटी टेस्ट/इंटरव्यू
दो पेपरों पर टिका दारोमदार
लिखित परीक्षा दो पेपरों के रूप में होती है। पहला पेपर 250 अंकों का होता है तथा इसमें पूछे जाने वाले प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप के होते हैं। इसके अंतर्गत जनरल एबिलिटी एंड इंटेलीजेंस के प्रश्न आते हैं तथा प्रश्नों का माध्यम हिन्दी व इंग्लिश, दोनों होते हैं। दूसरा पेपर जनरल स्टडी, एस्से व कॉम्प्रिहेंशन का होता है। इसके लिए 200 अंक निर्धारित होते हैं। प्रश्नों का स्वरूप डिस्क्रिप्टिव होता है। एस्से राइटिंग सेक्शन के प्रश्न हिन्दी व इंग्लिश में तथा कॉम्प्रिहेंशन व प्रेसिस राइटिंग का उत्तर इंग्लिश में देना है।
निगेटिव मार्किंग से सावधान
इस परीक्षा में गलत उत्तर दिए जाने पर निगेटिव मार्किंग का प्रावधान है। इसलिए उत्तर देते समय सावधानी बरतें। कहने का तात्पर्य यह है कि जिन प्रश्नों को लेकर आपको भ्रम है, उन्हें छोड़ कर आगे बढ़ जाएं। हो सकता है, जब आप दोबारा उन प्रश्नों को देखें तो उनका उत्तर आपको याद आ जाए।
प्रजेंस ऑफ माइंड से बनेगी बात
जनरल मेंटल एबिलिटी सेक्शन के कुछ प्रश्न लॉजिकल रीजनिंग, क्वांटिटेटिव एप्टीटय़ूड, न्यूमेरिकल एबिलिटी एवं डाटा इंटरप्रिटेशन से पूछे जाते हैं। इसके लिए प्रजेंस ऑफ माइंड की दरकार होती है और यह तभी संभव हो पाता है, जब आप उन प्रश्नों की रेगुलर प्रैक्टिस करें।
करेंट अफेयर्स मजबूत रखें
कुछ प्रश्न जनरल साइंस (साइंटिफिक टेम्पर, आईटी, बायोटेक्नोलॉजी, एनवायरमेंटल साइंस) एवं करेंट अफेयर्स से होते हैं। इसके लिए प्रतिदिन न्यूज पेपर-मैगजीन, रिसर्च रिपोर्ट, खोज, समसामयिक घटनाओं से अवगत होते रहें। जो भी चीज जरूरी लगे, उसे एक जगह नोट करते जाएं। बारहवीं लेवल की साइंस की किताबों भी पढ़ें।
एनसीईआरटी की किताबों का सहारा लें
देश की पॉलिसी, अर्थव्यवस्था, राजनीति, इतिहास, देश व विदेश के भूगोल के प्रश्नों को हल करने के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ें। इस क्रम में स्वतंत्रता संग्राम, भारतीय संविधान, मानव अधिकार, आर्थिक विकास, सुरक्षा व्यवस्था आदि प्रश्नों को गहराई से देख लें। ज्यादातर प्रश्न इन्हीं भागों से पूछे जाते हैं।
एस्से लिखने का अभ्यास करें
दूसरे पेपर के लगभग 80 अंक के सवाल केवल एस्से राइटिंग से आते हैं, इसलिए प्रतिदिन एस्से लिखने का अभ्यास करें। इस संदर्भ में कुछ महत्त्वपूर्ण विषय जैसे आधुनिक भारत का इतिहास, पॉलिसी एवं इकोनॉमी, सिक्योरिटी एवं मानव अधिकार का ज्ञान, स्वतंत्रता संग्राम, भूगोल आदि सुझाए जा सकते हैं। वैसे एस्से के प्रश्न कहीं से भी पूछे जा सकते हैं।
कम्युनिकेशन/लेंग्वेज स्किल्स मजबूत बनाएं
यह सेक्शन पूरी तरह से इंग्लिश में होता है। इसमें उम्मीदवार की लेंग्वेज स्किल्स परखने से लेकर कॉम्प्रिहेंशन, प्रेसिस राइटिंग, काउंटर आर्गुमेंट, ग्रामर आदि से प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें कुल 120 अंक निर्धारित हैं। कॉम्प्रिहेंशन में दिए गए पैसेज पर प्रश्न पूछे जाते हैं। ग्रामर मजबूत होने से कम्युनिकेशन व लेंग्वेज स्किल्स भी मजबूत हो सकती है।
महिलाओं व पुरुषों का फिजिकल टेस्ट
लिखित परीक्षा में सफल होने के पश्चात नंबर आता है फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट या फिजिकल एबिलिटी टेस्ट का। इसके अंतर्गत 100 एवं 800 मीटर की दौड़, लंबी कूद, ऊंची कूद, गोला फेंकना आदि परीक्षण संबंधी कार्य कराए जाते हैं। इनकी समय-सीमा महिलाओं तथा पुरुषों में अलग-अलग होती है। इसके पश्चात उन्हें मेडिकल टेस्ट के लिए भेजा जाता है। रिटन टेस्ट की तैयारी के साथ-साथ उम्मीदवार को बिना प्रवेश पत्र का इंतजार किए फिजिकल टेस्ट की तैयारी भी शुरू कर देनी चाहिए।
इंटरव्यू एवं अंतिम सूची
मेडिकल टेस्ट में सफल होने के पश्चात उम्मीदवार को इंटरव्यू अथवा पर्सनेलिटी टेस्ट के लिए बुलाया जाता है। यह पर्सनेलिटी टेस्ट 200 अंकों का होता है तथा इस दौरान उम्मीदवार से उसकी पर्सनेलिटी, एकेडमिक, हॉबी आदि पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं। बाद में उनकी योग्यता सूची जारी की जाती है, जो कि लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट तथा इंटरव्यू आदि में प्राप्त किए गए अंकों के आधार पर बनाई जाती है। इसी के आधार पर अभ्यर्थी की समस्त भूमिका एवं उनकी उपस्थिति सुनिश्चित की जाती है तथा उन्हें सूचना दी जाती है। परीक्षा के पैटर्न एवं अन्य जानकारी के लिए यूपीएससी की वेबसाइट www.upsc.gov.in पर विजिट करें।
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Gujrat Police: जर-जोरू की फांस में फंसे इंस्पेक्टर साब
अहमदाबाद। हावत है कि 'जर', 'जोरू' और 'जमीन' ये तीनों ही चीजें बहुत खतरनाक होती हैं। इस कहावत को सच साबित करती हुई एक घटना है अहमदाबाद की।... एक पुलिस इंस्पेक्टर (पीआई) को अपनी महिला मित्र की वजह से सरेआम एक गुंडे से मार खानी पड़ गई।
हालांकि पीआई ने कुछ ही देर में मौके पर पुलिस कंट्रोल रूम फोन कर पुलिस की टीम तो बुला ली, पर बदनामी के डर से उन्हें इसकी असलियत नहीं बता सके। पुलिस टीम से उन्होंने सिर्फ यही कहा कि हमारे बीच समझौता हो गया है और टीम वापस लौटा दी। लेकिन ऐसी बातें छिपती कहां हैं...! अब पूरे पुलिस डिपार्टमेंट में यह चर्चा जोरों पर चल रही है। इतना ही नहीं अब इंस्पेक्टर साब सफाई देते फिर रहे हैं।
दरअसल पूरा मामला कुछ इस तरह है...पुलिस इंस्पेक्टर की एक महिला मित्र हैं, जिन्होंने एक व्यक्ति से एक लाख रुपए ब्याज पर ले रखे हैं। लेकिन अब वे ब्याज और मूल रकम देने में पीछे हट रही हैं। जब भी युवक मैडम से पैसे मांगता तो वह इन पुलिस इंस्पेक्टर की धमकी दे दिया करतीं कि आप इनसे अपने पैसे ले लीजिए।
इस बात से तंग आकर आखिरकार उस युवक ने पुलिस इंस्पेक्टर से बात करने की ही ठान ली। इधर पीआई ने भी उसे अपनी वर्दी का रौब दिखा दिया और उसे वस्त्रापुर लेक पर मिलने के लिए बुला लिया। मौके पर इंस्पेक्टर साहब ने उसकी पिटाई भी कर दी।
अब यह बात उस युवक के लिए असह्य हो गई कि एक तो मैंने पैसे उधार दिए और अपने ही पैसों के लिए मैं ही मार खा रहा हूं। तो उसने भी वहीं पर अपने दो शागिर्द बुला लिए और पुलिस इंस्पेक्टर की सरेआम धुलाई कर दी।
इसी बात से घबराकर पीआई ने कंट्रोल रूम फोन करके पुलिस की टीम भी बुला ली। लेकिन इसके बाद उन्हें ध्यान आया कि अगर उन्होंने यह बात सबको बता दी तो उनकी बदनामी होगी। इसलिए पुलिस टीम से उन्होंने सिर्फ यही कहा कि हमारे बीच समझौता हो गया है। इसके बाद इन दोनों ने एक ही अस्पताल में उपचार भी कराया।
हालांकि पीआई ने कुछ ही देर में मौके पर पुलिस कंट्रोल रूम फोन कर पुलिस की टीम तो बुला ली, पर बदनामी के डर से उन्हें इसकी असलियत नहीं बता सके। पुलिस टीम से उन्होंने सिर्फ यही कहा कि हमारे बीच समझौता हो गया है और टीम वापस लौटा दी। लेकिन ऐसी बातें छिपती कहां हैं...! अब पूरे पुलिस डिपार्टमेंट में यह चर्चा जोरों पर चल रही है। इतना ही नहीं अब इंस्पेक्टर साब सफाई देते फिर रहे हैं।
दरअसल पूरा मामला कुछ इस तरह है...पुलिस इंस्पेक्टर की एक महिला मित्र हैं, जिन्होंने एक व्यक्ति से एक लाख रुपए ब्याज पर ले रखे हैं। लेकिन अब वे ब्याज और मूल रकम देने में पीछे हट रही हैं। जब भी युवक मैडम से पैसे मांगता तो वह इन पुलिस इंस्पेक्टर की धमकी दे दिया करतीं कि आप इनसे अपने पैसे ले लीजिए।
इस बात से तंग आकर आखिरकार उस युवक ने पुलिस इंस्पेक्टर से बात करने की ही ठान ली। इधर पीआई ने भी उसे अपनी वर्दी का रौब दिखा दिया और उसे वस्त्रापुर लेक पर मिलने के लिए बुला लिया। मौके पर इंस्पेक्टर साहब ने उसकी पिटाई भी कर दी।
अब यह बात उस युवक के लिए असह्य हो गई कि एक तो मैंने पैसे उधार दिए और अपने ही पैसों के लिए मैं ही मार खा रहा हूं। तो उसने भी वहीं पर अपने दो शागिर्द बुला लिए और पुलिस इंस्पेक्टर की सरेआम धुलाई कर दी।
इसी बात से घबराकर पीआई ने कंट्रोल रूम फोन करके पुलिस की टीम भी बुला ली। लेकिन इसके बाद उन्हें ध्यान आया कि अगर उन्होंने यह बात सबको बता दी तो उनकी बदनामी होगी। इसलिए पुलिस टीम से उन्होंने सिर्फ यही कहा कि हमारे बीच समझौता हो गया है। इसके बाद इन दोनों ने एक ही अस्पताल में उपचार भी कराया।
Punjab Police: थाना सदर में बना जिला पुलिस लाइन
पठानकोट को जिला बने एक माह का समय हो गया है, लेकिन यहां अभी तक जिला शिक्षा अधिकारी सहित अन्य कार्यालय स्थापित तक नहीं हो पाए हैं तथा उनके जल्द ही खुलने की अभी कोई संभावना तक नहीं दिख रही। दूसरी ओर इन सभी में अहम व तीव्र गति से अपना सेटअप स्थापित करने में पुलिस प्रशासन ने तीव्रता दिखाई है तथा अपने-अपने कार्यालयों के लिए जगह चयनित कर ली है।
एसएसपी ने जहां एक ओर एसपी कार्यालय को अपना दफ्तर बनाया है, वहीं दूसरी ओर एसपी ने डीएसपी तथा डीएसपी ने थाना डिवीजन नम्बर-1 कार्यालय में अपनी-अपनी कुर्सियां लगा ली हैं। जिला पुलिस ने अब थाना सदर की ही बिल्डिंग में जिला पठानकोट पुलिस लाइन शुरू कर दी है। पुलिस के अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि किसी भी पुलिस लाइन के लिए भले ही 10 से लेकर 15 एकड़ भूमि की जरूरत होती है, पर फिलहाल मजबूरीवश पुलिस को कुछ मरला भूमि में ही अपना दफ्तर चलाकर समय निकालना होगा।
यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि ये सभी स्थापित किए गए दफ्तर अस्थायी रूप से हैं तथा निकट भविष्य में इन्हें किन्हीं अन्य स्थान पर स्थानांतरित किए जा सकते हैं। थाना सदर के ही कुछ हिस्से की बिल्डिंग में शुरू की गई जिला पठानकोट पुलिस लाइन में जहां एक ओर पुलिस की ओर से कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है, वहीं दूसरी ओर थाना डिवीजन नम्बर-1 में ओएसआई ब्रांच (जिला की अमला फोर्स का रिकार्ड), हेड क्लर्क ब्रांच (अधिकारिक स्तर पर चिट्ठी पत्र) तथा सिक्योरटी ब्रांच (किस-किस स्थान पर सिक्योरटी स्थापित करना है) ब्रांचें खोली गई हैं।
एसएसपी एसके कालिया ने बताया कि थाना सदर के कुछ हिस्से की बिल्डिंग में जिला पुलिस लाइन स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से आगामी भविष्य में इस बिल्डिंग को किसी अन्य स्थान पर भी भूमि खरीद कर शिफ्ट किया जा सकता है। इस मौके पर इस प्रतिनिधि ने जब जिला बनने के बाद थानों के विस्तार संबंधी प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल इस पर योजना तैयार की जा रही है।
एसएसपी ने जहां एक ओर एसपी कार्यालय को अपना दफ्तर बनाया है, वहीं दूसरी ओर एसपी ने डीएसपी तथा डीएसपी ने थाना डिवीजन नम्बर-1 कार्यालय में अपनी-अपनी कुर्सियां लगा ली हैं। जिला पुलिस ने अब थाना सदर की ही बिल्डिंग में जिला पठानकोट पुलिस लाइन शुरू कर दी है। पुलिस के अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि किसी भी पुलिस लाइन के लिए भले ही 10 से लेकर 15 एकड़ भूमि की जरूरत होती है, पर फिलहाल मजबूरीवश पुलिस को कुछ मरला भूमि में ही अपना दफ्तर चलाकर समय निकालना होगा।
यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि ये सभी स्थापित किए गए दफ्तर अस्थायी रूप से हैं तथा निकट भविष्य में इन्हें किन्हीं अन्य स्थान पर स्थानांतरित किए जा सकते हैं। थाना सदर के ही कुछ हिस्से की बिल्डिंग में शुरू की गई जिला पठानकोट पुलिस लाइन में जहां एक ओर पुलिस की ओर से कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है, वहीं दूसरी ओर थाना डिवीजन नम्बर-1 में ओएसआई ब्रांच (जिला की अमला फोर्स का रिकार्ड), हेड क्लर्क ब्रांच (अधिकारिक स्तर पर चिट्ठी पत्र) तथा सिक्योरटी ब्रांच (किस-किस स्थान पर सिक्योरटी स्थापित करना है) ब्रांचें खोली गई हैं।
एसएसपी एसके कालिया ने बताया कि थाना सदर के कुछ हिस्से की बिल्डिंग में जिला पुलिस लाइन स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से आगामी भविष्य में इस बिल्डिंग को किसी अन्य स्थान पर भी भूमि खरीद कर शिफ्ट किया जा सकता है। इस मौके पर इस प्रतिनिधि ने जब जिला बनने के बाद थानों के विस्तार संबंधी प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल इस पर योजना तैयार की जा रही है।
Bihar Police: अभयानंद होंगे बिहार के अगले पुलिस महानिदेशक
पटना।। अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) के पद पर वर्तमान में तैनात वरिष्ठ आईपीएस के अधिकारी अभयानंद बिहार के अगले पुलिस महानिदेशक होंगे।
राज्य के गृह सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि प्रदेश के निवर्तमान पुलिस महानिदेशक नीलमणि के 31 अगस्त को रिटायर होने पर अभयानंद उनका स्थान लेंगे। 1 जनवरी 1955 में जन्मे और 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी अभयानंद वर्तमान में अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) के साथ-साथ अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस तकनीकी सेवा और संचार के अतिरिक्त प्रभार में भी हैं।
अभयानंद को राज्य का पुलिस महानिदेशक बनाए जाने के साथ-साथ राज्य के तीन अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों शफी आलम, ए. के. गुप्ता और आर. सी. सिन्हा की प्रोन्नति पुलिस महानिदेशक रैंक में की गई है।
राज्य के गृह सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि प्रदेश के निवर्तमान पुलिस महानिदेशक नीलमणि के 31 अगस्त को रिटायर होने पर अभयानंद उनका स्थान लेंगे। 1 जनवरी 1955 में जन्मे और 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी अभयानंद वर्तमान में अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) के साथ-साथ अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस तकनीकी सेवा और संचार के अतिरिक्त प्रभार में भी हैं।
अभयानंद को राज्य का पुलिस महानिदेशक बनाए जाने के साथ-साथ राज्य के तीन अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों शफी आलम, ए. के. गुप्ता और आर. सी. सिन्हा की प्रोन्नति पुलिस महानिदेशक रैंक में की गई है।
TN Police: तमिलनाडु पुलिस ने मद्रास उच्च न्यायालय को बताया, सचिन, सायना के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर सकते
मदुरै (तमिलनाडु)। तमिलनाडु पुलिस ने मद्रास उच्च न्यायालय को बताया है कि वह कानूनी रुकावटों के कारण अनुभवी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा के खिलाफ कथित रूप से तिरंगे झंडे का अपमान करने का मामला दर्ज नहीं कर सकती है।
शहर के एक वकील बी स्टालिन ने सचिन, सानिया और कई अन्य लोगों के खिलाफ तिरंगे के अपमान का मामला मदुरै पुलिस के पास दर्ज कराने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसके जवाब में मेलुर पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक के मदासामी ने अदालत में मंगलवार शाम एक शपथपत्र दायर करके कहा, तिरंगे के अपमान का यह कथित मामला भारत के बाहर अंजाम दिया गया था और जिन लोगों के खिलाफ शिकायत की गई है वे तमिलनाडु के निवासी नहीं है इसलिए उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का अधिकार उनके पास नहीं है। मदासामी ने कहा कि याचिकाकर्ता खुद एक वकील हैं और उन्हें इस बारे में जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अदालत में याचिका दायर कर उसका कीमती समय बर्बाद किया है। स्टालिन ने 23 मई को याचिका दायर करके कहा था कि उच्च न्यायालय राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के आरोप में इन सिलेब्रिटीज के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज के लिए पुलिस को निर्देश दे।
स्टालिन ने आरोप लगाया है कि सचिन ने 10 मार्च को जमैका में ऐसा केक काटा था जिस पर कथित रूप से राष्ट्रीय ध्वज बना हुआ था। साथ ही सानिया ने भी 19 मई को एक फोटो शूट के दौरान एक ऐसे गिटार पर पैर रखकर चित्र खिंचवाया था जिसपर तिरंगा बना हुआ था। अभिनेत्री और कमेंटेटर मंदिरा बेदी पर 29 अप्रैल 2007 को तिरंगी झंडे के रंगों वाली साडी पहनने का आरोप है और एक आईसीसी अधिकारी पर इस वर्ष 31 मार्च को राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने इसके चित्र समाचार पत्रों, टीवी और इंटरनेट पर देखे हैं।
शहर के एक वकील बी स्टालिन ने सचिन, सानिया और कई अन्य लोगों के खिलाफ तिरंगे के अपमान का मामला मदुरै पुलिस के पास दर्ज कराने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसके जवाब में मेलुर पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक के मदासामी ने अदालत में मंगलवार शाम एक शपथपत्र दायर करके कहा, तिरंगे के अपमान का यह कथित मामला भारत के बाहर अंजाम दिया गया था और जिन लोगों के खिलाफ शिकायत की गई है वे तमिलनाडु के निवासी नहीं है इसलिए उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का अधिकार उनके पास नहीं है। मदासामी ने कहा कि याचिकाकर्ता खुद एक वकील हैं और उन्हें इस बारे में जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अदालत में याचिका दायर कर उसका कीमती समय बर्बाद किया है। स्टालिन ने 23 मई को याचिका दायर करके कहा था कि उच्च न्यायालय राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के आरोप में इन सिलेब्रिटीज के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज के लिए पुलिस को निर्देश दे।
स्टालिन ने आरोप लगाया है कि सचिन ने 10 मार्च को जमैका में ऐसा केक काटा था जिस पर कथित रूप से राष्ट्रीय ध्वज बना हुआ था। साथ ही सानिया ने भी 19 मई को एक फोटो शूट के दौरान एक ऐसे गिटार पर पैर रखकर चित्र खिंचवाया था जिसपर तिरंगा बना हुआ था। अभिनेत्री और कमेंटेटर मंदिरा बेदी पर 29 अप्रैल 2007 को तिरंगी झंडे के रंगों वाली साडी पहनने का आरोप है और एक आईसीसी अधिकारी पर इस वर्ष 31 मार्च को राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने इसके चित्र समाचार पत्रों, टीवी और इंटरनेट पर देखे हैं।
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