The 2011 World Police & Fire Games and Memorial Inc. is an established 501(c)(3), registered not-for-profit organization. The organization has been given the honor, privilege, and the responsibility to produce these World Police & Fire Games. Consisting of New York City Police Officers and Firefighters, the organization was responsible for preparing, presenting, and winning the bid to host this unprecedented event.
The Games will respectfully coincide with the ten year remembrance of September 11, 2001. The 2011 World Police & Fire Games will be empowered by two themes: Remembrance (we will always remember those who lost their lives on September 11, 2001) and Gratitude (an opportunity for all New Yorkers to thank the world for the support that flooded into New York City after September 11, 2001).
Our Mission:
Provide the best possible sporting venues combined with world class officiating.
Integrate the multi-faceted cultural, entertainment, and historical experiences that New York City has to offer.
Remember those lost, and express gratitude for the support received from around the world.
The World Police & Fire Games are currently the second largest multi-sport event in the world, surpassed only by the Summer Olympics. Our goal is to make these Games the largest, most memorable sporting event the world has ever seen.
पुलिस की खबरें, सिर्फ पुलिस के लिए ...... An International Police Blog for police personnels and their family, their works, their succes, promotion and transfer, work related issues, their emotions,their social and family activities, their issues and all which related to our police personnels.
Saturday, September 3, 2011
Police Games: Star Indian boxer Vijender, a police officer also, strikes gold at World Police Games
Star Indian boxer Vijender Singh struck gold and also bagged the 'Best Boxer' award as Indian pugilists rounded off a reasonably successful campaign with two gold, a similar number of silver and a bronze medal at the World Police and Fire Games in New York.
Vijender (75kg), an Olympic and World Championship bronze medallist, was not the lone boxing gold medallist for India at the Games as Dinesh Kumar (81kg) also finished on top.
"The scale of competition is not that big here but it is always good to do well at an international event. Getting the Best Boxer award was nice. They have given me an LCD TV as prize," Vijender said.
"Hurricane Irene had thrown the Games' schedule haywire but overall we were well taken care of. It was a good experience, it is nice to get this confidence before I head to the World Championships," he said.
The World Championships, scheduled from September 22 in Baku, Azerbaijan, is the first Olympic qualifying event.
Boxers, except those belonging to the heavyweight and super heavyweight category, can make the cut for Olympics by reaching the quarterfinal of the mega-event.
The Indian team, of which both Vijender and Dinesh are a part, will head to France on September 10 for a training trip.
Vijender (75kg), an Olympic and World Championship bronze medallist, was not the lone boxing gold medallist for India at the Games as Dinesh Kumar (81kg) also finished on top.
"The scale of competition is not that big here but it is always good to do well at an international event. Getting the Best Boxer award was nice. They have given me an LCD TV as prize," Vijender said.
"Hurricane Irene had thrown the Games' schedule haywire but overall we were well taken care of. It was a good experience, it is nice to get this confidence before I head to the World Championships," he said.
The World Championships, scheduled from September 22 in Baku, Azerbaijan, is the first Olympic qualifying event.
Boxers, except those belonging to the heavyweight and super heavyweight category, can make the cut for Olympics by reaching the quarterfinal of the mega-event.
The Indian team, of which both Vijender and Dinesh are a part, will head to France on September 10 for a training trip.
HR Police: Gurgoan Traffic Police: हाईटेक हुई गुड़गांव ट्रैफिक पुलिस, वेबसाइट पर होगा आपके चालान का स्टेट्स
साइबर सिटी के वाहन चालकों के लिए अच्छी खबर है। उन्हें कोर्ट में जमा करने वाले चालान का स्टेटस पता करने के लिए ट्रैफिक पुलिस कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। गुड़गांव ट्रैफिक पुलिस की ओर से यह सुविधा ऑनलाइन की जा रही है। लगभग एक हफ्ते के बाद ट्रैफिक पुलिस की वेबसाइट पर यह जानकारी मिलने लगेगी।
गौरतलब है कि ट्रैफिक पुलिस की ओर से ऐसे चालान काफी संख्या में काटे जाते हैं, जिनके लिए वाहन चालकों को ट्रैफिक कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इनमें से 60 फीसदी चालान कोर्ट में ही भरे जाते हैं। सूत्रों के अनुसार गुड़गांव ट्रैफिक पुलिस एक महीने में औसतन 24000 चालान काटती है। एक दिन में लगभग 800 चालान काटे जाते हैं। विदित हो कि चालान काटे जाने के बाद लोगों को उसका स्टेटस यानी उसे किस कोर्ट में भरना है, इसकी जानकारी के लिए ट्रैफिक पुलिस कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसमें लोगों का काफी समय जाया हो जाता है। लगातार मिल रहीं लोगों की शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए गुड़गांव ट्रैफिक पुलिस ने इस प्रक्रिया को आसान बनाने की पहल की है।
शहरवासियों को बार-बार ट्रैफिक ऑफिस के चक्कर लगाने एवं लंबी लाइन से बचाने के लिए कोर्ट में भरे जाने वाले चालान का ब्योरा गुड़गांव पुलिस की वेबसाइट (डब्लूडब्लूडब्लू.गुड़गांव.हरियाणापुलिस.जीओवी.इन) पर अपलोड करने का प्लान तैयार किया है। इसके तहत कोर्ट में भरे जाने वाले चालान का स्टेटस कार्रवाई के एक हफ्ते बाद पुलिस की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएंगे। पुलिस अधिकारी के अनुसार इस प्रक्रिया में लगभग एक हफ्ते का समय लगेगा। इसके बाद लोग घर बैठे यह जानकारी हासिल कर सकेंगे।
ऐसे देख सकते हैं चालान का ब्योरा :
गुड़गांव पुलिस की वेबसाइट डब्लूडब्लूडब्लू.गुड़गांव.हरियाणापुलिस.जीओवी.इन के होम पेज पर
एक अलग से कॉलम होगा। इस कॉलम के अंदर अपने चालान का नंबर या वाहन का पंजीकरण नंबर डालेंगे, फिर चालान संबंधी डिटेल आपके सामने होगा। इसके अलावा चालान किस कोर्ट में भरा जाना है, इसकी भी जानकारी मिल जाएगी।
शिकायत के बाद उठाया गया कदम :
ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, लोगों की यह शिकायत होती थी कि काफी समय खराब करने के बाद एवं लंबी लाइन से जूझने पर यह जानकारी मिलती है कि उनका चालान किस कोर्ट में भरा जाएगा। यदि उन्हें यह जानकारी पहले ही हो जाए तो वह सीधे कोर्ट में जाकर चालान भर अपने कीमती समय को बर्बाद होने से बचा सकेंगे। इन्हीं शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए यह प्लान तैयार किया गया है।
इनमें लगाने पड़ते हैं कोर्ट के चक्कर :
ड्रंक एंड ड्राइव मामले में चालान कोर्ट में ही भरे जाते हैं। ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान काटे जाने के एक माह के भीतर चालान ट्रैफिक कार्यालय में भरना होता है। चालान के रकम भी कोर्ट ही निर्धारित करती है। एक माह तक ट्रैफिक कार्यालय में नहीं भरे जाने पर इसे कोर्ट में ही भरना होता है। इसके अलावा वैसे सभी चालान जिसमें रकम निर्धारित न हो, कोर्ट में ही भरे जाते हैं।
अभी होती है काफी परेशानी :
ट्रैफिक पुलिस कार्यालय में चालान नहीं भरे जाने पर उसे कोर्ट में भेज दिया जाता है। चालान किस कोर्ट में जमा करना है, अभी इसकी जानकारी के लिए लोगों को ट्रैफिक कार्यालय जाना पड़ता है। वहां लंबी लाइन से भी गुजरना पड़ता है। कोर्ट में अधिकतर ड्रंक एंड ड्राइव व अल्कोहल के चालान
भरे जाते हैं।
वर्जन :
पुलिस की वेबसाइट पर कोर्ट संबंधी चालान की जानकारी अपलोड कर देने से लोगों को बेवजह ट्रैफिक ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वेबसाइट पर ही पता चल जाएगा कि उन्हें किस कोर्ट में चालान भरना है। इससे हजारों लोगों को ट्रैफिक कार्यालय के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी।
-भारती अरोड़ा, डीसीपी ट्रैफिक
गौरतलब है कि ट्रैफिक पुलिस की ओर से ऐसे चालान काफी संख्या में काटे जाते हैं, जिनके लिए वाहन चालकों को ट्रैफिक कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इनमें से 60 फीसदी चालान कोर्ट में ही भरे जाते हैं। सूत्रों के अनुसार गुड़गांव ट्रैफिक पुलिस एक महीने में औसतन 24000 चालान काटती है। एक दिन में लगभग 800 चालान काटे जाते हैं। विदित हो कि चालान काटे जाने के बाद लोगों को उसका स्टेटस यानी उसे किस कोर्ट में भरना है, इसकी जानकारी के लिए ट्रैफिक पुलिस कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसमें लोगों का काफी समय जाया हो जाता है। लगातार मिल रहीं लोगों की शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए गुड़गांव ट्रैफिक पुलिस ने इस प्रक्रिया को आसान बनाने की पहल की है।
शहरवासियों को बार-बार ट्रैफिक ऑफिस के चक्कर लगाने एवं लंबी लाइन से बचाने के लिए कोर्ट में भरे जाने वाले चालान का ब्योरा गुड़गांव पुलिस की वेबसाइट (डब्लूडब्लूडब्लू.गुड़गांव.हरियाणापुलिस.जीओवी.इन) पर अपलोड करने का प्लान तैयार किया है। इसके तहत कोर्ट में भरे जाने वाले चालान का स्टेटस कार्रवाई के एक हफ्ते बाद पुलिस की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएंगे। पुलिस अधिकारी के अनुसार इस प्रक्रिया में लगभग एक हफ्ते का समय लगेगा। इसके बाद लोग घर बैठे यह जानकारी हासिल कर सकेंगे।
ऐसे देख सकते हैं चालान का ब्योरा :
गुड़गांव पुलिस की वेबसाइट डब्लूडब्लूडब्लू.गुड़गांव.हरियाणापुलिस.जीओवी.इन के होम पेज पर
एक अलग से कॉलम होगा। इस कॉलम के अंदर अपने चालान का नंबर या वाहन का पंजीकरण नंबर डालेंगे, फिर चालान संबंधी डिटेल आपके सामने होगा। इसके अलावा चालान किस कोर्ट में भरा जाना है, इसकी भी जानकारी मिल जाएगी।
शिकायत के बाद उठाया गया कदम :
ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, लोगों की यह शिकायत होती थी कि काफी समय खराब करने के बाद एवं लंबी लाइन से जूझने पर यह जानकारी मिलती है कि उनका चालान किस कोर्ट में भरा जाएगा। यदि उन्हें यह जानकारी पहले ही हो जाए तो वह सीधे कोर्ट में जाकर चालान भर अपने कीमती समय को बर्बाद होने से बचा सकेंगे। इन्हीं शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए यह प्लान तैयार किया गया है।
इनमें लगाने पड़ते हैं कोर्ट के चक्कर :
ड्रंक एंड ड्राइव मामले में चालान कोर्ट में ही भरे जाते हैं। ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान काटे जाने के एक माह के भीतर चालान ट्रैफिक कार्यालय में भरना होता है। चालान के रकम भी कोर्ट ही निर्धारित करती है। एक माह तक ट्रैफिक कार्यालय में नहीं भरे जाने पर इसे कोर्ट में ही भरना होता है। इसके अलावा वैसे सभी चालान जिसमें रकम निर्धारित न हो, कोर्ट में ही भरे जाते हैं।
अभी होती है काफी परेशानी :
ट्रैफिक पुलिस कार्यालय में चालान नहीं भरे जाने पर उसे कोर्ट में भेज दिया जाता है। चालान किस कोर्ट में जमा करना है, अभी इसकी जानकारी के लिए लोगों को ट्रैफिक कार्यालय जाना पड़ता है। वहां लंबी लाइन से भी गुजरना पड़ता है। कोर्ट में अधिकतर ड्रंक एंड ड्राइव व अल्कोहल के चालान
भरे जाते हैं।
वर्जन :
पुलिस की वेबसाइट पर कोर्ट संबंधी चालान की जानकारी अपलोड कर देने से लोगों को बेवजह ट्रैफिक ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वेबसाइट पर ही पता चल जाएगा कि उन्हें किस कोर्ट में चालान भरना है। इससे हजारों लोगों को ट्रैफिक कार्यालय के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी।
-भारती अरोड़ा, डीसीपी ट्रैफिक
Police Bollywood: मौत के बाद भी अलग नहीं हुआ याहू शम्मी कपूर का कश्मीर प्रेम, झेलम और डल झील में समा गई शम्मी की राख
बीते दौर के प्रख्यात अभिनेता शम्मी कपूर की अस्थियां जम्मू एवं कश्मीर की डल झील में प्रवाहित की गईं।
'कश्मीर की कली' और 'जंगली' जैसी फिल्मों में बॉलीवुड सुंदरियों के साथ कश्मीर की वादियों में शूटिंग कर चुके शम्मी के गीत 'तारीफ करूं क्या उसकी' की शूटिंग इसी डल झील में हुई थी। अब अपनी मौत के बाद वह हमेशा के लिए यहां का हिस्सा बन गए हैं।
शम्मी का गत 14 अगस्त को निधन हो गया था। उनके बेटे आदित्य राज कपूर ने उनकी अस्थियां डल झील में प्रवाहित कीं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक आदित्य राज अपनी बहन कंचन व शबाना आजमी, विनोद खन्ना, आशा पारेख, शर्मिला टेगौर, अमिताभ बच्चन और टीना मुनीम जैसे कलाकारों के साथ कश्मीर पहुंचे थे।
आदित्य राज ने बताया, "हां, हमने डल झील में अस्थियां प्रवाहित की हैं।"
आदित्य राज अन्य कलाकारों के साथ शुक्रवार सुबह यहां से श्रीनगर के लिए रवाना हुए थे।
'कश्मीर की कली' और 'जंगली' जैसी फिल्मों में बॉलीवुड सुंदरियों के साथ कश्मीर की वादियों में शूटिंग कर चुके शम्मी के गीत 'तारीफ करूं क्या उसकी' की शूटिंग इसी डल झील में हुई थी। अब अपनी मौत के बाद वह हमेशा के लिए यहां का हिस्सा बन गए हैं।
शम्मी का गत 14 अगस्त को निधन हो गया था। उनके बेटे आदित्य राज कपूर ने उनकी अस्थियां डल झील में प्रवाहित कीं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक आदित्य राज अपनी बहन कंचन व शबाना आजमी, विनोद खन्ना, आशा पारेख, शर्मिला टेगौर, अमिताभ बच्चन और टीना मुनीम जैसे कलाकारों के साथ कश्मीर पहुंचे थे।
आदित्य राज ने बताया, "हां, हमने डल झील में अस्थियां प्रवाहित की हैं।"
आदित्य राज अन्य कलाकारों के साथ शुक्रवार सुबह यहां से श्रीनगर के लिए रवाना हुए थे।
Maharastra Police:Anna Hazare: अन्ना की सुरक्षा के लिए 22 पुलिस कर्मी तैनात, अन्ना का आग्रह सादी वर्दी में रहे पुलिसकर्मी
अहमदनगर। समाज सेवी अन्ना हज़ारे भले ही खुद को आज भी आम नागरिक मानते हैं, लेकिन अहमदनगर की पुलिस उन्हें वीवीआईपी सिक्योरिटी देने की पूरी तैयारी कर चुकी है। स्थानीय प्रशासन की ओर से ये तय किया किया गया है कि अन्ना की सुरक्षा के लिए उनके साथ 22 पुलिस कर्मी हमेशा तैनात रहेंगे। शुक्रवार को इस बाबत अन्ना के साये की तरह अन्ना के साथ कुछ पुलिस वाले भी दिखे।
अहमदनगर के एसपी कृष्ण प्रकाश ने अन्ना को जेड कैटिगरी की सुरक्षा देने की पुष्टि करते हुए कहा, 'जनलोकपाल कानून के लिए सफलतापूर्वक आंदोलन चलाने के बाद अन्ना हजारे पूरे देश में मशहूर हो गए हैं। इसलिए उनकी सुरक्षा जरूरी हो गई है। अन्ना पहले सुरक्षा कवर के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन हम इसमें लापरवाही नहीं बरत सकते हैं। उन्होंने हमारी पेशकश अब स्वीकार कर ली है।'
हालांकि अन्ना अपने साथ वर्दी में मौजूद पुलिसकर्मियों के लिए तैयार नहीं थे। इसके लिए स्थानीय पुलिस से आग्रह किया कि उनके आस पास मौजूद पुलिस कर्मी सादी वर्दी में रहें। अन्ना के आग्रह को मान लिया गया है। इससे पहले शुक्रवार को ही अन्ना के आस पास सादी वर्दी में पुलिस मौजूद थी।
अन्ना को पहली बार सरकार की ओर से सुरक्षा मुहैया कराया जा रहा है ऐसा नहीं है। इससे पहले 2007 में भी अन्ना को सरकार की ओर से सुरक्षा दी गई थी लेकिन बाद में अन्ना के आग्रह पर उसे वापस ले लिया गया था।
सशक्त लोकपाल बनाने की मुहीम में जुटे अन्ना हज़ारे दिल्ली में 12 दिनों के अनशन के बाद गुरुवार को ही अपने गांव रालेगण सिद्धि लौटे हैं।
अहमदनगर के एसपी कृष्ण प्रकाश ने अन्ना को जेड कैटिगरी की सुरक्षा देने की पुष्टि करते हुए कहा, 'जनलोकपाल कानून के लिए सफलतापूर्वक आंदोलन चलाने के बाद अन्ना हजारे पूरे देश में मशहूर हो गए हैं। इसलिए उनकी सुरक्षा जरूरी हो गई है। अन्ना पहले सुरक्षा कवर के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन हम इसमें लापरवाही नहीं बरत सकते हैं। उन्होंने हमारी पेशकश अब स्वीकार कर ली है।'
हालांकि अन्ना अपने साथ वर्दी में मौजूद पुलिसकर्मियों के लिए तैयार नहीं थे। इसके लिए स्थानीय पुलिस से आग्रह किया कि उनके आस पास मौजूद पुलिस कर्मी सादी वर्दी में रहें। अन्ना के आग्रह को मान लिया गया है। इससे पहले शुक्रवार को ही अन्ना के आस पास सादी वर्दी में पुलिस मौजूद थी।
अन्ना को पहली बार सरकार की ओर से सुरक्षा मुहैया कराया जा रहा है ऐसा नहीं है। इससे पहले 2007 में भी अन्ना को सरकार की ओर से सुरक्षा दी गई थी लेकिन बाद में अन्ना के आग्रह पर उसे वापस ले लिया गया था।
सशक्त लोकपाल बनाने की मुहीम में जुटे अन्ना हज़ारे दिल्ली में 12 दिनों के अनशन के बाद गुरुवार को ही अपने गांव रालेगण सिद्धि लौटे हैं।
Delhi Police: Anna Hazare: पूर्व आईपीएस किरण उर्फ क्रेन बेदी का एलान, विशेषाधिकार हनन के नोटिस का देंगी अपने तरीके से जवाब
नई दिल्ली. अन्ना हजारे की सहयोगी किरण बेदी ने संसद के विशेषाधिकार हनन नोटिस का जवाब देने की तैयारी कर ली है। बेदी ने नोटिस मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मैंने विशेषाधिकार नोटिस का जवाब देने की तैयारी कर ली है। इस नोटिस के जवाब में मैं उन मुसीबतों का ब्यौरा दूंगी जिसे देश की जनता आज झेल रही है। मैं लोगों की ओर से मिल रहे समर्थन के लिए उनका शुक्रिया अदा करती हूं।’
बेदी ने अन्ना के अनशन के दौरान रामलीला मैदान के मंच से देश के नेताओं को भला बुरा कहा था। बेदी ने सिर पर चुन्नी रख नेताओं की नकल उतारते हुए उनकी खिल्ली उड़ाई थी। किरण बेदी का कहना है, ‘मैंने मंच से अंजाम की परवाह किए बिना बोला था। यदि यह अपराध है तो ऐसा अपराध हमेशा होते रहना चाहिए। मैं माफी नहीं मांगूंगी, सजा का सामना करने के लिए तैयार हूं।’
संसद के दोनों सदनों के सदस्यों ने नेताओं के खिलाफ की गई टिप्पणियों के लिए किरण बेदी के साथ-साथ अभिनेता ओम पुरी के खिलाफ विशेषाधिकार का नोटिस दिया था।
बेदी ने शुक्रवार को कहा था कि वे अपने बयानों पर खेद नहीं जताएंगी। उन्होंने कहा, ‘यदि संसदीय समिति मुझे बुलाती है तो मैं सांसदों को बड़ा आईना दिखाऊंगी।’
किरण बेदी ने रामलीला मैदान में अपने सिर पर कपड़ा रखकर सांसदों की नकल उतारते हुए कहा था कि वे आगे देखते हैं, पीछे देखते हैं, ऊपर देखते हैं, नीचे देखते हैं। उनकी इस हरकत के कुछ देर बाद ही मंच पर ओम पुरी आए थे और उन्होंने कथित रूप से सांसदों को नालायक, अनपढ़-गंवार कहा था। पुरी ने कहा कि नेताओं को ‘नालायक’ और ‘गंवार’ कहने पर उन्हें अफसोस है। वह बोले, 'उस वक्त मैं काफी भावुक हो गया था। मुझे इस बात का खेद है कि मैंने कुछ अपशब्द कहे, जिससे कुछ लोगों की भावनाओं को चोट पहुंची। माफी मांग लेने के बावजूद ओम पुरी के खिलाफ कई सांसदों ने सोमवार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया।
बेदी ने अन्ना के अनशन के दौरान रामलीला मैदान के मंच से देश के नेताओं को भला बुरा कहा था। बेदी ने सिर पर चुन्नी रख नेताओं की नकल उतारते हुए उनकी खिल्ली उड़ाई थी। किरण बेदी का कहना है, ‘मैंने मंच से अंजाम की परवाह किए बिना बोला था। यदि यह अपराध है तो ऐसा अपराध हमेशा होते रहना चाहिए। मैं माफी नहीं मांगूंगी, सजा का सामना करने के लिए तैयार हूं।’
संसद के दोनों सदनों के सदस्यों ने नेताओं के खिलाफ की गई टिप्पणियों के लिए किरण बेदी के साथ-साथ अभिनेता ओम पुरी के खिलाफ विशेषाधिकार का नोटिस दिया था।
बेदी ने शुक्रवार को कहा था कि वे अपने बयानों पर खेद नहीं जताएंगी। उन्होंने कहा, ‘यदि संसदीय समिति मुझे बुलाती है तो मैं सांसदों को बड़ा आईना दिखाऊंगी।’
किरण बेदी ने रामलीला मैदान में अपने सिर पर कपड़ा रखकर सांसदों की नकल उतारते हुए कहा था कि वे आगे देखते हैं, पीछे देखते हैं, ऊपर देखते हैं, नीचे देखते हैं। उनकी इस हरकत के कुछ देर बाद ही मंच पर ओम पुरी आए थे और उन्होंने कथित रूप से सांसदों को नालायक, अनपढ़-गंवार कहा था। पुरी ने कहा कि नेताओं को ‘नालायक’ और ‘गंवार’ कहने पर उन्हें अफसोस है। वह बोले, 'उस वक्त मैं काफी भावुक हो गया था। मुझे इस बात का खेद है कि मैंने कुछ अपशब्द कहे, जिससे कुछ लोगों की भावनाओं को चोट पहुंची। माफी मांग लेने के बावजूद ओम पुरी के खिलाफ कई सांसदों ने सोमवार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया।
MP Police: Bhopal: मारी गई सोशल वर्कर शेहला से 'करीबी' पर भाजपा सांसद तरुण विजय से होगी पूछताछ
भोपाल. आरटीआई कार्यकर्ता शेहला मसूद की हत्या मामले में भाजपा सांसद तरुण विजय की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भोपाल पुलिस तरुण विजय से पूछताछ के लिए टीम भेज सकती है और उनसे इस बारे में सफाई मांगी जा सकती है कि भाजपा सांसद मसूद से फोन पर इतनी बातें क्यों करते थे। खुफिया विभाग के आला अधिकारियों के मुताबिक तरुण विजय और शेहला मसूद के नजदीकी रिश्ते थे।
इस हत्याकांड से अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दफ्तर का नाम भी जुड़ रहा है। बताया जा रहा है कि शेहला ने एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में आरोप लगाया था कि उन्हें मुख्यमंत्री के स्टाफ की ओर से धमकी मिली थी। एक टीवी चैनल ने इस बारे में शिवराज से पूछा तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
स्थानीय पुलिस और एसटीएफ के जांच अधिकारियों को शेहला और तरुण के बीच पिछले कुछ महीने के दौरान फोन पर काफी बातचीत के सुराग हाथ लगे हैं। इनमें 16 अगस्त को दोनों के बीच हुई बातचीत भी शामिल है, जिस दिन शेहला की हत्या हुई थी।
तरुण विजय और शेहला मसूद के बीच 'आर्थिक लेनदेन' को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। मसूद की कंपनी 'मिरेकल्स' ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया था। राज्यसभा सदस्य और आरएसएस के मुखपत्र 'पांचजन्य' के पूर्व संपादक तरुण विजय इस एनजीओ के प्रमुख हैं। कहा जा रहा है कि विजय ने शेहला को ही इस एनजीओ से जोड़ा था। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2010 में विजय के इस एनजीओ को 25 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी थी। इसके बाद विजय देशभर में डॉ. मुखर्जी पर कार्यक्रमों का आयोजन कराने के लिए मसूद के संपर्क में आए।
भोपाल रेंज के आईजी विजय यादव ने कहा, ‘विजय इस मामले में अभी तक संदिग्ध नहीं हैं। लेकिन हम निश्चित तौर पर उनसे कुछ सफाई मांगेंगे। जरूरत पड़ी तो पुलिस की टीम दिल्ली जाकर उनसे पूछताछ करेगी।’
इस हत्याकांड से अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दफ्तर का नाम भी जुड़ रहा है। बताया जा रहा है कि शेहला ने एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में आरोप लगाया था कि उन्हें मुख्यमंत्री के स्टाफ की ओर से धमकी मिली थी। एक टीवी चैनल ने इस बारे में शिवराज से पूछा तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
स्थानीय पुलिस और एसटीएफ के जांच अधिकारियों को शेहला और तरुण के बीच पिछले कुछ महीने के दौरान फोन पर काफी बातचीत के सुराग हाथ लगे हैं। इनमें 16 अगस्त को दोनों के बीच हुई बातचीत भी शामिल है, जिस दिन शेहला की हत्या हुई थी।
तरुण विजय और शेहला मसूद के बीच 'आर्थिक लेनदेन' को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। मसूद की कंपनी 'मिरेकल्स' ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया था। राज्यसभा सदस्य और आरएसएस के मुखपत्र 'पांचजन्य' के पूर्व संपादक तरुण विजय इस एनजीओ के प्रमुख हैं। कहा जा रहा है कि विजय ने शेहला को ही इस एनजीओ से जोड़ा था। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2010 में विजय के इस एनजीओ को 25 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी थी। इसके बाद विजय देशभर में डॉ. मुखर्जी पर कार्यक्रमों का आयोजन कराने के लिए मसूद के संपर्क में आए।
भोपाल रेंज के आईजी विजय यादव ने कहा, ‘विजय इस मामले में अभी तक संदिग्ध नहीं हैं। लेकिन हम निश्चित तौर पर उनसे कुछ सफाई मांगेंगे। जरूरत पड़ी तो पुलिस की टीम दिल्ली जाकर उनसे पूछताछ करेगी।’
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