Wednesday, January 18, 2012

WB Police: Kolkata: बागमुंडी में पुलिस बैरक का उदघाटन, केंद्रीय बलों के साथ-साथ राज्य पुलिस की संख्या बढ़ायी

आद्रा : पुरुलिया जिले के जंगल महल व माओवादी प्रभावित थाना बागमुंडी में शनिवार को पुलिस बैरक का उद्घाटन किया गया. इसका उद्घाटन आइजी पश्चिमांचल गंगेश्वर सिंह ने किया. इस दौरान जिला पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार चौधरी सहित जिला के आला पुलिस अधिकारी उपस्थित थे.
जिला पुलिस अधीक्षक ने कहा कि माओवादी प्रभावित थानों में केंद्रीय बलों के साथ-साथ राज्य पुलिस की संख्या बढ़ायी जा रही है. इसी क्रम में बागमुंडी थाना परिसर में 50 बेड वाली बैरक का निर्माण किया गया है.

Police Awards: Tripura Police: Agartala: त्रिपुरा पुलिस को मिलेगा राष्ट्रपति ध्वज, तीन दशक से जारी उग्रवाद से निबटने में कामयाबी के लिए मिलेगा अनोखा सम्मान...

अगरतला : उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी मानवाधिकार का सम्मान करने और त्रिपुरा में तीन दशक से जारी उग्रवाद से निबटने में काययाबी के लिए राज्य पुलिस को ‘‘ राष्ट्रपति ध्वज ’’ प्रदान करेंगे.
डीआईजी पुलिस नियंत्रण नेपाल दास ने बताया कि अंसारी गुरूवार को आयोजित विशेष समारोह में त्रिपुरा पुलिस को पदक प्रदान करेंगे. राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने इस सम्मान के लिए अप्रैल महीने में मंजूरी दी थी. त्रिपुरा देश का चौथा प्रदेश है जिसे यह सम्मान मिल रहा है. इसके पहले जम्मू कश्मीर, पंजाब और तमिलनाडु को यह सम्मान मिल चुका है. उपराष्ट्रपति कल यहां पहुंचेंगे और 12 जनवरी को त्रिपुरा सेटल यूनिवर्सिटी के नौवें दीक्षांत समारोह में भी भाग लेंगे. इस समारोह में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को डी लिट की मानद उपाधि प्रदान की जाएगी.

Sunday, January 15, 2012

MP Police: Bhopal: एमपी पुलिस को मिला देश का बेस्ट साइबर कॉप आफ इंडिया का अवार्ड, राज्य साइबर पुलिस के उपकरणों से सुसज्जित भवन भी बनकर होगा तैयार..

भोपाल। मध्य प्रदेश की साइबर पुलिस ने वर्ष 2011-12 में 23 मामलों में 32 लोगों को गिरफ्तार किया है। गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार इस वर्ष 63 मामलों में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की गई। प्रदेश में बढ़ते हुए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण एवं विवेचना के लिए भोपाल में साइबर पुलिस का गठन किया गया है, जिसका कार्य-क्षेत्र संपूर्ण मध्य प्रदेश है। राज्य साइबर पुलिस में विभिन्न जिलों की सूचना प्रौद्योगिकी आधारित शिकायतों को पंजीबद्ध कर उनकी जांच की जाती है। राज्य सायबर पुलिस को वर्ष 2011-12 में कुल 1326 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इनमें से 63 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई। वर्ष 2011 में चर्चित रहे कोटक महिंद्रा बैंक फ्रांड प्रकरण में 17 लाख रुपए की धोखाधड़ी में शामिल 3 आरोपियों को 72 घंटों में गिरफ्तार कर पूरी राशि बरामद कर ली गई। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2011 में राज्य सायबर पुलिस को सूचना प्रौद्योगिकी आधारित अपराधों की प्रभावी विवेचना करने पर देश का बेस्ट साइबर काप आफ इंडिया का अवार्ड दिया गया। राज्य साइबर पुलिस द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी आधारित अपराधों से जन-सामान्य को जागरूक करने व अपनी समस्याएं सीधे पुलिस तक पहुंचाने के लिए वेबपोर्टल की शुरुआत की जा रही है। इससे निकट भविष्य में जन-सामान्य सीधे अपनी शिकायतें दर्ज करवाने के साथ ही जरूरी सूचनाएं भी पुलिस को दे सकेंगे। साइबर पुलिस द्वारा प्रदेश में विभिन्न जिलों के थानों में दर्ज प्रकरणों में जिला पुलिस बल को सहायता देने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। राज्य साइबर पुलिस के उपकरणों से सुसज्जित भवन का निर्माण भी पूर्णता की ओर है।

Police Policy: MP Police: Bhopal: ‘खाकी’ की छवि सुधारने के लिये मध्यप्रदेश पुलिस ने मुंबई के टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस) के साथ किया समझौता, चुनौतियों और दबावों से घिरे पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे..

तमाम चुनौतियों और दबावों से घिरे पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करते हुए ‘खाकी’ की आम छवि सुधारने के लिये मध्यप्रदेश पुलिस ने टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस) के साथ एक समझौते (एमओयू) पर दस्तखत किये. इस मौके पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एसके राउत और टीआईएसएस की सहायक प्रोफेसर शमीम खान मौजूद थीं. दोनों पक्षों के एमओयू पर दस्तखत करने की रस्म से पहले एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राउत ने कहा, ‘पुलिस उतनी बुरी नहीं है, जितनी बुरी वह आम चश्मे से दिखायी देती है. लेकिन यह सच है कि कुछ क्षेत्रों में पुलिस को सुधार की जरूरत है.’ शमीम ने एमओयू के बारे में जानकारी दी और बताया कि टीआईएसएस प्रदेश के पुलिस कर्मियों को मानव अधिकार, बाल अधिकार और घरेलू हिंसा समेत अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षित करेगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश के पुलिस कर्मियों को इस महत्वपूर्ण पहलू पर भी प्रशिक्षण दिया जायेगा कि आम जनता के साथ उनका बर्ताव कैसा होना चाहिये.

HR Police: मातनहेल में बनेगा हरियाणा पुलिस कॉलेज, सीएम ने किया एलान..

मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को मातनहेल दौरे के दौरान घोषणा करते हुए कहा कि मातनहेल में सरकार की ओर से पुलिस कॉलेज की स्थापना की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस कालेज में पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण व स्किल डेवलेपमेंट किया जाएगा, ताकि वे बदलते दौर में परिपक्व बने रहे। ग्रामीण जनसभा में मुख्यमंत्री श्री हुड्डा ने कहा कि इनेलो सरकार के कार्यकाल में मातनहेल क्षेत्र में मिल्ट्री स्कूल का शिलान्यास पत्थर रख क्षेत्र के लोगों के साथ छलावा किया गया था, जबकि वास्तविक स्थिति शून्य थी। उन्होंने कहा कि क्षेत्रवासियों के मान-सम्मान के लिए मौजूदा सरकार ने पुलिस कॉलेज खोलने का फैसला लिया है।

Punjab Police: Amritsar: विधानसभा चुनाव से परेशान पुलिसकर्मी, रोज हो रही है नए आदेशों की बारिश...

विधानसभा चुनाव की तैयारियों में पुलिस पूरी तरह से जुटी है। रविवार को छुट्टी और बरसात होने के बावजूद पुलिस कमिश्नर आरपी मित्तल और अन्य पुलिस अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठे और चुनाव संबंधी कामकाज किया। इसके अलावा देर रात तक पुलिस कमिश्नर अपनी रिहायश जीओ मेस में भी पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करते रहे। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रोजाना ही चंडीगढ़ से पुलिस को नए-नए आदेश जारी हो रहे हैं। इन आदेशों का पालन करवाने के लिए पुलिस कमिश्नर आरपी मित्तल अपने अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। पुलिस अधिकारियों और पुलिस कर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद पुलिस विभाग के सभी कार्यालय खुले और चुनावी कामकाज हुआ। चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए नए आदेशों को एडीजीपी चुनाव ने पुलिस कमिश्नर को भेजा। इस आदेश में कहा गया है कि जिले की पूरी पुलिस फोर्स को चुनावी ड्यूटी में लगाया जाए। विभिन्न कोर्सो पर गए सभी पुलिस कर्मियों को चुनावी ड्यूटी के लिए वापस बुला लिया जाए। बिना गृह विभाग की मंजूरी के पुलिस अधिकारियों और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ लगाए गए पुलिस कर्मियों को वापस बुला लिया जाए। चुनावों में गड़बड़ी फैलाने की आशंका को लेकर हिस्ट्रीशीटरों की सूची तैयार करके उनकी गिरफ्तारी की जाए। गिरफ्तार किए गए हिस्ट्रीशीटरों की सूचना रोजाना चंडीगढ़, पंजाब सूचना अधिकारी और पुलिस कमिश्नर कार्यालय को दी जाए। रविवार को जिस तरह से महानगर में बरसात हुई, ऐसी ही बरसात अगर चुनाव के दिन में हुई तो पुलिस, अ‌र्द्धसैनिक बलों और चुनावी अमले को परेशानी हो सकती है, इसलिए जिला पुलिस को आदेश दिया गया है कि जो भी गाड़ियां पुलिस विभाग द्वारा पंजाब पुलिस के कमांडो, रिजर्व पुलिस बल और अ‌र्द्धसैनिक बलों को मुहैया की गई हैं, मौसम की खराबी के चलते उन पर तिरपाल आदि का भी प्रबंध जिला पुलिस ही करे। चुनावी ड्यूटी के लिए मंगवाई गई दूसरे शहरों, पीएपी, आईआरबी, कमांडो और अ‌र्द्धसैनिक बलों को किसी भी अधिकारी के साथ गनमैन के तौर पर न लगाया जाए। पुलिस कमिश्नर आरपी मित्तल का कहना है कि वह चुनाव आयोग और पंजाब पुलिस हेडक्वार्टर से जारी होने वाले चुनाव संबंधी आदेशों को लगातार अपने अधिकारियों और पुलिस कर्मचारियों को अवगत करवा रहे हैं। चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न करवाने के लिए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक का दौर जारी है।

Police Policy: पंजाब पुलिस महानिदेशक का कहना है - जरूरत पुलिस का चेहरा बदलने की है।...

निश्चित रूप से पुलिस के प्रशिक्षण के तौर-तरीकों तथा उसके पाठ्यक्रम को आधुनिक और समय की मांग के अनुरूप बनाए जाने की आवश्यकता है। पुलिस महानिदेशक ने गत दिवस इसी बात पर बल देते हुए कहा है कि पुलिस को वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने पुलिस प्रशिक्षण सलाहकार कौंसिल की बैठक को संबोधित करते हुए चर्चित आपराधिक मामलों को प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात भी कही। इसमें संदेह नहीं कि भारतीय विशेष रूप से पंजाब की पुलिस की जांच-पड़ताल का तरीका आज भी सदियों पुराना है जबकि अपराधी अपराध के रोज नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। यही कारण है कि अपराधों में पुलिस की स्थिति डाल-डाल और अपराधियों की स्थिति पात-पात वाली है। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पुलिस के पास संख्या बल कम है और ऐसा संभव भी नहीं है कि हर व्यक्ति की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षाकर्मी तैनात किया जाए। ऐसी स्थिति में आवश्यकता इस बात की है कि अपराध रोकने में जनता पुलिस की मदद करे। यदि आम नागरिक पुलिस की सहायता करने लगे तो कदाचित पुलिस की आधी समस्या का समाधान स्वत: ही हो जाए, किंतु दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि आम आदमी पुलिस के पास जाने से भी कतराता है। इसका कारण है पुलिस का वह चेहरा जो जाने-अनजाने में बन गया है, अथवा यह कहा जाए कि अंग्रेजों द्वारा बनाया गया है। पुलिस आज भी अंग्रेजों के बनाए उसी चेहरे में दिखाई देती है क्योंकि उसने न तो अपने काम का तरीका बदला है और न ही अपना चरित्र। जरूरत पुलिस का चेहरा बदलने की है। यह दुखद है कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को यह बात दिखाई नहीं देती है। पुलिस का प्रशिक्षण ऐसा होना चाहिए जिससे उसका चरित्र अधिक मानवीय हो सके। वर्तमान में लोग पुलिस को अपना मित्र नहीं समझते हैं अत: उस पर विश्वास भी नहीं करते हैं। आवश्यकता इस बात की है कि लोग पुलिस पर विश्वास करें और उसके काम में मदद करना अपना दायित्व नहीं अपितु अधिकार मानें। प्रशिक्षण में भौतिक से अधिक मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए तभी प्रशिक्षण पूरा होगा और अपराध मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकेगा।