Sunday, March 18, 2012

UT Police: Chandigarh Police: women Policing: चंडीगढ़ पुलिस का ऑल महिला पीसीआर का फंडा हुआ फेल, नहीं मिल रही महिला वाहन चालक..

महिलाओं की फरियाद सुनवाई के लिए पुलिस विभाग द्वारा शुरू की जाने वाली महिला पीसीआर पुलिस योजना दम तोड़ चुकी है। इसके तहत पीसीआर की एक गाड़ी में चालक से लेकर इंचार्ज तक महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाना था। महिलाओं की फरियाद सुनने के लिए विभागीय अधिकारियों ने महिला पीसीआर पुलिस बनाने का फैसला लिया था। एक अलग सोच के साथ विभाग ने योजना का ऐलान तो कर दिया, लेकिन उस समय मुसीबत खड़ी हो गई जब ढूंढने पर भी विभाग को कोई महिला चालक पुलिसकर्मी नहीं मिली। यूटी पुलिस फोर्स में एक भी महिला पुलिसकर्मी गाड़ी चलाने को तैयार नहीं है जिस कारण महिलाओं को राहत देने के लिए शुरू की जाने वाली इस योजना ने फाइलों में ही दम तोड़ दिया।
पीसीआर यूनिट ने योजना को वास्तविक रूप देने के लिए यूटी पुलिस की तमाम महिला पुलिसकर्मियों से योजना को कारगर साबित करने के लिए आगे आने की अपील की थी लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात रहा। भले ही पुलिस विभाग द्वारा शुरू की गई कम्यूनिटी पुलिसिंग की बात हो, पब्लिक फ्रैंडली होने की बात हो, युवाओं को नशे की चपेट से दूर रखने की बात हो सभी योजनाएं एक के बाद एक औंधे मुंह गिरती रही। नतीजा शहरियों को वी केयर फॉर यू का भरोसा देने वाली हाईटेक पुलिस फेल साबित हुई और अपराधी लगातार वारदातों को अंजाम देकर पुलिस को लकीर पीटने पर मजबूर करने में कामयाब रहे। जमीनी स्तर पर पुलिस की नाकामी उस समय सामने आई जब अपराधियों ने पिछले वर्ष हत्या की 24 वारदातों को अंजाम दे डाला।

Police Games: Punjab Police: 26वें फेडेरेशन कप बॉस्केटबॉल चैंपियनशिप में पंजाब पुलिस का कारनामा, इंडियन ओवरसीज़ बैंक की टीम को धूल चटा फाइनल में पहुंची..

A sparkling display by Amritpal Singh and Indian captain Jagdeep Singh helped Punjab Police edge out last year's runner-up Indian Overseas Bank (IOB), Chennai, 69-65 and enter the men's final of the 26th Federation Cup basketball championship at the Rajiv Gandhi Indoor Stadium, here on Saturday. Solid defence The game was close all through, but it was Punjab Police's solid defence, especially in the last quarter, that won the day for them. With a strong zone defence, Punjab Police did not allow the IOB players much space to move under the basket. The Chennai players appeared uncomfortable and when they did move in, they were off target often. Amritpal Singh, the Punjab Police centre, was a tower of strength in the defence, plucking rebounds and rushing to score at the other end even before IOB could settle down.
Backing him up nicely were Jagdeep and point guard Amanjot Singh. The scores were level at 25 and 33 and IOB went ahead 40-37 when the seasoned Mihir Pandey scored a beauty with a turnaround jumper in the third quarter. Around this time, there were some lovely passes between Vineeth Ravi Mathew and Aravind and the left-hander Rikin Prathani which ended in baskets. The teams were tied at 59-59 with about two-and-half minutes to go, but IOB committed a series of fouls under pressure. With Amritpal and Jagdeep converting them coolly, the Chennai men became desperate and let the game slip away. Later, ONGC (Dehradun) defeated Central Excise (Kochi) 47-44 to enter the final. ONGC, which included internationals Vishesh Bhriguvanshi and Yadwinder Singh, was trailing 20-24 at half-time.

MP Police: Indore Police: इंदौर में पुलिस कांस्टेबल की रिपोर्ट से सांसत में पड़े जज साहब, पासपोर्ट जब्त होने तक की नौबत आ गई थी..

इंदौर। जज साहब सामने थे। पुलिस जवान उनसे मिला। पासपोर्ट संबंधी सारी पड़ताल की और संतुष्ट होकर लौट गया। लेकिन पता नहीं पुलिस वाले ने इस ‘मुलाकात’ की आगे क्या रिपोर्ट भेजी, जज साहब न केवल मुश्किल में पड़ गए, बल्कि इस जवान की कलम के खिलाफ उन्हें आला अफसरों तक पहुंचना पड़ा। यह है मामला हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस पी.डी. मूल्ये ने अपने पुराने पासपोर्ट को फिर से बनवाने के लिए आवेदन दिया था। कुछ दिन पहले विजय नगर थाने का जवान उनके घर पहुंचा और उनसे सारी जानकारी ले ली। वह संतुष्ट होकर लौट गया। उसके बाद पूर्व जस्टिस को पासपोर्ट दफ्तर से तीन बिंदुओं का पत्र मिला। इसमें लिखा है-आपने जांच में सहयोग नहीं किया। आप फोटो सत्यापन हेतु उपस्थित नहीं हुए। पुलिस सत्यापन के समय आप उपस्थित नहीं थे। पत्र में हिदायत दी गई है कि 15 दिन में इस बाबद अपना लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें अन्यथा आपका पासपोर्ट जत कर लिया जाएगा।
इस सख्त चिट्ठी से भौंचक और आहत श्री मूल्ये ने अब आईजी अनुराधा शंकर, एसएसपी ए. साईं मनोहर और पासपोर्ट ऑफिसर एल.के. वाघेला को चिट्ठी लिखकर कहा है कि - पुलिस जवान मेरे घर आया। मुझसे मिला। सारी जानकारी ली और संतुष्ट होकर गया। उसके बाद मुझे पासपोर्ट ऑफिस से चिट्ठी मिली कि मैंने जांच में सहयोग नहीं किया है। मेरे घर आकर सारी जानकारी लेने के बावजूद पुलिस जवान ने जो गलत रिपोर्ट दी है उससे मैं आहत हुआ हूं। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है। पुलिस जवान ने मेरी सत्यापन रिपोर्ट को तोड़-मरोड़कर पेश कर दिया। पत्र में पूर्व जस्टिस ने पुलिस अफसरों से कहा है कि वे इस पूरे मामले की जांच कर दोषी पर कार्रवाई करें।

Orissa Police: Bhubneshwar: ओडिसा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का एलान, पुलिस फोर्स का मोरल बढ़ाने के लिए होगी पुलिस बल की रि-स्ट्रक्चरिंग..

BHUBANESWAR: Chief Minister Naveen Patnaik on Saturday said a comprehensive restructuring of State Police service is strongly being contemplated keeping career advancement in view. �After inspecting the Dikshant Parade of the trainee officers at the Biju Patnaik State Police Academy (BPSPA), Naveen said the Government is keen on boosting the morale and motivation of the subordinate police officers. This is why the Government is mulling a complete restructuring of both civil and armed wings of the State Police. The move is aimed at facilitating career advancement of young officers, he said. �The Chief Minister also took note of� sacrifices of cops in fighting Left-wing extremism and said those serving in the Maoist-hit areas will get their due in career opportunities. �Naveen said his Government had taken a slew of measures over the years resulting in a quantum jump in creation of new posts. Six India Reserve Battalions, five Special Security Battalions and other wings have been created while a separate industrial security force will soon be in place.
�Since there is a growing demand to recruit and train new personnel, the Government continues to emphasise the training needs as part of the human resources development initiative. Three new training institutes are going to be established and made functional soon to enhance the training capacity of both civil and armed police. Necessary budgetary provision has been made in this regard, he said. �The parade saw passing out of first batch of cadet sergeant, second batch of deputy subedar cadets and fifth batch of sub-inspector of police. Manmohan Praharaj, DGP, and Director, BPSPA, Arun Kumar Sarangi spoke. Bhubaneswar MP Prasanna Patsani was present along with senior police officers.

CG Police: Bilaspur SP Suicide: छत्तीसगढ़ में बिलासपुर एसपी राहुल कुमार की आत्महत्या मामले में नया खुलासा, एसपी के कॉलेज दोस्त का दावा- चुनाव फंड जुटाने का दबाव था एसपी राहुल कुमार पर..

बिलासपुर के एसपी राहुल शर्मा की खुदकुशी मामले में नया मोड़ आ गया है। खुद को गोली से उड़ाने वाले आईपीएस अफसर पर चुनाव के लिए ‘फंड’ जुटाने का दबाव था। राहुल के एक करीबी दोस्‍त ने यह दावा किया है। उनका कहना है कि उनकी राहुल से खुदकुशी से एक हफ्ते पहले बात हुई थी जिसमें आईपीएस ने अपनी लाचारी बयां की थी। एसपी राहुल शर्मा और उनके दोस्त हरिमोहन थकुरिया जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में साथ में पढ़े थे। उनके साथ कॉलेज की पढ़ाई किए हैं। प़ढ़ाई के बाद वह जयपुर में कोचिंग संस्थान चलाते हैं। हरिमोहन के मुताबिक, सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर उन्होंने राहुल से पांच मार्च को बात की थी। उस बातचीत में उन्होंने कहा था, ''यार, यहां बहुत बेगार करवाते हैं। कोई सेल्फ रिस्पेक्ट ही नहीं है। इलेक्शन के खर्चों का टारगेट अभी से दे दिया है। क्या इसलिए इतनी पढ़ाई करके आईपीएस बना था?''
उनके मुताबिक, राहुल उनदिनों काफी दुखी थे। उन्होंने बड़े दुख से कहा था कि, ये लोग वर्दी वालों से ही उगाही करवा रहे हैं। इसलिए वह नौकरी छोड़ना चाहते थे। उनके लिए जयपुर में नौकरी खोज भी ली गई थी। उनको 12 मार्च को ही नई नौकरी के बारे में जानकारी दी जानी थी, इससे पहले ही उनके खुदकुशी की खबर मिल गई। गौरतलब है कि बिलासपुर के एसपी शर्मा ने बिगत 12 मार्च को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। वह पुलिस आफिसर्स मेस के बाथरूम में मृत पाए गए थे। पुलिस के अनुसार उन्होंने अपनी सर्विस पिस्टल से माथे पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी।

HR Police: हरियाणा स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के डायरेक्टर लाइकराम दबास का कारिश्मा, हरियाणा के हर जिले में तैनात होगी 'पहचान कौन' पुलिस वेन..

Aimed at strengthening crime prevention system across Haryana, the state police plans to depute well-equipped ‘pehchan kaun’ vans at 30 spots in all districts by the first week of April. Fitted with advanced mobile fingerprint scanner, the facility will enable police on field duty to identify criminals and link the suspects to crimes instantly. Early this month, the state police started a pilot project at Panipat. The Haryana police claimed to have become the only state in the country where such an ultra-modern facility was introduced by any security agency. A brainchild of State Crime Record Bureau (SCRB) director Laik Ram Dabas, the ambitious project would help police identify criminals with the help of a click of the mouse.
“The vans will have fingerprint databank of 5,000 criminals active in restive areas and cops would be able to use the Automatic Fingerprint Identification System (AFIS) to find out suspects' criminal background instantly by matching fingerprints with the stored data,” he said. The AFIS is also equipped with latent searching, electronic image storage and electronic exchange of fingerprints and criminal identification. The SCRB laboratory at the Haryana Police Academy, Madhuban, has a comprehensive fingerprint databank of nearly 2 lakh from Haryana and the field staff would have access to the central server through internet. “We have used effective advanced techniques available elsewhere in the world to curb crimes. It is not an expensive technology and we are sure that others will follow the Haryana model to handle criminals,” said Dabas, who had worked as a scientist at Bhabha Atomic Research Centre on project plutonium before joining Indian Police Service. Dabas said the SCRB was obtaining criminals’ data from neighbouring states of Rajasthan, New Delhi, Uttar Pradesh and Punjab to effectively check cross-border activities of anti-social elements.

Delhi Police: Kiran Bedi: किरण बेदी का धमाका, कुछ समझौतें नहीं करने के चलते नहीं बन सकी दिल्ली पुलिस कमिश्नर..

देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा है कि अगर उन्होंने कुछ समझौते किए होते तो वह दिल्ली पुलिस की पहली महिला आयुक्त बन जातीं. उन्होंने अमेरिका के बर्नार्ड कॉलेज द्वारा शुक्रवार को आयोजित ‘वीमेन चेंजिंग इंडिया’ विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, ‘दिल्ली की पहली महिला पुलिस आयुक्त बनने के लिए मैं कुछ समझौते कर सकती थी लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया. यदि मैंने ऐसा किया होता तो मेरा खुद का सम्मान गिर जाता.’ ‘सामाजिक सक्रियता पर वार्ता’ सत्र में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि कुछ नौकरशाहों एवं राजनीतिज्ञों ने यह तय करने के लिए ‘साजिश’ रची कि दिल्ली में कोई महिला पुलिस प्रमुख नहीं बन पाए.