Sunday, April 3, 2011

If delayed, motorist can go through toll gate for free: Traffic Police

Apart from bringing traffic to a grinding halt, the recent toll hike on the Delhi-Gurgaon Expressway has triggered off a war of words between the agency concerned and the Traffic department.
Traffic Police say that according to the rules, vehicle have to be let through the toll gate within a specific period of time. If that does not happen, the motorist can pass without paying the toll.
“If there is no way out, we will have to bring this rule into effect and force the opening of separate lanes,” Bharti Arora, DCP (Traffic), told Newsline. However, no communication has been made to the company in this regard so far, she added.
Traffic on the expressway became a nightmare owing to the increase in toll from Rs 20 to Rs 21 for private vehicles — starting April 1.
While the traffic jam stretched for 2.5 kilometres, till IIFCO Chowk, the matter was no different for those coming from the other side. As many drivers did not know of the toll hike, they did not have the required change.

Bangalore Police : 25 new police stations to make Bangalore a safer place

The city is set to get additional 25 police stations to ensure better facilities and safety for its citizens.
The announcement came during the Police Flag Day celebration held at Koramangala on Saturday.
BS Yeddyurappa said that retired police officers will be covered under the health insurance scheme, 'Arogya Bhagya'.
The compensation amount will be raised fromRs 3 lakh to Rs10 lakh for cops who died during their service, he added.
The chief minister also said that Karnataka State Industries Security Force (KSISF) will be set up soon and added that the state government has already released Rs3.5 crore to set up the KSISF.

Karnataka Police : 25 new police stations to be set up in Karnataka

Bangalore : Opening of 25 new police stations, hike in special insurance from Rs three lakh to Rs ten lakh and extension of 'Arogya Bhagya' health scheme to retired personnel, were some of the bonanza announced by Karnataka Chief Minister B S Yeddyurappa to mark the Police Flag Day here today.
Speaking after honouring 99 police personnel with distinguished service awards here, he said the insurance benefit to the kin of police personnel killed while on duty would be increased to Rs ten lakh from the present Rs three lakh. Of the total 25 new police stations sanctioned last year, the work on 23 had been completed and this year another 25 new stations would be built.
He said Karnataka State Industrial Security Force would be established and to begin with 1,060 personnel would be provided training.
This year 1,035 Assistant Sub-Inspectors would be recruited exclusively for beat duty which would be intensified in the night to curb theft and robbery,'' Mr Yeddyurappa added.
The Chief Minister said the grant for the Police Housing Society was increased to Rs 40 crore in the Budget from Rs 25 crore allotted last year.
Functions to celebrate the Flag Day were held at District Headquarters throughout the state

Saturday, April 2, 2011

Delhi Police : cricket world cup : हुड़दंग किया तो बजेगा बैंड

नई दिल्ली : वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भारत की जीत के बाद दिल्ली की सड़कों पर जैसा हुड़दंग हुआ था , वैसा दोबारा हो , इसके लिए दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस ने खास इंतजाम किए हैं। बुधवार को पाकिस्तान से मुकाबले में भारत की जीत के बाद जश्न मना रहे लोगों ने सिर्फ जाम लगाया था , बल्कि ट्रैफिक नियमों की जमकर धज्जियां भी उड़ाई थीं। शनिवार को होने वाले वर्ल्ड कप के फाइनल में अगर भारत ने श्रीलंका को हराकर खिताब जीत लिया , तो लोग एक बार फिर सड़कों पर वैसा ही हुड़दंग मचा सकते हैं , जैसा उन्होंने बुधवार को मचाया था। ऐसी किसी भी हालत से निपटने के लिए इस बार पुलिस अलर्ट हो गई है।
जॉइंट कमिश्नर ( ट्रैफिक ) सत्येंद्र गर्ग के मुताबिक , इस बार यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बुधवार को पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत के बाद जैसा हुड़दंग मचा था , वैसा दोबारा हो। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने भी कमर कस ली है। शनिवार की रात 9 बजे से ही ट्रैफिक पुलिस के दस्ते सड़कों पर उतर जाएंगे और चेकिंग शुरू कर देंगे। इस दौरान अगर कोई शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए , ट्रिपल राइडिंग करते हुए , बिना हेलमेट पहने , रेड लाइट जंप करते हुए या ट्रैफिक के दूसरे नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया , तो उसे बिल्कुल नहीं बख्शा जाएगा। इस दौरान ड्रंकन ड्राइविंग कर रहे लोगों की खास तौर से चेकिंग की जाएगी।
गर्ग के मुताबिक , ट्रैफिक पुलिस की 50 टीमें कनॉट प्लेस , इंडिया गेट , ग्रेटर कैलाश , डिफेंस कॉलोनी , धौला कुआं , चाणक्यपुरी समेत तमाम प्रमुख जगहों पर ड्रंकन ड्राइविंग पर नजर रखेंगी। यह तय है कि इस दौरान जो कोई भी शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पाया गया , उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। चालान काटने , गाड़ी जब्त करने और ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड करवाने के साथ - साथ उस शख्स को कोर्ट से सजा दिलाने की भी कोशिश की जाएगी। इसके अलावा गलत तरीके से पार्किंग करने वालों की गाडि़यां भी जब्त कर ली जाएंगी। इसके लिए खास तौर पर ट्रैफिक पुलिस की सभी 70 के्रनों को काम पर लगाया जाएगा। साथ ही ट्रैफिक पुलिस के चेज एंड चालान बेड़े की भी सभी 610 बाइक्स के साथ ट्रैफिक पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। गर्ग का कहना है कि शनिवार को वैसी ही सख्ती बरती जाएगी , जैसी न्यू ईयर और होली के मौके पर बरती जाती है। इसकी शुरुआत शुक्रवार की रात से ही हो जाएगी।
दरअसल , इतनी सख्ती बरतने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि बुधवार को दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस का अनुमान गलत साबित हुआ। पुलिस अधिकारियों ने भी यह नहीं सोचा था कि पाकिस्तान पर भारत की जीत के बाद दिल्ली के लोग इस कदर जश्न मनाएंगे। इस दौरान लोगों ने जिस तरह खुलेआम लॉ एंड ऑर्डर तोड़ा और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया , उससे पुलिस की भी काफी किरकिरी हुई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार दिल्ली पुलिस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती।

MP Police : Traffic Police & Helmet : हेलमेट का आदेश देकर भूल गए मंत्रीजी

भोपाल। राजधानी की सड़कों पर बगैर हेलमेट पहने दो पहिया वाहन चलाने वालों को दी गई मोहलत भले ही पूरी हो गई हो, लेकिन ट्रैफिक पुलिस को इसकी कोई सुध नहीं है। मंत्री जी आदेश देकर भूल गए और पुलिस ने भी बातों को अनसुना कर दिया। और इस प्रकार गृहमंत्री का दावा एक बार फिर पूरा नहीं हो सका।
गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने बीते साल के आखिरी दिन पुलिस कंट्रोल रूम में सात विभागों के अधिकारियों को बुलवाकर एक बैठक ली थी। फैसला लिया गया था कि आने वाले तीन महीने में बगैर हेलमेट के गाड़ी चलाने वालों को पहले समझाइश दी जाएगी, फिर इसका पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एक अप्रैल 2011 को तीन महीने पूरे भी हो गए, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई शुरू नहीं की।
बैठक में मौजूद रहे विधायक ध्रुवनारायण सिंह का मानना है कि राजधानी में हेलमेट अनिवार्य नहीं हो पाना पुलिस और जिला प्रशासन की कमजोर इच्छाशक्ति का नतीजा है। उनका तर्क है कि यदि पुलिस चाहे तो यह संभव है, लेकिन ऐसा नहीं होता।
सिर्फ बयानबाजी
राजनेता सिर्फ बयानबाजी में विश्वास रखते हैं, उन पर खरा उतरना उनकी आदत नहीं। निर्देशों की अवहेलना होने पर संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए।
सुभाष अत्रे
पूर्व गृह सचिव, छत्तीसगढ़

German Police : धमाके की साजिश में जर्मन गिरफ्तार

जर्मन पुलिस ने 25 साल के एक व्यक्ति को स्टेडियम में बम रखने के संदेह में गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि यह व्यक्ति डॉर्टमुंड शहर के स्टेडियम में बम रखने की योजना बना रहा था.

 

संघीय अपराध ब्यूरो ने कहा कि स्टेडियम के पास से तीन संदिग्ध विस्फोटक डिवाइस बरामद हुए हैं जिन्हें निष्क्रिय कर दिया गया है. विस्फोटक इस व्यक्ति के घर से बरामद हुए हैं जो स्टेडियम के करीब है. स्टेडियम बुंडेसलीगा के मैचों के लिए इस्तेमाल किया जाता है.Bildunterschrift: Großansicht des Bildes mit der Bildunterschrift:  
बर्लिन के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, "इस घटना का इस्लामिक संगठनों या आतंकवाद से संबंध होने का कोई संकेत नहीं मिला है. ऐसा लगता है कि संदिग्ध अकेला ही काम कर रहा था. इस मामले में और किसी को कोई खतरा नहीं है."
अपराध ब्यूरो ने बताया कि इस मामले की जांच फरवरी में शुरू हुई थी. पाकिस्तान के इस्लामाबाद में जर्मन दूतावास को एक ईमेल भेजा गया था. अनजान नाम से भेजे गए इस ईमेल में जर्मनी में दो हमलों की तैयारी की जानकारी दी गई थी.
पुलिस ने बताया कि ईमेल भेजने वाला व्यक्ति बाद में जबरन वसूली के एक मामले में संदिग्ध बन गया. उसे मंगलवार को कोलोन के एक होटल से गिरफ्तार किया गया. उसने अधिकारियों को बताया कि स्टेडियम के करीब उसके फ्लैट में छह विस्फोटक डिवाइस रखी हैं.
अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार किया गया यह व्यक्ति 2010 में एक जर्मन कंपनी से जबरन वसूली के मामले में भी संदिग्ध है.

Delhi Police : दिल्ली पुलिस में होंगे बड़े बदलाव

नई दिल्ली॥ दिल्ली पुलिस के ढांचे में 30 मार्च को अहम बदलाव होने जा रहा है। काडर रिव्यू लागू कर आईपीएस अफसरों के पदों की संख्या बढ़ाई जा रही है। एक साथ तीन बैच के आईपीएस अफसरों को प्रमोट किया जा रहा है। अरसे से त्रस्त चल रहे दानिप्स काडर के अफसर अब राहत महसूस कर रहे हैं।
गृह मंत्रालय के अनुसार, कमल कुमार कमिटी की रिपोर्ट पर पिछले साल केंद्र सरकार ने दिल्ली मेंे आईपीएस अफसरों के पदों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया था। 30 मार्च को कार्मिक मंत्रालय की डायरेक्टर (सर्विसेज) रौली सिंह के दस्तखत से जारी काडर रिव्यू नोटिफिकेशन के मुताबिक, दिल्ली में पुलिस कमिश्नर के अलावा 10 स्पेशल कमिश्नर, 20 जॉइंट कमिश्नर, 15 एडिशनल कमिश्नर और 29 डीसीपी होंगे। अब कार्मिक मंत्रालय (डीओपीटी) काडर रिव्यू को लागू कर रहा है। इनमें एक-तिहाई पद दानिप्स काडर के अफसरों से भरे जाएंगे। पब्लिक को पुलिसिंग में इसका कोई फायदा हो या न हो, लेकिन इससे दानिप्स काडर के अफसरों के आईपीएस में इंडक्ट होने के अवसर जरूर मिल गए हैं।
30 मार्च को तीन बैच के आईपीएस अफसरों को प्रमोट किया जा रहा है। इनमें एक रेंज के जॉइंट कमिश्नर और तीन डिस्ट्रिक्ट डीसीपी हैं। 1984 बैच के जॉइंट कमिश्नर धर्मेंद्र कुमार, दीपक मिश्रा, ए. के. सिंह और कर्नल सिंह को स्पेशल कमिश्नर बनाया जा रहा है। 1997 बैच के आईपीएस डीसीपी (साउथ) हरगोविंद धालीवाल, डीसीपी (वेस्ट) वी. रंगनाथन और डीसीपी (नॉर्थ) सुरेंद्र सिंह यादव को अडिशनल कमिश्नर बनाया जा रहा है। इनके अलावा 1990 बैच के तजेंद्र लूथरा, दीपेंद्र पाठक और संजय सिंह को जॉइंट कमिश्नर रैंक दी जा रही है। कुछ जॉइंट कमिश्नरों को दिल्ली से बाहर भेजा जाएगा।
वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में आईपीएस अफसरों की भर्तियां कम की गई थीं। इसका नतीजा यह हुआ कि जूनियर अफसरों की कमी हो गई और सीनियर अफसरों की भरमार हो गई। इसलिए पूर्व पुलिस कमिश्नर वाई. एस. डडवाल को चार-चार अडिशनल कमिश्नरों को डिस्ट्रिक्ट डीसीपी का चार्ज देना पड़ा था। हालांकि अब भी साउथ-ईस्ट और नई दिल्ली में अडिशनल कमिश्नर ही डिस्ट्रिक्ट डीसीपी का काम कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा पुलिस कमिश्नर बी. के. गुप्ता सैद्धांतिक तौर पर इसके पक्ष में नहीं हैं।
काडर रिव्यू लागू होने और अडिशनल कमिश्नरों को डिस्ट्रिक्ट डीसीपी बनाए जाने की अघोषित पॉलिसी के कारण अब दानिप्स काडर के अफसरों को खासी राहत मिलने जा रही है। पिछले सालों में लाइसेंसिंग ब्रांच और आर्थिक अपराध शाखा जैसी मलाईदार यूनिटें हाथ से निकलने के कारण कसमसा रहे इनमें से कुछ अफसरों को भेदभाव की भी दिक्कत है। इन्हें फिलहाल आईपीएस में आने के लिए 21-24 साल इंतजार करना पड़ रहा है , जबकि तमिलनाडु में पिछले दिनों उनके समकक्ष 12 साल की नौकरी के बाद ही आईपीएस बन गए हैं। काडर रिव्यू के कारण इनके आगे बढ़ने के रास्ते खुल रहे हैं।
जून तक डीसीपी ( ट्रैफिक हेडक्वॉर्टर ) प्रभाकर , रूपेंद्र कुमार , . पी . मिश्रा , के . के . व्यास से लेकर डीसीपी ( एयरपोर्ट ) आर . . संजीव और प्रेमनाथ तक 18 अफसरों को आईपीएस में शामिल किया जाएगा। डीसीपी रैंक में आईपीएस की कमी के मद्देनजर इनमें से कुछ को डिस्ट्रिक्ट डीसीपी भी बनाया जा सकता है। इसी कमी की वजह से . पी . मिश्रा को फिलहाल ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में अस्थायी डीसीपी का चार्ज देना पड़ा है , हालांकि वह आईपीएस में नहीं हैं। 1990 के दशक की शुरुआत में इसी तरह मैक्सवेल परेरा को साउथ जैसे अहम डिस्ट्रिक्ट में और आर . तिवारी को नॉर्थ में डिस्ट्रिक्ट डीसीपी बनाया गया था , लेकिन उसके बाद अब तक ऐसा नहीं हुआ था।