Tuesday, April 5, 2011

HR Police: Traffic Police: Helmet : बिना हेलमेट पीछे बैठने वाले का कटेगा चालान

फरीदाबाद :सड़कों पर दुर्घटना कम हों इसके लिए पुलिस की ओर से किए जाने वाले प्रयास कम ही सफल हो पाते हैं। लोग अक्सर ट्रैफिक नियमों को तोड़कर ड्राइविंग करते हैं और दुर्घटना का शिकार होते हैं। इनमें टू वीलर चालकों का हेलमेट नहीं लगाना प्रमुख है , लेकिन अब पुलिस ने लोगों की मनमर्जी पर सख्ती करने की सोच ली है। इसके तहत टू वीलर चालक के साथ - साथ पीछे बैठे व्यक्ति को भी हेलमेट लगाना होगा। ऐसा नहीं करने पर चालान कटेगा और पुलिस ने इसकी शुरुआत कर दी है।
शहर की सड़कों पर दुपहिया वाहन चालकों और पीछे बैठे व्यक्ति को बिना हेलमेट पहने हुए आसानी से देखा जा सकता है। पुलिस की माने तो सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ने के साथ टू वीलर संख्या में करीब 4 से 5 गुना की वृद्धि हुई है। चालान के डर से लोग हेलमेट पहन कर टू वीलर तो चलाने लगे है , लेकिन पीछे बैठने वाला व्यक्ति बिना हेलमेट के ही रहता है।
शहर में आते ही उतर जाता है हेलमेट
ऐसा अक्सर देखने मंे आता है कि दिल्ली जाते वक्त चालक और पीछे बैठा व्यक्ति दोनों हेलमेट पहने रहते हैं , लेकिन वहां से लौटते वक्त पीछे वाला व्यक्ति हेलमेट उतार देता है। अधिकारियों की मानें तो लोगों को इस बात का डर बिल्कुल नहीं रहता है कि पुलिस उनका चालान करेगी , मगर अब ऐसा नहीं होगा। एसीपी ट्रैफिक राजकुमार का कहना है कि पुलिस अब उन टू वीलर पर निगाह रखेगी जिनमें पीछे बैठने वाले व्यक्ति ने हेलमेट नहीं लगा रखा होगा।
कितना कटेगा चालान
पुलिस का कहना है कि चालक के हेलमेट नहीं पहनने पर 100 रुपये का चालान काटा जाएगा , जबकि पीछे बैठने वाले ने भी अगर हेलमेट नहीं पहना होगा तो 100 रुपये और जुर्माना देना होगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
3 माह के अंदर हमने बिना हेलमेट वाहन चलाने वाले करीब 20 हजार 540 वाहन चालकों से जुर्माना वसूला और 688 ऐसे टू वीलर चालकों के चालान किए , जिनमें पीछे बैठे व्यक्ति ने हेलमेट नहीं पहना हुआ था। हालांकि ट्रैफिक पुलिस लोगों को जागरूक करने का लगातार प्रयास करती रही है , लेकिन अब ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत बाइक स्कूटर पर पीछे बैठकर सफर करने वाले व्य़िक्त को भी सुरक्षा की दृष्टि से हेलमेट लगाना होगा और जो नहीं लगाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - राजकुमार , एसीपी ट्रैफिक

UP Police : New Initiatives : Police & Facebook : सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट 'फेसबुक' पर अनोखा प्रयोग!

मेरठ। बेहतर यातायात प्रबंधन को लेकर जनता के सुझाव और प्रतिक्रिया के लिए उत्तर प्रदेश की मेरठ यातायात पुलिस ने लोकप्रयि सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट 'फेसबुक' में अपना अकाउंट खोला है।
मेरठ यातायात पुलिस के नाम से फेसबुक पर अकाउंट खोलने की यह पहल पुलिस अधीक्षक (यातायात) सुधीर कुमार सिंह के निर्देश पर हुई। सिंह ने यहां सोमवार को बताया कि फेसबुक पर अकाउंट खोलने का मकसद जनता से सीधे जुड़कर शहर के यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए उनके सुझाव और प्रतिक्रियाएं आमंत्रित करना है।
सिंह ने कहा कि ऐसा देखा जाता है कि सड़क पर बेहद तेज रफ्तार से वाहनों के चलने और क्षमता से अधिक भार लेकर चलने वाले भारी वाहनों के बारे में आम लोग पुलिस से शिकायत करने में खास दिलचस्पी नहीं लेते हैं, लेकिन अब फेसबुक पर अकाउंट खुल जाने के बाद लोग सीधे उच्चाधिकारियों से जुड़कर उनसे शिकायत कर सकेंगे।


उन्होंने कहा कि लोग अब यातायात नियमों के उल्लंघन की अनदेखी कर रुपये वसूलने वाले पुलिसकर्मियों की तस्वीर और वीडियो भेजकर भी शिकायत कर सकेंगे। शिकायत मिलने पर आवश्यक कारवाई की जाएगी।
सिंह ने कहा कि आजकल आमतौर पर ज्यादातर लोग कैमरे वाले मोबाइल फोन प्रयोग करते हैं। ऐसे में कहीं पर गड़बड़ी दिखने पर वे तस्वीरें और वीडियो लेकर फेसबुक के हमारे अकाउंट पर पोस्ट कर सकते हैं। हम तस्वीरों की पड़ताल कर उस वाहन मालिक के बारे में पूरी जानकारी जुटाएंगे और उसके खिलाफ आवश्यक कारवाई करेंगे।"
यातायात अधिकारी ने कहा कि इस फेसबुक अकाउंट के जरिए जनता को यातायात संम्बधी नवीनतम जानकारी भी दी जा सकेगी।

Mumbai Police : Police & Bollywood : मर्डर 2 की शूटिंग पर मनसे का कहर, महेश ने बुलाई पुलिस


मुंबई स्थित बॉलीवुड पर मराठा राजनीति का दुष्प्रभाव अब साफ दिखाई देने लगा है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना समेत अन्य क्षेत्रीय पार्टियों ने जय मराठा के दम पर हर अराजकता करने का लइसेंस खुद से ही हासिल कर लिया है। समय-समय पर बॉलीवुड की प्रमुख हस्तियां इसका निशाना बनती रहती हैं लेकिन कोई भी इस अराजकता के खिलाफ खुल कर सामने नहीं आना चाहता। हाल ही में मनसे कार्यकर्ताओं का निशाना बने फिल्म निर्माता महेश भट्ट ने इस भ्रष्ट राजनीति का खुल कर विरोध किया। मनसे कार्कर्ताओं ने फिल्म सिटी में मर्डर 2 की शूटिंग कर रहे निर्देशक मोहित सूरी और कलाकारों को अपने हंगामें से खूब परेशान किया। हंगामे से घबराए मोहित ने महेश को बुलाया। महेश ने मनसे कार्यकर्ताओं के विरुद्ध पुलिस में शिकायत कर तुरंत इसे रोकने की मांग की। ऐसे में ये मामला जोर पकड़ गया और सकी चर्चा मीडिया में आ गई। महेश ने बताया कि उन्होने मनसे कार्यकर्ताओं की मनमानी का विरोध किया इस वजह से उन्होने शूटिंग रोक दी।
महेश ने दो टूक बोलते हुए कहाकि असल माजराये था कि वह शूटिंग यूनिक के आइडेंटिटी कार्ड चेक कर रहे थे और मैने इसका विरे किया। इससे भड़के कार्यकर्ताओं ने खूब गदर काटी। महेश का कहना था कि ये काम मनसे वालों का नहीं बल्कि प्रशासन का है। लेकिन इनका विरोध ना किये जाने की वजह से ये हमेशा इस तरह के काम करते रहते हैं। लेकिन महेशने भी जता दिया कि उन्होने कच्ची गोलियां नहीं खेली हैं।

Raj Police: police & IPL Cricket : आईपीएल में नहीं दिखेंगी कम कपड़ों वाली चीयरलीडर्स, पुलिस वसूलेगी पैसे

जयपुर. इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)  के मैचों में अपना जलवा बिखेरने वाली चीयरलीडर्स की मनमानी अब नहीं चलने वाली है। इस हफ्ते शुरू हो रहे आईपीएल के चौथे संस्‍करण में इनके पोशाक पर पाबंदी लगाई जा रही है। जयपुर प्रशासन ने साफ कर दिया है कि आईपीएल के मैचों के दौरान चीयरलीडर्स को भड़काऊ कपड़े पहनने की इजाजत नहीं दी जाएगी और उन्‍हें राजस्‍थान की परंपरागत पोशाक पहननी होगी।
जयपुर के डीएम नवीन महाजन ने आईपीएल की टीम राजस्‍थान रॉयल्‍स से साफ-साफ कह दिया है कि चीयरलीडर्स को सलीके से कपड़े पहनने होंगे। उन्‍होंने कहा, 'कोई चीयरलीडर्स तंग कपड़ों में नहीं होगी। चीयरलीडर्स के कपड़े राजस्‍थानी संस्‍कृति के होने चाहिए।'
आईपीएल के पहले संस्‍करण से ही चीयरली‍डर्स अपने भड़काउ पोशाकों को लेकर विवादों में रही हैं। पिछले साल भी राजस्‍थान सरकार ने पिछले साल भी चीयरलीडर्स के लिए स्‍कर्ट के नीचे स्‍लैक्‍स पहनने के निर्देश दिए थे। इन्‍हीं विवादों के चलते आईपीएल में आकर्षण का केंद्र रहने वाली चीयरलीडर्स का जलवा हाल में खत्‍म हुए क्रिकेट विश्व कप में देखने को नहीं मिला था।
केवल राजस्‍थान ही नहीं बल्कि अन्‍य टीमें भी चीयरलीडर्स के प ोशाक को लेकर सख्‍ती बरतने की तैयारी कर रही हैं। इस बार  अपना पहला आईपीएल खेल रही पुणे वॉरियर्स टीम ने अपने च ीयरलीडर्स के लिए देशी पोशाक और प‍ि श्‍चमी शैली के डांस के बजाय शास्‍त्रीय नृत्‍य पर विचार कर रही है।
पुलिस ने मांगे पैसे
इस बीच जयपुर पुलिस ने आईपीएल मैचों के दौरान सुरक्षा व्‍यवस्‍था मुहैया कराने के एवज में पैसों की मांग की है। जयपुर के पुलिस कमिश्‍नर बी एल सोनी ने बताया कि आईपीएल के मैच मुनाफे के लिए खेले जाते हैं और राज्‍य सरकार के दिशानिर्देशों के मुताबिक व्‍यावसायिक आयोजनों के लिए सुरक्षा मुहैया कराने के एवज में फीस वसूलनी होती है, ऐसे में राजस्‍थान क्रिकेट एसोसिएशन को इन मैचों के लिए सुरक्षा के लिए पैसे देने होंगे।'
जयपुर के सवाई मान सिंह स्‍टेडियम में इस साल आईपीएल के सात मैच खेले जाएंगे जिन्‍हें देखने के लिए बड़ी संख्‍या में क्रिकेटप्रेमियों के जुटने की उम्‍मीद है। सोनी ने कहा कि आईपीएल के पिछले मैचों के दौरान स्‍टेडियम की सुरक्षा के लिए आरसीए को अभी दो करोड़ रुपये पुलिस को देने बाकी हैं।
संगकारा होंगे डेक्‍कन चार्जर्स के कप्‍तान
श्रीलंका क्रिकेट टीम के कप्‍तान कुमार संगकारा को आठ अप्रैल से शुरू हो रहे आईपीएल के चौथे संस्‍करण में डेक्‍कन चार्जर्स की कमान सौंपी गई है। ऑस्‍ट्रेलियाई क्रिकेटर कैमरून ह्वाइट डेक्‍क न चार्जर्स के उप कप्‍तान होंगे।
ऑस्‍ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर एडम गिलक्रिस्‍ट ने 2009 में आईपीएल की विजेता टीम डेक्‍कन चार्जर्स की अगुवाई की थी। आईपीएल के चौथे संस्‍करण के लिए गिलक्रिस्‍ट को किंग्‍स इलेवन पंजाब की टीम ने खरीदा है।

Mumbai Police : Policeman makes a Record: डिप्टी एसपी ने समुद्री रेकॉर्ड तोड़ा

मुंबई
महाराष्ट्र पुलिस के डिप्टी एसपी बालासाहेब घाडगे ने 12 घंटे में समुद्री दूरी तय करके एक नया रेकॉर्ड बनाया है। घाडगे और हैदराबाद के अडिशनल एसपी राजू त्रिवेदी ने श्रीलंका में तलेमिनॉर से 25 मार्च को समुद्री छलांग लगाई और रामेश्वर तक का 30 नॉटिकल माइल्स का सफर 12 घंटे 31 मिनट में पूरा किया। इससे पहले मीर सेन और बूला चौधरी के नाम यह रेकॉर्ड था, लेकिन दोनों ने तब यह दूरी 16 घंटे में पूरी की थी।

बालासाहब घाडगे इससे पहले भी कई कमाल कर चुके हैं। उन्होंने धरमतर से गेट वे ऑफ इंडिया तक की 36 नाटिकल्स माइल की दूरी 4 बार और जिब्राल्टर खाड़ी (स्पेन से अफ्रीका) की समुद्री दूरी 5 बार पूरी की है। वह ग्रीस में हुई समुद्री मैराथन में भी दो बार भाग ले चुके हैं। मुंबई के पुलिस कमिश्नर अरुप पटनायक ने उन्हें सम्मानित किया।

Mumbai Police : Home for Policemen : एक घर चाहिए, पुलिस वालों के लिए!

मुंबई
इस शहर में रहने वालों की सुरक्षा करने वाले पुलिस कर्मियों को घर के लाले पड़े हैं। पुलिस महकमे में उच्च अधिकारी तो आलीशान घरों का बंदोबस्त आसानी से कर लेते हैं, मगर सिपाही, हवलदार जैसे कर्मियों के घरों की रिपेयरिंग तक नहीं हो पाती।

मामले की गूंज विधान परिषद में भी सुनाई दी। आम पुलिस वालों के घर के लिए विधान परिषद के सभापति वसंत डावखरे ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखा, मगर हुआ कुछ नहीं। इसी तरह बीआईटी चाल में रहने वाले पुलिस कर्मियों के आवासों की हालत दयनीय है। बीआईटी चाल के संदर्भ में सरकार का कहना है कि यहां रिडिवेलमेंट की प्रक्रिया चल रही है। बिल्डरों के प्रस्ताव आए हैं, जिसकी छंटनी चल रही है।

सदन में कांग्रेस के मोहन जोशी, अलका देसाई, हुसेन दलवाई, भाई जगताप व अन्य सदस्यों ने आम पुलिस कर्मियों के घरों के बाबत प्रश्न उठाए। सदस्यों का कहना है कि एक तो पुलिस कर्मियों को घर नहीं मिल रहा है, और जिन्हें घर मिला है उन इमारतों की हालत बदतर है। दक्षिण मुंबई स्थित डी-वार्ड के बीआईटी चाल की तीन इमारतों का मामला उठाया। कभी इन चालियों में रह चुके कांग्रेस के भाई जगताप ने कहा कि बीआईटी चाल की जिन बिल्डिंगों में पुलिस कर्मी रह रहे हैं उनका मालिकाना हक बीएमसी के पास है। वह 23 रुपये प्रति माह किराया लेती है, जबकि पुलिस महकमा उन घरों में रहने वाले पुलिस कर्मियों के वेतन में हाउसिंग अलाउंस के पांच हजार रुपये काट लेती है। यह सरासर अन्याय है। इसका समर्थन अन्य सदस्यों ने किया।

इस प्रश्न के संबंध में नगर विकास मंत्री भास्कर जाधव ने कहा कि 1992 में 19 बीआईटी चालियां बनाई गई थी जिसमें तीन बिल्डिंगों में पुलिस कर्मी रहते हैं। इन चालियों के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। क्लस्टर डिवेलपमेंट के तहत प्रस्ताव लाए गए हैं, मगर सोसाइटी वालों में सहमति को लेकर विवाद है, जिसके चलते अभी तक फाइनल नहीं हुआ है। रही बात 23 रुपये के किराए की, तो इस बारे में गृह विभाग तय करेगा।

सदस्यों के सवालों के बाबत विधान परिषद के उपसभापति वसंत डावखरे ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि उच्च पुलिस अधिकारी तो बड़ी ही आसानी से बड़ी - बड़ी सोसाइटियों में फ्लैट ले लेते हैं , परंतु जब निचले क्रम के पुलिस कर्मियों को घर देने या फिर उनके बिल्डिंगों के रिपेयरिंग की बात आती है तो नियम कानून आड़े आते हैं। डावखरे ने कहा कि इस मामले में उनका अपना अनुभव बहुत ही कड़वा रहा है। ठाणे में म्हाडा ने बिल्डिंग बनाई है जिसमें कुछ में उन्होंने पुलिस वालों को रहने के लिए घर दिया है। उन बिल्डिंगों के रिपेयरिंग कराने के लिए पुलिस महकमे से लेकर म्हाडा संबंधित अन्य विभाग के लोगों का पत्र लिखा है , मगर हुआ कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही खेद की बात है कि जो हमारी सुरक्षा करते हैं , उन्हीं के साथ इतनी लापरवाही बरती जा रही है

Sunday, April 3, 2011

Raj Police : Police to supervise IPL match security

JAIPUR: The police will supervise security arrangements during the seven IPL matches to be played at Sawai Mansingh Stadium in Jaipur from this month. A meeting was held at the secretariat building on Friday to discuss the security arrangements.
The meeting was attended by senior home department officers, RCA officials, police and other administration officers.
Seven matches which will be played. The are Rajasthan Royals and Delhi Daredevils (April 12), Rajasthan Royals and Kolkata Knight Riders (April 15), Rajasthan Royals and Kochi Tuskers (April 24), Rajasthan Royals and Pune Warriors (May 1), Rajasthan Royals and Chennai Super Kings (May 9) and Rajasthan Royals and Royal Challengers Bangalore (May 11).

Sources said that RCA administration was not in favor of police security and wanted to make its own arrangements, but the home department has clearly instructed the state's cricket body to have police security.
The issue of RCA not paying for police security is being taken up during meetings being held for the matches since Thursday.
The RCA has not paid to the police for providing security at many ILL matches and a one-day match played at the Saw Mannish Stadium in the past.
The cricket matches are constantly under terror threats across the country following which the police department in Jailer doesn't want to take any chances.