Sunday, June 26, 2011

MP Police: Police Transfer: ग्वालियर-चंबल के पुलिस महानिरीक्षक बदले

ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल जोन के पुलिस महानिरीक्षकों का शनिवार को पुलिस मुख्यालय ने अचानक तबादला कर दिया। ग्वालियर आईजी अरविंद कुमार, चंबल आईजी संजय कुमार झा को पुलिस मुख्यालय भोपाल भेजा गया है। ग्वालियर में विजय यादव व चंबल का नया आईजी एस डब्ल्यू नकवी को बनाया गया है।
ग्वालियर जोन में विगत लगभग तीन माह से पुलिस महानिरीक्षक के स्थानांतरण की अटकलें चल रही थी। आईजी अरविंद कुमार को पीएचक्यू से केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने की भी संभावना है, इसके लिए पूर्व से ही तैयारी की जा रही थी। दूसरी ओर चंबल में आईजी बदले जाने पर अलग-अलग अटकलें लगाई जा रही है, इसे अंबाह की घटना से भी जोड़कर देखा जा रहा है। जबकि इससे पूर्व चंबल क्षेत्र में प्रमुख डकैत राजनारायण गिरोह का मुठभेड़ में व शिक्षकों का अपहरण करने वाले देवा बंजारा गिरोह का समर्पण करा कर खात्मा किया गया है। इसके अलावा भी नए डकैतों मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया है। बताया यह भी गया है कि अंबाह में व्यापारी की हत्या के मामले में भी पुलिस हत्यारों के नजदीक पहुंच गई है।

Police Recruitment: केंद्रीय पुलिस बल परीक्षा 9 अक्टूबर को

नई दिल्ली। केंद्रीय पुलिस बलों- केंद्रीय आरक्षी पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में सहायक कमांडेंट (समूह ‘क’) की भर्ती के लिए संघ लोक सेवा आयोग 9 अक्टूबर को एक परीक्षा आयोजित करेगा।


यह परीक्षा देशभर में विभिन्न केंद्रों पर आयोजित की जाएगी।

योग्यता शर्तो, परीक्षा के पाठ्यक्रम और योजना, परीक्षा केंद्रों, आवेदन फॉर्म भरने के लिए दिशा-निर्देश की जानकारी के लिए उम्मीदवार 18 जून के रोजगार समाचार में प्रकाशित परीक्षा के विस्तृत नोटिस देख सकते हैं। ये सभी जानकारियां संघ लोक सेवा आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं।


उम्मीदवारों को सिर्फ ऑनलाइन स्वरूप में ही आवेदन करना होगा। (इस नोटिस के पैरा 6 में निर्धारित सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले उम्मीदवार ऑफलाइन या ऑनलाइन स्वरूप दोनों में से किसी एक में आवेदन कर सकते हैं)।

Saturday, June 25, 2011

Police Policies: First central academy for police training to come up in Bhopal

Dehradun, Jun 20 (PTI) Aiming at bringing uniformity in police training in the country, the first central academy will shortly come up at Bhopal in Madhya Pradesh.
The funds for setting up the training academy are being provided by the Union Home Ministry and 400 acres of land has already been identified for the purpose in Bhopal, Director General of Bureau of Police Research and Development (BPR&D) Vikram Srivastva told reporters here.


Srivastva said once the academy is set up, it would especially benefit those states which lack infrastructure for police training. "All the police officers recruited as direct gazetted officers or at the level of Deputy Superintendent of Police level, would be trained in the academy."
He was speaking on the eve of the 41st All India Police Science Congress (AIPSC) being held for the first time in Uttarakhand.
The academy would also impart training to 500 trainers from the states so that a uniformity can be brought in the police training in the country, he said.
Srivastva said the Centre has also sanctioned two new central detective schools, one at Ghaziabad in Uttar Pradesh and another at Gandhinagar in Gujarat, and the process has already been started for their early establishment.
With this, the total number of such schools will rise to five as the others are already being run at Hyderabad, Kolkata and Chandigarh, he said.
In these schools, specialised training courses like on collection of forensic evidence are being run and scores of officers including some from friendly foreign countries have been imparted training, the DG said.
Nearly 5,000 police officers would get training in 30 courses from the schools during the current financial year ending March 31, 2012.

Police Policies: Top IIM, IIT professors to conduct police studies

The centre has roped in top professors from IIMs and IITs to conduct an in-depth study on police in order to develop better modules and bring in reforms in the police system in India.


“We have now hired top professors of IIMs and IITs to conduct studies like requirement of police personnel in 8 hour duty, police performance in terrorist areas and crime against women,” said Vikram Srivastva, Director General, Bureau of Police Research and Development (BPR&D).


“These are the studies where serious thoughts are being given so that effective recommendations can come out to strengthen the police system in India. These studies will be completed in six months time and after that we will decide our next course of action accordingly,” Srivastva said.
With an aim to bring uniformity in police training in India, he said, a central academy, the first of its kind, will shortly come up at Bhopal in Madhya Pradesh and the funds for setting it up is being provided by the union ministry of home affairs.

A total of 400 acres of land has already been identified for the purpose in Bhopal. Srivastva said this academy would impart training to gazetted officers at the level of Deputy Superintendent of Police (DSP) and prepare a team of 500 such trainers to lend help at the state level.

He said the centre has also sanctioned two new central detective schools, one at Ghaziabad in Uttar Pradesh and another at Gandhinagar in Gujarat. With this, the total number of such schools will get to 5 in the country, where specialized training courses such as forensic evidences will be run. Nearly 5,000 police officers would get training in 30 courses from these schools during the current financial year.

Srivastva added under BPR&D’s National Police Mission, six micro missions have been started for human resource development, community policing, communication and technology, infrastructure development with area specific requirements, new processes and soft skill training.

Rajasthan Police: पुलिस भर्ती के दौरान नौजवानों की सांसें फूली, बेहोश हुए

जोधपुर. राजस्थान पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (आरपीटीसी), मंडोर में चल रही कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की दौड़ में बुधवार सुबह 16 और शाम को 6 अभ्यर्थी गश खाकर गिर पड़े। इनमें से 11 अभ्यर्थियों को महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। दौड़ के समय धूप तेज नहीं थी, लेकिन गोल ट्रैक पर दौड़ने के कारण उन्हें चक्कर आने लगे।



सफल होने के लिए अभ्यर्थी गिरने के बाद फिर से दौड़ने लगे, इसलिए उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई। भर्ती परीक्षा में पिछले दो दिन में 30 युवकों की तबीयत बिगड़ चुकी है। आरपीटीसी में पिछले दो दिनों से कांस्टेबल भर्ती के लिए अभ्यर्थियों की शारीरिक क्षमता की परीक्षा चल रही है। इसमें प्रत्येक जवान को 10 किमी तक दौड़ाया जा रहा है। यह दौड़ 400 मीटर के ट्रैक पर हो रही है, जो मैदान के 25 चक्कर के बराबर है। मंगलवार को इस दौड़ में 8 जनों की तबीयत बिगड़ गई थी, इसलिए बुधवार सुबह 6 बजे दौड़ शुरू की गई।

धूप नहीं होने के बावजूद सुबह-सुबह ही 16 अभ्यर्थी और गिर पड़े। डॉक्टरों ने टीम ने उन्हें ओआरएस का घोल व पानी पिला कर आराम कराया। कुछ लोग पानी पीने के बाद फिर से दौड़े तो अचेत होकर गिरने लगे। ऐसे छह अभ्यर्थी महेंद्र सिंह, श्रवण कुमार, गोविंद, हरिमोहन, अजय मीणा व राजसिंह को एंबुलेंस से एमजीएच पहुंचाना पड़ा। इसके बाद दोपहर में यह दौड़ बंद करवा दी गई। शाम छह बजे बाद अभ्यर्थियों को फिर से दौड़ाया गया तो छह अन्य युवकों की भी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें भी एमजीएच के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया।


राउंड लगाने के कारण आ रहे हैं चक्कर: राष्ट्रीय स्तर के धावक रामपाल जाट का कहना है कि 10 किमी की दौड़ क्रॉस कंट्री रेस के बराबर है। ऐसी दौड़ लंबे ट्रैक पर होती है। गोल चक्कर लगाने में तो अच्छे-अच्छे धावक भी गश खा सकते हैं। इतनी लंबी दौड़ के लिए अभ्यर्थी का अभ्यस्त होना जरूरी है।

जवानों को गर्मी में नहीं दौड़ाएं: दस हजार मीटर की दौड़ अंतरराष्ट्रीय मानक है जो वर्षो से चला आ रहा है। सभी जगह 400 मीटर का ट्रैक होता है, लेकिन इस ट्रैक को सीधा रखा जाए तो बेहतर रहता है। एथलीट को दौड़ में समय को पराजित करना पड़ता है जबकि पुलिस के जवानों को दमखम दिखाना पड़ता है। इसलिए जवानों की दौड़ गर्मी में नहीं की जानी चाहिए। इतनी लंबी दौड़ दौड़ना आसान नहीं होता, एथलीट भी कम दूरी की दौड़ ज्यादा पसंद करते हैं। हाल में अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने वाले घमंडाराम स्कूल समय में 5 व 10 हजार मीटर वाली दौड़ जीत चुके हैं, अब वे 500 व 1000 मीटर की दौड़ दौड़ते हैं। इतनी लंबी दौड़ के लिए ज्यादा दमखम चाहिए इसलिए जवानों को आवेदन करने के साथ ही अभ्यास आरंभ कर देना चाहिए। - सोहनलाल चौधरी, राष्ट्रीय स्तर के एथलेटिक्स कोच एवं खेल अधिकारी

CG Police : राज्य पुलिस में महिला बटालियन का गठन

रायपुर।। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने सशस्त्र महिला बटालियन बनाने का फैसला किया है, जिसे मैदानी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जरूरत पड़ने पर तैनात किया जाएगा।



राज्य में गृह विभाग के प्रमुख सचिव एन.के. असवाल ने बताया कि राज्य शासन ने राज्य में महिला सशस्त्र बटालियन बनाने का फैसला किया है तथा जल्द की इस बटालियन का गठन कर दिया जाएगा। असवाल ने बताया कि सरकारी नौकरियों में महिलाओं को आरक्षण देने का प्रावधान है, लेकिन छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल में महिलाओं को आरक्षण देना व्यावहारिक तौर पर कठिन है।

इस कमी को पूरा करने के लिए राज्य शासन ने राज्य में महिला सशस्त्र बटालियन बनाने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि महिला बटालियन को मैदानी तथा जरूरत पड़ने पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए तैनात किया जाएगा। राज्य शासन महिला बटालियन को नक्सल विरोधी अभियान के लिए तैनात नहीं करेगा।


अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य में महिला बटालियन गठित करने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है तथा गृह विभाग को महिला आरक्षकों की भर्ती के लिए छत्तीसगढ़
सशस्त्र बल में अलग से प्रस्तावित महिला बटालियन के गठन की कार्रवाई नियमानुसार जल्द
शुरू करने का निर्देश दिया है।

CG Police : राष्ट्रपति की सुरक्षा राजधानी में पुलिस की किलेबंदी शुरू

रायपुर (इस्पात टाइम्स)। राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी पाटिल के नगर आगमन को लेकर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त हो गई है। माना विमानतल से लेकर विधानसभा मार्ग तक सड़कों के दोनों ओर ठेले-गुमटियों को हटा दिया गया है। वहीं राजधानी में प्रदेश भर से करीब 3 हजार पुलिस बल के साथ ही टीआई से लेकर एसपी स्तर के अधिकारियों को जवाबदेही दी गई है।
राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी पाटिल 24 जून को राजधानी पहुंच रही हैं।

श्रीमती पाटिल माना विमानतल से सीधे विधानसभा जाएंगी और यहां के कार्यक्रमों मेंं शामिल होंगी। राजधानी पुलिस ने इसके लिए माना विमानतल से लेकर विधानसभा तक के प्रमुख मार्गों में अभी से पुलिस बल तैनात कर दिया है तथा विभिन्न प्वाइंटों की जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दी है। बताया जाता है कि माना विमानतल से वीआईपी रोड, शंकर नगर रोड, अवंति बाई लोधी चौक के बीच कई प्वाइंट बनाकर याहं पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं विभिन्न प्वाइंटों की जिम्मेदारी टीआई स्तर से लेकर एसपी स्तर के अधिकारियों को सौंपा गया है। इसी तरह विधानसभा से नगर निगम के नवीन मुख्यालय भवन तक के निर्धारित मार्ग में भी इसी तरह पुलिस बल तैनात किया गया है। नगर निगम नवीन मुख्यालय भवन के लोकार्पण समारोह के दौरान कोतवाली, छोटापारा, मोतीबाग, महिला थाना चौक, कालीबाड़ी, बैरनबाजार सहित अन्य मार्गों में अभी से बैरिकेट्स लगा दिया गया है। बताया जाता है कि राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर प्रदेश के सभी जिलों से अतिरिक्त बल राजधानी बुला लिया गया है। इसी तरह राजभवन में भी राष्ट्रपति कुछ समय के लिए पहुंचेगी, इसलिए राजभवन के आसपास भी सुरक्षा व्यवस्था अभी से सख्त कर दी गई है। सुरक्षा कारणों से दिक्कत पैदा कर रही झाड़ियों की भी सफाई कर दी गई है और यहां प्वाइंट बनाकर पुलिस बल तैनात किया गया है। राजधानी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीगण सुबह से लेकर देर रात तक सुरक्षा व्यवस्था की सतत समीक्षा कर रहे हैं।

वहीं कार्यक्रम स्थल के आसपास वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही करीब 500 जवानों का सुरक्षा घेरा राष्ट्रपति के आसपास तैनात होगा। इसके अलावा राष्ट्रपति की निजी सुरक्षा टीम भी चौकन्नी रहकर राजधानी पुलिस की सहयोग करेगी। जिन मार्गों से राष्ट्रपति का काफिला गुजरने वाला है, इसके आसपास के रिहाशी इलाकों के टै�फिक को बेरिकेट्स लगाकर डायवर्ट किया जा रहा है। राजधानी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक ना हो जाए, इसलिए सभी अधिकारियों को पृथक-पृथक जिम्मेदारी सौंप दी गई है और सुरक्षा व्यवस्था की सतत मॉनिटरिंग की जा रही है।