Thursday, January 5, 2012

HR Police: गहरे पानी में डूबे तो बचोगे नहीं, हरियाणा पुलिस और फायर ब्रिगेड के पास नहीं हैं ट्रेंड गोताखोर..

बल्लभगढ़ /// गहरे पानी में डूबने वालों को बचाने या ढंूढने के लिए पुलिस और फायर ब्रिगेड के पास ट्रेंड गोताखोर नहीं हैं। ऐसे किसी भी हादसे में प्रशासन को सेना की मदद मांगनी पड़ती है। जब तक सेना के गोताखोर मौके पर पहुंचते हैं , तब तक पानी में डूबे व्यक्ति की मौत हो चुकी होती है और शव बह निकलता है। इससे पुलिस व प्रशासन को कई बार लोगोें के गुस्से का शिकार होना पड़ता है। बीते चार सालों में 40 से अधिक लोग पानी में जान गंवा चुके हैं। अब पुलिस अपने स्टाफ में से कुछ को गोताखोरी की ट्रेनिंग दिलाने की तैयारी कर रही है। पुलिस के पास नहीं पर्याप्त गोताखोर फायर ब्रिगेड व पुलिस के पास पर्याप्त गोताखोर नहीं होने की वजह से गहरे पानी में डूबे लोगों को बाहर निकालने के लिए मुश्किलें पैदा हो जाती हैं। तीन दिन से पुलिस व फायर ब्रिगेड के गोताखोर आगरा नहर में एक शव को तलाशने मेें लगे रहे। थक हारकर पुलिस ने सेना की मदद मांगी थी। ऐसे अनेक केस पुलिस के सामने आए हैं , जब सेना के गोताखोर बुलाए गए हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि इतने बड़े शहर में पर्याप्त गोताखोर व इस्टूमेंट नहीं हैं।
ट्रेंड गोताखोर तैयार करेगी पुलिस जॉइंट पुलिस कमिश्नर अनिल राव का कहना है कि पानी में होने वाले हादसों को देखते हुए पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। झीलों में अधिकतर छात्र शिकार हुए हैं। डूबने वाले सभी छात्रों की मौत हो चुकी थी। नहर और यमुना में भी हादसे होते रहते हैं। किसी आपात स्थिति के समय सेना की मदद न मांगनी पडे़ इसके लिए ट्रेंड गोताखार तैयार कर पर्याप्त इस्टूमेंट भी दिलाए जाएंगे।

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