नई दिल्ली। दिल्ली की सड़कों पर वे हर रात बेरीकेड्स लगाकर गश्त करते हैं और अपराधियों पर कड़ी नजर रखते हैं। उनकी कोशिश है कि राष्ट्रीय राजधानी का अपराधों से कोई नाता न रहे। दिल्ली पुलिस का मोटरसाइकिल से गश्त लगाने वाला दल सूरज ढलने के बाद इस शहर के चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर रखता है। दल में शामिल पुलिसकर्मी राह चलते संदिग्ध लोगों को रोकते हैं, उनसे पूछताछ करते हैं और फिर उनकी जांच भी होती है।
पुलिस अधिकारी बिना हेलमेट मोटरसाइकिल चलाने वालों और बिना सीट बेल्ट कार चलाने वालों को रोकते हैं और उनसे उनकी पहचान के बारे में पूछते हैं। यदि वे पूछताछ से संतुष्ट होते हैं तो उन्हें घर जाने की इजाजत दे देते हैं लेकिन उन्हें कोई भी संदेह होता है तो वे उस व्यक्ति को पुलिस थाने ले आते हैं।
दिल्ली पुलिस का रात में गश्त लगाने वाला दल सुरक्षा के लिए लोगों को रोकने, उनसे पूछताछ करने और फिर उनकी जांच करने की कार्यप्रणाली के तहत काम करता है। उदाहरण के दौर पर इस दल ने बीते तीन महीने में रात के समय राष्ट्रीय राजधानी से करीब 90 अपराधियों को पकड़ा है।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त व दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बताया, "रात में गश्त के दौरान कई चोर और अपराधी गिरफ्तार किए गए।" मोटरसाइकिल पर गश्त लगाने वालों के अलावा कुछ नवनियुक्त पुलिसकर्मी अंदर की सड़कों पर पैदल गश्त भी लगाते हैं। कुछ पुलिसकर्मी झुग्गी-बस्ती इलाकों में भी गश्त लगाते हैं।
दिल्ली पुलिस 80,000 पुलिसकर्मियों की मजबूत सुरक्षा तंत्र है। यातायात पुलिस भी अपराधियों को पकड़ने के लिए अस्थायी बेरीकेड्स लगाती है। संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्येंद्र गर्ग कहते हैं, "शहर में शराब पीकर वाहन चलाने की घटनाओं को रोकने के लिए हमने शनिवार रात 50 स्थानों पर वाहन चालकों की अचानक जांच की।"
उन्होंने बताया, "मात्र तीन घंटे में ही हमने नियमों का उल्लंघन करने वाले 307 लोगों की पहचान कर ली। इनमें से 195 मद्यपान कर वाहन चला रहे थे, 35 लोग खतरनाक तरीके से वाहन चला रहे थे, 60 प्रवेश वर्जित क्षेत्र में वाहन चलाते दिखे जबकि 17 ने अन्य नियमों का उल्लंघन किया था।" उन्होंने बताया कि इस दौरान कुल 64 वाहन जब्त किए गए। पुलिस की इस पहल से दिल्लीवासी खुश हैं।
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