जालंधर। अंडरट्रायल (हवालातियों) को हथकड़ी लगाने के मामले में सख्ती बरतते हुए हाईकोर्ट ने राज्य के सभी न्यायिक अधिकारियों को निर्देश भेजकर इस संबंधी नियमों का पालन करवाने को कहा है। हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के जिला जजों को सिविल रिट पिटीशन नंबर 13718 आफ 1994 में पास निर्देशों की कापियां भेजकर इसका पालन करवाने के आदेश दिए हैं। जिला जजों को अपने अधीनस्थ कार्यरत सभी न्यायिक अधिकारियों को भी इन निर्देशों से अवगत करवाने को कहा गया है।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने 1 अप्रैल, 2011 को जारी आदेश में सभी जजों को वल्र्ड ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन काउंसिल केस का हवाला देकर न्यायिक अधिकारियों को अंडरट्रायल (हवालातियों) से वैरिफाई करने का निर्देश दिया है कि उन्हें हथकड़ी लगाई गई थी या नहीं। इस केस में हाईकोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों की अंडरट्रायल को हथकड़ी और पेशी के संबंध में वैरिफिकेशन की ड्यूटी लगाई थी।
चीफ जस्टिस के निर्देशों पर हाईकोर्ट प्रशासन ने आदेशों की कापियां सभी जिला जजों को भेज दी हैं। गौर हो कि अंडरट्रायल को अदालत में पेशी के वक्त हथकड़ियां लगाने का मामला पिछले लंबे समय से उठ रहा है। कुछ महीने पहले जिले के इंस्पेक्टिंग जज ने भी इंस्पेक्शन के वक्त अंडर ट्रायल की हथकड़ियां उतरवाई थीं।
नफरी की समस्या सिरदर्द
पुलिस फोर्स में नफरी की समस्या डिपार्टमेंट के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। एक पुलिस कर्मचारी तीन-तीन हवालातियों को अदालत में पेश कर रहा है। एडवोकेट हरमिंदर सिंह संधू को सूचना के अधिकार में मिली जानकारी के मुताबिक पिछले पांच साल में अदालत परिसर से पेशी के दौरान करीब 39 अंडर-ट्रायल भाग चुके हैं।
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