हुजूरपुर(बहराइच), हुजूरपुर थाना क्षेत्र के 85 गांवों में सुरक्षा का दारोमदार 17 सिपाहियों के कंधों पर है। ऊपर से बैंक सुरक्षा, रात्रि गश्त, पिकेट ड्यूटी और डाकसेवा के लिए अतिरिक्त सिपाहियों की जरूरत है। पहले से ही सुरक्षा कर्मियों की कमी झेल रहे थाने से दो सिपाही और एक हेड कांस्टेबल जीआरपी में अलग से भेज दिए गए हैं।
थाने पर एक थानाध्यक्ष के साथ चार उपनिरीक्षक, दो हेडकांस्टेबल और 35 सिपाही का नियतन स्वीकृत है, लेकिन थानाध्यक्ष के अलावा सिर्फ तीन दरोगा, एक हेडकांस्टेबिल और 17 सिपाहियों की तैनाती है। 58 ग्रामपंचायतों के 85 राजस्व गांव थाना क्षेत्र की परिधि में आते हैं। क्षेत्र में पांच बैंक स्थापित हैं। यहां नियमित दो-दो सिपाहियों की ड्यूटी लगती है। थाने पर नियमित पहरा के लिए एक सिपाही, कस्बा गश्त, पिकेट ड्यूटी, वाहन चेकिंग और रात्रिकालीन गश्त ऊपर से करने की जिम्मेदारी है।
इसके अतिरिक्त गिरफ्तार अभियुक्तों को न्यायालय ले जाने, क्षेत्राधिकारी, पुलिस कार्यालय और न्यायिक पैरवी के लिए पैरोकार की जरूरत पड़ती है। औसतन थाने पर प्रतिदिन 40 से 50 शिकायती प्रार्थना पत्र आते हैं। इनके जांच की जिम्मेदारी भी सिपाहियों को सौंपी जाती है। अपराधियों की धर-पकड़ और मामलों के खुलासे में थानेदार इन्हीं सिपाहियों की मदद लेते हैं। कार्य की दृष्टि से अगर देखा जाए तो यह सिपाही अगर 24 घंटे भी ड्यूटी करें तो थाने का कार्य निपटाना इनके वश के बाहर की बात है। लेकिन इसके बावजूद सारा कुछ चकाचक चल रहा है। सिपाहियों की कमी और कार्यो की अधिकता के सवाल पर जब थानाध्यक्ष बृजेश सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकारी कार्य का निस्तारण करना ही उनका दायित्व है। सिपाहियों की कमी निश्चित तौर पर है, लेकिन जिले पर ही नियतन के अनुरूप सिपाही नहीं हैं, इसलिए थाने पर भी उनकी कमी है। किसी तरह कार्य चलाया जा रहा है।
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