नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते अपराध और आंतकवाद की घटनाओं को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने बुधवार को 4,568 सिपाहियों की नियुक्ति की जिसमें 460 महिला पुलिस भी शामिल हैं। इसके चार दिन पहले 2,022 सुरक्षा जवानों की भर्ती की गई थी। दिल्ली में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़कर 83,700 हो गई है।
नवनियुक्त सिपाहियों के पासिंग आउट परेड के दौरान उप राज्यपाल तजेंद्र खन्ना ने "अपराध और आतंकवाद से निपटने के लिए खुफिया तंत्र को मजबूत करने" पर बल दिया।
खन्ना ने कहा, "इन घटनाओं से निपटने के लिए हमें पूरे देश में एक मील का पत्थर स्थापित करने की जरुरत है और इसके लिए लोगों को पुलिस को महत्वपूर्ण सूचनाओं को मुहैया कराना पड़ेगा।"
उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए कानून व्यवस्था को बनाए रखना अनिवार्य है।
इस अवसर पर दिल्ली पुलिस आयुक्त बी. के. गुप्ता ने कहा कि वर्तमान समय में देश के सामने आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती है।
उन्होंने कहा, "हमें स्थानीय स्तर पर खुफिया तंत्र को बढ़ाने की आवश्यकता है।"
गुप्ता ने कहा कि नवनियुक्त सिपाहियों में से 25 महिला जवान सहित 685 जवानों को महाराष्ट्र के नांदेड़ में स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल प्रशिक्षण केंद्र में कमांडो प्रशिक्षण दिया जाएगा।
भर्ती किए गए सभी सिपाहियों को प्रारम्भिक कमांडो प्रशिक्षण से गुजरना पड़ेगा। इसके अलावा उनको निहत्थे लड़ाई करना, फोरेंसिक विज्ञान, कम्प्यूटर की मूलभूत जानकारी, बचाव कार्य, आतंकवाद की जवाबी कार्रवाई करने और साइबर अपराध के विषय में प्रशिक्षित किया जाएगा।
पहली बार महिला पुलिस को निहत्थे लड़ाई करने का खास प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा मोटरसाइकिल चलाने, साहसिक और बचाव कार्य का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसके पहले दिल्ली पुलिस ने पिछले वर्ष 31 अगस्त को 351 महिला सिपाही सहित 5,697 सिपाहियों की नियुक्ति की गई थी।
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