पुलिस की खबरें, सिर्फ पुलिस के लिए ...... An International Police Blog for police personnels and their family, their works, their succes, promotion and transfer, work related issues, their emotions,their social and family activities, their issues and all which related to our police personnels.
Friday, June 10, 2011
CG Police: Maoist rebels kill 15 police in double attack
RAIPUR - Maoist rebels killed 15 police officers in the jungles of Chhattisgarh in two separate bomb blasts, police said on Friday, as the insurgents continued a fresh round of violent attacks on security forces. A bomb attack on two security vehicle killed 10 police and injured three early on Friday morning, a senior police officer said, hours after insurgents shot dead five state policemen in a raid on an armed forces camp. Both the attacks were carried out in forested areas of the mineral rich region where the Maoists are mainly active, and where widespread violence has worried investors and disrupted mining and rail transport. "It was a massive blast," Ram Niwas, additional director general of police (Maoist operation), told Reuters. The anti-landmine vehicle was tossed up in the air by the blast before it landed in pieces, Niwas said. The attack took place 400 km (250 miles) from the state capital, Raipur. A recent crackdown on rebel-controlled areas had raised hopes that the government was winning the battle against what the prime minister has described as India's biggest internal security threat. But the latest string of attacks, including a blast last month that killed seven policemen, has led to fears that security forces are ill-prepared to deal with the threat. The Maoists' violent campaign against the government began as a peasant revolt in the late 1960s. The rebels say they are fighting for the rights of the poor and the disenfranchised.
HR Police: police & strike: पुलिस के साए में चली रोडवेज बसें
रोहतक. रोडवेज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर बुलाई गई एक दिन की राज्य व्यापी हड़ताल का रोहतक में मिला-जुला असर रहा।
रोडवेज कर्मचारियों द्वारा सुबह बसों को रूट पर जाने से रोकने का प्रयास किया गया, जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया। इसके बाद करीब दो दर्जन बसें विभिन्न रूटों पर चलीं। दिन के समय बसों का आवागमन प्रभावित रहा। इस दौरान पुलिस और कर्मचारियों के बीच झड़प भी हुई। कई बसों को पुलिस की पायलट गाड़ी के साथ रूट पर भेजा गया।
2699 रूटों पर निजी ऑपरेटरों को परमिट देने के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों की दो प्रमुख यूनियनों द्वारा हड़ताल बुलाई गई थी। हड़ताल को लेकर मंगलवार शाम से ही कर्मचारी नेताओं ने डेरा डाल लिया था। सुबह साढ़े 4 बजे रोहतक से चंडीगढ़ जाने वाली बस सामान्य दिनों की तरह डिपो से निकली।
इसके बाद 5 बजे चंडीगढ़ जाने वाली बस को कर्मचारियों ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया। नौ बजे के करीब एक दर्जन कर्मचारी बस अड्डे से बाहर इनेलो आफिस के पीछे एकत्रित हो गए, जिसकी भनक पुलिस को लग गई। पुलिस ने वहीं पहुंच कर कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया। कर्मचारियों ने विरोध किया, जिसके चलते पुलिस व कर्मचारियों के बीच झड़प भी हुई।
बस स्टैंड की किलाबंदी
हड़ताल के आह्वान के मद्देनजर प्रशासन किसी प्रकार का रिस्क नहीं उठाना चाहता था। इसको लेकर बस स्टैंड को किले में तबदील किया गया था। एसडीएम जगदीश शर्मा ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर मौजूद थे। वहीं, एडिशनल एसपी विकास धनखड़ पुलिस कर्मियों का नेतृत्व कर रहे थे। बीच-बीच में एसपी बी. सतीश बालन ने भी बस स्टैंड पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बस स्टैंड के कार्यालय में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा।
रोडवेज कर्मचारियों द्वारा सुबह बसों को रूट पर जाने से रोकने का प्रयास किया गया, जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया। इसके बाद करीब दो दर्जन बसें विभिन्न रूटों पर चलीं। दिन के समय बसों का आवागमन प्रभावित रहा। इस दौरान पुलिस और कर्मचारियों के बीच झड़प भी हुई। कई बसों को पुलिस की पायलट गाड़ी के साथ रूट पर भेजा गया।
2699 रूटों पर निजी ऑपरेटरों को परमिट देने के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों की दो प्रमुख यूनियनों द्वारा हड़ताल बुलाई गई थी। हड़ताल को लेकर मंगलवार शाम से ही कर्मचारी नेताओं ने डेरा डाल लिया था। सुबह साढ़े 4 बजे रोहतक से चंडीगढ़ जाने वाली बस सामान्य दिनों की तरह डिपो से निकली।
इसके बाद 5 बजे चंडीगढ़ जाने वाली बस को कर्मचारियों ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया। नौ बजे के करीब एक दर्जन कर्मचारी बस अड्डे से बाहर इनेलो आफिस के पीछे एकत्रित हो गए, जिसकी भनक पुलिस को लग गई। पुलिस ने वहीं पहुंच कर कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया। कर्मचारियों ने विरोध किया, जिसके चलते पुलिस व कर्मचारियों के बीच झड़प भी हुई।
बस स्टैंड की किलाबंदी
हड़ताल के आह्वान के मद्देनजर प्रशासन किसी प्रकार का रिस्क नहीं उठाना चाहता था। इसको लेकर बस स्टैंड को किले में तबदील किया गया था। एसडीएम जगदीश शर्मा ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर मौजूद थे। वहीं, एडिशनल एसपी विकास धनखड़ पुलिस कर्मियों का नेतृत्व कर रहे थे। बीच-बीच में एसपी बी. सतीश बालन ने भी बस स्टैंड पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बस स्टैंड के कार्यालय में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा।
JK Police: Police Recruit: 569 पुलिस जवान जनसेवा को तैयार
श्रीनगर पुलिस जवान जनहित में काम करें। जम्मू-कश्मीर पुलिस को देश की बेहतरीन फोर्स कहते हुए राज्य के गृहमंत्री नसीर असलम वानी ने पुलिस फोर्स से चुनौतियों से जूझने का आह्वान किया। पुलिस की कमांडो ट्रेनिंग सेंटर लेथपोरा-पुलवामा में आयोजित पासिंग आउट परेड पर वानी ने पुलिस जवानों को देशहित में सुरक्षा बलों के साथ एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया।उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कानून व शांति व्यवस्था से निपटकर राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है।
फोर्स में भर्ती हुए नए रिक्रूट को संबोधित करते हुए वानी ने जवान अपनी ड्यूटी सही तरीके से निभाएं और जनहित में काम करें। इस मौके पर डीजीपी कुलदीप खुड्डा ने कहा कि पुलिस जवानों को कमांडो ट्रेनिंग के जरिए चुनौतियों के लिए तैयार किया गया है। 569 जवानों को राज्य में कानून एवं न्याय व्यवस्था संभालने के लिए तैनात किया जाएगा।
डीजीपी ने बताया कि राज्य में पुलिस के छह ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और उधमपुर में खास ट्रेनिंग अकादमी है। पुलिस जवानों-अफसरों को आधुनिक ट्रेनिंग के साथ-साथ साइबर क्राइम, भीड़ नियंत्रण और मानवाधिकार रक्षा के प्रति आदर रखने के लिए भी ट्रेंड किया जाएगा।
फोर्स में भर्ती हुए नए रिक्रूट को संबोधित करते हुए वानी ने जवान अपनी ड्यूटी सही तरीके से निभाएं और जनहित में काम करें। इस मौके पर डीजीपी कुलदीप खुड्डा ने कहा कि पुलिस जवानों को कमांडो ट्रेनिंग के जरिए चुनौतियों के लिए तैयार किया गया है। 569 जवानों को राज्य में कानून एवं न्याय व्यवस्था संभालने के लिए तैनात किया जाएगा।
डीजीपी ने बताया कि राज्य में पुलिस के छह ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और उधमपुर में खास ट्रेनिंग अकादमी है। पुलिस जवानों-अफसरों को आधुनिक ट्रेनिंग के साथ-साथ साइबर क्राइम, भीड़ नियंत्रण और मानवाधिकार रक्षा के प्रति आदर रखने के लिए भी ट्रेंड किया जाएगा।
MP Police : Police Raid : मयखानों में गुंडों की तलाश
इंदौर. देर रात तक शराब परोसने वाले नामी होटलों के बाद गुरुवार को पुलिस ने शहर की सभी कलाली व आहतों में सर्चिग अभियान चलाया। यहां पुलिस को सामने देखकर लोगों का नशा उतर गया। कुछ लोग मुंह छिपाने लगे तो कुछ गाड़ी उठाकर लडख़ड़ाकर भाग गए।
दरअसल, प्रभारी एसएसपी पवन श्रीवास्तव सभी सीएसपी को अपने क्षेत्र की शराब दुकानों और अहातों में से गुंडे व संदिग्धों को पकड़ने के निर्देश दिए थे। उसके बाद रात में पुलिस टीम वाइन शॉप में घुसकर शराब पीने वालों की तलाशी लेने लगे।
पुलिस देख वहां हड़कंप मचा। कुछ तो मुंह छिपाने लगे,जबकि बाहर शराब पी रहे लोग भाग गए।
दरअसल, प्रभारी एसएसपी पवन श्रीवास्तव सभी सीएसपी को अपने क्षेत्र की शराब दुकानों और अहातों में से गुंडे व संदिग्धों को पकड़ने के निर्देश दिए थे। उसके बाद रात में पुलिस टीम वाइन शॉप में घुसकर शराब पीने वालों की तलाशी लेने लगे।
पुलिस देख वहां हड़कंप मचा। कुछ तो मुंह छिपाने लगे,जबकि बाहर शराब पी रहे लोग भाग गए।
फिर पकड़ा गया बार-बार पुलिस को चकमा देनेवाला रामपाल
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने कस्टडी से बार-बार फरार होने के लिए कुख्यात हो चुके रामपाल को आज गिरफ्तार कर लिया। ये पुलिस कस्टडी से चार बार फरार और दो बार पेरोल से है। पेरोल जंप करने के दौरान इसने फरीदाबाद स्थित लखानी समूह के मालिक से एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी।
अपराध शाखा उपायुक्त अशोक चांद के अनुसार, छह जून को तीस हजारी लॉकअप मेंकैदियों के बीच झगड़े में विक्रम रामपाल फरार हो गया था। इसके बाद ये गोविंदपुरी में रह रहा था और मुंबई भागने की फिराक में था।
पुलिस टीम ने यहां घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया। साउथ एक्स निवासी विक्रम पब्लिक स्कूलमें पढ़ा है। १९९० में इसने हत्या की वारदात को अंजाम दिया और उसे उम्रकैद की सजा हुई। इस पर हत्या, एक्सर्टोशन, अपहरण, रॉबरी, चोरी औरपुलिस कस्टडी से फरार होने के करीब १९ मामले दर्ज हैं।
विक्रम की जेल में अनवर ठाकुर और जोगिंद्र सिंह उर्फ जस्सा से मुलाकात हुई। १९९९ में ये पैरोल पर बाहर आया और इन दोनों के साथ इसने लखानी गु्रप के मालिक से एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। १९ फरवरी, २००९ में ये पैरोल पर आया और अशोक विहार में एक व्यक्ति से एक लाख रुपये की रंगदारी ली थी।
अपराध शाखा उपायुक्त अशोक चांद के अनुसार, छह जून को तीस हजारी लॉकअप मेंकैदियों के बीच झगड़े में विक्रम रामपाल फरार हो गया था। इसके बाद ये गोविंदपुरी में रह रहा था और मुंबई भागने की फिराक में था।
पुलिस टीम ने यहां घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया। साउथ एक्स निवासी विक्रम पब्लिक स्कूलमें पढ़ा है। १९९० में इसने हत्या की वारदात को अंजाम दिया और उसे उम्रकैद की सजा हुई। इस पर हत्या, एक्सर्टोशन, अपहरण, रॉबरी, चोरी औरपुलिस कस्टडी से फरार होने के करीब १९ मामले दर्ज हैं।
विक्रम की जेल में अनवर ठाकुर और जोगिंद्र सिंह उर्फ जस्सा से मुलाकात हुई। १९९९ में ये पैरोल पर बाहर आया और इन दोनों के साथ इसने लखानी गु्रप के मालिक से एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। १९ फरवरी, २००९ में ये पैरोल पर आया और अशोक विहार में एक व्यक्ति से एक लाख रुपये की रंगदारी ली थी।
Gurgaon Police: रात को सड़क पर रहेगी 80 फीसदी पुलिस
गुड़गांव॥ अगर रात के वक्त शहर के चौक चौराहों के अलावा मुख्य स्थानों पर भारी मात्रा में पुलिस बल दिखाए दे तो हैरान होने की जरूरत नहीं है, पुलिस प्रशासन ने गुुरुवार से शहर में 'स्पेशल रोड डोमीनेशन' अभियान शुरू कर दिया है। डीजीपी के आदेश पर इसे चलाने का फैसला किया गया है। अभियान 30 जून तक चलेगा। इसके लिए पुलिस कमिश्नर ने तीनों जोन के डीसीपी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। अभियान का सुपरविजन एसीपी लेवल के अधिकारी करेंगे। समय-समय पर डीसीपी और पुलिस कमिश्नर भी शहर में निकलेंगे।
कहां-कहां तैनात होगी पुलिस
शहर में मुख्य चौक चौराहों पर पुलिस की तैनाती रहेगी। शहर को हाइवे से जोड़ने वाले रास्तों पर नाकेबंदी की जाएगी। इसके अलावा हाइवे पर राजीव चौक, इफ्को चौक, हीरो हांेडा चौक, शंकर चौक, सिरहोल टोल गेट, खेड़कीदौला टोल गेट पर पुलिस तैनात रहेगी। इसके अलावा गुड़गांव को दिल्ली से जोड़ने वाले तीनों बॉर्डर्स पर पुलिस की विशेष नजर रहेगी। कापसहेड़ा बॉर्डर, सिरहोल बॉर्डर और महरौली बॉर्डर पर पुलिस की टीमें तैनात रहेंगी। शहर में सभी 23 पुलिस थानों की 80 फीसदी पुलिस इस अभियान के दौरान रात को रोड पर नजर आएगी।
क्या है अभियान का मकसद
अभियान का मकसद अपराधियों की धरपकड़ के अलावा संदिग्ध लोगों की पहचान करना होगा। इसके अलावा वाहन चोरी के मामलों पर अंकुश लगाना, अवैध शराब करने वालों को पकड़ना भी अभियान का हिस्सा है। अभियान के दौरान मुख्य फोकस दूसरे राज्यों से जुड़ी सीमाओं से होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाना भी है। गुड़गांव राजधानी दिल्ली से 3 ओर जुड़ा है। ऐसे में कई बार बदमाश वारदात को अंजाम देकर गुड़गांव में घुस जाते हैं।
बेहतर काम करने वालों को मिलेगा प्राइज
9 जून से 30 जून तक चलने वाले अभियान के दौरान बेहतर काम करने वालों को पुलिस प्रशासन की ओर से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा अभियान के दौरान जिस पुलिस कर्मचारी या अधिकारी का प्रदर्शन शून्य रहा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस बारे में डीजीपी की ओर से मिले लेटर में स्पष्ट लिखा गया है। पुलिस प्रशासन को दो दिन पहले ही यह लेटर मिला है।
हर रोज भेजनी होगी डीजीपी को अभियान की रिपोर्ट
अभियान के दौरान हर रोज की उपलब्धि डीजीपी को भेजनी होगी। इस बारे में डीजीपी की ओर से मिले लेटर में लिखा गया है कि अभियान की हर रोज की रिपोर्ट अगले दिन सुबह 11 बजे से पहले फैक्स की जाए। रिपोर्ट में अभियान के दौरान एक दिन के प्रदर्शन का लेखाजोखा तैयार होगा।
डीसीपी को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
अभियान को लेकर पुलिस कमिश्नर एस . एस . देसवाल ने गुुरुवार को अपने कार्यालय में तीनों जोन के डीसीपी की मीटिंग कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। अभियान को लेकर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि अभियान के दौरान बेहतर प्रदर्शन करें। किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाए गी।
कहां-कहां तैनात होगी पुलिस
शहर में मुख्य चौक चौराहों पर पुलिस की तैनाती रहेगी। शहर को हाइवे से जोड़ने वाले रास्तों पर नाकेबंदी की जाएगी। इसके अलावा हाइवे पर राजीव चौक, इफ्को चौक, हीरो हांेडा चौक, शंकर चौक, सिरहोल टोल गेट, खेड़कीदौला टोल गेट पर पुलिस तैनात रहेगी। इसके अलावा गुड़गांव को दिल्ली से जोड़ने वाले तीनों बॉर्डर्स पर पुलिस की विशेष नजर रहेगी। कापसहेड़ा बॉर्डर, सिरहोल बॉर्डर और महरौली बॉर्डर पर पुलिस की टीमें तैनात रहेंगी। शहर में सभी 23 पुलिस थानों की 80 फीसदी पुलिस इस अभियान के दौरान रात को रोड पर नजर आएगी।
क्या है अभियान का मकसद
अभियान का मकसद अपराधियों की धरपकड़ के अलावा संदिग्ध लोगों की पहचान करना होगा। इसके अलावा वाहन चोरी के मामलों पर अंकुश लगाना, अवैध शराब करने वालों को पकड़ना भी अभियान का हिस्सा है। अभियान के दौरान मुख्य फोकस दूसरे राज्यों से जुड़ी सीमाओं से होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाना भी है। गुड़गांव राजधानी दिल्ली से 3 ओर जुड़ा है। ऐसे में कई बार बदमाश वारदात को अंजाम देकर गुड़गांव में घुस जाते हैं।
बेहतर काम करने वालों को मिलेगा प्राइज
9 जून से 30 जून तक चलने वाले अभियान के दौरान बेहतर काम करने वालों को पुलिस प्रशासन की ओर से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा अभियान के दौरान जिस पुलिस कर्मचारी या अधिकारी का प्रदर्शन शून्य रहा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस बारे में डीजीपी की ओर से मिले लेटर में स्पष्ट लिखा गया है। पुलिस प्रशासन को दो दिन पहले ही यह लेटर मिला है।
हर रोज भेजनी होगी डीजीपी को अभियान की रिपोर्ट
अभियान के दौरान हर रोज की उपलब्धि डीजीपी को भेजनी होगी। इस बारे में डीजीपी की ओर से मिले लेटर में लिखा गया है कि अभियान की हर रोज की रिपोर्ट अगले दिन सुबह 11 बजे से पहले फैक्स की जाए। रिपोर्ट में अभियान के दौरान एक दिन के प्रदर्शन का लेखाजोखा तैयार होगा।
डीसीपी को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
अभियान को लेकर पुलिस कमिश्नर एस . एस . देसवाल ने गुुरुवार को अपने कार्यालय में तीनों जोन के डीसीपी की मीटिंग कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। अभियान को लेकर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि अभियान के दौरान बेहतर प्रदर्शन करें। किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाए गी।
Delhi Police: Baba Randev : रामदेव प्रकरण : दिल्ली पुलिस की मुश्किलें बढ़ीं
योग गुरु बाबा रामदेव प्रकरण पर उच्चतम न्यायालय द्वारा जवाब मांगे जाने से दिल्ली पुलिस की मुश्किलें बढ. गयी लगती हैं.
पुलिस को यह समझ नहीं आ रहा कि उच्चतम न्यायालय से मिले नोटिस के अलावा मानवाधिकार आयोग तथा महिला आयोग के नोटिस का क्या जवाब दिया जाए. इस बारे में बृहस्पतिवार को भी पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के बीच बैठकें होती रहीं. इन बैठकों में गह मंत्रालय के अधिकारियों ने भी भाग लिया.
ज्ञात हो कि विदेशों से काले धन को वापस लाने एवं भ्रष्टाचार मिटाने की मांग को लेकर बाबा रामदेव की अगुआई में हजारों की संख्या में रामलीला मैदान में जुटे आन्दोलनकारियों को खदेड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने 4/5 जून की रात के बाद कथित रू प से बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की थी. उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए केन्द्रीय गृह सचिव और दिल्ली के मुख्य सचिव एवं पुलिस आयुक्त से जवाब तलब किया.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि विभिन्न चैनलों से प्राप्त फुटेजों का अध्ययन एवं विश्लेषण किया जा रहा है ताकि यह दर्शाया जा सके कि आन्दोलनकारी उग्र हो चुके थे और उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग ही एक मात्र रास्ता रह गया था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अब तक कोई ऐसा फुटेज दिल्ली पुलिस को हासिल नहीं हुआ है जिससे यह स्पष्ट हो सके कि दिल्ली पुलिस ने तब कार्रवाई की थी जब भीड़ ने उस पर हमला किया था.
पुलिस के पास इस बात का भी जवाब नहीं है कि सोती हुई महिलाओं तथा बच्चों पर लाठी चार्ज क्यों किया जबकि उन्हें समझा बुझा कर भी रामलीला मैदान के बाहर किया जा सकता था. पुलिस इस बारे में रामलीला मैदान में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे से भी सबूत जुटाने की कोशिश में है. हालांकि पुलिस की यह भी कोशिश है कि अपनी कार्रवाई को जायज ठहराने के लिए गवाहों को सामने लाया जाए.
निगम की अनुमति के बिना रामलीला मैदान की बुकिंग क्यों रद्द की गई
रामलीला मैदान की बुकिंग रद्द करने को लेकर महापौर डॉ. रजनी अब्बी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त बीके गुप्ता को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने पूछा है कि निगम को बगैर जानकारी दिए रामलीला मैदान की बुकिंग क्यों रद्द कर दी गयी? जबकि उपरोक्त संपत्ति निगम की है. महापौर ने कहा कि रामलीला मैदान की बुकिंग निगम ने की थी. निगम ने बाबा रामदेव को योगा कैंप के लिए रामलीला मैदान दिया था. उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर से बुकिंग रद्द करने के बारे में निगम को कोई जानकारी नहीं दी गई.
निगम के मुताबिक 40 दिन के लिए रामलीला मैदान की बुकिंग कराई गई थी. जिसके एवज में निगम को करीब 3.06 लाख रुपए का राजस्व मिला है. निगम के नेताओं का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने अभी भी रामलीला मैदान में कब्जा जमा रखा है. जिससे निगम को बुकिंग में दिक्कत आ रही है.
पुलिस को यह समझ नहीं आ रहा कि उच्चतम न्यायालय से मिले नोटिस के अलावा मानवाधिकार आयोग तथा महिला आयोग के नोटिस का क्या जवाब दिया जाए. इस बारे में बृहस्पतिवार को भी पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के बीच बैठकें होती रहीं. इन बैठकों में गह मंत्रालय के अधिकारियों ने भी भाग लिया.
ज्ञात हो कि विदेशों से काले धन को वापस लाने एवं भ्रष्टाचार मिटाने की मांग को लेकर बाबा रामदेव की अगुआई में हजारों की संख्या में रामलीला मैदान में जुटे आन्दोलनकारियों को खदेड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने 4/5 जून की रात के बाद कथित रू प से बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की थी. उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए केन्द्रीय गृह सचिव और दिल्ली के मुख्य सचिव एवं पुलिस आयुक्त से जवाब तलब किया.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि विभिन्न चैनलों से प्राप्त फुटेजों का अध्ययन एवं विश्लेषण किया जा रहा है ताकि यह दर्शाया जा सके कि आन्दोलनकारी उग्र हो चुके थे और उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग ही एक मात्र रास्ता रह गया था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अब तक कोई ऐसा फुटेज दिल्ली पुलिस को हासिल नहीं हुआ है जिससे यह स्पष्ट हो सके कि दिल्ली पुलिस ने तब कार्रवाई की थी जब भीड़ ने उस पर हमला किया था.
पुलिस के पास इस बात का भी जवाब नहीं है कि सोती हुई महिलाओं तथा बच्चों पर लाठी चार्ज क्यों किया जबकि उन्हें समझा बुझा कर भी रामलीला मैदान के बाहर किया जा सकता था. पुलिस इस बारे में रामलीला मैदान में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे से भी सबूत जुटाने की कोशिश में है. हालांकि पुलिस की यह भी कोशिश है कि अपनी कार्रवाई को जायज ठहराने के लिए गवाहों को सामने लाया जाए.
निगम की अनुमति के बिना रामलीला मैदान की बुकिंग क्यों रद्द की गई
रामलीला मैदान की बुकिंग रद्द करने को लेकर महापौर डॉ. रजनी अब्बी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त बीके गुप्ता को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने पूछा है कि निगम को बगैर जानकारी दिए रामलीला मैदान की बुकिंग क्यों रद्द कर दी गयी? जबकि उपरोक्त संपत्ति निगम की है. महापौर ने कहा कि रामलीला मैदान की बुकिंग निगम ने की थी. निगम ने बाबा रामदेव को योगा कैंप के लिए रामलीला मैदान दिया था. उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर से बुकिंग रद्द करने के बारे में निगम को कोई जानकारी नहीं दी गई.
निगम के मुताबिक 40 दिन के लिए रामलीला मैदान की बुकिंग कराई गई थी. जिसके एवज में निगम को करीब 3.06 लाख रुपए का राजस्व मिला है. निगम के नेताओं का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने अभी भी रामलीला मैदान में कब्जा जमा रखा है. जिससे निगम को बुकिंग में दिक्कत आ रही है.
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