रतलाम रतलाम/ग्वालियर. रतलाम रेलवे स्टेशन पर जीआरपी थाने के पास शुक्रवार शाम को एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) तथा सिमी कार्यकर्ताओं के बीच मुठभेड़ में एटीएस के एक जवान की मौत हो गई। मूलत: ग्वालियर निवासी शहीद जवान शिवप्रताप सिंह कुशवाह कुछ समय पहले ही एटीएस में तैनात हुए थे।
इस घटना में एटीएस के रतलाम प्रभारी मनीष दुबे सहित दो अन्य घायल हुए हैं। भागते समय सिमी कार्यकर्ता ने अपने ही साथी को गोली मार दी जिससे वह भी गंभीर घायल हो गया। पुलिस ने घायल बदमाश सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
एटीएस इंचार्ज मनीष दुबे को मुखबिर से सूचना मिली थी कि सिमी के कुछ कार्यकर्ता स्टेशन परिसर में संदिग्ध अवस्था में घूम रहे हैं। वे ट्रेन से इंदौर की ओर भागने की फिराक में हैं। इस पर श्री दुबे ने साथी आरक्षकों के साथ उनका पीछा कर उन्हें पकड़ने की कोशिश की।
इस दौरान उनके बीच झूमा-झटकी हुई। बदमाशों ने बचने के लिए कट्टे से फायर कर दिए। इससे श्री दुबे सहित सभी जवान घायल हो गए। गंभीर रूप से घायल जवान शिवप्रतापसिंह को इंदौर रैफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
श्री सिंह ग्वालियर की मयूर मार्केट थाटीपुर के निवासी थे। गोली चलाने के बाद आरोपी दिलबहार चौराहा होते हुए अंजुमन मस्जिद के सामने से जा रहे ऑटो की मदद से इंदौर की तरफ भागे। पुलिस ने शाम करीब साढ़े सात बजे शहर के प्रतापनगर क्षेत्र से दो संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है।
पुलिस की खबरें, सिर्फ पुलिस के लिए ...... An International Police Blog for police personnels and their family, their works, their succes, promotion and transfer, work related issues, their emotions,their social and family activities, their issues and all which related to our police personnels.
Tuesday, June 7, 2011
Police news: indore : 15 टीआई के तबादले
इंदौर. पुलिस मुख्यालय से बुधवार को प्रदेश के 268 निरीक्षकों के तबादले आदेश जारी किए हैं। राज्य शासन की नई नीति के तहत उन सभी का तबादला किया गया है, जो एक ही जिले में पांच साल व रेंज में दस साल रह चुके हैं। एक साथ जारी हुई इस सूची में इंदौर में लंबे समय से पदस्थ 15 टीआई भी प्रभावित हुए है।
उधर 18 टीआई की इंदौर पदस्थापना भी की गई है। इसी तरह नौ सबइंस्पेक्टरों को इंदौर रेंज से बाहर भेजा गया है। आईजी संजय राणा के अनुसार जिन थाना प्रभारियों की सेवानिवृत्ति में दो साल बाकी हैं, उनको छोड़कर रेंज में दस साल व जिले में पांच साल रहने वाले बाकी टीआई के भी तबादला होंगे।
इंदौर से जाने वाले वर्तमान नई
थाना प्रभारी पदस्थापना पदस्थापना
बीएस परिहार थाना खजराना जिला रतलाम
बी पी एस परिहार थाना बाणगंगा जिला देवास
अशोक रंगशाही सेंट्रल कोतवाली मंदसौर
राकेश व्यास छत्रीपुरा अलीराजपुर
जयगोपाल चौकसे पलासिया अअवि जोन
संजीव मूले सदर बाजार मंदसौर
अजय कैथवास विजयनगर मुरैना
निशा रेड्डी महिला थाना देवास
महेश भार्गव एरोड्रम भिंड
दौलतसिंह गुर्जर महू उज्जैन
आरएस अंब मानपुर शाजापुर
मोरसिंह वर्मा विशा रतलाम
एमएल झारौला विशा झाबुआ
दिनेशसिंह चौहान पीटीएस हरदा
रामनरेश उपाध्याय पीटीएस अअवि
इंदौर आने वाले टीआई कहां से
तरुणोंद्रसिंह बघेल मंडला
घनश्याम बामनिया खंडवा
अजीत कुमार पटेल खंडवा
नागेंद्रसिंह बैस सीहोर
शैलेंद्र श्रीवास्तव दतिया
अनिरुद्ध बाधिया मंदसौर
अतीक अहमद खान भोपाल
कुलवंत सिंह भोपाल
कमल कुमार जैन भोपाल
इंदौर आने वाले टीआई कहां से
पंकज दीक्षित भोपाल
राजीव चतुर्वेदी भोपाल
घनश्याम प्रसाद दुबे भोपाल
अब्दुल हमीद खान शाजापुर
अशोक तिवारी जबलपुर
शैलेंद्रंिसंह बैस अलीराजपुर
गोपाल भंवर पचमढी
सुरेश शेजवाल पुमु भोपाल
रणविजयसिंह भदौरिया श्योपुर
उधर 18 टीआई की इंदौर पदस्थापना भी की गई है। इसी तरह नौ सबइंस्पेक्टरों को इंदौर रेंज से बाहर भेजा गया है। आईजी संजय राणा के अनुसार जिन थाना प्रभारियों की सेवानिवृत्ति में दो साल बाकी हैं, उनको छोड़कर रेंज में दस साल व जिले में पांच साल रहने वाले बाकी टीआई के भी तबादला होंगे।
इंदौर से जाने वाले वर्तमान नई
थाना प्रभारी पदस्थापना पदस्थापना
बीएस परिहार थाना खजराना जिला रतलाम
बी पी एस परिहार थाना बाणगंगा जिला देवास
अशोक रंगशाही सेंट्रल कोतवाली मंदसौर
राकेश व्यास छत्रीपुरा अलीराजपुर
जयगोपाल चौकसे पलासिया अअवि जोन
संजीव मूले सदर बाजार मंदसौर
अजय कैथवास विजयनगर मुरैना
निशा रेड्डी महिला थाना देवास
महेश भार्गव एरोड्रम भिंड
दौलतसिंह गुर्जर महू उज्जैन
आरएस अंब मानपुर शाजापुर
मोरसिंह वर्मा विशा रतलाम
एमएल झारौला विशा झाबुआ
दिनेशसिंह चौहान पीटीएस हरदा
रामनरेश उपाध्याय पीटीएस अअवि
इंदौर आने वाले टीआई कहां से
तरुणोंद्रसिंह बघेल मंडला
घनश्याम बामनिया खंडवा
अजीत कुमार पटेल खंडवा
नागेंद्रसिंह बैस सीहोर
शैलेंद्र श्रीवास्तव दतिया
अनिरुद्ध बाधिया मंदसौर
अतीक अहमद खान भोपाल
कुलवंत सिंह भोपाल
कमल कुमार जैन भोपाल
इंदौर आने वाले टीआई कहां से
पंकज दीक्षित भोपाल
राजीव चतुर्वेदी भोपाल
घनश्याम प्रसाद दुबे भोपाल
अब्दुल हमीद खान शाजापुर
अशोक तिवारी जबलपुर
शैलेंद्रंिसंह बैस अलीराजपुर
गोपाल भंवर पचमढी
सुरेश शेजवाल पुमु भोपाल
रणविजयसिंह भदौरिया श्योपुर
Police News: Indore: सात टीआई का जिले से बाहर तबादला
इंदौर. पांच साल से जमे सात टीआई का जिले से बाहर तबादला कर दिया गया है। इन्हें रेंज में ही पदस्थ किया गया है। अब एक-दो दिन में शहर के कई थानों में नए टीआई होंगे।
आईजी संजय राणा के अनुसार पुलिस मुख्यालय की ट्रांसफर लिस्ट के बाद अब पांच साल से थानों में पदस्थ सात टीआई का ट्रांसफर जिले से बाहर किया गया है।
पुलिस मुख्यालय से जारी सूची में इंदौर पदस्थ किए गए थाना प्रभारी सोमवार को आईजी के सामने पेश हुए। संभवत: एक-दो दिन में शहर में रिक्त हुए थानों पर सभी की पदस्थापना कर दी जाएगी।
इन्हें भेजा बाहर
थाना प्रभारी कहां से कहां
जोरसिंह भदौरिया रावजीबाजार झाबुआ
जयंत राठौर राजेंद्रनगर सिटी सीआईडी
डीके जैन छोटी ग्वालटोली खरगोन
आरएस झाला जूनी इंदौर धार
डीके तिवारी तुकोगंज खरगोन
एसएस यादव क्राइम ब्रांच खंडवा
राजेश बघेल डीआरपी लाइन झाबुआ
आईजी संजय राणा के अनुसार पुलिस मुख्यालय की ट्रांसफर लिस्ट के बाद अब पांच साल से थानों में पदस्थ सात टीआई का ट्रांसफर जिले से बाहर किया गया है।
पुलिस मुख्यालय से जारी सूची में इंदौर पदस्थ किए गए थाना प्रभारी सोमवार को आईजी के सामने पेश हुए। संभवत: एक-दो दिन में शहर में रिक्त हुए थानों पर सभी की पदस्थापना कर दी जाएगी।
इन्हें भेजा बाहर
थाना प्रभारी कहां से कहां
जोरसिंह भदौरिया रावजीबाजार झाबुआ
जयंत राठौर राजेंद्रनगर सिटी सीआईडी
डीके जैन छोटी ग्वालटोली खरगोन
आरएस झाला जूनी इंदौर धार
डीके तिवारी तुकोगंज खरगोन
एसएस यादव क्राइम ब्रांच खंडवा
राजेश बघेल डीआरपी लाइन झाबुआ
Friday, June 3, 2011
Guj Police: Police Commissioner Phone: You can reach Ahmedabad's new police commissioner on 89800 02800
If you are among the millions of Amdavadis who find the police unresponsive, you can reach out directly to the city’s new police commissioner, Sudhir Sinha. The 1976 batch IPS officer, who was ADGP (Law and Order) before he was made Ahmedabad police commissioner, took charge on Wednesday from outgoing chief of city police Amitabh Pathak.
After taking charge as Ahmedabad police commissioner, Sinha told media persons that, from Monday, anyone can call him on his personal mobile phone between 7 pm and 10 pm if he needs police help. Sinha’s personal mobile number is 8980002800.
“And I will answer the calls myself,” Sinha told reporters.
But for that people will have to wait till next Monday when he is to be relieved from three additional charges. “I will be busy till Monday. But from Monday I will be able to attend to the calls myself,” he said.Further, people can simply walk into his office from Monday between 11 am and 2 pm to meet him without any prior appointment.
Sinha took charge at 11:02 am on Wednesday. He said that his priority as the city police chief would be to be as close to the people as he could and to help them sort out their problems.“People face problems in dealing with the police, especially while filing complaints. At such times, they can contact me directly on my mobile phone,” he said.
“If an officer doesn’t register a complaint, it doesn’t necessarily mean he is corrupt. More often, he is under pressure because of additional work,” the police commissioner said.
He said that to tackle the work pressure at the police stations, at least 2-3 policemen will be assigned mainly to look into the non-cognizable complaints so that every complainant coming to a police station is attended satisfactorily.
After taking charge as Ahmedabad police commissioner, Sinha told media persons that, from Monday, anyone can call him on his personal mobile phone between 7 pm and 10 pm if he needs police help. Sinha’s personal mobile number is 8980002800.
“And I will answer the calls myself,” Sinha told reporters.
But for that people will have to wait till next Monday when he is to be relieved from three additional charges. “I will be busy till Monday. But from Monday I will be able to attend to the calls myself,” he said.Further, people can simply walk into his office from Monday between 11 am and 2 pm to meet him without any prior appointment.
Sinha took charge at 11:02 am on Wednesday. He said that his priority as the city police chief would be to be as close to the people as he could and to help them sort out their problems.“People face problems in dealing with the police, especially while filing complaints. At such times, they can contact me directly on my mobile phone,” he said.
“If an officer doesn’t register a complaint, it doesn’t necessarily mean he is corrupt. More often, he is under pressure because of additional work,” the police commissioner said.
He said that to tackle the work pressure at the police stations, at least 2-3 policemen will be assigned mainly to look into the non-cognizable complaints so that every complainant coming to a police station is attended satisfactorily.
WB Police : Police Hospital: Kolkata Police Hospital gets Mamata dose on revamp
KOLKATA: Another day, another hospital. Continuing with her surprise visits, chief minister Mamata Banerjee stormed into another declining health facility on Thursday afternoon. This time, it was the turn of Kolkata Police Hospital in Bhawanipore to face the CM's prying eyes and queries. The authorities, who barely managed to emerge unscathed, were instructed to prepare a proposal for improvement of facilities that had left Mamata unhappy.
"Ekhane super achen?" (Is the superintendent present here?) - was the chief minister's first query. On Wednesday, the superintendent of Bagha Jatin Hospital was missing when the chief minister had visited it. "How many beds do you have? What about doctors and other facilities?" asked the CM. "We have 300 beds here, Ma'am. There are 17 doctors, including a surgeon, a radiologist and an anaesthetist," replied superintendent Nikhil Ranjan Ray. "But there aren't enough patients here," observed Mamata.
"That's because all police personnel hold a mediclaim policy that entitles them to treatment in a few private facilities. We cater to patients with relatively minor ailments," said Ray. "But we can surely develop the facilities here, can't we?" asked Mamata. "Sure, Ma'am," interjected RMO D Mahajan. "It would be very nice if we can revamp the orthopaedic department. We need more doctors, better x-ray machines for that. Most of our patients need orthopaedic care," he said. The latter also pointed out that x-ray, ECG and ultra-sonography machines in the hospital were shut down after 2 pm.
The CM heard the doctor out and stepped into the elevator. She stopped on the first floor and entered the male ward. After a quick inspection, she headed for the female ward. Here, a woman complained to her about a dearth of medicines. Doctors, however, quickly refuted the claim. "Ma'am, she is perhaps not aware. Delays do happen, but we make sure to provide all medicines," said Ray. The CM asked him to make sure that medicines arrived on time.
Climbing down the stairs, Mamata now halted at the portico. "I have seen the facilities here. There is enough scope to revamp this hospital and turn it into a good one. You need night shelters for patients' families. Do send me the proposal fast," she told Ray before turning towards her car.
Ray later told TOI that he would suggest a complete overhaul of the orthopaedic department. "Ever since mediclaim polices were given, our load has reduced. The hospital is meant exclusively for the treatment of police personnel. Other than a few months during the monsoon, our beds are seldom full. But since policemen suffer injuries frequently and need good orthopaedic care, the facilities ought to be augmented. It is unfortunate that we have to suspend our diagnostic facilities after two in the afternoon. We don't have enough personnel to operate the instruments. Obviously, patients prefer private hospitals," said Ray.
A section of the staff, on the other hand, claimed that the authorities have deliberately been going slow on enhancing facilities. "They argue that since police personnel now hold medical insurance, it would be useless to have better facilities here. Nobody wants things to change here. The fact is that they don't want to work," alleged a staff.
Members of the hospital union - United State Government Employees' Federation - alleged they were not allowed to talk to the CM. "She visited the hospital on an invitation we had sent across to her on Wednesday. If necessary, we will get in touch with her again," said Tarun Biswas, joint secretary of the union.
"Ekhane super achen?" (Is the superintendent present here?) - was the chief minister's first query. On Wednesday, the superintendent of Bagha Jatin Hospital was missing when the chief minister had visited it. "How many beds do you have? What about doctors and other facilities?" asked the CM. "We have 300 beds here, Ma'am. There are 17 doctors, including a surgeon, a radiologist and an anaesthetist," replied superintendent Nikhil Ranjan Ray. "But there aren't enough patients here," observed Mamata.
"That's because all police personnel hold a mediclaim policy that entitles them to treatment in a few private facilities. We cater to patients with relatively minor ailments," said Ray. "But we can surely develop the facilities here, can't we?" asked Mamata. "Sure, Ma'am," interjected RMO D Mahajan. "It would be very nice if we can revamp the orthopaedic department. We need more doctors, better x-ray machines for that. Most of our patients need orthopaedic care," he said. The latter also pointed out that x-ray, ECG and ultra-sonography machines in the hospital were shut down after 2 pm.
The CM heard the doctor out and stepped into the elevator. She stopped on the first floor and entered the male ward. After a quick inspection, she headed for the female ward. Here, a woman complained to her about a dearth of medicines. Doctors, however, quickly refuted the claim. "Ma'am, she is perhaps not aware. Delays do happen, but we make sure to provide all medicines," said Ray. The CM asked him to make sure that medicines arrived on time.
Climbing down the stairs, Mamata now halted at the portico. "I have seen the facilities here. There is enough scope to revamp this hospital and turn it into a good one. You need night shelters for patients' families. Do send me the proposal fast," she told Ray before turning towards her car.
Ray later told TOI that he would suggest a complete overhaul of the orthopaedic department. "Ever since mediclaim polices were given, our load has reduced. The hospital is meant exclusively for the treatment of police personnel. Other than a few months during the monsoon, our beds are seldom full. But since policemen suffer injuries frequently and need good orthopaedic care, the facilities ought to be augmented. It is unfortunate that we have to suspend our diagnostic facilities after two in the afternoon. We don't have enough personnel to operate the instruments. Obviously, patients prefer private hospitals," said Ray.
A section of the staff, on the other hand, claimed that the authorities have deliberately been going slow on enhancing facilities. "They argue that since police personnel now hold medical insurance, it would be useless to have better facilities here. Nobody wants things to change here. The fact is that they don't want to work," alleged a staff.
Members of the hospital union - United State Government Employees' Federation - alleged they were not allowed to talk to the CM. "She visited the hospital on an invitation we had sent across to her on Wednesday. If necessary, we will get in touch with her again," said Tarun Biswas, joint secretary of the union.
UP Police: Police & Yoga : City police take yoga route to beat stress
KANPUR: With an aim to increase their efficiency for better policing, men-in-khaki here have taken the 'yoga' route to overcome stress, fatigue and obesity.
A special camp to impart yoga training to police personnel was held at the Reserve Police Lines ground in the city on Thursday. A total of 700 police personnel, including senior police officials, underwent training in the basic principles of yoga. Inaugurating the session, DIG Rajesh Kumar Rai said the training aimed at reducing stress. Police personnel were more prone to strain at their workplace and yoga would help them develop stress management techniques.
The city police would now regularly organise such training programmes for their benefit in a phased manner, he added. "The idea is mental and physical development of the officers as well as to change their mindset to deal with the common people. It is going to change the work culture of the police towards commoners as well as to improve police, public relations," said yoga trainer Ravindra Porwal. He added long working hours affected policemen and for that yoga was the best cure.
A special camp to impart yoga training to police personnel was held at the Reserve Police Lines ground in the city on Thursday. A total of 700 police personnel, including senior police officials, underwent training in the basic principles of yoga. Inaugurating the session, DIG Rajesh Kumar Rai said the training aimed at reducing stress. Police personnel were more prone to strain at their workplace and yoga would help them develop stress management techniques.
The city police would now regularly organise such training programmes for their benefit in a phased manner, he added. "The idea is mental and physical development of the officers as well as to change their mindset to deal with the common people. It is going to change the work culture of the police towards commoners as well as to improve police, public relations," said yoga trainer Ravindra Porwal. He added long working hours affected policemen and for that yoga was the best cure.
Sunday, May 8, 2011
Delhi Police : सच में बदल गई दिल्ली पुलिस
नई दिल्ली। दिल्ली की सड़कों पर वे हर रात बेरीकेड्स लगाकर गश्त करते हैं और अपराधियों पर कड़ी नजर रखते हैं। उनकी कोशिश है कि राष्ट्रीय राजधानी का अपराधों से कोई नाता न रहे। दिल्ली पुलिस का मोटरसाइकिल से गश्त लगाने वाला दल सूरज ढलने के बाद इस शहर के चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर रखता है। दल में शामिल पुलिसकर्मी राह चलते संदिग्ध लोगों को रोकते हैं, उनसे पूछताछ करते हैं और फिर उनकी जांच भी होती है।
पुलिस अधिकारी बिना हेलमेट मोटरसाइकिल चलाने वालों और बिना सीट बेल्ट कार चलाने वालों को रोकते हैं और उनसे उनकी पहचान के बारे में पूछते हैं। यदि वे पूछताछ से संतुष्ट होते हैं तो उन्हें घर जाने की इजाजत दे देते हैं लेकिन उन्हें कोई भी संदेह होता है तो वे उस व्यक्ति को पुलिस थाने ले आते हैं।
दिल्ली पुलिस का रात में गश्त लगाने वाला दल सुरक्षा के लिए लोगों को रोकने, उनसे पूछताछ करने और फिर उनकी जांच करने की कार्यप्रणाली के तहत काम करता है। उदाहरण के दौर पर इस दल ने बीते तीन महीने में रात के समय राष्ट्रीय राजधानी से करीब 90 अपराधियों को पकड़ा है।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त व दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बताया, "रात में गश्त के दौरान कई चोर और अपराधी गिरफ्तार किए गए।" मोटरसाइकिल पर गश्त लगाने वालों के अलावा कुछ नवनियुक्त पुलिसकर्मी अंदर की सड़कों पर पैदल गश्त भी लगाते हैं। कुछ पुलिसकर्मी झुग्गी-बस्ती इलाकों में भी गश्त लगाते हैं।
दिल्ली पुलिस 80,000 पुलिसकर्मियों की मजबूत सुरक्षा तंत्र है। यातायात पुलिस भी अपराधियों को पकड़ने के लिए अस्थायी बेरीकेड्स लगाती है। संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्येंद्र गर्ग कहते हैं, "शहर में शराब पीकर वाहन चलाने की घटनाओं को रोकने के लिए हमने शनिवार रात 50 स्थानों पर वाहन चालकों की अचानक जांच की।"
उन्होंने बताया, "मात्र तीन घंटे में ही हमने नियमों का उल्लंघन करने वाले 307 लोगों की पहचान कर ली। इनमें से 195 मद्यपान कर वाहन चला रहे थे, 35 लोग खतरनाक तरीके से वाहन चला रहे थे, 60 प्रवेश वर्जित क्षेत्र में वाहन चलाते दिखे जबकि 17 ने अन्य नियमों का उल्लंघन किया था।" उन्होंने बताया कि इस दौरान कुल 64 वाहन जब्त किए गए। पुलिस की इस पहल से दिल्लीवासी खुश हैं।
पुलिस अधिकारी बिना हेलमेट मोटरसाइकिल चलाने वालों और बिना सीट बेल्ट कार चलाने वालों को रोकते हैं और उनसे उनकी पहचान के बारे में पूछते हैं। यदि वे पूछताछ से संतुष्ट होते हैं तो उन्हें घर जाने की इजाजत दे देते हैं लेकिन उन्हें कोई भी संदेह होता है तो वे उस व्यक्ति को पुलिस थाने ले आते हैं।
दिल्ली पुलिस का रात में गश्त लगाने वाला दल सुरक्षा के लिए लोगों को रोकने, उनसे पूछताछ करने और फिर उनकी जांच करने की कार्यप्रणाली के तहत काम करता है। उदाहरण के दौर पर इस दल ने बीते तीन महीने में रात के समय राष्ट्रीय राजधानी से करीब 90 अपराधियों को पकड़ा है।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त व दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बताया, "रात में गश्त के दौरान कई चोर और अपराधी गिरफ्तार किए गए।" मोटरसाइकिल पर गश्त लगाने वालों के अलावा कुछ नवनियुक्त पुलिसकर्मी अंदर की सड़कों पर पैदल गश्त भी लगाते हैं। कुछ पुलिसकर्मी झुग्गी-बस्ती इलाकों में भी गश्त लगाते हैं।
दिल्ली पुलिस 80,000 पुलिसकर्मियों की मजबूत सुरक्षा तंत्र है। यातायात पुलिस भी अपराधियों को पकड़ने के लिए अस्थायी बेरीकेड्स लगाती है। संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्येंद्र गर्ग कहते हैं, "शहर में शराब पीकर वाहन चलाने की घटनाओं को रोकने के लिए हमने शनिवार रात 50 स्थानों पर वाहन चालकों की अचानक जांच की।"
उन्होंने बताया, "मात्र तीन घंटे में ही हमने नियमों का उल्लंघन करने वाले 307 लोगों की पहचान कर ली। इनमें से 195 मद्यपान कर वाहन चला रहे थे, 35 लोग खतरनाक तरीके से वाहन चला रहे थे, 60 प्रवेश वर्जित क्षेत्र में वाहन चलाते दिखे जबकि 17 ने अन्य नियमों का उल्लंघन किया था।" उन्होंने बताया कि इस दौरान कुल 64 वाहन जब्त किए गए। पुलिस की इस पहल से दिल्लीवासी खुश हैं।
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