Friday, August 5, 2011

Delhi Police : दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ी 'इंडियन ऑयडल' चोरनी

दिल्ली। पुलिस ने गर्ल्स पीजी को निशाना बनानेवाली एक युवती को पकड़ा है। उजाला (20) गर्ल्स पीजी से एटीएम कार्ड्स, क्रेडिट कार्ड्स, डेबिट कार्ड्स और हैंडी सामानों को निशाना बनाती थी। पुलिस ने आरोपी युवती उजाला को गिरफ्तार कर मोबाइल, लैपटॉप, ज्वेलरी व अन्य सामान बरामद किया है। उजाला दोस्त आरती के साथ वारदात करती थी। पुलिस आरती की तलाश में छापेमारी कर रही है। कोटला मुबारकपुर पुलिस से अपेक्षा कंडेलवाल ने क्रेडिट और डेविट कार्ड चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने गुड़गांव से उजाला (20) को गिरफ्तार किया है। उजाला ने बताया कि आरती के साथ गर्ल्स पीजी को निशाना बनाती थी। उजाला इंडियन आइडोल में भी किस्मत आजमा चुकी है।


पेइंग गेस्ट हाउस में रहने महिलाओं के क्रेडिट कार्ड चुराने वाली एक युवती को दक्षिण जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गुड़गांव निवासी यह युवती खुद गेस्ट हाउस में रहने की बात कहते हुए, पहले वहां रहने वाली महिलाओं व युवतियों से दोस्ती करती और मौका पाते ही उनके क्रेडिट कार्ड चुरा लेती थी। पुलिस ने उसके कब्जे से चोरी के क्रेडिट कार्ड से खरीदे गए महंगे मोबाइल फोन, लैपटॉप, ज्वैलरी आदि बरामद की है। साउथ एक्स पार्ट वन स्थित पेइंग गेस्ट हाउस में रहने वाली अपेक्षा खंडेलवाल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके कमरे से पर्स व एटीएम कार्ड गायब हो गया है।

जब तक बैंक से एटीएम कार्ड बंद कराया गया, तब तक कार्ड से 30 हजार की खरीददारी हो चुकी थी। इस तरह के कई अन्य मामले भी पुलिस की जानकारी में आ थे। पुलिस की टीम जांच में पता लगाया कि चोरी हुए एटीएम कार्ड से साउथ एक्स स्थित दो स्टोर से मोबाइल फोन व अन्य सामान खरीदा गया था। वहां लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली गई तो उसमें एक युवती भी नजर आ रही थी। चोरी के कार्ड से खरीदे गए मोबाइल फोन को सर्विलांस पर लगाया गया, जिसके आधार पर टीम ने गुड़गांव के डूंडेहेड़ा गांव से उजाला उर्फ स्नेहा को हिरासत में ले लिया।


उजाला ने बताया कि वह आरती नामक सहेली के साथ मिलकर क्रेडिट कार्ड चुराया करती थी। आरती से उसका परिचय बस में हुआ था। उजाला पूर्व में किसी मॉल में नौकरी करती थी, लेकिन चोरी का चस्का लगने पर नौकरी छोड़ दी। उसका परिवार गुड़गांव में ही रहता है। पुलिस के अनुसार उजाला व आरती साउथ एक्स, गौतम नगर, सत्यनिकेतन आदि ऐसे स्थानों पर जाती थीं जहां पेइंग गेस्ट हाउस में युवतियां रहती थीं। गेस्ट हाउस में रहने की इच्छा जताते हुए दोनों वहां रहने वाली युवतियों से दोस्ती करती और मौका पाते हुए उनका पर्स व एटीएम चुरा लेती थीं। दोनों को पता था कि एटीएम कार्ड न मिलने पर युवतियां बैंक से कार्ड को बंद करा देंगी, लिहाजा वे जल्द से जल्द पास के किसी बाजार में जाकर कार्ड से खरीददारी कर लेती थीं।

Delhi Police : “सुस्त” दिल्ली पुलिस को सुप्रीम कोर्ट की फटकार

दिल्ली पुलिस को देश की सर्वोच्च अदालत ने “वोट फॉर कैश” मामले में सुस्ती दिखाने पर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा कि जांच में मुस्तैदी दिखाई जाए और पुलिस यह बताए कि सांसदों को दी गई रकम कहां से आई। जांच को तार्किक अंजाम तक पहुंचाने और अंतिम रिपोर्ट देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को तीन हफ्ते की मोहलत दी है। जस्टिस आफताब आलम और आर.एम लोढ़ा की बेंच ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि एक मामूली से बिचौलिए को संसद की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने की छूट दी गई। बेंच ने दिल्ली पुलिस से कहा, ' आप आधे अधूरे मन से कार्रवाई कर रहे हैं। आपको इस मामले में तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए। ' गौरतलब है कि 2008 के नोट फॉर वोट मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की शुरुआती रिपोर्ट में कहा है कि इस मामले में कोई नेता शामिल नहीं है। दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की जांच रिपोर्ट देने के लिए 40 दिन की मोहलत मांगी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया और दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए 3 हफ्ते के भीतर उसे फाइन रिपोर्ट देने को कहा है। शीर्ष अदालत ने यह उम्मीद जताई कि दिल्ली पुलिस इस मामले में सही और निष्पक्ष जांच करेगी।


दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को वोट के बदले नोट केस में जांच की स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में सौंपी थी। इसमें उसने सुहैल हिंदुस्तानी और संजीव सक्सेना को गिरफ्तार किए जाने के अलावा अमर सिंह, रेवती रमण और अशोक अर्गल से पूछताछ की जानकारी दी थी। बताया जा रहा है कि पुलिस ने यह भी कहा था कि जांच से इसमें किसी नेता के शामिल होने के सबूत नहीं मिल रहे हैं। दिल्ली पुलिस पहले भी कह चुकी है कि अमर सिंह या रेवती रमण ने बीजेपी सांसदों को रकम देने के लिए सुहैल हिंदुस्तानी से संपर्क नहीं किया था।

गौरतलब है कि बीजेपी सांसदों को घूस दिए जाने की कोशिश के तीन साल पुराने इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कोई खास कार्रवाई तक नहीं की थी। 15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए दिल्ली पुलिस से तेजी से जांच करने का निर्देश दिया था।

UP Police : प्रमोशन के लिए कोर्ट के फैसले का इंतजार

प्रदेश में इन दिनों पुलिस अधिकारियों का टोटा पड़ गया है। प्रदेश में एसपी के 83 पद महीनों से खाली चल रहे हैं, और कुछ तो सालों से खाली हैं। जिनके लिए सरकार को अधिकारी खोजे नहीं मिल रहे हैं। 1996 बैच के कई आईपीएस अधिकारियों की डीपीसी होनी अभी बाकी है जबकि अन्य राज्यों में 96 बैच के अधिकारियों को डीपीसी मिल चुकी है लेकिन यहां दिक्कत यह है कि 96 बैच के पुलिस अधिकारियों को डीआईजी के लिए प्रमोट कर दिया गया तो एसपी के 12 पद और खाली हो जाएंगे, तब यह संख्या 83 से बढ़कर 95 हो जाएगी। अब इन सभी अधिकारियों को इंतजार है देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले का। दरअसल ये सारा विवाद 2008 में बनाई गई प्रदेश सरकार की नई नियमावली 8A से पैदा हुआ है। इस नियमावली के तहत प्रमोशन को आरक्षण देने के लिए परिणामी ज्येष्ठता सूची जारी की गई। इस नियमावली ने आरक्षित वर्ग के अधिकारियों को प्रमोशन के मामले में अपने बैच में नंबर-1 की पोजीशन पर पहुंचा दिया। आपको बता दें कि इस नियमावली के आने से पहले अधिकारियों की सीनियारिटी कमीशन के आधार पर तय होती थी, इसमें अगर किसी बैच में प्रमोशन के लिए 5 पद हैं तो पहले 4 जनरल और फिर एक आरक्षित वर्ग के अधिकारी को दिया जाता था लेकिन नियमावली 8A के आने के बाद यह सीनियारिटी परिणामी ज्येष्ठता सूची के आधार पर तय की जाने लगी। इस व्यवस्था ने प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी तरह से पलट दिया। अब प्रमोशन में पहले आरक्षित वर्ग के अधिकारी को वरीयता दी जाएग, इसके बाद जनरल वर्ग को। इस नियमावली का प्रभाव प्रांतीय पुलिस सेवा के वर्ष 82, 83 और 84 बैच तक तो कम नजर आया लेकिन इसके बाद 85 बैच से इस नियमावली की खामियां तेजी से सामने आने लगी। जिसके बाद पीपीएस कैडर का 1990 बैच का अधिकारी 1986 में आ गया और 1994 बैच का अधिकारी 1989 में आ गया। आलम ये हुआ कि कई जिलों में एसपी सिटी, सीओ सिटी से भी जूनियर हो गया।

प्रमोशन में आरक्षण का ये मामला केवल पीपीएस अधिकारियों को ही प्रभावित नहीं कर रहा है। बल्कि उत्तर प्रदेश के सभी विभागों के हजारों अधिकारी व कर्मचारी इस नियमावली से प्रभावित हैं और अपने प्रमोशन की बाट जोह रहे हैं। उत्तर प्रदेश में सिंचाई विभाग के एक इंजीनियर ने इस नियमावली के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक रिट दायर की। जिसके बाद 4 जनवरी 2011 को जस्टिस प्रदीप कांत की फुल बेंच ने इस परिणामी ज्येष्ठता सूची को निरस्त करने का फैसला सुनाया। साथ ही नई नियमावली के तहत प्रमोट हुए अधिकारियों को डिमोट करने का भी फरमान जारी किया। हाईकोर्ट के इस फैसले को आरक्षण पाकर प्रमोट हुए अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे डाली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रोन्नत अधिकारियों के डिमोशन संबंधी आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए बाकी फैसले पर स्टे कर दिया। तब से यह मामला देश की सर्वोच्च अदालत में विचाराधीन है। प्रदेश के हजारों अधिकारियों, कर्मचारी अब अपने प्रमोशन के लिए सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश का इंतजार कर रहे हैं।

Mumbai Police : अरबाज की बर्थ डे पार्टी पर चला पुलिस का डंडा

कहते हैं ना पुलिस के डंडे के आगे अच्छे-अच्छों की बैंड बन जाती है,तो फिर सिने अभिनेता कौन सी चीज है। जी हां ये बात उस समय पूरी तरह से चरितार्थ हो गयी जिस समय बॉलीवुड की पिछले साल की सुपर डूपर हिट फिल्म दबंग के निर्माता अरबाज खान की बर्थ डे पार्टी पर पुलिस का डंडा चल गया।

दरअसल मुंबई के ऑलिव पब में अरबाज खान ने अपनी बर्थ डे पार्टी दी थी जिसमें बॉलीवुड के काफी चर्चित कलाकार मौजूद थे।
लेकिन अरबाज की पार्टी रात डेढ़ बजे तक ही मान्य थी लेकिन पार्टी डेढ़ बजे के बाद भी चलती रही जिसको रूकवाने के लिए मुंबई पुलिस को आना पड़ा। क्योंकि आसपास लोगों ने कहना शुरू कर दिया था कि तेज संगीत से उन्हें दिक्कत हो रही है।

ये वो ही पब था जहां पिछले साल कैटरीना के बर्थ पर सलमान ने बॉलीवुड को पार्टी दी थी। सलमान की पार्टी को भी पुलिस को रूकवाना पड़ा था। और इस पार्टी में सलमान-शाहरूख का झगड़ा हुआ था। आपको बता दें कि अरबाज की पार्टी में बॉलीवुड के कई नामी-गिरामी कलाकार मौजूद थे। सलमान भी इस पार्टी के हिस्सा थे। लेकिन वो जल्द ही चले गये थे।

Delhi Police : निहत्थे हेड कांस्टेबल की दिलेरी, हथियारबंद बदमाश को धर दबोचा

नई दिल्ली.दिल्ली यातायात पुलिस में तैनात हेड कांस्टेबल ने दिलेरी दिखाते हुए एक अपराधी को धर दबोचा। इस दौरान जहां बदमाश अमेरिकन पिस्तौल से लैस था, वहीं हेड कांस्टेबल निहत्था था। पकड़ा गया अपराधी गुलाबी बाग थाने का घोषित बदमाश है। उसपर 10 मामले दर्ज हैं। उसका साथी फरार होने में कामयाब रहा।

मिली जानकारी के अनुसार महेश कुमार राजौरी गार्डन सर्किल में चेस एंड चालान विंग में कार्यरत है। मंगलवार की शाम महेश की ड्यूटी राजा गार्डन चौक पर लगी थी। बाइक सवार दो युवक को रेड लाइट जंप करता देख उसने उनका पीछा किया। थोड़ी देर बाद युवकों की गाड़ी को रोककर उसने उनसे वाहन के कागजात दिखाने को कहा।


युवकों ने 200 रुपए देकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की। युवकों की गतिविधि संदिग्ध लगने के बाद उसने इसकी सूचना आसपास तैनात अन्य पुलिसकर्मियों को दी। इसी दौरान आरोपी सुनील को पिस्तौल निकालते देख उसने उसे दबोच लिया। इसके बाद सुनील के साथी ने एक राउंड फायर किया। तब तक अन्य पुलिसकर्मियों को आता देख वह फरार हो गया। सुनील को कीर्तिनगर थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

मिला इनाम :

महेश की बहादुरी को देखते हुए उसका नाम समय पूर्व प्रमोशन के लिए प्रस्तावित किया गया है। दिल्ली यातायात पुलिस के संयुक्त आयुक्त सत्येंद्र गर्ग ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस का हिस्सा नहीं होते हुए भी महेश कुमार ने जो बहादुरी दिखाई उसे देखते हुए उसका नाम समय से पहले प्रोन्नति के लिए आगे भेजा गया है।


गौरतलब है कि महेश कुमार 1991 में बतौर सिपाही दिल्ली पुलिस में शामिल हुआ था।2006 में उसे प्रोन्नत कर हेड कांस्टेबल बनाया गया।

Tuesday, August 2, 2011

Rajasthan Police : चित्तौड़ एसपी विकास कुमार को हाथ पैर काटने की धमकी दी, तीनों धराए

उदयपुर। पिछले महीने चित्तौड़ एसपी विकास कुमार को हाथ पैर काट कर जान से मारने की धमकी देने वाले तीन आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार इस मामले में उदयपुर में मल्लातलाई निवासी मजहर खान, चित्तौड़ में महाजन मोहल्ला निवासी अखिलेश व जीतेश गिरफ्तार किया गया। तीनों आरोपी पेशे से अवैध रूप से गाइडिंग करते है और लपका गिरोह के सदस्य है।


पहले पुलिस ने आरोपियों को पर्यटकों को परेशान करने के मामले में पकड़ा। बाद में इनसे पूछताछ में एसपी को धमकी देने वाले में गिरफ्तार किया गया। गौरतलब है कि 4 जुलाई को चित्तौडगढ़ जिले के एसपी विकास कुमार को एक पत्र मिला। जिसमें पकड़े गए आरोपियों ने हाथ से लिखे इस पत्र में दूसरों के नाम लिख दिया। जिसमें खुद को लपका किंग बताया।

एसपी को धमकी दी गई कि पर्यटन स्थलों पर लपकों के खिलाफ कार्रवाई के कारण यह पत्र लिखा गया। पत्र में लिखा गया कि आरोपी हर माह डिप्टी व थानेदार 50 हजार रुपए रिश्वत देते हैं। अगर हमें गिरफ्तार करोगे तो पछताओगे और हम जमानत पर बाहर आने के बाद एसपी के हाथ पैर काट कर मरवा देंगे।

Delhi Police : दिल्ली में बिगड़ों के आगे लाचार पुलिस, जांच के लिए रोका तो दरोगा की कर दी धुनाई

ऐसा लगता है कि पुलिस व कानून का खौफ लोगों के दिलों में खत्म हो गया है। बारापुला सराय काले खां प्वाइंट पर यातायात पुलिस के दरोगा ने जांच के लिए गाड़ी को रोका तो इसके मालिक व चालक ने उनकी पिटाई कर दी और वर्दी भी फाड़ दी। सनलाइट थाना पुलिस ने गाड़ी मालिक व चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।


सब इंस्पेक्टर जयपाल सिंह (58) की तैनाती लाजपत नगर सर्किल में है। शनिवार को वह रिंग रोड पर बारापुला सराय कालेखां प्वाइंट पर मौजूद थे। सुबह करीब सवा दस बजे उन्हें नो-एंट्री के समय में महारानीबाग से सराय कालेखां रिंग रोड की तरफ डिलीवरी वैन आती दिखाई दी। पुलिसकर्मियों ने जब वैन को रोकने का इशारा किया तो चालक गाड़ी को तेजी से भगाने लगा। इस पर पुलिसकर्मियों ने पीछा कर उसे रोक लिया। गाड़ी में दो युवक थे। चेकिंग के लिए पुलिसकर्मियों ने जब कागजात मांगे तो खुद को वैन का मालिक बताने वाले संदीप सिंह ने कहा कि कागजात है पर वह नहीं दिखाएगा। कुछ देर बहस के बाद उसने सबइंस्पेक्टर को लाइसेंस देते हुए कहा कि वह छोटा मोटा चालान काट दें। लेकिन संदीप ने जब कानून के अनुसार चालान काटने की बात कही तो चालक राधेश्याम व संदीप ने उन पर हमला कर दिया। पिटाई में सबइंस्पेक्टर की वर्दी फट गई। इस पर एक राहगीर ने 100 नंबर पर कॉल कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस राधेश्याम व संदीप को पकड़ कर थाने ले गई।