Sunday, August 7, 2011

CG Police: अब पाचवीं पास बन सकेंगे आरक्षक

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विशेष पुलिस अधिकारी [एसपीओ] से हथियार वापस लेने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद राज्य शासन ने अब नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में युवाओं को पुलिस में नौकरी देने के लिए शैक्षणिक और शारीरिक योग्यता में छूट देने का फैसला किया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शुक्रवार को यहा संवाददाताओं को बताया कि नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के सभी जिलों में आरक्षक की भर्ती में जिले के स्थानीय निवासी युवक युवतियों को शैक्षणिक और शारीरिक योग्यता में छूट के लिए मंत्रिपरिषद ने सहमति दे दी है।
सिंह ने बताया कि राज्य में आरक्षक पद के लिए अनारक्षित, अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग के अभ्यार्थियों के लिए शैक्षणिक योग्यता 10 वीं पास तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के लिए आठवीं पास है, लेकिन बस्तर क्षेत्र में शैक्षणिक योग्यता पाचवीं पास रखा गया है।


उन्होंने बताया कि इसी तरह शारीरिक योग्यता में भी छूट देने का फैसला किया गया है। राज्य में आरक्षक पद के लिए सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के अभ्यार्थियों की उंचाई 168 सेमी तथा अनुसूचित जनजाति के अभ्यार्थियों की उंचाई 153 सेमी होनी चहिए। बस्तर क्षेत्र में इसमें क्रमश: छूट देते हुए 163 सेमी तथा 150 सेमी कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह छूट केवल एसपीओ के लिए ही नहीं बल्कि इस क्षेत्र के निवासी युवक-युवतियों के लिए लागू होगा।
एक सवाल के जवाब में रमन सिंह ने बताया कि इस छूट के बाद बस्तर क्षेत्र के लगभग 80 फीसदी विशेष पुलिस अधिकारियों को आरक्षक बनने का मौका मिल सकेगा। वहीं अन्य 20 फीसदी ऐसे एसपीओ जिनकी शैक्षणिक योग्यता इससे भी कम है उनके शैक्षणिक योग्यता में इजाफा करने का प्रयास किया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार को आदिवासियों को विशेष पुलिस अधिकारी नियुक्त करने और उन्हें माओवादियों के खिलाफ हथियारों से लैस करने से रोक दिया है। न्यायालय ने इस कदम को ''असंवैधानिक'' करार दिया है।
आदिवासियों को विशेष पुलिस अधिकारी [एसपीओ] नियुक्त करने और उन्हें हथियारों से लैस करने से छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र को मना करते हुए अदालत ने कहा है कि आदिवासी युवकों को एसपीओ नियुक्त करना ''असंवैधानिक'' है।
अदालत ने कहा है कि माओवादियों से लड़ने के लिए आदिवासियों की शैक्षणिक योग्यता और प्रशिक्षण सहित पात्रता मानदंड संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है। वहीं उन्होंने कोया कमाडो और सलवा जुडूम का गठन को भी संविधान का उल्लंघन बताया है।
इधर, उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ सरकार विशेष पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं क्योंकि सरकार का मानना है कि यदि एसपीओ से हथियार वापस ले लिए जाए तो वे नक्सलियों के निशाने पर आ जाएंगे। इसके बाद राज्य शासन ने विशेष पुलिस अधिकारियों को आरक्षक के पदों पर भर्ती करने के लिए शैक्षणिक और शारीरिक योग्यता में छूट देने का फैसला किया है।


छत्तीसगढ़ में वर्ष 2005 में सलवा जुडूम आदोलन की शुरूवात के बाद बस्तर क्षेत्र में आम लोगों ने नक्सलियों का विरोध करना शुरू कर दिया था। इस विरोध से नाराज नक्सलियों ने सलवा जुडूम कार्यकर्ताओं की हत्या शुरू कर दी तब राज्य सरकार ने राज्य के बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले में 23 सलवा जुडूम राहत शिविर की स्थापना की थी। इन शिविरों में लगभग 50 हजार नक्सल पीड़ितों के लिए रहने की व्यवस्था की गई थी। राज्य सरकार के मुताबिक सलावा जुडूम स्वत:स्फूर्त आदोलन है और सरकार केवल आदोलन को सुरक्षा प्रदान कर रही थी।
बाद में राज्य सरकार ने क्षेत्र में विशेष पुलिस अधिकारियों की भी भर्ती शुरू कर दी। इन एसपीओ में सलवा जुडूम कार्यकर्ता और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली भी शामिल हो गए थे जो नक्सलियों के साथ लड़ाई में पुलिस की मदद करते हैं।
राज्य में वर्तमान में एसपीओ के 7500 पद स्वीकृत हैं तथा लगभग 4800 एसपीओ तैनात हैं। वहीं दंतेवाड़ा क्षेत्र में पुलिस अधिकारियों ने यहा के कोया जनजातियों के लड़के जो एसपीओ हैं तथा कुछ पुलिस के सिपाही हैं को शामिल कर कोया कमाडो बना दिया है। क्षेत्र में माना जाता है कि एसपीओ और कोया कमाडो के स्थानीय होने तथा क्षेत्र की अच्छी जानकारी होने के कारण यह राज्य में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाते हैं।

CG Police: पुलिस विभाग में साहब लोग हुए इधर से उधर

रायपुर ! राज्य शासन के गृह विभाग द्वारा जारी एक स्थानांतरण सूची में भारतीय पुलिस सेवा एवं राज्य पुलिस सेवा के 35 अधिकारियों को नवीन पदस्थापना दी गई है। जारी सूची में निम्न अधिकारियों के स्थानांतरण किया गया है-
अभिषेक शांडिल्य रायगढ़ से दुर्ग, दीपक झा दुर्ग से रायपुर, पीएस ठाकुर रायपुर से भिलाई, एसटी काम्बले रायपुर से दंतेवाड़ा, आरपी साय रायपुर से रामानुजगंज, आईएस नेताम रामानुजगंज से रायपुर, सुजीत कुमार राजनांदगांव से कोरबा, एमएल कोटवानी दुर्ग से रायपुर, डीएलएस आर्मो बोरगांव से बीजापुर, बीपी राजभानू बीजापुर से बलौदाबाजार, डी रविशंकर रायपुर से पुलिस मुख्यालय रायपुर, एमआर अहिरे रायपुर से धमतरी, शंकर लाल बघेल मुंगेली से नारायणपुर,

टीआर कोसिमा कोरबा से गरियाबंद, डीएस मरावी दंतेवाड़ा से बोरगांव, हेमंत कुमार कोरिया से दल्लीराजहरा, प्रशांत ठाकुर रायपुर से दुर्ग, विजय अग्रवाल कबीरधाम से राजनांदगांव, राजेश अग्रवाल धमतरी से कबीरधाम, आरपी भैया राजनांदगांव से बीजापुर, विजय पाण्डेय बिलासपुर से कोरबा, डीडी धांधरे चंद्रखुरी से रायपुर, आईएच खान रायपुर से ग्रामीण रायपुर, जेएस राखरा रायगढ़ से रायपुर, डीएस राठौर धमतरी से जांजगीर, अशोक पिपरे दुर्ग से महासमुंद, बिरची देहरी बिलासपुर से बस्तर, एसपी जेठवंत जांजगीर से कोरिया, बीपी शर्मा महासमुंद से राजनांदगांव, जियाउद्दीन शेख राजनांदगांव से राजनांदगांव, केएस चौधरी भिलाई से रायपुर, हरीश राठौर रायपुर से दंतेवाड़ा, वेदव्रत सिरमौर रायपुर से बिलासपुर, राजश्री मिश्रा चंदखुरी से बिलासपुर, श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा रायपुर से रायपुर।

HR Police: स्वतंत्रता दिवस पास आते ही पुलिस याद आए सीसीटीवी

स्वतंत्रता दिवस नजदीक आते ही पुलिस को फिर से क्लोज सर्किट कैमरों की याद आई है। सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के इरादे से पुलिस अधिकारियों ने जिले के सभी शॉपिंग मॉल्स, होटल, पेट्रोल पंप, बैंक और एटीएम में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिये हैं। निर्देशों का पालन न करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिये गए हैं। ऐसे निर्देश पिछले दो वर्षो में करीब दस दफा जारी किये जा चुके हैं। लेकिन हालत वैसी की वैसी ही है। न पुलिस अपने आदेशों को लेकर सक्रियता दिखाती है और न ही लोग स्वयं सक्रिय होते हैं।


संयुक्त पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने शनिवार को सकरुलर जारी कर पुलिस उपायुक्त सेन्ट्रल जोन, एनआईटी, बल्लभगढ जोन को आदेश दिये है कि सुरक्षा प्रबंध को मजबूत करने के लिए अपने इलाकों के शॉपिंग मॉल्स, बैंक, पेट्रोल पंप होटल व एटीएम की सूची तैयार करें और सभी में सीसीटीवी कैमरा लगवाना सुनिश्चित करें। ताकि भविष्य में होने वाली वारदातों की जांच करने में मदद मिल सके। यही नहीं जहां लगे हैं। वहां जाकर उनकी जांच की जाए। यही नहीं जहां न लगे हों अथवा लगे हो पर चल न रहे हों। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने यह आदेश डीजीपी से मिले निर्देशों के बाद जारी किया है। शुक्रवार को डीजीपी ने पंचकुला में एक बैठक कर सुरक्षा संबधी निर्देश जारी किये हैं।

गौरतलब है कि फरीदाबाद पुलिस इससे पहले भी कई दफा सीसीटीवी को लेकर निर्देश जारी कर चुकी है। लेकिन अभी भी ज्यादातर बैंक, होटल, एटीएम, पेट्रोल पंपों में कैमरे नहीं लगाए गए हैं। शॉपिंग मॉल्स में कैमरे तो लगे हैं। लेकिन उनमें से भी कुछ के कैमरे ठीक नहीं है। इसे लेकर कई दफा पुलिस अधिकारी अपनी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर को सौप चुके हैं

Bihar Police: चुनावी मैदान में उतरी बिहार पुलिस, 21 उम्मीदवार मैदान में

बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन शाखा का चुनाव रविवार को आरक्षी केन्द्र प्रांगण में संपन्न हुआ। समाचार प्रेषण तक मतगणना जारी है।
एसोसिएशन के क्षेत्रीय मंत्री पवन खान ने बताया कि चुनाव में 42 उम्मीदवार मैदान में हैं।

इनमें से सभापति, उपसभापति, मंत्री, संयुक्त मंत्री, कोषाध्यक्ष, केन्द्रीय सदस्य व अंकेक्षक पद के लिए तीन-तीन उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। डेलीगेट प्रतिनिधित्व के लिये 21 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। चुनाव को लेकर पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। मतदान के बाद मतपत्रों की गिनती का काम शुरु हो गया था। देर रात तक मतगणना के परिणाम आने की संभावना है। चुनाव को लेकर पुलिस लाइन में गहमागहमी का माहौल रहा।

Rajasthan Police: सिंघम की जांबाजी,पुलिस के दिल को छू गई

पिक्चर पैलेस सिनेमा हॉल में पुलिस के लिए आयोजित निशुल्क शो

उदयपुर। ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठ पुलिस ऑफिसर की मिसाल पेश करने वाली अजय देवगन अभिनीत फिल्म सिंघम दिखाने के लिए रविवार उदयपुर के लिए पुलिस कर्मियों के लिए विशेष शो रखा गया।

जिले के करीब साढ़े पांच सौ थानाप्रभारी से लेकर कांस्टेबलों ने सब कामकाज भूलकर फिल्म देखने का समय निकाला। फिल्म में जिस तरह पुलिस की कार्यप्रणाली बताई गई उसे देख हर पुलिसकर्मी उल्लासित दिखा।

जिस तरह से बालाजी राव सिंघम (अजय देवगन) के नेतृत्व में पुलिस अधिकारी एकजुट होकर राजनेता से लड़ते है यह नजारा पुलिस कर्मियों के दिल को छू गया। पुलिसकर्मियों का मानना था कि इस फिल्म से पुलिस को राजनेताओं से बिना डरे एकजुट होकर अपराधियों से निपटने की प्रेरणा भी मिली।
इस फिल्म को देख कर निकले पुलिस कर्मियों से जब भास्कर संवाददाता ने प्रतिक्रिया ली। इस पर पुलिस कर्मियों की तरह तरह की प्रतिक्रिया सामने आई। सब इंसपेक्टर पुनीत ने कहा कि रियल लाइफ में ऐसा नहीं होता। वर्तमान पुलिस की स्थिति फिल्म से भिन्न है। उन्होंने कहा कि हमेशा से पुलिस अधिकारियों पर राजनीति हावी रहती है।


इस फिल्म में यह हकीकत भी सामने आई कि पुलिस अधिकारियों को किस तरह राजनेताओं के दबाव में काम करना पड़ता है। साथ ही पुलिस को एकजुट होकर और ऐसी ही निष्ठा व कर्तव्य से काम करने की भी प्रेरणा मिलती है।
हर पुलिसकर्मी में शारीरिक दमखम हो
सूरजपोल थाने के सिपाही मोहम्मद अतहर ने कहा कि फिल्म में अजय देवगन की बॉडी से काफी आकर्षित हुए है। इस फिल्म से प्रत्येक पुलिसकर्मी को खुद को शारीरिक दमखम वाला शरीर बनाने की सीख मिलती है। हर पुलिसकर्मी को स्वयं को इतना ताकतवर बनाना चाहिए कि वह मौका पडऩे पर एक साथ दस अपराधियों से लडऩा पड़े तो मुकाबला कर सके।

Punjab Police: क्लास के बाद उतरी पुलिस की सुस्ती

अमृतसर : पुलिस कमिश्नर आरपी मित्तल ने शनिवार को पुलिस अधिकारियों के साथ पहली बार क्राइम के मुद्दे पर बैठक की। बैठक में वारदातों के न रुक रहे सिलसिले के कारण पुलिस अधिकारियों की क्लास भी लगाई गई। क्लास के बाद शाम को पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए कई महत्वपूर्ण स्थलों पर सर्च अभियान चलाकर अपनी सुस्ती मिटाई।
पुलिस लाइन के कांफ्रेंस हाल में आयोजित बैठक में जिले के सभी आला अधिकारी और एसएचओ शामिल हुए। मित्तल ने कहा कि एसजीपीसी चुनावों के मद्देनजर पुलिसकर्मी ड्यूटी पर जुट जाएं। हिस्ट्रीशीटरों व अपराधियों को पकड़ कर जेल भेजा जाए। मित्तल ने सुनार लूटकांड व बाइकर गैंग की वारदातों का कड़ा नोटिस लिया। बैठक में डीसीपी कंवलदीप सिंह, एडीसीपी सतपाल जोशी, नरेश कुमार, बहादुर सिंह, रछपाल सिंह घुम्मन, एसीपी नरिंदर सिंह, हरविंदर सिंह, गुरनाम सिंह सहित सभी थानों के मुखी, चौकी इंचार्ज भी शामिल थे।


शाम को पुलिस ने शहर में सर्च अभियान चलाया। इसके तहत बस स्टैंड और आसपास के होटलों को खंगाला गया। उसके अलावा पूरे शहर में नाकाबंदी कर दी गई है। पुलिस कमिश्नर आरपी मित्तल ने एसजीपीसी चुनाव व स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर शहर में कड़े सुरक्षा प्रबंध करने के आदेश दिए। इसके चलते एडीसीपी सिटी वन सतपाल जोशी की अध्यक्षता में पुलिस ने सर्च अभियान चलाया। सर्च अभियान में एसीपी ईस्ट हरविंदर सिंह, एसएचओ राम बाग सर्बजीत सिंह, एसएचओ मकबूलपुरा प्रभजोत सिंह, चौकी इंचार्ज बस स्टैंड गुरमिंदर सिंह व पुलिस की रिजर्व टीमें शामिल हुई। डॉग स्कवायड व बम निरोधक दस्ते को साथ लेकर बस स्टैंड के चप्पे चप्पे की जांच की गई।

mumbai Police : Bombay High Court directs police to investigate role of top police officers for their 'interest' in a case outside their jurisdiction

Bombay High Court directs police to investigate role of Bharti, Shinde and other top police officers for their 'interest' in a case outside their jurisdiction

Trouble is brewing for Additional Commissioner of Police (Crime) Deven Bharti and Assistant Commissioner of Police (Crime) Pradeep Shinde, as the Bombay High Court has taken cognisance of a complaint against the duo for exerting influence in a case outside their jurisdiction.


A justice bench of B H Marlapalle and U D Salvi issued an order on July 26 (a copy of which is with MiD DAY) asking DCP Zone 12 Rajendra Dabhade, Senior Inspector of Vanrai police station Suresh Shinde, and the government of Maharashtra to submit a progress report of a case reported in the Vanrai police station in Goregaon in May, within 15 days.

On May 31, Anmol Kashmiri, a businessman based in Dhobi Talao had registered a first information report (under Sections 409 and 420 of the Indian Penal Code) against a former business associate Vipul Agrawal, at the Vanrai police station in Goregaon.


The same day, the police picked up Agrawal from his Colaba residence but released him after bringing him to the police station. The officers on duty reportedly told Kashmiri that Bharti and Shinde had asked them not to arrest Agarwal, and to "go slow in the matter".

Pradeep Shinde reportedly visited the Vanrai police station and spoke to senior inspector Suresh Shinde to release Agarwal. He escorted Agrawal out of the station and dropped him home in his car. Kashmiri even placed a complaint with the police control room at 9.30 pm after seeing Pradeep Shinde in the station.

"The Bombay High Court has issued an order to the cops and the government of Maharashtra to submit a progress report of my case within 15 days," Kashmiri told Sunday MiD DAY.

Kashmiri filed the FIR after Agarwal allegedly took Rs 38.15 lakh from to start a new business in 2008, Excel Polymeters and Packaging Pvt Ltd., whose factory located in Goregaon. Agarwal promised to make Kashmiri a director in the company and return his initial investment by giving him shares in the company. However, Agarwal allegedly broke their agreement and failed to return the money to Kashmiri.

Sunday MiD DAY tried to get in touch with DCP Dabhade but he did not respond to either calls or text messages.
Suresh Shinde, senior inspector of Vanrai police station said, I am at home. I cannot comment today."