Kolkata: After completion of 103 days in office, a major change was today effected in West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee's security cover with state police replacing the Railway Protection Force (RPF).
The state force has taken over the responsibility of the major security ring around the Chief Minister, which was so far looked after by the RPF personnel, secretariat officials said.
Of the 75 RPF personnel deployed earlier to look after the security of the Chief Minister, only 13 personnel would be left now in the CM's convoy and the rest would be sent back to their parent department marking a major transition in the security cover.
The Additional Director General of security, Virendra, who also looks after the CM's security in the state, said apart from those deployed in the main security ring around the CM, a large number of security and intelligence personnel were always deployed beyond the security ring for the protection of the CM who enjoyed 'Z Plus' category.
Even as the state government cited no official reason for this major change in decision, it was reportedly the whopping bill from the RPF which prompted the state government to take this decision.
It was the state police which provided security to the chief minister but Banerjee preferred the RPF to provide security cover as she had enjoyed their service during her tenure as Railway Minister, they said.
On occasions, the chief minister is known to have refused to take security around her as per 'Z-Plus' norm, including that of bullet-proof car provided for her, created problems for the officials, they said.
Incidentally, the security shake-up came at a time when CM's security was breached yesterday with a youth attempting to dive in front of the CM's convoy at the intersection of Hazra Road and Harish Mukherjee street in South Kolkata.
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Friday, September 2, 2011
JK Police: शेर-ए-कश्मीर पुलिस एकेडमी में महिला प्रोबेशनरी सब- इंस्पेक्टर मौत मामला, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
ऊधमपुर। शेर-ए-कश्मीर पुलिस एकेडमी में हुई गाड़ीगड़ निवासी प्रोबेशनरी सब इंस्पेक्टर परनीत कोर पुत्री स्व. प्रवीण सिंह की मौत के मामले की जांच तेज करने एवं धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज करने की मांग को लेकर मृतक के परिजन पुलिस अधिकारियों से मिले। उनका आरोप था कि परनीत की हत्या की गई है। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच नहीं कर रही है।
वीरवार को परनीत की मां, उसके भाई एवं मामा मामले की जांच कर रहे एएसपी राजेंद्र गुप्ता से मिले। परनीत की मां कुलवंत कौर ने बताया कि 20 अगस्त को रात साढ़ नौ बजे परनीत ने उनसे बात की थी और 21 अगस्त की सुबह वह दिल्ली आ रही अपनी भाभी से मिलने के लिए जम्मू आने वाली थी।
रात को उसने भाभी से भी बात की थी। लेकिन 21 अगस्त की सुबह एकेडमी से उसकी मौत की खबर दी गई। कुलवंत का आरोप था कि जब सुबह परनीत का भाई और मामा एकेडमी पहुंचे तो परनीत के कमरे का दरवाजा तोड़ा हुआ था। जब इस बारे में पुलिस से पूछा गया तो उनका कहना था कि अन्य ट्रेनीज ने दरवाजा तोड़ा है।
उन्होंने कहा कि परनीत को किसी तरह की परेशानी नहीं थी वह काफी निडर और मेहनती लड़की थी। इसलिए वह आत्महत्या नहीं एकदम नहीं की होगी। उसकी हत्या की गई है। इसलिए मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और धारा 174 के बजाए हत्या का मामला दर्ज किया जाए।
उसके बाद परनीत के परिजन एकेडमी के डीआईजी अशोक कुमार से भी मिले। इससे पहले परनीत की मांग विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया से भी मुलाकात की । वहीं मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग लेकर नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन वूमन एवं आल इंडिया जेएंडके पब्लिक सोशल फेलफयर एसोसिएशन के पदाधिकारी भी परिजनों के साथ आए थे।
वूमन फेडरेशन की सचिव तसलीम कौसर ने बताया कि जब एकेडमी के डीआईजी से इस मामले से जुड़े सवाल पूछे गए तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। कौसर का आरोप था कि महिला काफी उम्मीदों के साथ पुलिस में भर्ती होती है।
एकेडमी के लिए यह बड़ी शर्मनाक बात है कि एकेडमी में समाज की बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं। उनके साथ सहसचिव सुनिता शर्मा, कोषाध्यक्ष वीणा ठाकुर भी मौजूद थीं।
वीरवार को परनीत की मां, उसके भाई एवं मामा मामले की जांच कर रहे एएसपी राजेंद्र गुप्ता से मिले। परनीत की मां कुलवंत कौर ने बताया कि 20 अगस्त को रात साढ़ नौ बजे परनीत ने उनसे बात की थी और 21 अगस्त की सुबह वह दिल्ली आ रही अपनी भाभी से मिलने के लिए जम्मू आने वाली थी।
रात को उसने भाभी से भी बात की थी। लेकिन 21 अगस्त की सुबह एकेडमी से उसकी मौत की खबर दी गई। कुलवंत का आरोप था कि जब सुबह परनीत का भाई और मामा एकेडमी पहुंचे तो परनीत के कमरे का दरवाजा तोड़ा हुआ था। जब इस बारे में पुलिस से पूछा गया तो उनका कहना था कि अन्य ट्रेनीज ने दरवाजा तोड़ा है।
उन्होंने कहा कि परनीत को किसी तरह की परेशानी नहीं थी वह काफी निडर और मेहनती लड़की थी। इसलिए वह आत्महत्या नहीं एकदम नहीं की होगी। उसकी हत्या की गई है। इसलिए मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और धारा 174 के बजाए हत्या का मामला दर्ज किया जाए।
उसके बाद परनीत के परिजन एकेडमी के डीआईजी अशोक कुमार से भी मिले। इससे पहले परनीत की मांग विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया से भी मुलाकात की । वहीं मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग लेकर नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन वूमन एवं आल इंडिया जेएंडके पब्लिक सोशल फेलफयर एसोसिएशन के पदाधिकारी भी परिजनों के साथ आए थे।
वूमन फेडरेशन की सचिव तसलीम कौसर ने बताया कि जब एकेडमी के डीआईजी से इस मामले से जुड़े सवाल पूछे गए तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। कौसर का आरोप था कि महिला काफी उम्मीदों के साथ पुलिस में भर्ती होती है।
एकेडमी के लिए यह बड़ी शर्मनाक बात है कि एकेडमी में समाज की बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं। उनके साथ सहसचिव सुनिता शर्मा, कोषाध्यक्ष वीणा ठाकुर भी मौजूद थीं।
JK Police: अब एसपी साहब लोगों की लगेगी क्लॉस, सिखेंगे आतंकी मामलों की जांच के गुर
जम्मू। नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) हर राज्य को आतंकवाद से लड़ने के गुर सिखाएगी। इसके लिए सबसे पहले नार्थ जोन को चुना गया है। शुक्रवार को शिमला में पहली कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है।
गृह मंत्रालय के आदेश के बाद यह कदम उठाया है ताकि आतंकवाद से लड़ने के लिए हर राज्य में एक जैसी सोच के साथ काम किया जा सके। गृह मंत्रालय ने इसकी जिम्मेदारी एनआईए को सौंपी है। बाद में पूरी रिपोर्ट बनाकर गृह मंत्रालय को दी जाएगी। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद गृह मंत्रालय अगला कदम उठाएगा। इस तरह से बाकी के जोन में भी कांफ्रेंस होंगी।
हर राज्य के बारे जुटाई जाएगी जानकारी
कांफ्रेंस में भाग लेने वाले पुलिस अधिकारियों से उनके राज्यों के बारे में पूरी जानकारी हासिल की जाएगी। इसके अलावा आतंकवाद से लड़ने के लिए भी जांच एजेंसियों से बात की जाएगी। अधिकारियों को आतंकवाद को लेकर कई मामलों पर जागरूक किया जाएगा।
एनआईए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांफ्रेंस में आतंकवाद से जुड़े कई मुद्दों पर रोशनी डाली जाएगी। हर राज्य में अलग तरह का आतंकवाद है। इसलिए उनके साथ उसी स्तर पर चर्चा की जाएगी। इस कांफ्रेंस में अधिकारी जो कुछ जानेंगे उसे वापस आकर अपने-अपने राज्य में समझाएंगे।
जम्मू से गए हैं पवन परिहार
इस कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए रियासत पुलिस की तरफ से एसपी आपरेशन पवन परिहार गए हैं। इसी तरह बाकी राज्यों से भी कई पुलिस अधिकारी कांफ्रेंस में भाग लेने गए हैं जिनमें अधिकतर जिला पुलिस प्रमुख शामिल हैं।
एनआईए को सौंपी गई है जिम्मेदारी
एनआईए पहली जांच एजेंसी है जो विशेष तौर पर आतंकी मामलों की जांच तथा आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच के लिए बनाई गई है। अब एनआईए बाकी राज्यों को भी अपने साथ मिलाकर उन्हें आतंकवाद पर काम करने के बारे में समझा रही है। ताकि हर राज्य में एक जैसे ही आपरेशन हो सके।
गृह मंत्रालय के आदेश के बाद यह कदम उठाया है ताकि आतंकवाद से लड़ने के लिए हर राज्य में एक जैसी सोच के साथ काम किया जा सके। गृह मंत्रालय ने इसकी जिम्मेदारी एनआईए को सौंपी है। बाद में पूरी रिपोर्ट बनाकर गृह मंत्रालय को दी जाएगी। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद गृह मंत्रालय अगला कदम उठाएगा। इस तरह से बाकी के जोन में भी कांफ्रेंस होंगी।
हर राज्य के बारे जुटाई जाएगी जानकारी
कांफ्रेंस में भाग लेने वाले पुलिस अधिकारियों से उनके राज्यों के बारे में पूरी जानकारी हासिल की जाएगी। इसके अलावा आतंकवाद से लड़ने के लिए भी जांच एजेंसियों से बात की जाएगी। अधिकारियों को आतंकवाद को लेकर कई मामलों पर जागरूक किया जाएगा।
एनआईए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांफ्रेंस में आतंकवाद से जुड़े कई मुद्दों पर रोशनी डाली जाएगी। हर राज्य में अलग तरह का आतंकवाद है। इसलिए उनके साथ उसी स्तर पर चर्चा की जाएगी। इस कांफ्रेंस में अधिकारी जो कुछ जानेंगे उसे वापस आकर अपने-अपने राज्य में समझाएंगे।
जम्मू से गए हैं पवन परिहार
इस कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए रियासत पुलिस की तरफ से एसपी आपरेशन पवन परिहार गए हैं। इसी तरह बाकी राज्यों से भी कई पुलिस अधिकारी कांफ्रेंस में भाग लेने गए हैं जिनमें अधिकतर जिला पुलिस प्रमुख शामिल हैं।
एनआईए को सौंपी गई है जिम्मेदारी
एनआईए पहली जांच एजेंसी है जो विशेष तौर पर आतंकी मामलों की जांच तथा आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच के लिए बनाई गई है। अब एनआईए बाकी राज्यों को भी अपने साथ मिलाकर उन्हें आतंकवाद पर काम करने के बारे में समझा रही है। ताकि हर राज्य में एक जैसे ही आपरेशन हो सके।
Punjab Police: Jalandher Police: सब-इंस्पेक्टर निकला वाहन चोर गिरोह का मेंबर, लंबे समय से चल रहा था गोरखधंधा
जालंधर. मोगा . एक सब इंस्पेक्टर को वाहन चोर गिरोह का सदस्य निकले पर निलंबित कर आपराधिक मामला दर्ज कर दिया है। इसके बाद मोगा पुलिस ने वाहन चोरी कर उसके जाली कागजात तैयार करने के आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए तीन जिलों के परिवहन दफ्तरों में छापामारी कर रिकार्ड जब्त किया है।
गिरफ्तार किया गया सब इंस्पेक्टर इससे पहले मोगा पासपोर्ट स्कैंडल का जांच अधिकारी भी रहा। फिलहाल पुलिस का कहना है कि इस गिरफ्तारी के बाद कई अहम खुलासे होने की संभावना है। इसमें डीटीओ दफ्तर से लेकर पुलिस विभाग के कई अधिकारियों व कर्मियों पर गाज गिर सकती है।
लंबे समय से चल रहा था गोरखधंधा : सीआईए स्टाफ के गुरबाज सिंह ने बताया कि सब इंस्पेक्टर जिला ट्रांसपोर्ट दफ्तरों के साथ मिलीभगत कर जाली दस्तावेज बनाने का काम करता था। इसमें गैंग के खिलाफ सात अगस्त को विभिन्न धाराओं के तहत पुलिस ने केस दायर किया था।
इसमें सनवीर सिंह के अलावा बलदेव सिंह, बलविंदर सिंह, कुलवंत सिंह, तारा सिंह शामिल था। इसमें पुलिस को जानकारी मिली कि मालवा में फरीदकोट, मोगा के अलावा मुक्तसर के जिला ट्रांसपोर्ट दफ्तरों में जाली दस्तावेज बनाने का काम किया जाता था।
चोर गिरोह, पुलिस विभाग और परिवहन विभाग की मिलीभगत से चल रहे इस धंधे में दर्जनों वाहनों को चोरी कर आगे जाली दस्तावेज के आधार पर बेचने का धंधा लंबे समय से किया जा रहा था। इसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने वीरवार को फरीदकोट, मोगा और मुक्तसर के जिला परिवहन दफ्तरों के दस्तावेजों की जांच कर रिकार्ड सील किया।
इसमें पुलिस ने अब तक ऐसे 16 वाहनों की पहचान की है, जो गलत दस्तावेजों के आधार पर खरीदे व बेचे गए हैं। इसमें फरीदकोट के एसएसपी सतपाल सिंह संधू भी मामले की जांच कर रहे हैं।
गिरफ्तार किया गया सब इंस्पेक्टर इससे पहले मोगा पासपोर्ट स्कैंडल का जांच अधिकारी भी रहा। फिलहाल पुलिस का कहना है कि इस गिरफ्तारी के बाद कई अहम खुलासे होने की संभावना है। इसमें डीटीओ दफ्तर से लेकर पुलिस विभाग के कई अधिकारियों व कर्मियों पर गाज गिर सकती है।
लंबे समय से चल रहा था गोरखधंधा : सीआईए स्टाफ के गुरबाज सिंह ने बताया कि सब इंस्पेक्टर जिला ट्रांसपोर्ट दफ्तरों के साथ मिलीभगत कर जाली दस्तावेज बनाने का काम करता था। इसमें गैंग के खिलाफ सात अगस्त को विभिन्न धाराओं के तहत पुलिस ने केस दायर किया था।
इसमें सनवीर सिंह के अलावा बलदेव सिंह, बलविंदर सिंह, कुलवंत सिंह, तारा सिंह शामिल था। इसमें पुलिस को जानकारी मिली कि मालवा में फरीदकोट, मोगा के अलावा मुक्तसर के जिला ट्रांसपोर्ट दफ्तरों में जाली दस्तावेज बनाने का काम किया जाता था।
चोर गिरोह, पुलिस विभाग और परिवहन विभाग की मिलीभगत से चल रहे इस धंधे में दर्जनों वाहनों को चोरी कर आगे जाली दस्तावेज के आधार पर बेचने का धंधा लंबे समय से किया जा रहा था। इसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने वीरवार को फरीदकोट, मोगा और मुक्तसर के जिला परिवहन दफ्तरों के दस्तावेजों की जांच कर रिकार्ड सील किया।
इसमें पुलिस ने अब तक ऐसे 16 वाहनों की पहचान की है, जो गलत दस्तावेजों के आधार पर खरीदे व बेचे गए हैं। इसमें फरीदकोट के एसएसपी सतपाल सिंह संधू भी मामले की जांच कर रहे हैं।
Maharastra Police: mumbai traffic police: गृह मंत्री के आदेश के बाद ट्रैफिक पुलिस में रिक्त पदों को भरा, 50 महिलाओं को मिला मौका
मुंबई। मंगलवार से, मुंबई शहर में यातायात को नियंत्रित करते हुए अब महिलाएं कई जगह नजर आएंगी। क्योंकि यातायात विभाग में अब 50 और महिलाओं की भर्ती कर ली गई है। अब तक इस विभाग में महिलाओं की संख्या बहुत कम थी।
जानकारी के अनुसार गृह मंत्री आर.आर. पाटील के निर्देश के बाद ही ट्रैफिक पुलिस में रिक्त पदों को भरा गया है। इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) बृजेश सिंह का कहना था कि इस काम की प्रकृति कुछ अलग तरह की होने की वजह से अभी तक इस विभाग में बहुत कम महिलाओं की ही भर्ती हो पाई थी, लेकिन अब बाकी रिक्त पदों पर नियुक्तियां हो चुकी हैं।
यातायात पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा कारणों के मद्देनजर सभी महिलाओं को पिस्तौल रखने की भी सुविधा प्रदान की जाएगी।
जानकारी के अनुसार गृह मंत्री आर.आर. पाटील के निर्देश के बाद ही ट्रैफिक पुलिस में रिक्त पदों को भरा गया है। इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) बृजेश सिंह का कहना था कि इस काम की प्रकृति कुछ अलग तरह की होने की वजह से अभी तक इस विभाग में बहुत कम महिलाओं की ही भर्ती हो पाई थी, लेकिन अब बाकी रिक्त पदों पर नियुक्तियां हो चुकी हैं।
यातायात पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा कारणों के मद्देनजर सभी महिलाओं को पिस्तौल रखने की भी सुविधा प्रदान की जाएगी।
Maharastra Police: Mumbai Police: फिल्म अभिनेता गोविंदा के खिलाफ खार पुलिस स्टेशन में मारपीट की शिकायत दर्ज, बहनोई ने लगाया आरोप
मुंबई. मुंबई में फिल्म अभिनेता गोविंदा के खिलाफ खार पुलिस स्टेशन में बहनोई के साथ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई गई है।
गोविंदा के खिलाफ उनके ही बहनोई प्रवीण खन्ना ने मारपीट और जान से मारने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच किसी फिल्म को लेकर तनातनी चल रही थी।
प्रवीण खन्ना ने एक फिल्म के लिए गोविंदा को चार करोड़ में साइन किया था। 25 लाख एडवांस दे दिया था। गोविंदा फिल्म शूट के लिए नहीं आते थे। इस वजह से दोनों के बीच गुस्से में हाथापाई हो गई।
प्रवीण की शिकायत के मुताबिक गोविंदा ने 24 अगस्त को उनके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने अभी तक इसका संज्ञान नहीं लिया है और मामले की छानबीन कर रही है। प्रवीण खन्ना फिल्म निर्माता हैं। उनकी पत्नी कामिनी गोविंदा की बहन हैं।
गोविंदा के खिलाफ उनके ही बहनोई प्रवीण खन्ना ने मारपीट और जान से मारने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच किसी फिल्म को लेकर तनातनी चल रही थी।
प्रवीण खन्ना ने एक फिल्म के लिए गोविंदा को चार करोड़ में साइन किया था। 25 लाख एडवांस दे दिया था। गोविंदा फिल्म शूट के लिए नहीं आते थे। इस वजह से दोनों के बीच गुस्से में हाथापाई हो गई।
प्रवीण की शिकायत के मुताबिक गोविंदा ने 24 अगस्त को उनके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने अभी तक इसका संज्ञान नहीं लिया है और मामले की छानबीन कर रही है। प्रवीण खन्ना फिल्म निर्माता हैं। उनकी पत्नी कामिनी गोविंदा की बहन हैं।
UP Police: उप्र की पुलिस प्रशिक्षण अकादमी के आरआई ने आत्महत्या की
मुरादाबाद। पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में प्रतिसार निरीक्षक (आरआई) के पद पर तैनात राकेश मलिक ने बुधवार की दोपहर आवासीय परिसर में सर्विस रिवाल्वर से आत्महत्या कर ली। मामले को खुदकुशी माना जा है, लेकिन कोई पत्र नहीं मिला है।
अकादमी के सूत्रों के अनुसार राकेश मलिक ड्यूटी पर थे। लंच पर करीब एक बजे वे अपने आवास पहुंचे थे और वहीं सर्विस रिवाल्वर से कनपटी पर गोली मार ली, जो पार निकल गई। आत्महत्या का कारण अभी साफ नहीं हो सका है।
मूलरूप से मुजफ्फरनगर के फुगाना गांव निवासी राकेश मलिक कई वर्षों से मेरठ के कंकरखेड़ा इलाके में रह रहे थे। मलिक का बेटा मेरठ के वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट में नौकरी करता है। अकादमी अफसरों ने मलिक के परिवार को सूचना दे दी है। घटना की जानकारी दोपहर करीब दो बजे मोची का काम करने वाले कश्मीरी नामक व्यक्ति के उनके सरकारी आवास पर पहुंचने के बाद हुई।
उसने बताया कि आवाज देने के बाद भी भीतर से कोई चहल-पहल न होने पर उसने दरवाजे को धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। उसे स्थिति संदिग्ध लगी तो उसने अन्य लोगों को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद भीतर दाखिल हुए पुलिस कर्मियों ने इंस्पेक्टर राकेश मलिक का शव देखा। अकादमी के डीजी एसी शर्मा अन्य स्टाफ के साथ राकेश मलिक के सरकारी आवास पर पहुंचे।
अकादमी के सूत्रों के अनुसार राकेश मलिक ड्यूटी पर थे। लंच पर करीब एक बजे वे अपने आवास पहुंचे थे और वहीं सर्विस रिवाल्वर से कनपटी पर गोली मार ली, जो पार निकल गई। आत्महत्या का कारण अभी साफ नहीं हो सका है।
मूलरूप से मुजफ्फरनगर के फुगाना गांव निवासी राकेश मलिक कई वर्षों से मेरठ के कंकरखेड़ा इलाके में रह रहे थे। मलिक का बेटा मेरठ के वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट में नौकरी करता है। अकादमी अफसरों ने मलिक के परिवार को सूचना दे दी है। घटना की जानकारी दोपहर करीब दो बजे मोची का काम करने वाले कश्मीरी नामक व्यक्ति के उनके सरकारी आवास पर पहुंचने के बाद हुई।
उसने बताया कि आवाज देने के बाद भी भीतर से कोई चहल-पहल न होने पर उसने दरवाजे को धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। उसे स्थिति संदिग्ध लगी तो उसने अन्य लोगों को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद भीतर दाखिल हुए पुलिस कर्मियों ने इंस्पेक्टर राकेश मलिक का शव देखा। अकादमी के डीजी एसी शर्मा अन्य स्टाफ के साथ राकेश मलिक के सरकारी आवास पर पहुंचे।
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