नई दिल्ली। फर्जी पायलट मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के सहायक निदेशक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार डीजीसीए का सहायक निदेशक प्रदीप कुमार है जबकि अन्य गिरफ्तार तीन व्यक्ति दलाल बताए जाते हैं। ये एजेंटों पायलटों के फर्जी लाइसेंस जारी करवाते थे और मोटी रमक वसूलते थे।
चेन्नई से गिरफ्तार ललित के बारे में बताया गया है कि वह फर्जी मार्कशीट तैयार कर पायलटों को बेचता था। पुलिस को पहले से ही शक था कि यह गोरखधंधा डीजीसीए अफसरों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं था, सहायक निदेशक की गिरफ्तारी से सच साबित हो गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक नए चार लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही अब तक छह लोगों को इस प्रकरण में गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस के शक के घेरे में अब 40 चालीस लोग बताए जा रहे हैं। पुलिस ने ललित की गिरफ्तारी के साथ ही वह कम्प्यूटर और प्रोग्राम भी जब्त कर लिया है, जिनकी मदद से फर्जी मार्कशीट बनाई जाती थी।
गौरतलब है कि डीजीसीए ने गत गुरूवार को फर्जी तरीके से लाइसेंस प्राप्त करने के आरोप में 14 पायलटों के केरियर पर प्रतिबंध लगा दिया था। पिछले हफ्ते राजस्थान स्टेट फ्लाइंग स्कूल से कई पायलटों द्वारा फर्जी तरीके से लाइसेंस हासिल करने का मामला सामने आया था। निलंबित पायलटों ने जरूरी 200 फ्लाइंग आवर के प्रशिक्षण के बिना ही लाइसेंस हासिल कर लिए थे।
देश में फर्जी कागजात के आधार पर विमान उ़डाने का लाइसेंस हासिल करने वाले पायलटों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर मंगलवार को डीजीसीए ने धोखाध़डी करने वाले नौ अन्य पायलटों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसी के साथ लाइसेंस लेने के लिए निर्धारित उ़डान पूरी नहीं करने के बावजूद पायलट का लाइसेंस प्राप्त करने वाले कैप्टन अनूप चौधरी एवं फस्र्ट फ्लाइंग ऑफिसर अमित मुद्रा को स्पाइस जेट ने तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।
courtesy- khaskhabar.
As the forgery cases have given rise to fears that travellers' life is being endangered by incompetent pilots, the regulator is planning a slew of steps to check the malaise.
चेन्नई से गिरफ्तार ललित के बारे में बताया गया है कि वह फर्जी मार्कशीट तैयार कर पायलटों को बेचता था। पुलिस को पहले से ही शक था कि यह गोरखधंधा डीजीसीए अफसरों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं था, सहायक निदेशक की गिरफ्तारी से सच साबित हो गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक नए चार लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही अब तक छह लोगों को इस प्रकरण में गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस के शक के घेरे में अब 40 चालीस लोग बताए जा रहे हैं। पुलिस ने ललित की गिरफ्तारी के साथ ही वह कम्प्यूटर और प्रोग्राम भी जब्त कर लिया है, जिनकी मदद से फर्जी मार्कशीट बनाई जाती थी।
गौरतलब है कि डीजीसीए ने गत गुरूवार को फर्जी तरीके से लाइसेंस प्राप्त करने के आरोप में 14 पायलटों के केरियर पर प्रतिबंध लगा दिया था। पिछले हफ्ते राजस्थान स्टेट फ्लाइंग स्कूल से कई पायलटों द्वारा फर्जी तरीके से लाइसेंस हासिल करने का मामला सामने आया था। निलंबित पायलटों ने जरूरी 200 फ्लाइंग आवर के प्रशिक्षण के बिना ही लाइसेंस हासिल कर लिए थे।
देश में फर्जी कागजात के आधार पर विमान उ़डाने का लाइसेंस हासिल करने वाले पायलटों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर मंगलवार को डीजीसीए ने धोखाध़डी करने वाले नौ अन्य पायलटों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसी के साथ लाइसेंस लेने के लिए निर्धारित उ़डान पूरी नहीं करने के बावजूद पायलट का लाइसेंस प्राप्त करने वाले कैप्टन अनूप चौधरी एवं फस्र्ट फ्लाइंग ऑफिसर अमित मुद्रा को स्पाइस जेट ने तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।
courtesy- khaskhabar.
DGCA to bring over 10,000 commercial pilot license holders under scanner
NEW DELHI: Aviation regulator DGCA plans to bring under the scanner over 10,000 commercial pilot license (CPL) holders and conduct third-party audit of all flying schools in the country in the wake of cases of forgery behind securing of licences coming to light.As the forgery cases have given rise to fears that travellers' life is being endangered by incompetent pilots, the regulator is planning a slew of steps to check the malaise.
nice
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