दिल्ली। दरियागंज थाने में घुसकर ठगी करने वाले फर्जी सब इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार सिसोदिया (24) को आखिरकार पुलिस ने पकड़ लिया। अश्वनी ने एक फल विक्रेता को नीलामी में स्कार्पियो कार दिलवाने का झांसा देकर सवा लाख ठग लिया था। पुलिस ने गिरफ्तारी से आठ मामले सुलझाने का दावा किया है। पुलिस ने उसके पास से सबइंस्पेक्टर की वर्दी, बाइक, छह हजार रुपये और बैंक का पासबुक बरामद किया है जिसमें ठगी की रकम जमा किया था। हैरत की बात यह थी कि नकली पुलिस इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार सिसोदिया थाने पहुंचकर करीब दो घंटे तक रौब गांठता रहा था और ठगी कर फरार हो गया था।
जहांगीरपुरी निवासी मोहर्रम अली आजादपुर मंडी में फलों के व्यापारी हैं। 20 जून को उनकी दुकान पर एक पुलिस वाला आया। वह वर्दी में था और वर्दी पर दो स्टार लगे हुए थे। साथ ही नेम प्लेट पर नीरज मिश्रा लिखा हुआ था। उसने बताया कि दिल्ली पुलिस गाड़ियों की नीलामी करती है। वह उसे एक स्कारपियो कार दिला देगा। जिसकी कीमत सिर्फ एक लाख 11 हजार रुपये होगी और यह ओल्ड पुलिस लाइन से मिलेगी। उसके बाद उसने तीन हजार रुपये की मांग करते हुए कहा कि वह आरसी बनवा देगा।
मोहर्रम अली के मुताबिक 10 जुलाई को उसने फोन करके कहा कि रुपये का इंतजाम कर लेना। अगले दिन वह उन लोगों को लेकर दरियागंज थाने पहुंचा और रुपये लेने के बाद उन्हें रसीद लेकर आने की बात कही। वह दो घंटे तक रौब दिखाता रहा। इसी बीच वह गायब हो गया। इंतजार करने के बाद जब उसके बाबत पूछताछ की तो उस नाम का कोई पुलिसकर्मी वहां नहीं होने की बात कही गई। फिर उन लोगों ने उसके बताए अनुसार पहाड़गंज में भी पता किया लेकिन वहां भी उस नाम का कोई सब इंस्पेक्टर नहीं है।
उसके बाद मोहर्रम अली ने इस बाबत दरियागंज में ठगी की शिकायत दर्ज करवाई।पुलिस जांच में पता चला कि इसी तरह की ठगी में अश्वनी शामिल रहा है। एक सूचना पर पुलिस ने महावीर वाटिका के पास पुलिस वर्दी में खड़े बस्ती (उत्तर प्रदेश) निवासी अश्वनी कुमार सिसोदिया को दबोच लिया। मोहर्रम अली से ठगी की बात स्वीकारते हुए उसने बताया कि ठगी के बाद बाइक खरीदी, 26 हजार रुपये बैंक में जमा कर दिए। छह हजार रुपये परिजनों को भेज दिया।
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English summary
24-year-old man ashwani kumar sisodia was arrested for allegedly impersonating as a sub-inspector and cheating a fruit seller .The arrest came after investigations into a complaint filed by Moharram who reported that a sub-inspector with name plate as ''Neeraj Mishra'' came to his shop and told that he could provide him an auctioned car at a very low price.
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