भोपाल.इतवारा में दो पक्षों के बीच विवाद से उपजे तनाव को दस दिन बीत गए हैं और इलाके में रौनक भी लौट आई है। लेकिन इस दौरान पुराने शहर के एसपी अभय सिंह को जो जख्म मिला, उसे भुलाना उनके लिए शायद मुमकिन नहीं होगा। उनकी दाहिनी आंख में गंभीर चोट है। चेन्नई के शंकर नेत्रालय में उनका इलाज चल रहा है। भास्कर संवाददाता ने शनिवार को जब उनसे फोन पर बात की तो विपरीत हालात में भी वे आत्मविश्वास से लबरेज लग रहे थे। घटना वाली रात क्या और कैसे हुआ, जानिए उन्हीं के शब्दों में -
मैं उस रात को करीब एक बजे इतवारा पहुंचा था। स्टाफ वहां पहले से ही मोर्चा संभाले था। उपद्रवियों ने कुछ मकानों में आग लगा दी थी। लिहाजा मैं उनके घर चला गया। तभी कुछ उपद्रवियों के आने की सूचना मिली। हमने प्वाइंट्स पर लगे अधिकारी-कर्मचारियों को वहां तैनात कर दिया। इतवारा चौकी के सामने वाली सड़क पर दो सीएसपी और एएसपी स्टाफ के साथ तैनात थे। तभी पड़ोस वाली गली में पथराव की सूचना आई।
बवाल बढ़ न जाए, लिहाजा मैंने दोनों सीएसपी और एएसपी को उस ओर भेज दिया। यहां मैं अकेला पड़ गया था, मेरे साथ 5-6 पुलिसकर्मी भी थे। हम आगे बढ़ते, इससे पहले ही सामने वाली गली से तकरीबन 500 लोग आ गए और उनमें से कुछ ने पथराव कर दिया। हम उन्हें रोकने की कोशिश कर ही रहे थे कि एक पत्थर मेरी आंख में आ लगा और अंधेरा छा गया। मैंने एक हाथ आंख पर रखा। पूरा हाथ खून से लथपथ हो गया। चोट गंभीर थी, लेकिन मुझे जिम्मेदारी का भी अहसास था। मैंने घटनाक्रम की सूचना एसएसपी को दी, इसके बाद मुझे अस्पताल ले जाया गया।
चेन्नई में इलाज करा रहे एसपी अभय सिंह की एक आंख की रोशनी के बारे में आज साफ हो सकती है स्थिति
जूझकर बाहर आऊंगाएक आंख बंद करने के बाद कोई कैसा महसूस कर सकता है, मुझे इसका अहसास है, लेकिन मैं हारूंगा नहीं। इस दु:खद परिस्थिति से मुझे लड़ना होगा। हर किसी की जिंदगी में गम आते हैं, लेकिन यदि हिम्मत हो तो उससे मुकाबला किया जा सकता है। मुझे विश्वास कि मैं भी इससे जूझ कर बाहर आऊंगा।
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