जयपुर। सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) तो बना दिया, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण यह जांच एजेंसी पंगु बनी हुई है। सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार की एसीबी को लगातार शिकायतें मिल रही हैं, पर हालात यह है कि पुष्टि व कार्रवाई के लिए पर्याप्त संख्या में जांच अधिकारी ही नहीं है। इतना ही नहीं दो साल से विभाग बिना मुखिया के है। तत्कालीन डीजी केएस बैंस के बाद एडीजी के पास ही डीजी का अतिरिक्त चार्ज है। विभाग में इस्पेक्टर से लेकर एएसपी तक के 34 पद खाली पड़े हैं। हाल यह है कि एक जांच अधिकारी के पास सात से आठ मामले पेंडिंग चल रहे हैं, लिहाजा वे कोई नया मामला लेने के बजाय पुराने को ही निपटाने पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
एक अफसर, 18 जांच
* एएसपी आशाराम चौधरी
18 मामलों की जांच कर रहे हैं
2009 से पहले के चार मामले
* एएसपी मनीष त्रिपाठी
10 मामलांे की जांच कर रहे हैं
इनमें 2009 से पहले के दो मामले हैं
* डीवाईएसपी महेन्द्र हरसाना
7 मामलांे की जांच कर रहे हैं
इनमें वर्ष 2009 से पहले के दो है
ये हाल है एसीबी के
स्वीकृत कार्यरत रिक्त
डीजी 1 0 1
एडीजी 1 1 0
आईजी 3 2 1
डीआईजी 4 4 0
एसपी 6 1 5
एएसपी 33 28 5
डीवाईएसपी 31 28 3
इंस्पेक्टर 55 29 26
एएसआई 12 7 5
कांस्टेबल 328 288 40
वरिष्ठ लिपिक 23 15 8
पद भरेंगे तभी लगेगा भ्रष्टाचार पर अंकुश
काबिल अफसरों की कमी के कारण समय पर भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ एसीबी चालान पेश नहीं कर पाती। जांच में देरी के कारण आरोपी बच निकलते है या मामला कोर्ट मे ले जाकर अटका देते हैं। सरकार जिन अफसरों को फील्ड में नहीं लगाना चाहती, उन्हें एसीबी में लगा देती है। एसीबी में इंटेलीजंेट और ईमानदार अफसर चाहिए जो भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कानून का शिकंजा कस सके और समय सीमा में चालान पेश कर उन्हे सजा दिला सके। रिक्तपद होने के कारण एसीबी भ्रष्टाचार रोकने की दिशा में बेहतर परिणाम नहीं दे पा रही है। इससे मुकदमों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन भ्रष्टाचार नहीं घट रहा।
पीके तिवारी, पूर्व डीजी, एसीबी
वर्ष 2010 में एसीबी के पास आए मामले
366 दिन में मामले दर्ज हुए 407
पीई दर्ज हुई 137
इस तरह से कुल मामले आए 544
जांच अधिकारियों के 34 पद खाली
एएसपी, डीवाईएसपी तथा इंस्पेक्टर होते है एसीबी में जांच अधिकारी
तीनों पदों पर कुल स्वीकृत पद हैं 119
वर्तमान में कार्यरत हैं 85
इनमें से अभी रिक्त चल रहे हैं 34
सीबीआई से 3 गुना काम करती है एसीबी
* सीबीआई में जांच अधिकारी औसतन सालाना तीन मामलों की जांच करते हैं
* इस हिसाब से एसीबी में 544 मामलों के लिए 185 जांच अधिकारी होने चाहिए
* 85 अधिकारियों को करनी पड़ रही है जांच, इस हिसाब से एक अधिकारी कर रहा है औसतन सालाना सात मामलों की जांच
* जो सीबीआई की जांच के हिसाब से तीन गुना ज्यादा है।
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