Friday, October 21, 2011

Rajasthan Police: Udaipur: अजमेर के ख्वाजा साहब का चमत्कार, आत्महत्या के लिए निकला पुलिस ड्राइवर घर वापस लौटा..

उदयपुर। अपने अधिकारी, पुलिसकर्मियों तथा कैदियों को खेरवाड़ा में ढाबे पर छोड़कर फरार हुआ गुजरात के बड़ोदा जिले की छाणी पुलिस स्टेशन का गाड़ी चालक दर असल आत्महत्या की नीयत से फरार हुआ था लेकिन अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत करने के बाद उसने अपना इरादा त्याग दिया तथा बुधवार रात्रि को बड़ोदा स्थित अपने घर पहुंच गया। जिसके पहुंचने की जानकारी मिलते ही गुजरात की क्राइम ब्रांच की टीम में उससे पूछताछ कर रही है। गौरतलब है कि बड़ोदा जिले के छाणी पुलिस थाने की एक टीम ने मादक पदार्थों की तस्करी करने के मामले में १३ अक्टूबर को नरेन्द्र पुत्र वगतराम पाटीदार निवासी मगराना मल्हारगढ़ मंदसौर मध्यप्रदेश को पकड़ा था। पूछताछ करने पर उसने यह गाड़ी मंदसौर के ही श्यामलाल पाटीदार की होना बताया था। जिसे गिरफ्तार करने के लिए छाणी पुलिस थाने की टीम मध्यप्रदेश के लिए रवाना हुई। इस टीम में एक सब इंस्पेक्टर आर.एस. खराड़ी, एक एएसआई भरत सिंह, दो कांस्टेबल किरणभाई, संतोष बिहारी, दो चालक जयसिंह तथा दिनेश भाई थे। श्यामलाल को पकड़कर पुलिस पूछताछ के लिए पुन: गुजरात की ओर जा रहे थे कि इसी दौरान रास्ते में चालक दिनेश भाई वोरा एक होटल पर सभी को उतार कर गाड़ी लेकर फरार हो गया था।
गाड़ी में रखी राईफल को उसने उदयपुर के हिरणमगरी क्षेत्र में जड़ाव नर्सरी के पास रेल्वे क्रासिंग के पास छोड़ दिया था। जिसके बाद गाड़ी को सेक्टर ३ में छोड़कर फरार हो गया था। मामले की जानकारी मिलने पर गुजरात से पुलिस की टीम भी उदयपुर आई थी। इस टीम ने उदयपुर में सभी स्थानों पर घटनास्थलों को देखा था। अभी गुजरात तथा राजस्थान पुलिस चालक की तलाश कर ही रही थी कि इसी दौरान गुजरात की बड़ोदा पुलिस को जानकारी मिली कि चालक दिनेश भाई स्वयं ही अपने घर पर आ गया है। जिस पर पुलिस की एक टीम ने उससे जाकर पूछताछ की। छाणी थानाधिकारी आर.एल. सांगली ने बताया कि चालक दिनेश भाई वोरा काफी समय से पारिवारिक परेशानियों से दु:खी था। जिस कारण से उसकी मानसिक स्थिति सही नहीं थी। सांगली ने बताया कि पुन: गुजरात की ओर जाते समय खेरवाड़ा में चालक दिनेश को कुछ नहीं सूझा तथा वह गाड़ी लेकर फरार हो गया। वोरा गाड़ी लेकर निकला ही आत्महत्या करने के इरादे से था । उसने पहले तो आत्महत्या करने का प्रयास किया था परन्तु बाद में राईफल फैंक दी थी। थानाधिकारी ने बताया कि वोरा गाड़ी को हिरणमगरी क्षेत्र में छोड़कर पैदल ही निकल गया था तथा जो भी बस मिली उसमें बैठ गया। जिससे वह सीधा बांसवाड़ा पहुंच गया। बांसवाड़ा में कुछ देर रूकने के बाद वह सीधा अजमेर चला गया।
हालांकि इस दौरान वोरा के आत्महत्या करने का पूरा इरादा था। अजमेर वह विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा साहब की दरगाह में गया। जहां उसे मानसिक सुकून मिला तथा उसने आत्महत्या करने का इरादा ही छोड़ दिया तथा वहीं से अपनी पत्नी को करीब ५ बार फोन किया। उसकी पत्नी ने भी उसे घर आने के लिए कहा तथा कोई भी गलत कदम उठाने से मना किया तो वोरा ने स्वयं भी आत्महत्या करने से इंकार कर दिया तथा अपनी पत्नी को घर आने की जानकारी दी। वोरा बुधवार शाम को उसके घर पर पहुंच गया। इस बारे में पुलिस अधिकारियों को जानकारी मिलने पर पुलिस उसके घर पहुंची थी। बच्चे नहीं होने से परेशान था :- छाणी थानाधिकारी सांगली ने बताया कि वोरा की शादी हुए काफी समय बीत चुका था तथा उसके कोई संतान नहीं थी। इस कारण वह काफी डिप्रेशन में था। वह थाने में भी स्टाफ से काफी अलग रहता था। इस बारे में थाने के पूरे स्टाफ को पता था। अपनी पत्नी तथा स्वयं का अकेलापन दूर करने के लिए उसने करीब २ वर्ष पूर्व अपने साले की पुत्री को गोद लिया था। परन्तु फिर भी उसे अपनी एक संतान की बेहद चाह थी।

No comments:

Post a Comment