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Wednesday, February 8, 2012
MP Police: Bhopal: पुलिस हेडक्वार्टर में इतने हो गए ADG , कि अब Asst IG के कमरे में बैठना पड़ रहा है..
भोपाल। पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अब बैठने को ही जगह नहीं मिल रही है। स्थानाभाव के कारण अफसर अपने बैठने के लिए अब नए स्थान की तलाश करने लगे हैं।
वर्ष 2008 में खटलापुरा मंदिर रोड पर मुख्यालय के नए भवन की नींव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रखी थी यह भवन दो साल में पूरा होना था लेकिन भवन में लगने वाली सामग्री महंगी हो जाने से उसका काम अटका और वह भवन तीन साल पूरा होने के बाद भी आज भी अधूरा ही है, पता चला है कि भवन को बनाने वाला ठेके दार ही गायब हो गया है, इस भवन को बनने में अभी कम से कम एक से डेढ़ साल का आकलन अधिकारी भी कर रहे हैं, अधिकारियों का मानना है कि भवन को बनाने के लिए रि-टेण्डरिंग की जाना है।
इधर स्थानाभाव के कारण कई अधिकारी अपने अन्य अधिकारी के अवकाश पर अथवा कहीं और जाने का इंतजार करता है तब कही जाकर उसे सीट मुहैया हो पाती है। उक्त अधिकारी के आने के बाद वह फिर अपने स्थान की तलाश में लग जाता है। स्थानाभाव के कारण भी अधिकारी इस समय फुटïोव्वल की स्थिति में आ गए हैं। एक वरिष्ठï पुलिस अधिकारी को स्थानाभाव के चलते तीन स्थानों पर जाकर अपनी आमद देना पड़ी है।
मुख्यालय में आलम यह हो गया है कि अधिकारी अपने तबादले से डरने लगा है कि किसी अन्यत्र स्थान पर तबादला हो गया और वहां बैठने की जगह नहीं मिली तो आखिर उसका क्या होगा। इस समस्या का खामियाजा संबंधित शाखा में काम करने वाले कर्मचारियों को भी भुगतना पड़ता है स्थिति साफ है कि फाइल पर हस्ताक्षर आदि के स्टाफ कर्मियों को वरिष्ठï अधिकारी के बैठने वाले स्थान पर जाना पड़ता है। बैठक का इस स्थान का समाधान नए भवन के बाद ही सुलझना संभव है, सभी अधिकारी मुख्यालय के नए भवन की ओर टकटकी लगाए बैठे है कि यह कब पूरा होगा और बैठने की समस्या सुलझेगी।
85-86 के बैच से बढ़ी परेशानी
मुख्यालय में स्थानाभाव का संकट इसलिए भी बढ़ गया क्योंकि पुलिस महानिरीक्षक से अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पर पदोन्नति पाने वाला बैच 85-86 की संख्या बढ़ी हुई थी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी बढ़ जाने से उनके बैठने का संकट सामने आ गया। जहां पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नहीं थे उस शाखा में भी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को पदस्थ कर दिया गया, जैसे सायबर, एसटीएफ, पीटीआरआई एवं योजना एवं प्रबंध में एक एडीजी की जगह उनकी संख्या दो कर दी गई। उनमें से एक एडीजी को एआईजी का रुम आवंटित किया गया क्योंकि वह अवकाश पर थी। बताया जाता है कि यह संख्या आगे भी बढऩा है क्योंकि अभी पदोन्नति की कतार में 87 बैंच के अलावा तीन और अधिकारियों के पदस्थापना आदेश जारी होना है।
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