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Wednesday, August 7, 2013
Rajasthan Police: Jaiselmer: the full story of transfer of jaiselmer SP transfer: जैसलमेर के 'दबंग' 'सिंघम' एसपी पंकज चौधरी के ट्रॉन्सफर के पीछे की पूरी कहानी पढ़े.
जयपुर। उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार ने रेत माफिया के लिये आईएएस दुर्गा शक्ित नागपाल को सस्पेंड कर दिया। घोटालों से घिरी यूपीए सरकार की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने मौका देखकर सपा पर हमला बोल दिया, लेकिन उनकी पार्टी के शासन वाले राजस्थान में क्या हो रहा है, ये उन्हें दिखाई नहीं दिया। कांग्रेस ने तो सपा से भी दो कदम आगे निलकर एक ऐसे हिस्ट्रीशीटर के लिये आईपीएस पंकज चौधरी का तबादला कर दिया, जिस पर पाकिस्तान के साथ मिलकर घुसपैठ कराने से लेकर अनगिनत संगीन आरोप हैं। धर्मनिरपेक्षता के नाम पर वोटों की फसल काटने वाली राजस्थान अशोक गहलौत सरकार न केवल दुश्मन देश से रिश्ते रखने वाले गाजी फकीर और उनके विधायक बेटे को बचा रही है बल्कि ऐसे संगीन आरोपों से घिरे लोगों के लिये एक ईमानदार आईपीएस अफसर पर गाज भी गिरा रही है।
कांग्रेसी नेता के पेट्रोल पंप से पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार
क्या कांग्रेसी नेता गाजी फकीर का परिवार संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त है? क्या गाजी फकीर का परिवार आपराधिक मामलों में शामिल रहा है? क्या गाजी फकीर के परिवार के खिलाफ पुलिस के पास सबूत हैं? जैसलमेर के एसपी पंकज चौधरी की मानें तो इन सवालों का जवाब है...हां! और इसीलिए गाजी फकीर की बंद पड़ी हिस्ट्रीशीट फिर खोली गई है। जैसलमेर के एसपी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि गाजी फकीर का परिवार आपराधिक मामलों में लिप्त रहा है। देश से बाहर यानी पाकिस्तान बार-बार जाना सवाल खड़े करता है। एसपी पंकज चौधरी ने ये साफ कहा कि पूरे गाजी फकीर परिवार के खिलाफ उनके पास सबूत हैं। एसपी पंकज चौधरी ने एक और खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 24 फरवरी 2012 को एक पाकिस्तानी जासूस सुमेर खान को विधायक सालेह मोहम्मद के पेट्रोल पंप से पकड़ा गया था। सालेह मोहम्मद गाजी फकीर के बेटे हैं और विधायक हैं। आरोपी पाकिस्तानी जासूस शालेह मोहम्मद के पेट्रोल पंप पर काम करता था। एसपी के मुताबिक पाकिस्तानी जासूस सुमेर खान ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की पोखरण यात्रा में वायुसेना के ऑपरेशन आयरन फिस्ट की खुफिया जानकारी पाकिस्तान को भेजी थी।
गाजी के परिवार ने जाएगा हाईकोर्ट
एसपी पंकज चौधरी के मुताबिक साल 2011 में कांग्रेसी नेता गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट बंद करने के लिए जो तर्क दिए गए थे, वो सही नहीं थे। पंकज चौधरी के मुताबिक जो आधार बताए गए थे, उनपर हिस्ट्रीशीट को बंद नहीं किया जा सकता। उन्होंने ये भी बताया कि तब एसपी ऑफिस की टिप्पणी में भी गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट को बंद न करने की बात थी लेकिन आनन-फानन में गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट बंद कर दी गई। पंकज चौधरी कहते हैं कि 2011 में गाजी की हिस्ट्रीशीट बंद करने का कोई आधार नहीं था, फिर सरकार का आदेश भी था। मैंने देखा तो ओपन कर दी। वहीं गाजी फकीर के बेटे और पोखरण से कांग्रेस विधायक सालेह मोहम्मद अपने पिता की हिस्ट्रीशीट खोले जाने के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की बात कह चुके हैं। अब उनका आरोप है कि विपक्षी साजिश के तहत उन्हें और उनके परिवार को बदनाम किया जा रहा है।
पाक से जुड़े हैं गाजी परिवार के तार
सूत्रों अनुसार गाजी फकीर और उनके परिवार पर पाकिस्तान के साथ साठगांठ के आरोप हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो गाजी फकीर परिवार का पाक से सटे इलाकों में पूरा रुतबा है। उन पर पाक से घुसपैठ, तस्करी समेत कई संगीन आरोप हैं। एसपी पंकज चौधरी ने भी गाजी परिवार के खिलाफ सबूत होने का दावा किया है, लेकिन वोटों की खातिर कांग्रेस सरकार आंख मूंदकर बैठी हुई है। क्या सचमुच कोई इतना गिर सकता है। पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर में रहने वाले 80 साल के गाजी फकीर पर स्मगलिंग और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है। आरोपों के मुताबिक, गाजी फकीर पाकिस्तान से अवैध तरीके से आने वाले लोगों को संरक्षण देते हैं और उन्हें बॉर्डर पार कराने में मदद करते हैं। इसके अलावा उनपर तस्करी, अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त जैसे कई अवैध धंधों में लिप्त रहने का भी आरोप है।
हिस्ट्रीशीट खोलने के 48 घंटे के अंदर ट्रांसफर
जैसलमेर के पूर्व एसपी पंकज चौधरी के मुताबिक उन्होंने क्षेत्र के प्रभावशाली कांग्रेसी नेता गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट को ओपन किया था। चौधरी ने मीडिया से कहा कि आप कह सकते हैं कि हिस्ट्रीशीट ओपन करने के 48 घंटों के अंदर ही मेरा ट्रांसफर हुआ। आप इसे जोड़ भी सकते हैं। मेरा ये मानना है कि ये सरकार का आदेश है। ये आदेश कभी भी आ सकता है। किसी भी टाइम से जोड़ने का मतलब नहीं है। माना जाता है कि गाजी फकीर के एक इशारे पर पाक से लगने वाली सीमा से सटी 12 विधानसभा सीटों का भाग्य तय होता है। राजस्थान में जल्द विधानसभा चुनाव आने वाले हैं और लोकसभा चुनाव भी सिर पर हैं, ऐसे में गहलौत सरकार गाजी फकीर को नाराज करने का जोखिम कैसे ले सकती थी। ध्यान रहे कि जैसलमेर के एसपी ने पोखरण से कांग्रेसी विधायक सालेह मोहम्मद, जैसलमेर के जिला प्रमुख अबदुल्ला फकीर के पिता और बुजुर्ग कांग्रेसी नेता गाजी फकीर के खिलाफ बंद अपराधों की फाइल खोली थी। पंकज चौधरी के ट्रांसफर से एक दिन पहले ही जैसलमेर पुलिस ने विधायक सालेह मोहम्मद के खिलाफ पुलिसकर्मी के साथ मारपीट के मामले में केस दर्ज किया था।
जिसने फाइल खोली, वो गया
84 साल के गाजी फकीर और उनके परिवार का दबदबा क्षेत्र में किस कदर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब-जब किसी अफसर ने उनकी हिस्ट्रीशाट खोलनी चाही, उसका तबादला हो गया। गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट सबसे पहले जुलाई 1965 में खोली गई थी, लेकिन 1984 में गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट गायब कर दी गई। जुलाई 1990 को तत्कालीन एसपी सुधीर प्रताप सिंह ने फकीर की हिस्ट्रीशीट दोबारा खोली। इसके महज 28 दिन बाद ही उनका तबादला कर दिया गया। 21 साल बाद मई 2011 में कार्यवाहक एसपी गणपत लाल ने फकीर की हिस्ट्रीशीट बंद कर दी, जबकि नियमों के मुताबिक एसपी ही किसी हिस्ट्रीशीट को बंद करने का अधिकार रखता है।
साभार- इन डाट कॉम हिन्दी.
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