नई दिल्ली । अन्ना के साथ राजघाट जाना कई पुलिस अधिकारियों को महंगा पड़ गया। गांधी समाधि पर उनके जूते खो गए। हालत यह हुई कि एक एसीपी समेत कई अधिकारियों को यहां से नंगे पांव ही वापस लौटना पड़ा। कई पुलिस वालों को अपने साहब के जूतों को ढूंढ़ते देखा गया।
शुक्रवार दोपहर अन्ना हजारे तिहाड़ जेल से राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर पहुंचे थे। उस वक्त उनके साथ भारी संख्या में पुलिस के आला अधिकारी मौजूद थे। बताया जाता है कि अन्ना हजारे जब महात्मा गांधी को श्रद्वाजंलि देने के लिए समाधि के अंदर गए तो उनके साथ पुलिस के कई अधिकारी भी अंदर चले गए। समाधि के नजदीक जाने वाले सभी लोगों ने अपने जूते यथास्थान पर उतार दिए।
श्रद्धांजलि देकर पुलिस अधिकारी अन्ना के साथ जब बाहर आए तो उनके जूते गायब थे। यह देखकर पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए। इधर-उधर ढूंढ़ने के बाद जब जूते कहीं नही मिले तो उन्होंने अपने मातहतों को जूते ढूंढ़ने के लिए कहा। इसके बाद कई सिपाही और हवलदारों को साब के जूतों के लिए भाग-दौड़ करते देखा गया। न मिलने पर अधिकारियों ने बिना जूतों के ही वहां से निकलने में अपनी भलाई समझी। बेचारे मन मसोसकर अपनी गाड़ियों में जा बैठे।
लेकिन तब तक अन्ना और उनके समर्थक वहां से रामलीला मैदान की ओर कूंच कर चुके थे। अधिकारियों को अभी आगे भी जाना था इसलिए उन्होंने अपने मातहतों को घर से जूते लाने का आदेश दिया। जूते उन्होंने सीधे रामलीला मैदान ही लेकर पहुंचने के लिए कहा। राजघाट से कई आला अधिकारियों के जूते चोरी होने की बात पता चलने पर वहां मौजूद पुलिस के दूसरे अधिकारियों ने वहां डयूटी बजा रहे पुलिस वालों से इस बारे में पूछताछ की। आखिर घर से जूते आने के बाद ही ये पुलिस अधिकारी दोबारा मैदान में पहुंच पाए। हैरान कर देने वाली बात यह है कि आखिर पुलिस अधिकारियों के लाल जूतों पर किसने हाथ साफ किया।
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