भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सशक्त जनलोकपाल गठित किये जाने की मांग को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा चलाये जा रहे अनशन की गूंज अब देश के आखिरी गांव माणा में भी पहुंच गयी है।
उत्तराखंड के चमोली जिले के बद्रीनाथ धाम से तीन किलोमीटर दूर पहाडों की ऊंचाई पर स्थित माणा गांव के लोगों ने भी अन्ना हजारे के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की। चीन की सीमा पर स्थित देश के इस आखिरी गांव के लोगों का मानना है कि देश से हर हालत में भ्रष्टाचार का सफाया होना ही चाहिए।
माणा की रहने वाली विमला ने बताया कि देश का हर नागरिक भ्रष्टाचार से त्रस्त है। लोग कुछ बोल नहीं पाते हैं लेकिन सच्चाई यही है कि हर व्यक्ति भ्रष्टाचार से परेशान है। ऐसे में अन्ना की लड़ाई अब हर नागरिक की लड़ाई बन गयी है।
माणा के छात्र किशन सिंह चौहान ने बताया कि उनके स्कूल में भी कल कई छात्रों ने अन्ना के आंदोलन के समर्थन में नारे लगाये तथा पढ़ाई ठप रखी। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए।
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