नई दिल्ली.दिल्ली पुलिस भले ही अपराध पर अंकुश लगाने के बड़े-बड़े दावे करती रही हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार बीते साढ़े तीन साल में दिल्ली पुलिस के विभिन्न थानों में कुल 1 लाख 81 हजार मामले दर्ज किए गए, लेकिन इनमें से मात्र 96 हजार मामले ही पुलिस सुलझा सकी।
बाकी 85 हजार (47 प्रतिशत) मामले या तो पुलिस के ढुलमुल रवैये की भेंट चढ़ गए, अन्यथा फॉरेंसिक जांच में विलंब, शिकायतकर्ता के असहयोग व अन्य कारणों से लंबित पड़े हैं। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष 31 जुलाई 2011 तक 30,904 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 13,764 मामले ही सुलझाए जा सके।
यानी 50 प्रतिशत से अधिक मामले इस वर्ष अनसुलझे ही पुलिस की फाइलों में पड़े रह गए। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि फॉरेंसिक की रिपोर्ट आने में देरी होना व अदालती फाइलों को पूरा करना आदि कारणों के चलते अक्सर बहुत से मामले सुलझाने में पुलिस को देरी हो जाती है।
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