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Friday, October 21, 2011
Punjab Police: Moga: थाना निहाल सिंह वाला के तत्कालीन एसएचओ हरबंस सिंह रिश्वत लेने के मामले में बरी, विजिलेंस ब्यूरो भ्रष्टाचार का आरोप साबित नहीं कर सका..
मोगा। एडीशनल जिला एवं सेशन जज सुखविंदर कौर की अदालत ने वीरवार को 50,000 रुपये की रिश्वत के मामले में फंसे थाना निहाल सिंह वाला के तत्कालीन एसएचओ हरबंस सिंह और सरकारी ठेकेदार से 20,000 रुपये की रिश्वत लेने के मामले में फंसे बाघापुराना कौंसिल के जूनियर इंजीनियर को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया। जूनियर इंजीनियर पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के एक अन्य मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना निहाल सिंह वाला के तत्कालीन एसएचओ हरबंस सिंह के खिलाफ 12 सितंबर 2007 को थाना निहाल सिंह वाला में ही एसएसपी के आदेश पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत पर्चा दर्ज किया गया था। एसएचओ पर आरोप था कि उन्होंने गांव हिम्मतपुरा निवासी हरप्रीत सिंह को तस्करी में फंसाने की धमकी देकर उसके पिता तरसेम सिंह से 50,000 रुपये रिश्वत लिया था। बाद में यह मामला विजिलेंस को सौंप दिया गया था। वहीं विजिलेंस ब्यूरो ने 6 सितंबर 2006 को नगर कौंसिल बाघापुराना के जूनियर इंजीनियर सुखदर्शन सिंह को सरकारी ठेकेदार महेन्दर सिंह से 20,000 रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उल्लेखनीय है कि आरोपी जेई के पास धर्मकोट नगर पंचायत का अतिरिक्त कार्यभार था और ठेकेदार ने आरोप लगाया था कि उसके बिल आदि की पेमेंट करने के एवज में यह राशि मांगी गई थी। विजिलेंस छापे के दौरान जेई के मोगा स्थित सुभाष नगर दत्त रोड निवास से 83 हजार 600 रुपये की नकदी और डेढ़ किलो सोना बरामद किया गया था। विजिलेंस ब्यूरो ने जेई के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का एक अलग से मामला दर्ज किया था।
केस की सुनवाई दौरान विजिलेंस ब्यूरो पुलिस इंस्पेक्टर हरबंस सिंह और जेई सुखदर्शन सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप साबित नहीं कर सकी। एडीशनल जिला एवं सेशन जज सुखविंदर कौर ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने व तथ्यों का अवलोकन करने के बाद सुबूतों के अभाव में दोनों अधिकारियों को बरी कर दिया।
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