Tuesday, August 2, 2011

MP Police: Railway Police: रेलवे थाना प्रभारी सहित आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या करने, साक्ष्य मिटाने का केस

ग्वालियर। ापुलिस कस्टडी में एक युवक की मौत मामले में ग्वालियर रेलवे थाना प्रभारी सहित आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या करने और साक्ष्य मिटाने का केस दर्ज किया गया है।

रेलवे पुलिस की उप पुलिस अधीक्षक इमरीन शाह ने बताया कि गत 21 जुलाई को ग्वालियर के ब्राडगेज रेलवे पुलिस थाने में जेब काटने के आरोप में गिरफ्तार किए गए युवक सुनील तोमर की हवालात में मारपीट करने तथा उसकी हत्या कर शव चंबल नदी में बहा देने के मामले की जांच की गई थी। जांच के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी आर.एस.चौहान, आरक्षक रवि सेन और दिवाकर के खिलाफ हत्या करने तथा हवलदार महेन्द्र सिंह बुंदेला, उमराव सिंह, आरक्षक धर्मेन्द्र, योगेश दीक्षित और मनोज सिंह के खिलाफ साजिश रचकर सबूत मिटाने का प्रकरण दर्ज किया गया है।


उल्लेखनीय है कि गत 21 जुलाई को ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर छत्तीसगढ एक्सप्रेस ट्रेन से हवलदार उमराव सिंह ने संदिग्ध युवक सुनील तोमर को बिना टिकट रेल में यात्रा करने और जेब काटने के मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में हवालात में ही मारपीट के दौरान युवक सुनील की मौत हो गई और रात में थाना प्रभारी चौहान ने साथी दो पुलिसकर्मियों के साथ युवक के शव को एक बाक्स में ले जाकर चंबल नदी में बहा दिया था। इसके बाद 23 जुलाई को हवलदार उमराव सिंह ने इस घटना की पूरी जानकारी मीडिया को दे दी। यह मामला उजागर होने के बाद रेलवे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने यहां आकर जांच की थी।

HR Police: आईएसओ थाने को किसका शाप, नहीं टिकता कोई इंस्पेक्टर

हिसार, जागरण संवाददाता : हिसार के एकमात्र आईएसओ सर्टिफिाई सिविल लाइन थाना को करीब एक माह से प्रभारी के तौर आखिरकार पुलिस इंस्पेक्टर क्यों नहीं मिल रहा है? पुलिस विभाग में इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं कि यह थाना किसी भी इंस्पेक्टर के लिए शुभ नहीं है। हालांकि इसके प्रशासनिक कारण भी हो सकते हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार यहां पर पिछली बार सबसे ज्यादा करीब एक वर्ष का कार्यकाल इंस्पेक्टर रामरूप ने किया। जब 13 जून को लघु सचिवालय में लाठीचार्ज हुआ तब इंस्पेक्टर गोदारा ही यहां पर थे। इसके बाद वे भी यहां से चले गये और राजबीर सैनी को इसका प्रभारी बनाया गया लेकिन वे भी एक सप्ताह से ज्यादा नहीं टिके। इसके बाद भौंडसी से आये इंस्पेक्टर अशोक कुमार को यहां का प्रभारी नियुक्त किया गया जिन्होंने मात्र सात दिन काम किया और चार दिन के अवकाश पर चले गये। इसके बाद जब वे वापस लौटे तो उन्होंने तीन दिन काम किया और फिर दो दिन की छुट्टी पर चले गए। इसके बाद फिर से इंस्पेक्टर राजबीर सैनी को यहां लगाने के आदेश जारी किए गए लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। अब यह थाना बिना पुलिस इंस्पेक्टर के ही चल रहा है। आखिरकार जिला पुलिस के पास आईएसओ थाने के लिए कोई इंस्पेक्टर नहीं है या कुछ और बात है, यह बात पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बनी हुई है।

Punjab Police : पंजाब पुलिस को नहीं आता मोबाइल ट्रेस करना

पंजाब पुलिस के लिए गुम हुए मोबाइल को ट्रेस करना दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। मोबाइल को ट्रेस करने के लिए आईएमईआई नंबर को सर्च करने के लिए पंजाब पुलिस के पास कोई भी सेल नहीं है। इसका खुलासा एडवोकेट हरमिंदर सिंह संधू की तरफ से सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में डिप्टी कमिश्नर आफ पुलिस कम लोक सूचना अधिकारी जालंधर ने किया। सूचना में यह भी बात सामने आई कि पिछले पांच सालों में जिले में महज 333 केस ही ऐसे दर्ज हुए हैं, जिनमें मोबाइल चोरी अथवा छीना झपटी में मोबाइल गया है। इनमें से भी महज 93 मामले ही ट्रेस हुए हैं, जबकि बाकी मोबाइल अभी तक पहेली ही हैं।

पंजाब पुलिस चोरी अथवा लूट में गए मोबाइल को ढूंढने के प्रति कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले पांच सालों में जिले में मात्र 333 मामले ही दर्ज हुए हैं। एक साल में 365 दिन होते हैं, जिसका मतलब है कि पुलिस के पास 1825 दिनों में 333 शिकायतें ही आई हैं। हकीकत इस बात से कहीं परे है। पुलिस महकमे से ही मिली जानकारी के मुताबिक रोज कोई न कोई मोबाइल गुम होने या चोरी होने की सूचना आती है, पर इसकी रिपोर्ट काफी कम दर्ज होती है। अधिकतर मामलों में लोग भी कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए मात्र शिकायत दे खानापूर्ति करते हैं, ताकि भविष्य में किसी परेशानी से बचा जा सके। वहीं पुलिस महकमे की भी कार्यप्रणाली सामने आती है, क्योंकि 333 मामलों में से भी महज 93 ही ट्रेस हुए हैं। यह मामले भी अधिकतर वह हैं, जिनमें कोई बड़ी वारदात के लिए मोबाइल ट्रेस हुआ है या कोई बड़ी सिफारिश वाला आदमी सामने आया। मोबाइल को ट्रेस करने के लिए आईएमईआई नंबर को ट्रेस करना आवश्यक है, जबकि आरटीआई की ही जानकारी के मुताबिक पंजाब पुलिस के पास आईएमईआई नंबर को ट्रेस करने के लिए कोई सेल ही नहीं है। पुलिस को किसी भी आईएमईआई नंबर को ट्रेस करने के लिए एडिशनल डायरेक्टर जनरल पुलिस (इंटेलीजेंस) चंडीगढ़ का सहारा लेना पड़ता है। वहीं डिप्टी कमिश्नर आफ पुलिस कम जिला सूचना अधिकारी का कहना है कि मोबाइल चोरी, लूट अथवा गुम होने के हर मामले को गंभीरता से लिया जाता है। उन्होंने बताया कि ऐसे केसों की तफ्तीश के लिए पुलिस एकेडमी फिल्लौर में समय-समय पर पुलिस कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जाती है।

UP Police : दरोगा बाबू सोएंगे गांववालों के संग

अमरोहा। जनता से तालमेल बनाने व क्राइम पर नियंत्रण के लिए पुलिस जल्दी ही नई पहल शुरू करने जा रही है। अब पुलिस अधिकारी गांवों में रात्रि विश्राम कर ग्रामीणों से बातचीत करेंगे। उनकी समस्याएं सुनी जाएंगी तथा अमन व शांति बनाए रखने के लिए पुलिस का सहयोग करने की अपील की जाएगी। इस रात्रि विश्राम में सिर्फ थाना प्रभारी ही शिरकत नहीं करेंगे बल्कि एसपी भी शामिल हैं।


एसपी उदय प्रताप के आदेश पर पिछले दिनों थानाध्यक्षों ने आपकी पुलिस आपके द्वार कार्यक्रम शुरू किया था। इसमें थानाध्यक्ष गांव-गांव चौपाल आयोजित कर जनता की समस्याएं सुन रहे हैं। इस क्रम में एसपी एक और नई पहल शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने जनता से तालमेल बनाने व अपराध पर नियंत्रण के लिए गांवों में रात्रि विश्राम का ऐलान किया है। इसके तहत एसपी, एएसपी, सीओ व थानाध्यक्ष गांव-गांव रात्रि विश्राम करेंगे तथा ग्रामीणों की समस्याएं सुनेंगे। एसपी ने बताया कि जल्दी ही जिले में रात्रि विश्राम कार्यक्रम शुरू किया जाएगा जिसमें वह स्वयं अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ गांवों में रात्रि विश्राम करेंगे तथा ग्रामीणों की समस्याएं सुनेंगे। बताया कि इस कार्यक्रम के तहत पुलिस व जनता के बीच की दूरी को खत्म किया जाएगा तथा जनता से तालमेल कर अपराध नियंत्रण में लोगों से सहयोग मांगा जाएगा। इस बाबत सभी थानाध्यक्षों को बता दिया गया है। जल्दी ही अभियान शुरू किया जाएगा।

Punjab Police : कारबाइन तलाशने में छूटे पुलिस के पसीने

लुधियाना आईआरबी के कांस्टेबल भजन सिंह की आत्महत्या के बाद बेशक डबल मर्डर केस का सुलझ गया हो, लेकिन पुलिस की चिंता अभी खत्म नहीं हुई है। कांस्टेबल भजन सिंह की ओर से हत्या के लिए इस्तेमाल कारबाइन को तलाशने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं। पुलिस भजन सिंह का स्कूटर भी कई बार खंगाल चुकी है।


पुलिस ने कंगनवाल और गांव गिल के सड़क के साथ लगते खेत भी छान मारे हैं, लेकिन कारबाइन का कुछ अता-पता नहीं है। पुलिस को यह भी शक है कि संभवत: हत्याकांड के बाद भजन सिंह ने यह कारबाइन नहर में फेंक दी हो। कारबाइन की तलाश में पुलिस सोमवार को नहर में गोताखोर उतारेगी। इस समय सिधवां नहर पानी से लबालब है और ऐसे में पुलिस को दिक्कत आना स्वाभाविक है। पुलिस के अनुमान के मुताबिक, कारबाइन की मैगजीन में करीब 18 गोलियां अभी बाकी हैं। पुलिस को डर है कि अगर यह कारबाइन किसी असामाजिक तत्व के हाथ लगती है, तो इसके परिणाम भयानक हो सकते हैं।

Punjab Police : रिश्वत लेते होशियारपुर एसपी गिरफ्तार, घर पर मिली एके-47, शराब

होशियारपुर। पंजाप के होशियारपुर के पुलिस अधीक्षक रणधीर सिंह उप्पल को पचास हजार रूपए रिश्वत लेेत गिरफ्तार किया गया है।
उप्पल ने रोप़ड के एक शख्स से जमीन के एक मामले में दो लाख रूपए की रिश्वत मांगी थी।

रिपुदमन ओहरी नाम के शख्स की शिकायत पर विजिलेंस विभाग ने एसपी उप्पल के खिलाफ यह कार्रवाई की। एसपी उप्पल के अमृतसर के घर से भी पुलिस ने हथियार और विदेशी शराब का जखीरा बरामद किया है। पुलिस ने एसपी के घर से 2 एके-47, एक 12 बोर की राइफल, एक 38 एमएम की रिवॉल्वर, 25 पेटी विदेशी शराब और एक लाख रूपए नकद जब्त किए हैं।

Delhi Police : सस्ते में स्कार्पियो दिलानेवाले नकली दरोगा धराया

दिल्ली। दरियागंज थाने में घुसकर ठगी करने वाले फर्जी सब इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार सिसोदिया (24) को आखिरकार पुलिस ने पकड़ लिया। अश्वनी ने एक फल विक्रेता को नीलामी में स्कार्पियो कार दिलवाने का झांसा देकर सवा लाख ठग लिया था। पुलिस ने गिरफ्तारी से आठ मामले सुलझाने का दावा किया है। पुलिस ने उसके पास से सबइंस्पेक्टर की वर्दी, बाइक, छह हजार रुपये और बैंक का पासबुक बरामद किया है जिसमें ठगी की रकम जमा किया था। हैरत की बात यह थी कि नकली पुलिस इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार सिसोदिया थाने पहुंचकर करीब दो घंटे तक रौब गांठता रहा था और ठगी कर फरार हो गया था।

जहांगीरपुरी निवासी मोहर्रम अली आजादपुर मंडी में फलों के व्यापारी हैं। 20 जून को उनकी दुकान पर एक पुलिस वाला आया। वह वर्दी में था और वर्दी पर दो स्टार लगे हुए थे। साथ ही नेम प्लेट पर नीरज मिश्रा लिखा हुआ था। उसने बताया कि दिल्ली पुलिस गाड़ियों की नीलामी करती है। वह उसे एक स्कारपियो कार दिला देगा। जिसकी कीमत सिर्फ एक लाख 11 हजार रुपये होगी और यह ओल्ड पुलिस लाइन से मिलेगी। उसके बाद उसने तीन हजार रुपये की मांग करते हुए कहा कि वह आरसी बनवा देगा।

मोहर्रम अली के मुताबिक 10 जुलाई को उसने फोन करके कहा कि रुपये का इंतजाम कर लेना। अगले दिन वह उन लोगों को लेकर दरियागंज थाने पहुंचा और रुपये लेने के बाद उन्हें रसीद लेकर आने की बात कही। वह दो घंटे तक रौब दिखाता रहा। इसी बीच वह गायब हो गया। इंतजार करने के बाद जब उसके बाबत पूछताछ की तो उस नाम का कोई पुलिसकर्मी वहां नहीं होने की बात कही गई। फिर उन लोगों ने उसके बताए अनुसार पहाड़गंज में भी पता किया लेकिन वहां भी उस नाम का कोई सब इंस्पेक्टर नहीं है।

उसके बाद मोहर्रम अली ने इस बाबत दरियागंज में ठगी की शिकायत दर्ज करवाई।पुलिस जांच में पता चला कि इसी तरह की ठगी में अश्वनी शामिल रहा है। एक सूचना पर पुलिस ने महावीर वाटिका के पास पुलिस वर्दी में खड़े बस्ती (उत्तर प्रदेश) निवासी अश्वनी कुमार सिसोदिया को दबोच लिया। मोहर्रम अली से ठगी की बात स्वीकारते हुए उसने बताया कि ठगी के बाद बाइक खरीदी, 26 हजार रुपये बैंक में जमा कर दिए। छह हजार रुपये परिजनों को भेज दिया।
Topics: दिल्‍ली, पुलिस, गिरफ्तार, अपराध, delhi, police, arrest, crime
English summary
24-year-old man ashwani kumar sisodia was arrested for allegedly impersonating as a sub-inspector and cheating a fruit seller .The arrest came after investigations into a complaint filed by Moharram who reported that a sub-inspector with name plate as ''Neeraj Mishra'' came to his shop and told that he could provide him an auctioned car at a very low price.