भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सशक्त जनलोकपाल गठित किये जाने की मांग को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा चलाये जा रहे अनशन की गूंज अब देश के आखिरी गांव माणा में भी पहुंच गयी है।
उत्तराखंड के चमोली जिले के बद्रीनाथ धाम से तीन किलोमीटर दूर पहाडों की ऊंचाई पर स्थित माणा गांव के लोगों ने भी अन्ना हजारे के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की। चीन की सीमा पर स्थित देश के इस आखिरी गांव के लोगों का मानना है कि देश से हर हालत में भ्रष्टाचार का सफाया होना ही चाहिए।
माणा की रहने वाली विमला ने बताया कि देश का हर नागरिक भ्रष्टाचार से त्रस्त है। लोग कुछ बोल नहीं पाते हैं लेकिन सच्चाई यही है कि हर व्यक्ति भ्रष्टाचार से परेशान है। ऐसे में अन्ना की लड़ाई अब हर नागरिक की लड़ाई बन गयी है।
माणा के छात्र किशन सिंह चौहान ने बताया कि उनके स्कूल में भी कल कई छात्रों ने अन्ना के आंदोलन के समर्थन में नारे लगाये तथा पढ़ाई ठप रखी। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए।
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Sunday, August 21, 2011
Delhi Police: Anna Hazare: दिल्ली पुलिस नहीं टीम अन्ना के 100 स्वयंसेवक करते है अन्ना की सुरक्षा
प्रभावी लोकपाल के लिए रामलीला मैदान पर अनशन कर रहे अन्ना हजारे की सुरक्षा में जहां दिल्ली पुलिस के सैकड़ों जवान तैनात किए गए हैं, वहीं इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) संस्था के स्वयंसेवक एक घेरा बनाकर उन्हें सुरक्षा प्रदान करते हैं।
सुरक्षा की यह व्यवस्था अन्ना के अतिउत्साही समर्थकों को मंच तक पहुंचने से रोकने के लिए की गई है। कुछ समर्थक पहले भी सुरक्षा घेरा तोड़कर अन्ना से मिलने की कोशिश कर चुके हैं। संस्था की सदस्य स्नेहा कोथावले का कहना है कि हमारे पास 100 स्वयंसेवकों का एक दल है जो अन्ना की सुरक्षा को संभाल रहा है। जबकि 200 स्वयंसेवक भीड़ को नियंत्रित कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्य मंच के इर्द-गिर्द द्विस्तरीय मानव श्रृंखला का घेरा बनाया गया है। काले कुर्ते पहने और आईएसी का बिल्ला लगाए इन स्वयंसेवकों को कड़ी निगरानी करने को कहा गया है।
वाणिज्य के छात्र राघव जतानिया ने कहा कि हमें किसी भी प्रकार का विशेष प्रशिक्षण इसके लिए नहीं दिया गया। हम हमेशा संगठन के सम्पर्क में रहते थे।
आईएसी के एक स्वयंसेवक ने कहा कि समर्थक अपनी जगह सही हो सकते हैं लेकिन हमें अन्ना की सुरक्षा के विषय में सोचना ही पड़ेगा।
हजारे ने गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार से तिहाड़ जेल में अनशन शुरू कर दिया था। उनका अनशन रामलीला मैदान में पांचवें दिन भी जारी है।
ग्राउंड रिपोर्ट: 3 स्तरीय सुरक्षा घेरे में रहते हैं अन्ना
नई दि्ल्ली. रामलीला मैदान पर अनशन में डटे गांधीवादी अन्ना हजारे की सुरक्षा का असली जिम्मा उनके गांव रालेगण सिद्दी के युवकों पर है। ये दिन रात अन्ना की देखरेख और सुरक्षा में तैनात हैं। इनमें अन्ना हजारे के दो सगे भतीजे भी शामिल हैं जो अन्ना की पूरी देखरेख भी कर रहे हैं। अन्ना हजारे जब सुबह उठते हैं तो उन्हें स्नान भी वो ही कराते हैं।
अन्ना हजारे तीन स्तरीय सुरक्षा के घेरे में हैं। पहले स्तर पर उनके बेहद करीबी रालेगण सिद्दी के लोग हैं जो हर वक्त उनके इर्दगिर्द रहते हैं। अन्ना जब रात को सो जाते हैं तो ये ही उनके विश्राम कक्ष के बाहर डटे होते हैं। दूसरे स्तर पर जयहिंद संगठन के जवान हैं। करीब 50 की संख्या में इस संगठन के जवान हर समय मंच के इर्द गिर्द तैनात रहते हैं। रात को भी ये अन्ना के मंच के पीछे भी सुरक्षा की जिम्मेदारी में लगे रहते हैं। तीसरे स्तर पर पुलिस है। इनके बाद बाहरी सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ ने संभाल रखी है। रामलीला मैदान में तैनात सीआरपीएफ के जवानों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।
अन्ना की सुरक्षा और सेहत का पर नजर रखने के लिए एक डीसीपी को भी तैनात किया गया है। ये 24 घंटे स्थिति पर नजर रख रहे हैं। शुक्रवार सुबह पांच बजे के करीब भी डीसीपी अपने दल बल के साथ अन्ना की सुरक्षा का जायजा लेने पहुंचे थे। रविवार सुबह भी अन्ना जी की सुरक्षा व्यवस्था का डॉग सक्वाय़ड ने जायजा लिया।
सुरक्षा की यह व्यवस्था अन्ना के अतिउत्साही समर्थकों को मंच तक पहुंचने से रोकने के लिए की गई है। कुछ समर्थक पहले भी सुरक्षा घेरा तोड़कर अन्ना से मिलने की कोशिश कर चुके हैं। संस्था की सदस्य स्नेहा कोथावले का कहना है कि हमारे पास 100 स्वयंसेवकों का एक दल है जो अन्ना की सुरक्षा को संभाल रहा है। जबकि 200 स्वयंसेवक भीड़ को नियंत्रित कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्य मंच के इर्द-गिर्द द्विस्तरीय मानव श्रृंखला का घेरा बनाया गया है। काले कुर्ते पहने और आईएसी का बिल्ला लगाए इन स्वयंसेवकों को कड़ी निगरानी करने को कहा गया है।
वाणिज्य के छात्र राघव जतानिया ने कहा कि हमें किसी भी प्रकार का विशेष प्रशिक्षण इसके लिए नहीं दिया गया। हम हमेशा संगठन के सम्पर्क में रहते थे।
आईएसी के एक स्वयंसेवक ने कहा कि समर्थक अपनी जगह सही हो सकते हैं लेकिन हमें अन्ना की सुरक्षा के विषय में सोचना ही पड़ेगा।
हजारे ने गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार से तिहाड़ जेल में अनशन शुरू कर दिया था। उनका अनशन रामलीला मैदान में पांचवें दिन भी जारी है।
ग्राउंड रिपोर्ट: 3 स्तरीय सुरक्षा घेरे में रहते हैं अन्ना
नई दि्ल्ली. रामलीला मैदान पर अनशन में डटे गांधीवादी अन्ना हजारे की सुरक्षा का असली जिम्मा उनके गांव रालेगण सिद्दी के युवकों पर है। ये दिन रात अन्ना की देखरेख और सुरक्षा में तैनात हैं। इनमें अन्ना हजारे के दो सगे भतीजे भी शामिल हैं जो अन्ना की पूरी देखरेख भी कर रहे हैं। अन्ना हजारे जब सुबह उठते हैं तो उन्हें स्नान भी वो ही कराते हैं।
अन्ना हजारे तीन स्तरीय सुरक्षा के घेरे में हैं। पहले स्तर पर उनके बेहद करीबी रालेगण सिद्दी के लोग हैं जो हर वक्त उनके इर्दगिर्द रहते हैं। अन्ना जब रात को सो जाते हैं तो ये ही उनके विश्राम कक्ष के बाहर डटे होते हैं। दूसरे स्तर पर जयहिंद संगठन के जवान हैं। करीब 50 की संख्या में इस संगठन के जवान हर समय मंच के इर्द गिर्द तैनात रहते हैं। रात को भी ये अन्ना के मंच के पीछे भी सुरक्षा की जिम्मेदारी में लगे रहते हैं। तीसरे स्तर पर पुलिस है। इनके बाद बाहरी सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ ने संभाल रखी है। रामलीला मैदान में तैनात सीआरपीएफ के जवानों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।
अन्ना की सुरक्षा और सेहत का पर नजर रखने के लिए एक डीसीपी को भी तैनात किया गया है। ये 24 घंटे स्थिति पर नजर रख रहे हैं। शुक्रवार सुबह पांच बजे के करीब भी डीसीपी अपने दल बल के साथ अन्ना की सुरक्षा का जायजा लेने पहुंचे थे। रविवार सुबह भी अन्ना जी की सुरक्षा व्यवस्था का डॉग सक्वाय़ड ने जायजा लिया।
BREAKING NEWS: Pageviews all time history 6007, दोस्तों अपना POLICE NEWS दुनिया के 6K Hits Club में शामिल, आप सभी को बधाई,बधाई,बधाई
दोस्तों, हमें नहीं मालूम कि इस खुशी को, इस सफलता को आप सबसे कैसे बांटू। कैसे आप सभी से कहूं 'शुक्रिया दोस्तो'..आज हम दुनिया के साइबर दुनिया में एक नए मुकाम पर पहुंच गए हैं। आज अपना ब्लॉग http://policenewshome.blogspot.com/ साइबर दुनिया के ब्लॉग्स की दुनिया में एक खास क्लब में पहुंचने के काबिल हो गया है।
आज हम सभी छह हजारियां हिट्स वाले ब्लॉग के सदस्य हो गए हैं। आज अपना http://policenewshome.blogspot.com/ ब्लॉग्स की दुनिया के 6K Hits Club में शामिल हो गया है। हु्र्रेरररररररररररररररररररररर
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Saturday, August 20, 2011
UP Police: Anna Hazare: अन्ना के समर्थन में पूरे यूपी में प्रदर्शन, वकील हड़ताल पर
लखनऊ। समाजसेवी अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के विरोध में राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के विभिन्न इलाकों में प्रदर्शन शुरू हो गये। लखनऊ में जहां व्यापारियों ने प्रदर्शन वहीं किया कानपुर व रायबरेली में छात्र सड़कों पर निकल आए। इसके अतिरिक्त अन्ना की गिरफ्तार की आग प्रदेश के अन्य जिलों में भी फैल रही है। दोपहर होते-होते वकीलों ने हाईकोर्ट में हड़ताल कर मार्च निकाले जाने की घोषणा कर दी।
जन लोकपाल बिल की मांग करने वाले अन्ना हजारे को मंगलवार को दिल्ली में उनके घर से ही गिरफ्तार कर लिया गया। अन्ना हजारे को आज से अनशन पर बैठना था। दिल्ली पुलिस ने अनशन पर बैठने से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अन्ना की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही उनके समर्थक समड़ पर उतरे और केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे।
राजधानी में जगह-जगह रैलियां निकाली जाने लागी। लखनऊ के शहीद स्मारक के पास एक रैली निकाली गयी जिसमें उनके समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी व असंवैधानिक करार दिया। व्यापारी संगठनों ने हजरतगंज में प्रदर्शन उनको रिहा किए जाने की मांग की।
प्रदर्शन सिर्फ लखनऊ में नहीं बल्कि आगरा, कानपुर व रायबरेली समेत कई जनपदों ने विभिन्न संगठनों ने अन्ना के समर्थन में प्रदर्शन शुरू कर दिया। सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली तथा श्री गांधी के क्षेत्र अमेठी में अन्ना समर्थक बडी संख्या में जमा हुए केन्द्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया। रायबरेली में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले समाज सेवियों ने अर्चना श्रीवास्तव के नेतृत्व में डिग्री कालेज चौराहे के पास सड़क जाम कर दी।
उन्होंने बताया कि अन्नास हजारे की गिरफ्तारी के विरोध में अमेठी और रायबरेली में शांतिपूर्वक विरोध किया जा रहा है। अमेठी में केन्द्र सरकार का पुतला फूंका गया और लोगों ने सरकार विरोधी नारे लगाये। आजाद मजदूर संघ के नेता खुशी सरन के नेतृत्व में आई.टी.आई गेट के पास प्रदर्शनकारियों ने रायबरेली सुलतानपुर रोड जाम कर दी। इंडिया अगेंस्ट करप्शन संस्था के लखनऊ संयोजक आर. के. अग्रवाल ने बताया कि अन्ना के समर्थक उनके जेल से रिहा होने तक झूलेलाल पार्क में अनशन पर बैठेंगे।
दोपहर होते ही वकीलों ने हाई कोर्ट में हड़ताल की घोषणा कर दी। वकीलों ने एलान किया कि हाई कोर्ट से झूलेलाल पार्क तक मार्च निकालकर अन्ना की गिरफ्तारी का विरोध किया जाएगा। राजधानी लखनऊ में अनेक स्थानों पर प्रदर्शन व धरने की रिपोर्ट है। हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड की स्थानीय इकाई के गेट पर कर्मचारी धरने पर बैठ गए हैं।
जन लोकपाल बिल की मांग करने वाले अन्ना हजारे को मंगलवार को दिल्ली में उनके घर से ही गिरफ्तार कर लिया गया। अन्ना हजारे को आज से अनशन पर बैठना था। दिल्ली पुलिस ने अनशन पर बैठने से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अन्ना की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही उनके समर्थक समड़ पर उतरे और केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे।
राजधानी में जगह-जगह रैलियां निकाली जाने लागी। लखनऊ के शहीद स्मारक के पास एक रैली निकाली गयी जिसमें उनके समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी व असंवैधानिक करार दिया। व्यापारी संगठनों ने हजरतगंज में प्रदर्शन उनको रिहा किए जाने की मांग की।
प्रदर्शन सिर्फ लखनऊ में नहीं बल्कि आगरा, कानपुर व रायबरेली समेत कई जनपदों ने विभिन्न संगठनों ने अन्ना के समर्थन में प्रदर्शन शुरू कर दिया। सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली तथा श्री गांधी के क्षेत्र अमेठी में अन्ना समर्थक बडी संख्या में जमा हुए केन्द्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया। रायबरेली में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले समाज सेवियों ने अर्चना श्रीवास्तव के नेतृत्व में डिग्री कालेज चौराहे के पास सड़क जाम कर दी।
उन्होंने बताया कि अन्नास हजारे की गिरफ्तारी के विरोध में अमेठी और रायबरेली में शांतिपूर्वक विरोध किया जा रहा है। अमेठी में केन्द्र सरकार का पुतला फूंका गया और लोगों ने सरकार विरोधी नारे लगाये। आजाद मजदूर संघ के नेता खुशी सरन के नेतृत्व में आई.टी.आई गेट के पास प्रदर्शनकारियों ने रायबरेली सुलतानपुर रोड जाम कर दी। इंडिया अगेंस्ट करप्शन संस्था के लखनऊ संयोजक आर. के. अग्रवाल ने बताया कि अन्ना के समर्थक उनके जेल से रिहा होने तक झूलेलाल पार्क में अनशन पर बैठेंगे।
दोपहर होते ही वकीलों ने हाई कोर्ट में हड़ताल की घोषणा कर दी। वकीलों ने एलान किया कि हाई कोर्ट से झूलेलाल पार्क तक मार्च निकालकर अन्ना की गिरफ्तारी का विरोध किया जाएगा। राजधानी लखनऊ में अनेक स्थानों पर प्रदर्शन व धरने की रिपोर्ट है। हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड की स्थानीय इकाई के गेट पर कर्मचारी धरने पर बैठ गए हैं।
Delhi Police: Anna Hazare: अन्ना हजारे को नहीं करना था अनशन: लालूप्रसाद यादव
दिल्ली। अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के बाद सभी विपक्षी नेता यूपीए पर निशाना साध रहे हैं। ऐसे में यूपीए को राहत पहुंचाने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव उनके समर्थन में आगे आए हैं। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार मामले पर अन्ना हजारे ने अपना धैर्य खो दिया है। भ्रष्टाचार पर लोकपाल बिल इस समय संसद में पेश किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि लोकपाल बिल को पास करना संसद की जिम्मेदारी है।
लोकपाल बिल लोकसभा में पेश होने के बाद जिस स्टैंडिंग कमेटी के पास संशोधन के लिए भेजा गया है लालू प्रसाद यादव उस कमेटी के सदस्य हैं। लालू यादव ने कहा कि देश से भ्रष्टाचार को खत्म करने की चिंता सिर्फ अन्ना हजारे को नहीं है। सरकार ने इसके लिए लोकपाल बिल को संसद में पेश कर दिया है। उस पर चर्चा की जा रही है। इससे संसद की मंजूरी के बाद ही पेश किया जा सकेगा। इस तरह अनशन करने और देश की जनता को अपने पीछे लगाने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है।
दरअसरल लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में अपनी वापसी की कोशिश में लगे हुए हैं। इसी वजह से वे हर मुद्दे पर कांग्रेस और यूपीए सरकार के साथ खड़े नजर आते हैं। पिछली यूपीए सरकार में वे रेल मंत्री थे। इसके बाद अलग चुनाव लड़ने की वजह से उन्होंने अपना समर्थन वापस ले लिया था। चुनावों में बुरी तरह हारने के बाद वे फिर से यूपीए सरकार का दामन थामने में लगे हुए हैं।
लोकपाल बिल लोकसभा में पेश होने के बाद जिस स्टैंडिंग कमेटी के पास संशोधन के लिए भेजा गया है लालू प्रसाद यादव उस कमेटी के सदस्य हैं। लालू यादव ने कहा कि देश से भ्रष्टाचार को खत्म करने की चिंता सिर्फ अन्ना हजारे को नहीं है। सरकार ने इसके लिए लोकपाल बिल को संसद में पेश कर दिया है। उस पर चर्चा की जा रही है। इससे संसद की मंजूरी के बाद ही पेश किया जा सकेगा। इस तरह अनशन करने और देश की जनता को अपने पीछे लगाने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है।
दरअसरल लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में अपनी वापसी की कोशिश में लगे हुए हैं। इसी वजह से वे हर मुद्दे पर कांग्रेस और यूपीए सरकार के साथ खड़े नजर आते हैं। पिछली यूपीए सरकार में वे रेल मंत्री थे। इसके बाद अलग चुनाव लड़ने की वजह से उन्होंने अपना समर्थन वापस ले लिया था। चुनावों में बुरी तरह हारने के बाद वे फिर से यूपीए सरकार का दामन थामने में लगे हुए हैं।
Delhi Police: Anna Hazare: सरकार-पुलिस से नहीं, झमाझम बारिश से डरे अन्ना हजारे
दिल्ली। राजघाट पर अन्ना हजारे ने अचानक ही दौड़ना शुरू कर दिया। उनके साथ में चल रहे पुलिस वाले भी सकते में आ गए कि आखिर हुआ क्या है अन्ना हजारे ने भागना क्यों शुरू कर दिया। अन्ना हजारे ने तो ऐसी स्पीड पकड़ी कि पुलिस वाले उनसे पीछे रह गए। पुलिस वाले हांफते हुए उनके साथ पहुंच पाए। असल में अन्ना हजारे इंद्र देवता की मेहरबानी की वजह से भाग रहे थे। तिहाड़ जेल से निकलकर जब वे राजघाट पहुंचे तो उसी समय बारिश शुरू हो गई। इस बारिश से बचने के लिए अन्ना हजारे भागे थे।
ये दौड़ 74 वर्षीय अन्ना हजारे ने 76 घंटे यानिकि 3 दिनों से भी ज्यादा के अनशन के बाद लगाई थी। इस दौड़ ने सरकार को भी यह संदेश दे दिया होगा कि अनशन के बावजूद पूरी तरह फिट हैं। सरकार शायद यह सोच रही होगी कि बूढ़े हो चुके अन्ना हजारे हफ्ते भर के भीतर ही अनशन तोड़ देंगे। अन्ना हजारे ने सरकार को संदेश दे दिया है कि वे उनसे नहीं बल्कि बारिश से डरते हैं। अन्ना हजारे की इस दौड़ ने उनके लाखों समर्थकों का भी जोश बढ़ा दिया होगा।
अन्ना हजारे के अनशन का यह चौथा दिन है। रामलीला मैदान पर अनशन करने के लिए उन्हें 15 दिन की मोहलत मिली है। अन्ना ने रामलीला मैदान पर पहुंचते ही ऐलान किया था कि जब तक जनलोकपाल बिल पास नहीं हो जाता है तब तक वे रामलीला मैदान नहीं छोड़ेंगे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि वे 2 सितंबर के बाद भी अपना अनशन जारी रख सकते हैं।
ये दौड़ 74 वर्षीय अन्ना हजारे ने 76 घंटे यानिकि 3 दिनों से भी ज्यादा के अनशन के बाद लगाई थी। इस दौड़ ने सरकार को भी यह संदेश दे दिया होगा कि अनशन के बावजूद पूरी तरह फिट हैं। सरकार शायद यह सोच रही होगी कि बूढ़े हो चुके अन्ना हजारे हफ्ते भर के भीतर ही अनशन तोड़ देंगे। अन्ना हजारे ने सरकार को संदेश दे दिया है कि वे उनसे नहीं बल्कि बारिश से डरते हैं। अन्ना हजारे की इस दौड़ ने उनके लाखों समर्थकों का भी जोश बढ़ा दिया होगा।
अन्ना हजारे के अनशन का यह चौथा दिन है। रामलीला मैदान पर अनशन करने के लिए उन्हें 15 दिन की मोहलत मिली है। अन्ना ने रामलीला मैदान पर पहुंचते ही ऐलान किया था कि जब तक जनलोकपाल बिल पास नहीं हो जाता है तब तक वे रामलीला मैदान नहीं छोड़ेंगे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि वे 2 सितंबर के बाद भी अपना अनशन जारी रख सकते हैं।
Delhi Police: Anna Hazare: राजघाट पर पुलिस अफसरों के जूते गायब, लौटे नंगे पांव
नई दिल्ली । अन्ना के साथ राजघाट जाना कई पुलिस अधिकारियों को महंगा पड़ गया। गांधी समाधि पर उनके जूते खो गए। हालत यह हुई कि एक एसीपी समेत कई अधिकारियों को यहां से नंगे पांव ही वापस लौटना पड़ा। कई पुलिस वालों को अपने साहब के जूतों को ढूंढ़ते देखा गया।
शुक्रवार दोपहर अन्ना हजारे तिहाड़ जेल से राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर पहुंचे थे। उस वक्त उनके साथ भारी संख्या में पुलिस के आला अधिकारी मौजूद थे। बताया जाता है कि अन्ना हजारे जब महात्मा गांधी को श्रद्वाजंलि देने के लिए समाधि के अंदर गए तो उनके साथ पुलिस के कई अधिकारी भी अंदर चले गए। समाधि के नजदीक जाने वाले सभी लोगों ने अपने जूते यथास्थान पर उतार दिए।
श्रद्धांजलि देकर पुलिस अधिकारी अन्ना के साथ जब बाहर आए तो उनके जूते गायब थे। यह देखकर पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए। इधर-उधर ढूंढ़ने के बाद जब जूते कहीं नही मिले तो उन्होंने अपने मातहतों को जूते ढूंढ़ने के लिए कहा। इसके बाद कई सिपाही और हवलदारों को साब के जूतों के लिए भाग-दौड़ करते देखा गया। न मिलने पर अधिकारियों ने बिना जूतों के ही वहां से निकलने में अपनी भलाई समझी। बेचारे मन मसोसकर अपनी गाड़ियों में जा बैठे।
लेकिन तब तक अन्ना और उनके समर्थक वहां से रामलीला मैदान की ओर कूंच कर चुके थे। अधिकारियों को अभी आगे भी जाना था इसलिए उन्होंने अपने मातहतों को घर से जूते लाने का आदेश दिया। जूते उन्होंने सीधे रामलीला मैदान ही लेकर पहुंचने के लिए कहा। राजघाट से कई आला अधिकारियों के जूते चोरी होने की बात पता चलने पर वहां मौजूद पुलिस के दूसरे अधिकारियों ने वहां डयूटी बजा रहे पुलिस वालों से इस बारे में पूछताछ की। आखिर घर से जूते आने के बाद ही ये पुलिस अधिकारी दोबारा मैदान में पहुंच पाए। हैरान कर देने वाली बात यह है कि आखिर पुलिस अधिकारियों के लाल जूतों पर किसने हाथ साफ किया।
शुक्रवार दोपहर अन्ना हजारे तिहाड़ जेल से राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर पहुंचे थे। उस वक्त उनके साथ भारी संख्या में पुलिस के आला अधिकारी मौजूद थे। बताया जाता है कि अन्ना हजारे जब महात्मा गांधी को श्रद्वाजंलि देने के लिए समाधि के अंदर गए तो उनके साथ पुलिस के कई अधिकारी भी अंदर चले गए। समाधि के नजदीक जाने वाले सभी लोगों ने अपने जूते यथास्थान पर उतार दिए।
श्रद्धांजलि देकर पुलिस अधिकारी अन्ना के साथ जब बाहर आए तो उनके जूते गायब थे। यह देखकर पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए। इधर-उधर ढूंढ़ने के बाद जब जूते कहीं नही मिले तो उन्होंने अपने मातहतों को जूते ढूंढ़ने के लिए कहा। इसके बाद कई सिपाही और हवलदारों को साब के जूतों के लिए भाग-दौड़ करते देखा गया। न मिलने पर अधिकारियों ने बिना जूतों के ही वहां से निकलने में अपनी भलाई समझी। बेचारे मन मसोसकर अपनी गाड़ियों में जा बैठे।
लेकिन तब तक अन्ना और उनके समर्थक वहां से रामलीला मैदान की ओर कूंच कर चुके थे। अधिकारियों को अभी आगे भी जाना था इसलिए उन्होंने अपने मातहतों को घर से जूते लाने का आदेश दिया। जूते उन्होंने सीधे रामलीला मैदान ही लेकर पहुंचने के लिए कहा। राजघाट से कई आला अधिकारियों के जूते चोरी होने की बात पता चलने पर वहां मौजूद पुलिस के दूसरे अधिकारियों ने वहां डयूटी बजा रहे पुलिस वालों से इस बारे में पूछताछ की। आखिर घर से जूते आने के बाद ही ये पुलिस अधिकारी दोबारा मैदान में पहुंच पाए। हैरान कर देने वाली बात यह है कि आखिर पुलिस अधिकारियों के लाल जूतों पर किसने हाथ साफ किया।
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