Sunday, April 17, 2011

Jharkhand Police : Police & Court : पुलिस को शपथ पत्र देना होगा स्कूलों से हटाई गई फोर्स


रांची. झारखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दायर कर यह बताना होगा कि यहां के किसी सरकारी स्कूल में पुलिस पिकेट नहीं है। इसके लिए कोर्ट ने सात मई तक का वक्त दिया है।

सरकार को यह भी बताना होगा कि पूर्व में जिन स्कूलों से पुलिस बल हटाए गए हैं, वे सभी शिक्षा विभाग को सौंप दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने रिट पिटीशन 102/2007 की सुनवाई के क्रम में झारखंड सरकार को शपथ पत्र देने का आदेश दिया है।

क्या है मामला:

रिट पिटीशन 102/2007 के अनुसार स्कूलों व कॉलेजों में पुलिस पिकेट नहीं होना चाहिए। अगर स्कूलों पर पुलिस का कब्जा है, तो उसे तुरंत हटाया जाए।

झारखंड सरकार ने बताया था 21 स्कूलों में है पुलिस पिकेट:

रिट पिटीशन 102/2007 की सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि राज्य के 47 स्कूलों व कॉलेजों में पुलिस पिकेट थे। इनमें से 26 स्कूलों से पुलिस पिकेट हटा लिए गए हैं।

शेष 21 स्कूलों से पुलिस बलों को दूसरी जगह भेजने की कार्रवाई की जा रही है। कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य सरकार जिन स्कूलों से पुलिस पिकेट हटाने की बात कह रही है, उसके बारे में उसे एफिडेविट देना होगा।

हकीकत क्या है:

गुमला के कोटाम प्राथमिक स्कूल, मध्य विद्यालय बनारी बिशुनपुर, प्राथमिक विद्यालय गुड़मा पालकोट में पुलिस का कब्जा है। प्राथमिक विद्यालय जारी में तो बजाप्ता थाना ही चल रहा है। इस स्कूल में एक बैंक भी चलता है।

लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय कुसुम टोली (चतरो) में पिछले दो माह से पुलिस कैंप है। सिमडेगा जिला मुख्यालय में नेत्रहीन बच्चों के लिए बने स्कूल भवन पर पुलिस का कब्जा है। भवन निर्माण के बाद इसमें नेत्रहीन बच्चों का स्कूल खुला ही नहीं। प्रारंभ से ही यहां सीआरपीएफ के जवानों को रखा गया है।

किसी स्कूल में पुलिस कैंप नहीं है। सरकारी स्कूलों से पुलिस को हटा लिया गया है।
जीएस रथ, डीजीपी

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