नई दिल्ली.अहिंसा के सहारे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई छेड़ने वाले अन्ना हजारे के विदेशी सैलानी भी कायल हो गए हैं। वे उनमें महात्मा गांधी की परछाई देखते हैं।
शायद इसी का असर है कि शुक्रवार को राजघाट में मौजूद अन्ना समर्थकों में विदेशी सैलानियों की संख्या भी खासी थी। इन विदेशियों को न ही भारतीय राजनीति में कोई रुचि है और न ही जन लोकपाल बिल पारित होने से कोई फायदा। इसके बावजूद गांधी की छवि लिए अन्ना को उनका समर्थन मिल रहा है।
स्पेन की एनहित्जे एक्सबेरिया वैसे तो भारत की राजनीति से बिलकुल ही वाकिफ नहीं हैं, पर पिछले कुछ दिनों से देशभर में चल रही अन्ना की आंधी का उनको अहसास है।
यही कारण था कि हजारे के तिहाड़ जेल से राजघाट आने की खबर सुनते ही वे भी अपनी तीन सहेलियों के साथ राजघाट पर खासतौर से अन्ना को देखने के लिए पहुंच गईं। उनसे पूछा गया कि वे यहां क्या देखने आई हैं तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं जिस व्यक्ति को एक नजर देखना चाहती हूं, उसके पीछे पूरा देश खड़ा है।
स्पेन के बारक्यू कंट्री की मिरेन ओजांगोरेन भी यहां बारिश के बावजूद अन्ना के प्रति लोगों की आस्था को देखने पहुंची। वे मुस्कुराते हुए कहतीं हैं कि भाषा तो मैं नहीं समझती, पर लोगों की खुशी और जोश मेरे चेहरे पर भी खुशी ला रहा है।
हॉलैंड के 23 वर्षीय माइकल भी खासे उत्साहित नजर आए। उन्होंने बताया कि मीडिया कवरेज की वजह से वह अन्ना के फैन बन गए हैं। उन्हे अन्ना की अन्नागीरी और भ्रष्टाचार खत्म करने का यह अहिंसक तरीका खासा आकर्षित कर रहा है।
माइकल ने कहा कि भारत में धार्मिक और जातिवादी राजनीति का दबदबा है, ऐसे में युवाओं से भरे इस देश को अन्ना ने जिस प्रकार भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए मार्गदर्शन दिया है, यह निश्चितरूप से वैश्विक परिदृश्य में भी प्रेरणादायक है।
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