छत्तीसगढ़ के सबसे संवेदनशील बीजापुर के बीहड़ों में तैनात सुरक्षा बलों के जवान भूख से जूझ रहे हैं.
इस बात का खुलासा शुक्रवार को हुआ जब भोपाल पटनम से भद्रकाली थाने के लिए रसद लेकर जा रहे पुलिसकर्मियों पर माओवादियों ने घात लगाकर हमला किया. इस हमले में दस जवान मारे गए थे जबकि चार गंभीर रूप से घायल हुए थे. कहा जा रहा है कि भद्रकाली थाने में तैनात जवानों का राशन ख़त्म हो चुका था और वह आधा पेट खाकर अपने मोर्चों पर तैनात थे.
बीजापुर ज़िला प्रशासन ने रसद भेजने के लिए सरकार से कई बार हेलिकॉप्टर भी माँगा था. मगर हेलिकॉप्टर उपलब्ध नहीं कराया गया था.
जब हेलिकॉप्टर नहीं मिला तो ज़िला पुलिस के सामने सड़क के रास्ते रसद भेजने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था. भोपाल पटनम से भद्रकाली थाने की दूरी 25 किलोमीटर है और यह रास्ता बहुत ही ख़तरनाक माना जाता है.
इसीलिए सड़क के रास्ते रसद भेजने के लिए एक बड़े दल का गठन किया गया.
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के बीहड़ों में तैनात सुरक्षा बलों के जवानों को इन्ही परिस्थितियों में रहना पड़ता है. हाल ही में दंतेवाड़ा के जगरगुंडा कैंप तक प्रशासन नें छह महीनों के बाद राशन भिजवाया.
रसद पहुंचाना तो था ही, और भी बहुत सारे काम थे जैसे कि छुट्टी पर जाने वाले जवानों को साथ लाना. इसीलिए एक बड़ी टीम का गठन किया गया था.
आरएन दास, बीजापूर के एसपी
मेडिकल सहायता
राशन तो भद्रकाली की घटना का एक पहलू है. ऐसी खबरें मिल रहीं हैं कि चार घायल जवान मेटलाबेरू गाँव के पास घटनास्थल पर रात भर तड़पते रहे.
उनके लिए राहत नहीं पहुँच पाई. हालाकि राज्य पुलिस के वरिष्ट अधिकारी इस प्रकरण पर कुछ नहीं कहना चाह रहें हैं.
विभाग के ही कुछ लोगों का कहना है कि घटना के बाद रात को ही दो डॉक्टर घटनास्थल भेजे गए मगर वह पहुँच नहीं पाए.
यही वजह है कि रात बीतने के बाद शनिवार की सुबह इन घायल जवानों में से दो ने दम तोड़ दिया जबकि सिर्फ दो अन्य घायल जवानों को बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर पहुंचाया जा सका.
यह सब कुछ बावजूद इसके है कि केंद्र और राज्य सरकारें नक्सल विरोधी अभियान और पुलिस बल के आधुनीकीकरण के मद में करोड़ों रूपए खर्च कर रहीं हैं.
संपर्क करने पर बीजापुर के एसपी आरएन दास का कहना था, "रसद पहुंचाना तो था ही, और भी बहुत सारे काम थे जैसे कि छुट्टी पर जाने वाले जवानों को साथ लाना. इसीलिए एक बड़ी टीम का गठन किया गया था."
हलाकि दास नें कुछ खुलकर नहीं कहना पसंद किया, मगर उन्होंने बीबीसी से बात चीत के क्रम में स्वीकार किया कि हेलिकॉप्टर उपलब्ध नहीं हो पाया था.
माओवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में जो आम नागरिक मारा गया है उसकी पहचान ट्रैक्टर के चालक के रूप में हुई है जिसपर खाद्य सामग्री लदी हुई थी. कहा जा रहा है कि माओवादी घटना को अंजाम देने के बाद रसद भी लूट कर ले गए. इस हमले में मरने वालों की संख्या 13 हो गई है जिसमे ट्रैक्टर का चालक और एक एस पी ओ यानी कि विशेष पुलिस अधिकारी भी शामिल है.
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक यह नहीं बता पाए कि एस पी ओ के पास हथियार था या नहीं.
उन्होंने कहा,"पुलिस अभियान दल में कुछ के पास हथियार था और कुछ के पास नहीं." वैसे घटना को अंजाम देने के बाद माओवादियों नें मारे गए जवानों के पास से चार एस एल आर, एक एके-47 और एक लाईट मशीन गन लूट ली है.
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Sunday, August 21, 2011
Rajasthan Police: पाठकों से रू-ब-रू हुए जोधपुर पुलिस कमिश्नर भूपेंद्र कुमार
पाठकों से रू-ब-रू हुए जोधपुर पुलिस कमिश्नर भूपेंद्र कुमार दक।
प्रश्न- पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज नहीं होती? -गजेंद्र पुरी, कीर्तिनगर भदवासिया
-फरियादी की एफआईआर तो दर्ज होनी ही चाहिए। किसी को लगता है कि उसकी सुनवाई थानों में नहीं हो रही है तो एसीपी और डीसीपी को समस्या बताएं।
प्रश्न- चिटफंड कंपनियां और फाइनेंस कंपनियां पैसे लेकर भाग जाती हैं? ज्यादातर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती? -डॉ. एसके सिंह, रातानाडा
-हमने सभी थानों से संबंधित फाइनेंस कंपनियों का सर्वे करने के लिए कहा है। उनके संचालकों से एड्रेस प्रूफ और कंपनी रजिस्ट्रार से भी जानकारी मांगी है। इससे कई फर्जी कंपनियों का खुलासा होगा।
प्रश्न- साइबर क्राइम बढ़ रहा है, इसे रोकने के लिए पुलिस क्या कर रही है? -केतन सिंह, चौहाबो
-यह गैरजमानती अपराध है। पुलिस ने मामले पकड़े भी हैं। इसके लिए अलग से सेल है।
प्रश्न- किसी वारदात की जानकारी देनी हो तो कहां पर दें? -धर्मेंद्र चौधरी, झालामंड
-इसके लिए हेल्पलाइन है। जिसका नंबर १क्९क् है। यहां कोई भी जानकारी देने पर नाम और पता गुप्त रखा जाता है।
प्रश्न- जोधपुर पुलिस फिटनेस में फेल और अनुसंधान में कमजोर है। क्या आप भी ऐसा मानते हंै? -आनंद शर्मा, नागौरी गेट
-नहीं, ऐसा नहीं है। यह सही है कि पुलिस के हर जवान का शरीर चुस्त हो लेकिन फिटनेस के अलग-अलग मायने हैं। अनुसंधान में पिछड़ने की बात ठीक नहीं है। हाल ही में लूट, चेन स्नेचिंग, हत्या व वाहनचोर गैंग का पर्दाफाश हुआ है। हमारी टीम लगी हुई है। हर केस में पूरा अनुसंधान किया जाता है।
प्रश्न- स्कूल-कॉलेज में छेड़छाड़ के विरुद्ध चलाया अभियान क्यों रोका? -हंसा गहलोत, चांदपोल
-अब स्कूल व कॉलेज खुले हैं जल्द ही इनके प्रबंधकों के साथ सुरक्षा से संबंधित उपाय पर चर्चा की जाएगी। स्टूडेंट्स हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायतकर सकते हैं।
प्रश्न- घरेलू नौकर और किराएदार रखने से पहले वेरीफिकेशन तो होता ही नहीं है? -मोहम्मद माजिद, सोजती गेट
-इसके लिए कार्य योजना चल रही है। शीघ्र ही इसका खाका तैयार कर काम किया जाएगा।
प्रश्न- आठ बजे के बाद शराब बिकने पर रोक क्यों नहीं लग पा रही है? -राजेश कुमार, सरदारपुरा
-जल्द ही आबकारी विभाग के साथ मिलकर अभियान चलाकर ऐसा करने वालों की धरपकड़ की जाएगी।
प्रश्न- पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज नहीं होती? -गजेंद्र पुरी, कीर्तिनगर भदवासिया
-फरियादी की एफआईआर तो दर्ज होनी ही चाहिए। किसी को लगता है कि उसकी सुनवाई थानों में नहीं हो रही है तो एसीपी और डीसीपी को समस्या बताएं।
प्रश्न- चिटफंड कंपनियां और फाइनेंस कंपनियां पैसे लेकर भाग जाती हैं? ज्यादातर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती? -डॉ. एसके सिंह, रातानाडा
-हमने सभी थानों से संबंधित फाइनेंस कंपनियों का सर्वे करने के लिए कहा है। उनके संचालकों से एड्रेस प्रूफ और कंपनी रजिस्ट्रार से भी जानकारी मांगी है। इससे कई फर्जी कंपनियों का खुलासा होगा।
प्रश्न- साइबर क्राइम बढ़ रहा है, इसे रोकने के लिए पुलिस क्या कर रही है? -केतन सिंह, चौहाबो
-यह गैरजमानती अपराध है। पुलिस ने मामले पकड़े भी हैं। इसके लिए अलग से सेल है।
प्रश्न- किसी वारदात की जानकारी देनी हो तो कहां पर दें? -धर्मेंद्र चौधरी, झालामंड
-इसके लिए हेल्पलाइन है। जिसका नंबर १क्९क् है। यहां कोई भी जानकारी देने पर नाम और पता गुप्त रखा जाता है।
प्रश्न- जोधपुर पुलिस फिटनेस में फेल और अनुसंधान में कमजोर है। क्या आप भी ऐसा मानते हंै? -आनंद शर्मा, नागौरी गेट
-नहीं, ऐसा नहीं है। यह सही है कि पुलिस के हर जवान का शरीर चुस्त हो लेकिन फिटनेस के अलग-अलग मायने हैं। अनुसंधान में पिछड़ने की बात ठीक नहीं है। हाल ही में लूट, चेन स्नेचिंग, हत्या व वाहनचोर गैंग का पर्दाफाश हुआ है। हमारी टीम लगी हुई है। हर केस में पूरा अनुसंधान किया जाता है।
प्रश्न- स्कूल-कॉलेज में छेड़छाड़ के विरुद्ध चलाया अभियान क्यों रोका? -हंसा गहलोत, चांदपोल
-अब स्कूल व कॉलेज खुले हैं जल्द ही इनके प्रबंधकों के साथ सुरक्षा से संबंधित उपाय पर चर्चा की जाएगी। स्टूडेंट्स हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायतकर सकते हैं।
प्रश्न- घरेलू नौकर और किराएदार रखने से पहले वेरीफिकेशन तो होता ही नहीं है? -मोहम्मद माजिद, सोजती गेट
-इसके लिए कार्य योजना चल रही है। शीघ्र ही इसका खाका तैयार कर काम किया जाएगा।
प्रश्न- आठ बजे के बाद शराब बिकने पर रोक क्यों नहीं लग पा रही है? -राजेश कुमार, सरदारपुरा
-जल्द ही आबकारी विभाग के साथ मिलकर अभियान चलाकर ऐसा करने वालों की धरपकड़ की जाएगी।
HR Police: हरियाणा पुलिस को बेचने पड़े अध्यापक पात्रता परीक्षा के फार्म
पानीपत. हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा के फार्मो को लेने के लिए शनिवार को लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। स्थिति इतनी बिगड़ी कि पुलिस को मोर्चे पर डटना पड़ा। राजकीय मिडिल स्कूल निजामपुर में शनिवार सुबह से पात्रता परीक्षा के फार्मो के लिए भीड़ लगनी शुरू हो गई।
करीब 8 बजे हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड भिवानी के अधीक्षक ब्रह्म सिंह छौक्कर केंद्र पहुंचे और स्थित का मुआयना किया। बढ़ती भीड़ और अव्यवस्था को देखते हुए बोर्ड अधीक्षक ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर व्यवस्था संभाली और महिला-पुरुषों की दो अलग-अलग पंक्तियां बनवाई। इसके बाद ही फार्म बिकने की प्रक्रिया सुचारू रूप से चली। ब्रह्मा सिंह ने बताया कि फार्म बेचने के लिए 24 पुस्तक विक्रेताओं को अनुमति दी गई थी। फार्म की कीमत 600 रुपए रखी गई है। साथ ही उन्होंने कई फार्म विक्रय सेंटरों पर फार्म कीमत बढ़ाकर रुपए वसूली करने की बात कही।
करीब 8 बजे हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड भिवानी के अधीक्षक ब्रह्म सिंह छौक्कर केंद्र पहुंचे और स्थित का मुआयना किया। बढ़ती भीड़ और अव्यवस्था को देखते हुए बोर्ड अधीक्षक ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर व्यवस्था संभाली और महिला-पुरुषों की दो अलग-अलग पंक्तियां बनवाई। इसके बाद ही फार्म बिकने की प्रक्रिया सुचारू रूप से चली। ब्रह्मा सिंह ने बताया कि फार्म बेचने के लिए 24 पुस्तक विक्रेताओं को अनुमति दी गई थी। फार्म की कीमत 600 रुपए रखी गई है। साथ ही उन्होंने कई फार्म विक्रय सेंटरों पर फार्म कीमत बढ़ाकर रुपए वसूली करने की बात कही।
Jharkhand Police: झारखंड पुलिस को मिलेंगे 16200 इंसास
रांची. झारखंड पुलिस को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने का सिलसिला जारी है। इनके माध्यम से झारखंड पुलिस नक्सलियों के विरुद्ध लंबी लड़ाई लड़ रही है। उम्दा किस्म के हथियारों की संख्या में वृद्धि से पुलिस की मारक क्षमता बढ़ेगी।
उग्रवाद प्रभावित झारखंड में नक्सली समस्या पर केंद्र की भी नजर है। केंद्र द्वारा इस समस्या से निबटने में हर संभव सहयोग दिया जा रहा है। इसी आधार पर आधुनिकीकरण के तहत राज्य में वर्ष 2012-2013 के लिए पुलिस मुख्यालय ने फर्म डिमांड भेज दी है। इसके अनुसार पुलिस को 16200 इंसास रायफल मिलनी है।
पुलिस द्वारा मंगाए जा रहे हथियारों में 8000 एके 47, चार सौ एलएमजी, यूबीजीआई 1600, एमपी (5 ए 4) -3630, एमपी (5 ए 3) 3600, वीआई पिस्टल 1160, स्नीपर रायफल 1360, 5 एमएम मोर्टार विद साइट 1111, नाइन एमएम शौर्य पिस्टल 3130, 84 एमएम रॉकेट लांचर 03 शामिल हैं। इसके अलावा झारखंड पुलिस के पास पूर्व से मौजूद अत्याधुनिक हथियारों के लिए बड़े पैमाने पर कारतूस भी मंगाए जा रहे हैं।
इसके अलावा 51 एमएम मोर्टार बम, 51 एमएम मोर्टार स्मोक बम, 40 एमएम जंप ग्रेनेड, 84 एमएम रॉकेट हिट आदि भी मंगाए जा रहे हैं।
उग्रवाद प्रभावित झारखंड में नक्सली समस्या पर केंद्र की भी नजर है। केंद्र द्वारा इस समस्या से निबटने में हर संभव सहयोग दिया जा रहा है। इसी आधार पर आधुनिकीकरण के तहत राज्य में वर्ष 2012-2013 के लिए पुलिस मुख्यालय ने फर्म डिमांड भेज दी है। इसके अनुसार पुलिस को 16200 इंसास रायफल मिलनी है।
पुलिस द्वारा मंगाए जा रहे हथियारों में 8000 एके 47, चार सौ एलएमजी, यूबीजीआई 1600, एमपी (5 ए 4) -3630, एमपी (5 ए 3) 3600, वीआई पिस्टल 1160, स्नीपर रायफल 1360, 5 एमएम मोर्टार विद साइट 1111, नाइन एमएम शौर्य पिस्टल 3130, 84 एमएम रॉकेट लांचर 03 शामिल हैं। इसके अलावा झारखंड पुलिस के पास पूर्व से मौजूद अत्याधुनिक हथियारों के लिए बड़े पैमाने पर कारतूस भी मंगाए जा रहे हैं।
इसके अलावा 51 एमएम मोर्टार बम, 51 एमएम मोर्टार स्मोक बम, 40 एमएम जंप ग्रेनेड, 84 एमएम रॉकेट हिट आदि भी मंगाए जा रहे हैं।
Delhi Police: Anna Hazare: अन्ना हजारे के विदेशी सैलानी भी कायल, अपनी तीन सहेलियों के साथ राजघाट अन्ना को देखने पहुंची स्पेन की एनहित्जे एक्सबेरिया
नई दिल्ली.अहिंसा के सहारे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई छेड़ने वाले अन्ना हजारे के विदेशी सैलानी भी कायल हो गए हैं। वे उनमें महात्मा गांधी की परछाई देखते हैं।
शायद इसी का असर है कि शुक्रवार को राजघाट में मौजूद अन्ना समर्थकों में विदेशी सैलानियों की संख्या भी खासी थी। इन विदेशियों को न ही भारतीय राजनीति में कोई रुचि है और न ही जन लोकपाल बिल पारित होने से कोई फायदा। इसके बावजूद गांधी की छवि लिए अन्ना को उनका समर्थन मिल रहा है।
स्पेन की एनहित्जे एक्सबेरिया वैसे तो भारत की राजनीति से बिलकुल ही वाकिफ नहीं हैं, पर पिछले कुछ दिनों से देशभर में चल रही अन्ना की आंधी का उनको अहसास है।
यही कारण था कि हजारे के तिहाड़ जेल से राजघाट आने की खबर सुनते ही वे भी अपनी तीन सहेलियों के साथ राजघाट पर खासतौर से अन्ना को देखने के लिए पहुंच गईं। उनसे पूछा गया कि वे यहां क्या देखने आई हैं तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं जिस व्यक्ति को एक नजर देखना चाहती हूं, उसके पीछे पूरा देश खड़ा है।
स्पेन के बारक्यू कंट्री की मिरेन ओजांगोरेन भी यहां बारिश के बावजूद अन्ना के प्रति लोगों की आस्था को देखने पहुंची। वे मुस्कुराते हुए कहतीं हैं कि भाषा तो मैं नहीं समझती, पर लोगों की खुशी और जोश मेरे चेहरे पर भी खुशी ला रहा है।
हॉलैंड के 23 वर्षीय माइकल भी खासे उत्साहित नजर आए। उन्होंने बताया कि मीडिया कवरेज की वजह से वह अन्ना के फैन बन गए हैं। उन्हे अन्ना की अन्नागीरी और भ्रष्टाचार खत्म करने का यह अहिंसक तरीका खासा आकर्षित कर रहा है।
माइकल ने कहा कि भारत में धार्मिक और जातिवादी राजनीति का दबदबा है, ऐसे में युवाओं से भरे इस देश को अन्ना ने जिस प्रकार भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए मार्गदर्शन दिया है, यह निश्चितरूप से वैश्विक परिदृश्य में भी प्रेरणादायक है।
शायद इसी का असर है कि शुक्रवार को राजघाट में मौजूद अन्ना समर्थकों में विदेशी सैलानियों की संख्या भी खासी थी। इन विदेशियों को न ही भारतीय राजनीति में कोई रुचि है और न ही जन लोकपाल बिल पारित होने से कोई फायदा। इसके बावजूद गांधी की छवि लिए अन्ना को उनका समर्थन मिल रहा है।
स्पेन की एनहित्जे एक्सबेरिया वैसे तो भारत की राजनीति से बिलकुल ही वाकिफ नहीं हैं, पर पिछले कुछ दिनों से देशभर में चल रही अन्ना की आंधी का उनको अहसास है।
यही कारण था कि हजारे के तिहाड़ जेल से राजघाट आने की खबर सुनते ही वे भी अपनी तीन सहेलियों के साथ राजघाट पर खासतौर से अन्ना को देखने के लिए पहुंच गईं। उनसे पूछा गया कि वे यहां क्या देखने आई हैं तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं जिस व्यक्ति को एक नजर देखना चाहती हूं, उसके पीछे पूरा देश खड़ा है।
स्पेन के बारक्यू कंट्री की मिरेन ओजांगोरेन भी यहां बारिश के बावजूद अन्ना के प्रति लोगों की आस्था को देखने पहुंची। वे मुस्कुराते हुए कहतीं हैं कि भाषा तो मैं नहीं समझती, पर लोगों की खुशी और जोश मेरे चेहरे पर भी खुशी ला रहा है।
हॉलैंड के 23 वर्षीय माइकल भी खासे उत्साहित नजर आए। उन्होंने बताया कि मीडिया कवरेज की वजह से वह अन्ना के फैन बन गए हैं। उन्हे अन्ना की अन्नागीरी और भ्रष्टाचार खत्म करने का यह अहिंसक तरीका खासा आकर्षित कर रहा है।
माइकल ने कहा कि भारत में धार्मिक और जातिवादी राजनीति का दबदबा है, ऐसे में युवाओं से भरे इस देश को अन्ना ने जिस प्रकार भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए मार्गदर्शन दिया है, यह निश्चितरूप से वैश्विक परिदृश्य में भी प्रेरणादायक है।
Delhi Police: Anna Hazare: अन्ना का अनशन: दिल्ली में कम हुए अपराध, बीते 6 दिनों में बलात्कार या हत्या का एक भी मामला रजिस्टर्ड नहीं हुआ
नई दिल्ली. अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का असर लगता है अपराधियों पर भी हुआ है। दिल्ली पुलिस के बड़े अफसर दावा कर रहे हैं कि अन्ना का अनशन शुरू होने के बाद से राजधानी में अपराध एक-तिहाई घट गए हैं। उनके मुताबिक अपराधों में 35 फीसदी कमी आई है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार को इंटेलीजेंस ब्यूरो ने इनपुट दिए हैं कि रामलीला मैदान में बड़ी तादाद में असामाजिक तत्व भीड़ का हिस्सा बन गए हैं। इस इनपुट के मुताबिक असामाजिक तत्व रामलीला मैदान के आसपास महिलाओं से छेड़छाड़ कर रहे हैं। वे रैली में जाने के नाम पर बसों में टिकट भी नहीं ले रहे हैं।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का दावा है कि स्वतंत्रता दिवस और फिर अन्ना के आंदोलन के मद्देनजर शहर में पुलिस की भारी तैनाती है। इसका असर अपराध में कमी के रूप में सामने आया है।
अपराध के मामले में दिल्ली का रिकॉर्ड खराब है। यहां रोज कम से कम 7 बड़े अपराध दर्ज किए जाते हैं। लेकिन बीते 6 दिनों में बलात्कार या हत्या का एक भी मामला रजिस्टर्ड नहीं हुआ है।
दिल्ली पुलिस के सूत्र बताते हैं कि शहर में रोज करीब 400 एफआईआर दर्ज होते हैं। 13 से 15 अगस्त के दौरान यह आंकड़ा 300 रहा। और पुलिस 16 से 19 अगस्त के दौरान तो महज 210 एफआईआर दर्ज होने का ही दावा कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार को इंटेलीजेंस ब्यूरो ने इनपुट दिए हैं कि रामलीला मैदान में बड़ी तादाद में असामाजिक तत्व भीड़ का हिस्सा बन गए हैं। इस इनपुट के मुताबिक असामाजिक तत्व रामलीला मैदान के आसपास महिलाओं से छेड़छाड़ कर रहे हैं। वे रैली में जाने के नाम पर बसों में टिकट भी नहीं ले रहे हैं।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का दावा है कि स्वतंत्रता दिवस और फिर अन्ना के आंदोलन के मद्देनजर शहर में पुलिस की भारी तैनाती है। इसका असर अपराध में कमी के रूप में सामने आया है।
अपराध के मामले में दिल्ली का रिकॉर्ड खराब है। यहां रोज कम से कम 7 बड़े अपराध दर्ज किए जाते हैं। लेकिन बीते 6 दिनों में बलात्कार या हत्या का एक भी मामला रजिस्टर्ड नहीं हुआ है।
दिल्ली पुलिस के सूत्र बताते हैं कि शहर में रोज करीब 400 एफआईआर दर्ज होते हैं। 13 से 15 अगस्त के दौरान यह आंकड़ा 300 रहा। और पुलिस 16 से 19 अगस्त के दौरान तो महज 210 एफआईआर दर्ज होने का ही दावा कर रही है।
Delhi Police: Anna Hazare: रामलीला मैदान में मौजूद अन्ना समर्थक इतनी शालीनता व सभ्यता से पेश आ रहे हैं कि यहां सुरक्षाकर्मी तैनात करने की जरूरत ही नहीं है- दिल्ली पुलिस
नई दिल्ली.रामलीला मैदान में चल रहे अन्ना के अनशन की सुरक्षा व्यवस्था में लगी दिल्ली पुलिस के रवैये से टीम अन्ना संतुष्ट नजर आ रही है। दिल्ली पुलिस भी अनशन में शामिल हो रहे लोगों के शांतिपूर्ण रवैये से खुश है।
कहीं न कहीं पुलिस और टीम अन्ना के बीच आपसी समझ देखने को मिल रही है। टीम अन्ना के सदस्य बिभव कुमार ने शनिवार को मंच पर संबोधन के दौरान दिल्ली पुलिस के सहयोगपूर्ण रवैये की सराहना की और पुलिस की भूमिका को आंदोलन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण बताया।
शनिवार की दोपहर दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (लॉ एंड ऑर्डर) धर्मेंद्र कुमार मैदान की सुरक्षा का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने लगभग 20 मिनट तक रामलीला मैदान का दौरा किया और सुरक्षा का ब्यौरा लिया।
सुरक्षा इंतजामों पर संतुष्टि जताने के बाद वे मैदान से वापस लौट गए। पुलिस का कहना है कि मैदान में मौजूद अन्ना समर्थक व बाहर से आ रहे लोग इतनी शालीनता व सभ्यता से पेश आ रहे हैं कि यहां पर ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने की जरूरत नहीं पड़ रही है।
सूत्रों का कहना है कि शनिवार को कुल 200 पुलिसकर्मी व अतिरिक्त सुरक्षा बलों के जवानों ने मैदान के अंदर की कमान संभाली। इसके अलावा स्पेशल ब्रांच व स्पेशल सेल के पुलिसकर्मी खुफिया सूचना एकत्र करने में जुटे हैं। हालांकि मैदान के बाहर कुछ हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों के अलावा यातायात पुलिसकर्मी भी तैनात हैं ताकि कानून व्यवस्था सुचारु बनी रहे।
मध्य जिला पुलिस उपायुक्त विवेक किशोर ने बताया कि प्रत्येक प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं, जहां पर पुलिस कर्मी भी तैनात हैं। हर आने वाले व्यक्ति को हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर से भी चेक किया जा रहा है तथा उसकी तलाशी भी ली जाती है।
इसके अलावा एक्स-रे बैगेज स्कैनर भी लगाए गए हैं, जिससे लोगों के बैग आदि की जांच की जा रही है। मैदान में लगे सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग के लिए मैदान में ही कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जिसमें सिपाही, हवलदार से लेकर इंस्पेक्टर तक की तैनाती की गई है।
इसके अलावा डीसीपी खुद जिले के एडिशनल डीसीपी व एसीपी स्तर के अधिकारियों के साथ समय समय पर सुरक्षा इंतजामों का जायजा ले रहे हैं। रामलीला मैदान के बाहर क्यूआरटी टीमों को भी तैनात किया गया। पुलिस उपायुक्त का कहना है कि भीड़ को देखते हुए सुरक्षाकर्मियों की संख्या में कमी व इजाफा किया जा रहा है।
अगले दो दिन (रविवार व सोमवार को जन्माष्टमी) छुट्टी होने के कारण अनशन में अत्यधिक लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। इसके लिए पुलिस भी व्यापक इंतजाम करने में जुटी हुई है।
कहीं न कहीं पुलिस और टीम अन्ना के बीच आपसी समझ देखने को मिल रही है। टीम अन्ना के सदस्य बिभव कुमार ने शनिवार को मंच पर संबोधन के दौरान दिल्ली पुलिस के सहयोगपूर्ण रवैये की सराहना की और पुलिस की भूमिका को आंदोलन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण बताया।
शनिवार की दोपहर दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (लॉ एंड ऑर्डर) धर्मेंद्र कुमार मैदान की सुरक्षा का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने लगभग 20 मिनट तक रामलीला मैदान का दौरा किया और सुरक्षा का ब्यौरा लिया।
सुरक्षा इंतजामों पर संतुष्टि जताने के बाद वे मैदान से वापस लौट गए। पुलिस का कहना है कि मैदान में मौजूद अन्ना समर्थक व बाहर से आ रहे लोग इतनी शालीनता व सभ्यता से पेश आ रहे हैं कि यहां पर ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने की जरूरत नहीं पड़ रही है।
सूत्रों का कहना है कि शनिवार को कुल 200 पुलिसकर्मी व अतिरिक्त सुरक्षा बलों के जवानों ने मैदान के अंदर की कमान संभाली। इसके अलावा स्पेशल ब्रांच व स्पेशल सेल के पुलिसकर्मी खुफिया सूचना एकत्र करने में जुटे हैं। हालांकि मैदान के बाहर कुछ हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों के अलावा यातायात पुलिसकर्मी भी तैनात हैं ताकि कानून व्यवस्था सुचारु बनी रहे।
मध्य जिला पुलिस उपायुक्त विवेक किशोर ने बताया कि प्रत्येक प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं, जहां पर पुलिस कर्मी भी तैनात हैं। हर आने वाले व्यक्ति को हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर से भी चेक किया जा रहा है तथा उसकी तलाशी भी ली जाती है।
इसके अलावा एक्स-रे बैगेज स्कैनर भी लगाए गए हैं, जिससे लोगों के बैग आदि की जांच की जा रही है। मैदान में लगे सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग के लिए मैदान में ही कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जिसमें सिपाही, हवलदार से लेकर इंस्पेक्टर तक की तैनाती की गई है।
इसके अलावा डीसीपी खुद जिले के एडिशनल डीसीपी व एसीपी स्तर के अधिकारियों के साथ समय समय पर सुरक्षा इंतजामों का जायजा ले रहे हैं। रामलीला मैदान के बाहर क्यूआरटी टीमों को भी तैनात किया गया। पुलिस उपायुक्त का कहना है कि भीड़ को देखते हुए सुरक्षाकर्मियों की संख्या में कमी व इजाफा किया जा रहा है।
अगले दो दिन (रविवार व सोमवार को जन्माष्टमी) छुट्टी होने के कारण अनशन में अत्यधिक लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। इसके लिए पुलिस भी व्यापक इंतजाम करने में जुटी हुई है।
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