भोपाल. बड़े-बड़े बदमाशों को घुटने टेकने पर मजबूर कर देने वाली मप्र पुलिस ने कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार के सामने घुटने टेक दिए हैं। पुलिस मुख्यालय की बिल्डिंग का निर्माण कार्य समय पर पूरा न कर पाने पर जिस ठेकेदार से पुलिस ने काम वापस ले लिया था, अब उसी को दोबारा काम देने की तैयारी चल रही है।
खास बात यह है कि अब की बार ठेकेदार ने ही पुलिस के सामने शर्त रख दी है। शर्त यह है कि यदि चार महीने में काम पूरा कराना है तो एडवांस पैसे देने होंगे।
पीएचक्यू की नई बिल्डिंग बनाने का ठेका मार्च 2008 में मुंबई की रवाशा कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था। अनुबंध के मुताबिक सितंबर 2009 में इस छ: मंजिला बिल्डिंग का काम पूरा होना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
पुलिस हाउसिंग कापरेरेशन, निर्माण कार्य में हो रही देरी के लिए ठेकेदार को नोटिस जारी करती रही, लेकिन ठेकेदार पर कोई फर्क नहीं पड़ा। आखिरकार मई महीने में कापरेरेशन ने कंपनी से काम वापस ले लिया।
क्यों दे रहे हैं पुराने ठेकेदार को काम: कापरेरेशन के अफसर कहते हैं कि नए सिरे से टेंडर की कवायद की जा रही थी, इसी बीच इस ठेकेदार ने संपर्क किया। नए टेंडर निकालने में महीने भर से ज्यादा का समय लगेगा। वैसे ही काम पूरा करने की जल्दी है। फिर नए ठेकेदार को काम देने में नए सिरे से दरों का आकलन होगा, पुराना ठेकेदार पुरानी दरों पर ही काम करेगा, यही वजह है कि उसे दोबारा काम देने पर विचार चल रहा है।
9 करोड़ दे चुके हैं अब तक ठेकेदार को
पीएचक्यू की ये नई बिल्डिंग 18 करोड़ 77 लाख रुपए की लागत से बन रही है। अब तक इसका सिविल वर्क पूरा हो चुका है। इसके लिए ठेकेदार को 9 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है।
अनुबंध की शर्त के मुताबिक ठेकेदार ने यदि काम समय पर पूरा नहीं किया तो कुल लागत राशि के 6 प्रतिशत का उसे हर्जाना भी भरना होगा। ठेकेदार से काम वापस लेने से पहले कापरेरेशन उसे तीन मर्तबा नोटिस भी जारी कर चुका था।
ठेकेदार से दोबारा संपर्क किया
निर्धारित समय पर काम पूरा न करने के कारण ठेकेदार से काम वापस ले लिया गया था,अब उसी ठेकेदार ने फिर संपर्क किया है। अभी इस पर विचार चल रहा है।""
एमपी द्विवेदी,एमडी,एमपी पुलिस हाउसिंग कापरेरेशन
9 करोड़ दे चुके हैं अब तक ठेकेदार को
पीएचक्यू की ये नई बिल्डिंग 18 करोड़ 77 लाख रुपए की लागत से बन रही है। अब तक इसका सिविल वर्क पूरा हो चुका है। इसके लिए ठेकेदार को 9 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है।
अनुबंध की शर्त के मुताबिक ठेकेदार ने यदि काम समय पर पूरा नहीं किया तो कुल लागत राशि के 6 प्रतिशत का उसे हर्जाना भी भरना होगा। ठेकेदार से काम वापस लेने से पहले कापरेरेशन उसे तीन मर्तबा नोटिस भी जारी कर चुका था।
No comments:
Post a Comment