नक्सलियों को सुरक्षा के एवज में रकम मुहैया कराने के मामले में जांच के घेरे में आए एस्सार समूह के शीर्ष अधिकारी छत्तीसगढ़ पुलिस का सहयोग नहीं कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि पूछताछ में बिल्कुल सहयोग नहीं मिल रहा है।
दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अंकित गर्ग ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, 'बयान दर्ज कराने के लिए महाप्रबंधक की आज पेशी थी, लेकिन वह नहीं आए।' गर्ग ने बताया कि अब इस बारे में एस्सार के अधिकारी को नोटिस जारी किया जा रहा है, जिसमें उन्हें जांच अधिकारी के सामने पेश होने और इस मसले पर कंपनी का रुख स्पष्टï करते हुए अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन को पैसा देने के मामले में ठेकेदार ने साफ तौर पर कंपनी का नाम लिया है। इसलिए एस्सार के अधिकारियों को इस बारे में अपना पक्ष रखना चाहिए। गर्ग का कहना है, 'एस्सार के अधिकारी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।'
लेकिन एस्सार के प्रवक्ता ने इस मामले में सफाई पेश की है। प्रवक्ता ने आज बताया कि महाप्रबंधक यात्रा कर रहे थे, इसलिए बयान दर्ज कराने के लिए नहीं पहुंच सके। अब वह मंगलवार को बयान दर्ज कराएंगे। प्रवक्ता ने दावा किया कि पूछताछ में कंपनी हर तरह का सहयोग कर रही है।
सुरक्षा के लिए रकम मुहैया कराए जाने का खुलासा दंतेवाड़ा में कंपनी के ठेकेदार बी के लाला की गिरफ्तारी से हो सका। उसे पुलिस ने उस वक्त धर दबोचा था, जब वह कंपनी को नुकसान नहीं पहुंचाने के एवज में नक्सलियों को 15 लाख रुपये देने जा रहा था। दंतेवाड़ा नक्सली समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में है और वहां सर्वाधिक ग्रस्त जिलों में है और वहां एस्सार समूह का लंबा चौड़ा कारोबार है। वहां किरांडुल के पास कंपनी का 80 लाख टन सालाना क्षमता वाला लौह अयस्क परिष्कार संयंत्र है। यहां से वह लौह अयस्क विशाखापत्तनम स्थित अपने ही पेलेट संयंत्र को भेजती है। यह अयस्क तरल रूप में 267 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन से भेजा जाता है। यह दुनिया की दूसरी सबसे लंबी पाइपलाइन है।
पूछताछ के दौरान लाला ने किरांडुल में भारतीय स्टेट बैंक से 15 लाख रुपये निकालकर ले जाने की बात को स्वीकार भी किया है। यह रकम लिंगाराम कोडोपी को दी जानी थी, जो नक्सलियों का समर्थक था। कोडोपी को भी पलनार से गिरफ्तार कर लिया गया। लाला के बयान के आधार पर ही पुलिस ने किरांडुल परियोजना के महाप्रबंधक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी।
केंद्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री चरण दास महंत ने कहा है कि वह कथित रूप से एस्सार कंपनी द्वारा नक्सलियों को धन दिए जाने के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराएंगे तथा मामले की जांच कराने का आग्रह करेंगे।
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