नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के चौखट पर हुए आतंकी हमले में मरने वालों की संख्या अब 13 हो गई है। हालांकि खुशखबरी बस इस बात की है कि हमले में घायल हुए कुछ लोग अब अपने अपने घरों को लौटने लगे हैं। पर इस घटना के 50 घंटे बीत जाने के बाद भी एनआईए को अभी तक कोई सुराग नहीं लग मिल सका है। वैसे वह पेड़ों की डाल पर भी सुराख की तलाश में हाथ पांव मार रही है।
उधर, बम विस्फोट की जिम्मेदारी लेने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। पहले हूजी उसके बाद इंडियन मुजाहिद्दीन और अब तीसरा मेल भी मीडिया हाउसों को मिल चुका है। जिसमें न केवल हमले की धमकी दी गई है बल्कि इस मेल ने सरकार की मुश्किलों को भी बढ़ा दिया है। यह मेल याहू के एकाउंट से किया गया है। आपको बता दें कि पहला मेल जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ से भेजा गया था। जिसमें हूजी (हरकत-उल-जिहादी-अल-इस्लामी) ने ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली थी। किश्तवाड़ के जिस साइबर कैफे से यह ईमेल भेजा गया था, गुरुवार को वहां से 3 लोगों को हिरासत में लिया गया था।
वहीं दूसरा मेल गुरुवार को इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) ने छोटू मियां के नाम से भेजा जिसमें विस्फोट करने की धमकी दी औऱ विस्फोट की जिम्मेदारी ली। इससे अब इन मेल पर भी संशय के बादल मडराने लगे हैं। पुलिस को लग रहा है कि कुछ शरारती तत्व इस काम के पीछे हो सकते हैं। उधर, एनआईए की टीम ने आतंकियों की तलाश में हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और पंजाब के आतंक निरोधक दस्ते (एटीएस) की मदद मांगी है। एटीएस की टीमें दिल्ली पहुंच भी गई है। सारी जांच इस उम्मीद पर टिकी है कि वारदात के बाद आतंकी पड़ोसी राज्यों में छुपे हो सकते हैं। जांच में दिल्ली पुलिस के सहयोग की अहमियत के मद्देनजर एनआईए प्रमुख ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से मुलाकात की।
चोरी की सेंट्रो कार से आतंकियों के भागने की अटकलों को खारिज करते हुए एनआईए महानिदेशक एससी सिन्हा ने साफ कर किया कि इसका विस्फोट से कोई संबंध नहीं है। इसके बजाय एनआइए की 20 सदस्यीय जांच टीम और 17 सदस्यीय सहयोगी टीम चोरी के एटीएम कार्ड का उपयोग करने वाले एक युवक से पूछताछ कर रही थी। किश्तवाड़ के जिस साइबर कैफे से मेल भेजा गया था, उसके मालिक समेत कुछ लोगों से भी पूछताछ जारी है, पर कुछ पुख्ता सुराग नहीं मिल सका है। इसी तरह यूपी के बलरामपुर में भी स्केच के आधार पर हिरासत में लिए गए शहजाद नामक युवक को भी पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। इस बीच गांधीनगर और हैदराबाद से आई फारेंसिक विशेषज्ञों की टीम ने नए सिरे से विस्फोट स्थल की तलाशी ली। इससे कुछ नए सूत्र मिलने की बस उम्मीद ही की जा रही है।
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