भोपाल. आरटीआई कार्यकर्ता शेहला मसूद की हत्या मामले में भाजपा सांसद तरुण विजय की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भोपाल पुलिस तरुण विजय से पूछताछ के लिए टीम भेज सकती है और उनसे इस बारे में सफाई मांगी जा सकती है कि भाजपा सांसद मसूद से फोन पर इतनी बातें क्यों करते थे। खुफिया विभाग के आला अधिकारियों के मुताबिक तरुण विजय और शेहला मसूद के नजदीकी रिश्ते थे।
इस हत्याकांड से अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दफ्तर का नाम भी जुड़ रहा है। बताया जा रहा है कि शेहला ने एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में आरोप लगाया था कि उन्हें मुख्यमंत्री के स्टाफ की ओर से धमकी मिली थी। एक टीवी चैनल ने इस बारे में शिवराज से पूछा तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
स्थानीय पुलिस और एसटीएफ के जांच अधिकारियों को शेहला और तरुण के बीच पिछले कुछ महीने के दौरान फोन पर काफी बातचीत के सुराग हाथ लगे हैं। इनमें 16 अगस्त को दोनों के बीच हुई बातचीत भी शामिल है, जिस दिन शेहला की हत्या हुई थी।
तरुण विजय और शेहला मसूद के बीच 'आर्थिक लेनदेन' को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। मसूद की कंपनी 'मिरेकल्स' ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया था। राज्यसभा सदस्य और आरएसएस के मुखपत्र 'पांचजन्य' के पूर्व संपादक तरुण विजय इस एनजीओ के प्रमुख हैं। कहा जा रहा है कि विजय ने शेहला को ही इस एनजीओ से जोड़ा था। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2010 में विजय के इस एनजीओ को 25 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी थी। इसके बाद विजय देशभर में डॉ. मुखर्जी पर कार्यक्रमों का आयोजन कराने के लिए मसूद के संपर्क में आए।
भोपाल रेंज के आईजी विजय यादव ने कहा, ‘विजय इस मामले में अभी तक संदिग्ध नहीं हैं। लेकिन हम निश्चित तौर पर उनसे कुछ सफाई मांगेंगे। जरूरत पड़ी तो पुलिस की टीम दिल्ली जाकर उनसे पूछताछ करेगी।’
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