नई दिल्ली।। डीटीसी बसों से होने वाले सड़क हादसों में बेतहाशा बढ़ोतरी को देखते हुए अब ट्रैफिक पुलिस डीटीसी ड्राइवरों को ट्रैफिक रूल्स और पब्लिक सेफ्टी का पाठ पढ़ाएगी। जल्दी ही ट्रैफिक पुलिस डीटीसी ड्राइवरों के लिए एक स्पेशल ओरिएंटेशन प्रोग्राम शुरू करने वाली है, जिसमें ड्राइवरों को ट्रैफिक नियमों और पब्लिक सेफ्टी के बारे में बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रैफिक पुलिस की इस योजना को डीटीसी प्रशासन ने भी हरी झंडी दे दी है।
हफ्ते में दो दिन स्पेशल ट्रेनिंग
जॉइंट कमिश्नर (ट्रैफिक) सत्येंद्र गर्ग के मुताबिक इस ओरिएंटेशन प्रोग्राम के लिए 50-50 ड्राइवरों की एक या दो बैच बनाई जा जाएगी। हर बैच को हफ्ते में दो दिन स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रैफिक पुलिस की टोडापुर स्थित न्यू ट्रैफिक पुलिस लाइंस में यह ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जाएगा। इस दौरान स्पेशल क्लासेज लगाई जाएंगी, जिनमें डीटीसी ड्राइवरों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट वीइकल से जुडे़ ट्रैफिक नियमों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। साथ ही उन्हें यह भी समझाया जाएगा कि वे किस तरह पैसेंजर्स और रोड यूजर्स की सेफ्टी को सुनिश्चित करते हुए हादसों से बच सकते हैं। ट्रेनिंग प्रोग्राम में ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी तो ड्राइवरों को ट्रैफिक रूल्स के बारे में बताएंगे ही, बाहर से रोड सेफ्टी प्रोग्रामों से जुड़े विशेषज्ञों को भी गेस्ट फैकल्टी के रूप में बुलाया जाएगा।
इंटरएक्टिव होगा ओरिएंटेशन प्रोग्राम
जॉइंट कमिश्नर ने बताया कि ट्रेनिंग प्रोग्राम को ज्यादा से ज्यादा इंटरएक्टिव बनाया जाएगा। ड्राइवरों से बातचीत करके उनसे भी यह जानने की कोशिश की जाएगी कि बसें चलाते वक्त उनके सामने किस तरह की चुनौतियां आती हैं और उन्हें किन परेशानियांे से दो-चार होना पड़ता है। ट्रैफिक पुलिस उनकी इन समस्याओं के निराकरण की कोशिश भी करेगी। चूंकि कई बार दूसरों की गलती की वजह से भी हादसे हो जाते हैं, इसलिए ड्राइवरों को यह भी बताया जाएगा कि ऐसी स्थिति में वे क्या कदम उठाकर हादसों की आशंका को टाल सकते हैं। वैसे डीटीसी अपने ड्राइवरों को ट्रेनिंग देती है और उनके लिए समय-समय पर रिफ्रेशर कोर्स भी चलाती है, लेकिन उनमें ट्रैफिक रूल्स और रोड सेफ्टी से ज्यादा बसों के मेंटिनेंस व अन्य तकनीकी बातों पर जोर दिया जाता है।
डीटीसी अफसरों के सहयोग से बनेगा शिड्यूल
गर्ग के मुताबिक ओरिएंटेशन प्रोग्राम से पहले वह डीटीसी के सभी डिपो मैनेजरों व अन्य सीनियर अधिकारियों के साथ जॉइंट मीटिंग की योजना बना रहे हैं। इसमें इस बात पर विचार विमर्श किया जाएगा कि डीटीसी बसों से बढ़ते हादसों की वजह क्या है और इन्हें रोकने में सीनियर अधिकारी किस तरह भूमिका निभा सकते हैं। गर्ग ने उम्मीद जताई है कि इस महीने के अंत तक ओरिएंटेंशन प्रोग्राम शुरू हो जाएगा। डीटीसी अधिकारियों के सहयोग से शिड्यूल बनाया जाएगा , ताकि बसों का परिचालन और ड्राइवरों की ड्यूटी प्रभावित ना हो।
अगस्त तक हुए 57 हादसे , 58 की मौत
इस साल 31 अगस्त तक डीटीसी बसों से हुए 57 सड़क हादसोंे मंे 58 लोगों की मौत हो चुकी है , जबकि पिछले साल इसी दौरान 36 हादसों में 37 लोगों की मौत हुई थीं। इस साल अब तक 4134 डीटीसी बसों के चालान काटे गए हैं और 564 बसें जब्त की गई हैं , जबकि पिछले साल इसी दौरान केवल 1856 चालान कटे थे और 98 बसें जब्त हुई थीं। इस साल जो चालान कटे , उनमें सबसे ज्यादा 1005 चालान डेंजरस ड्राइविंग के थे।
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