नई दिल्ली. सेहत पर उठ रहे सवालों को खारिज करने के लिए शुक्रवार को अन्ना हजारे ने 'परीक्षा' दी। अनशन के लिए रामलीला मैदान पहुंचने से पहले राजघाट गए अन्ना ने दौड़ कर यह साबित करने की कोशिश की कि वह पूरी तरह फिट हैं। उनके साथ चल रहे पुलिसकर्मी भी दौड़ने लगे, लेकिन अन्ना ने पुलिसकर्मियों को पीछे छोड़ दिया।
भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन कर रहे गांधीवादी अन्ना हजारे के अनशन में डॉक्टरों की सलाह से बदलाव आ गया है। पहले यह आमरण अनशन था जो अब डॉक्टरों की अन्ना हजारे की सेहत के बारे मे चेतावनी के बाद बेमियादी अनशन कर दिया गया है। शुक्रवार को डॉक्टरों ने बताया कि तीन दिन के अनशन के बाद उनका वजन तीन किलो कम हो गया है। डॉक्टरों ने बताया है कि अन्ना का ब्लड प्रेशर भी घटकर 88/160 हो गया है। बुधवार को टीम अन्ना को मुंबई के डॉक्टरों से अन्ना की सेहत के बारे में चेतावनी मिली थी। इसे ध्यान में रख कर अन्ना के अनशन को आमरण से बदल कर बेमियादी कर दिया गया है।
अप्रैल में जंतर-मंतर पर हुए अनशन से अन्ना की सेहत पर असर पड़ा था और उन्हें मुंबई के सांचेती इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेडिक्स में भर्ती होना पड़ा था। उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बुधवार को टीम अन्ना को फोन किया और कहा कि अन्ना को यह संदेश दिया जाए कि वह अपनी सेहत का ख्याल रखें। डॉक्टरों ने कहा कि जब वह अप्रैल में अस्पताल में भर्ती हुए थे तो उनकी हालत खराब थी। यह अनशन की वजह से ही था। लगातार अनशन करने की वजह से उनकी सेहत खराब होती रही है। अब उन्हें इसकी चिंता करने की जरूरत है।
कल भी किरण बेदी ने साफ किया था कि अन्ना का यह आंदोलन आमरण अनशन नहीं है बल्कि बेमियादी अनशन है। किरण ने कहा था कि यह धरना और आंदोलन तब तक चलता रहेगा जब तक सरकार इस देश को मजबूत जन लोकपाल नहीं देती।
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