बिलासपुर.तालापारा में एक युवक को रविवार रात कुछ युवकों ने लाठी, रॉड से पीट-पीटकर मार डाला। घटना के बाद तालापारा में माहौल तनावपूर्ण हो गया। हालात को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। हत्या से आक्रोशित लोगों ने आरोपियों के घर पर पथराव किया।
इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजी। देर रात तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। हत्या की वजह आपसी रंजिश को बताया जा रहा है।
तालापारा में दो पक्षों में लंबे समय से विवाद चला आ रहा था। रविवार को पीपल चौक के पास रहने वाले इमरान उर्फ बाबा का यहीं के हरीश चेलकर व मनीष चेलकर से किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था।
रात को मोहम्मद अनीश, अब्दुल तौकीब और रज्जाक दोनों पक्षों में समझौता कराने गए, लेकिन बात नहीं बनी और दोनों पक्ष फिर से उलझ गए। इसके बाद हरीश चेलकर व मनीष चेलकर ने अपने साथियों के साथ मिलकर मो. अनीश पर टांगी, रॉड से हमला कर दिया।
इससे अनीश के सिर पर गंभीर चोंटें आईं और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। घटना के बाद आरोपी भाग निकले। इधर, अनीश की मौत की खबर मिलते ही उसके परिजन व मोहल्लेवाले आक्रोशित हो गए।
कुछ ही देर में घटनास्थल पर भीड़ जुट गई और संदेहियों के घरों मंे पथराव व तोड़फोड़ शुरू कर दी। सूचना मिलने पर सिविल लाइन टीआई सीएल सिंह व जवान मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को सिम्स भेज दिया।
देर रात तक रहा तनाव
घटना को लेकर देर रात तक पीपल चौक व आसपास तनाव की स्थिति बनी रही। इसे देखते हुए यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
सिविल लाइन थाने में देर रात तक किसी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी और न ही इस मामले में किसी आरोपी की गिरफ्तारी हो सकी थी। बताया गया कि अनीश के खिलाफ मारपीट, बलवा सहित करीब एक दर्जन से अधिक मामले सिविल लाइन थाने में दर्ज हैं।
नहीं रहा पुलिसका खौफ
शहर में बढ़ती आपराधिक घटनाओं की एक वजह पुलिस का घटता खौफ है। पुलिस और जेल के नाम से बना खौफ अब कम होता जा रहा है। यही वजह है कि आए दिन हत्या, लूट जैसी वारदातों में इजाफा हुआ है। इससे साफ है कि अब कानून का खौफ नहीं रहा।
थानों में पुलिस की कार्यप्रणाली से भी अपराध को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं पैसे के बल पर जेल में मिलने वाली सुविधाएं भी इसकी वजह है।
आईजी ने एक माह पहले बिलासपुर रेंज के चारों एसपी की बैठक ली थी और अपहरण व हत्या के मामले में चिंता जताते हुए कार्ययोजना बनाने व ऐसी वारदातों पर काबू पाने पर जोर दिया था। उन्होंने ब्लाइंड मर्डर के मामलों में असफलता पर अफसरों को आड़े हाथों लिया था।
लाठियों से काबू
हत्या के बाद आक्रोशित लोगों ने आरोपियों के घर जाकर तोड़फोड़ करने की कोशिश की। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और लाठियां चलाईं। किसी तरह उपद्रवियों को खदेड़ा गया।
वायरलेस पर रहे एसपी
अप्रिय स्थिति से बचने के लिए एसपी अजय यादव पूरे घटनाक्रम के दौरान वायरलेस के जरिए पुलिस अधिकारियों के संपर्क में रहे। वे वायरलेस व फोन पर घटना की जानकारी लेते रहे और अफसरों को निर्देश देते रहे।
वारदातें अनसुलझी
जनवरी से अब तक शहर में ही करीब 20 से अधिक हत्याएं हो चुकीं। सुशील पाठक हत्याकांड समेत इनमें से एक तिहाई मामलांे का पुलिस को सुराग नहीं मिल सका है। पुलिस के लिए ये मामले चुनौती बन चुके हैं।
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