click here
हो चुकी हैं कई घटनाएं
श्रीगंगानगर& किन्हीं दो पक्षों के विवाद में सुलह पर जोर देने वाले पुलिसकर्मी आपसी तालमेल नहीं बैठा पा रहे हैं। पिछले चार-पांच सालों में छोटी-छोटी बात पर पुलिसकर्मियों के आपस में झगडऩे की कई घटनाएं हो चुकी हैं। हाल ही सदर और जवाहरनगर थाने के दो कांस्टेबलों में मामूली बात को लेकर हुआ विवाद मारपीट तक पहुंच गया। सदर थाने के कांस्टेबल तेजपाल ने जवाहरनगर थाने के कांस्टेबल जीवराजसिंह के खिलाफ एसपी के शेष & पेज 15
समक्षपरिवाद दायर किया है। घटना की रिपोर्ट सदर थाने के रोजनामचे में भी दर्ज की गई है। सूत्रों के अनुसार पूर्व में भी पुलिसकर्मियों के आपस में उलझने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। यूं तो ज्यादातर मामलों को विभागीय अधिकारी समझाइश कर निपटा देते हैं, लेकिन उनके समय रहते गौर न करने पर कुछ मामले जगजाहिर हो ही गए हैं।
च्च्मैं वर्दी में था। जीवराजसिंह ने मुझसे दुव्र्यवहार किया। इसकी शिकायत एसपी को की है।ज्ज्
तेजपाल, कांस्टेबल, सदर थाना।
च्च्मैंने दुव्र्यवहार नहीं किया। सदर थाने के कांस्टेबल को महज गलतफहमी हुई है।ज्ज्
जीवराजसिंह, कांस्टेबल, जवाहरनगर थाना।
च्च्सदर थाने के कांस्टेबल का शिकायती परिवाद जांच के लिए एसपी कार्यालय में मिला है। बुधवार को कार्यालय से बाहर होने के कारण जांच नहीं हो सकी। अगले दिनों में जांच शुरू की जाएगी।ज्ज्
सरवर अली, सीआई, अपराध सहायक, एसपी कार्यालय, श्रीगंगानगर।
सिरे नहीं
चढ़े सुलह के प्रयास
कांस्टेबल तेजपाल और जीवराजसिंह के बीच सोमवार रात पौने ग्यारह बजे सदर थाने में झगड़ा हुआ। तेजपाल ने आरोप लगाया है कि जीवराजसिंह सिविल ड्रेस में आया, जबकि वह वर्दी में संतरी की ड्यूटी कर रहा था। जीवराज ने एक्सीडेंट होने के बाद आई गाड़ी देखने के लिए थाने के पीछे क्वार्टरों की तरफ जाने की कोशिश की। जब उसने रोककर एचएम से पूछने के लिए कहा तो जीवराजसिंह ने कहा कि मैं जवाहरनगर थाने का थानेदार हूं। तेजपाल का आरोप है कि उसने गालियां निकाली व मारपीट की। पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना के बाद दोनों के बीच सुलह कराने के प्रयास भी हुए, जो सिरे नहीं चढ़े।
ये रहे विवाद
ठ्ठ दो महीने पूर्व गणेशगढ़ पुलिस चौकी में शराब पीकर दो कांस्टेबल झगड़ पड़े। मामला बढऩे पर दोनों को लाइन हाजिर कर दिया गया।
ठ्ठ सदर थाने के एक एएसआई पर महिला हवलदार ने उसकी लड़की से दुव्र्यवहार करने का आरोप लगाया। पुलिस विभाग में अंदरूनी तौर पर उठे इस विवाद को शांत करने के लिए एएसआई को थाने से हटाया गया।
ठ्ठ दो साल पहले पुलिस लाइन के आरआई और जवानों के बीच ड्यूटी को लेकर विवाद हुआ। जवानों ने विरोध-प्रदर्शन किया तो अधिकारियों ने आरआई के दो महीने बाद रिटायर्ड होने का वास्ता देकर जवानों को शांत किया।
ठ्ठ वर्ष २०06-07 में बच्चों के खेल के दौरान गेंद घर जाने की बात पर लालगढ़ थाने के संतरी कृष्ण व एचएम गोपीराम झगड़ पड़े। एचएम ने संतरी पर बंदूक तानने का आरोप लगाया, तब एचएम के खिलाफ विभागीय कार्रवाई हुई थी।
'जब जुबान नहीं खुलती तो हाथ-पैर चलते हैंÓ
मनो रोग विशेषज्ञों का मानना है कि
पुलिस कर्मियों का मिजाज गर्म होने का
कारण लंबी ड्यूटी, ऑफ की व्यवस्था न
होना और लंबे समय तक छुट्टी न मिलना है। राजकीय चिकित्सालय के मनो विशेषज्ञ डॉ. एसके पाटनी के अनुसार अधिकारियों व जवानों के बीच विभागीय कार्य के अलावा घरेलू परिस्थितियों को लेकर संवादहीनता की स्थिति रहती है। ऐसे में लंबे समय तक जुबान न खुलने का नतीजा चिड़चिड़ापन और हाथ पैर चलने के रूप में सामने आता है। डॉ. एसके पाटनी के अनुसार पुलिस विभाग में काम की अधिकता होने से जवान अपने घर-परिवार की जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभा नहीं पाते। आपसी मारपीट की घटनाओं से बचे रहने के लिए पुलिस अधिकारियों व जवानों को आपसी संबंधों को मजबूत कर फ्रेंडली माहौल बनाना चाहिए। अधिकारी जवानों की बात सहजता से सुनें और भयरहित वातावरण तैयार करें।
No comments:
Post a Comment