धनबाद। बुधवार को पाकिस्तानी महिला नाहिदा को सदर थाना से शिफ्ट कर दिया गया। कोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने नाहिदा के ठहरने की व्यवस्था की है। पाकिस्तान भेजे जाने तक नाहिदा को पुलिस निगरानी में होटल रत्नबिहार में रखा जाएगा। होटल में वह अपने पति व बच्चों के साथ नहीं रहेंगी।
हालांकि नाहिदा से मिलने पर कोई पाबंदी नहीं है। परिवार के सदस्य उनसे मिलकर कुछ पल साथ में गुजारे। नाहिदा के बच्चों ने उससे बात की। बच्चों से नाहिदा का मिलन काफी भावुक था। नाहिदा को उम्मीद है कि सरकार जरूर उनके लिए कुछ करेगी। उन्हें उनके बच्चों और परिवार से दूर नहीं किया जाएगा। हिन्दुस्तान में बच्चों के साथ उनके रहने का सपना पूरा होगा।
प्रशासन ने गृह मंत्रालय से संपर्क साधा
जिला प्रशासन ने कोर्ट के आदेश से गृहमंत्रालय को अवगत कराया है। एसडीओ जार्ज कुमार ने बताया कि गृहमंत्रालय को पत्र भेज कर पूरी घटना की जानकारी दे दी गई है। प्रशासन ने गृहमंत्रालय से नाहिदा को पाकिस्तान भेजने में सहयोग मांगा है। जब तक गृहमंत्रालय का इस मामले में कोई निर्देश नहीं आ जाता, नाहिदा को पुलिस निगरानी में होटल रत्नबिहार में ही रखा जाएगा।
क्या चाहते हैं परिवार वाले
नाहिदा के पति मो. सिद्दीकी का कहना है कि वह नाहिदा का पासपोर्ट बनाने में सक्षम हैं। उन्हें बस एक मौका चाहिए। नाहिदा को पुलिस की सुरक्षा में ही सही, एक बार सिर्फ दिल्ली ले जाने दिया जाए। वह पासपोर्ट बनवा लेंगे। उन्होंने कहा कि डीसी धनबाद को पत्र लिखकर भी नाहिदा के लिए भारत की नागरिकता मांगी है। उन्हें प्रशासन से सहयोग चाहिए।
फ्लैश बैक
16 फरवरी 1987 को भौंरा जोड़ापोखर निवासी मो. सिद्दीकी अंसारी ने पाकिस्तानी महिला नाहिदा बेगम से निकाह की थी। नाहिदा ने पासपोर्ट बनवाया, जिसकी वैधता 22 दिसंबर 1998 से 21 दिसंबर 2003 तक थी। पासपोर्ट की वैधता समाप्त होने पर नाहिदा बेगम एवं मो. सिद्दीकी अंसारी भौंरा से भाग गए। 6 अगस्त 09 को गुजरात पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। उसे धनबाद पुलिस के हवाले कर दिया गया। 7 अगस्त को वह फॉरन एक्ट एवं पासपोर्ट एक्ट उल्लंघन मामले में जेल गई। 30 मार्च 2011 को उसे अदालत में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई। कोर्ट ने उसे हिन्दुस्तानी नहीं मानते हुए पाकिस्तान भेजने का आदेश दिया है।
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