धर्मशाला — जिला कांगड़ा में महिला अत्याचार के मामलों की सुनवाई को गठित पुलिस वूमन सैल समाप्त कर दिया है। प्रदेश में गठित नए एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग यूनिट में वूमन सैल का विलय कर दिया जाएगा। इस नए यूनिट का शुभारंभ एसपी कांगड़ा सोमवार को करेंगे। बहरहाल अब महिलाओं के मामलों की सुनवाई एंटी ह्यूमन ट्रैफकिं ग यूनिट करेगा। हालांकि इस यूनिट में अकेली महिला कर्मचारी ही नहीं होंगी। एडिशनल एसपी उमापति जम्वाल ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रदेश के दो जिलों शिमला तथा कांगड़ा में इस यूनिट का गठन किया गया है। उनका कहना है कि सोमवार को शुरू किए जा रहे एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग यूनिट का प्रभारी इंस्पेक्टर रमेश राणा को लगाया गया है। इस यूनिट में दो सब-इंस्पेक्टर, दो हैड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल किए जाएंगे। उमापति जम्वाल ने माना कि पुलिस वूमन सैल का उक्त यूनिट में विलय कर दिया है।
हालांकि इस यूनिट में महिला सब-इंस्पेक्टर व हैड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल की हैं। सोमवार को इस यूनिट का शुभारंभ करने के लिए पुलिस विभाग ने एक समारोह करने की योजना बनाई है। प्रदेश के मात्र दो जिलों में गठित एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग यूनिट का प्रमुख दायित्व गुमशुदा बच्चों व महिलाओं की तलाश करना होगा। इसके अलावा उक्त यूनिट बच्चों व महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के मामलों का फील्ड में जाकर पता लगाएगा। इस आधार पर यूनिट को सख्त कार्रवाई का भी अधिकार दिया गया है। जिला कांगड़ा में इस यूनिट की स्थापना से जिला में लापता सैकड़ों बच्चों व महिलाओं की तलाश की आश जाग उठी है। इसके अलावा इस विशेष दस्ते के गठन से महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचारों पर भी रोक लगने की संभावना है। हालांकि पुलिस महिला सैल को समाप्त कर देने से जिला को हल्का सा झटका जरूर लगेगा। इस सैल में केवल महिला पुलिस कर्मियों को रखा गया था और इस विंग का प्रभार महिला सब-इंस्पेक्टर के कंधों पर रहा है। महिला पुलिस विंग के खत्म कर दिए जाने से जिला की महिलाओं को अपनी समस्याएं बताने में दिक्कतें आएंगी। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग यूनिट में महिला पुलिस कर्मियों को भी शामिल किया है।
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