लखनऊ। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने ताबाड़तोड़ वारदातों पर अंकुश लगाने व कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये सूबे को तीन जोन में बांटने का फैसला कर लिया है। माया इनकी कमान शासन के आला अधिकारियों के हाथ में सौंपेगीं।
उन्होंने महिलाओं के प्रति अपराध की बढ़ती घटनाओं की रोकथाम के लिए 1 जुलाई से विशेष अभियान चलाने का भी निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि ऐसी घटनाओं में वृद्धि, एफआईआर में देरी और आरोपी का बचाव करने पर थानेदार निलंबित होंगे। यदि ऐसे अपराधों में पुलिसकर्मी शामिल पाए गए, तो उन्हें बर्खास्त किया जाएगा।
मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को कानून व्यवस्था पर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक के बाद प्रदेश में एनसीआर की तरह ही मध्य और पूर्व जोन बनाने की घोषणा की। हर जोन में छह मंडल रखे गए हैं। पश्चिमी जोन में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री नेतराम और एडीजी केएल मीना की, पूर्वी जोन में विशेष पुलिस महानिदेशक फायर एके गुप्ता एवं प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री दुर्गाशंकर मिश्रा की तथा मध्य जोन में डीजी भ्रष्टाचार निवारण संगठन अतुल एवं प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आरपी सिंह की तैनाती की गई है। इन्हें महीने में छह दिन अनिवार्य रूप से जोन में रहना होगा।
यह अधिकारी अपनी समीक्षा से सरकार को अवगत कराएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, अगस्त में विधानमंडल का सत्र समाप्त होने के बाद प्रदेश की कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों का मौके पर जाकर वह खुद निरीक्षण करेंगी। बैठक के दौरान महिलाओं व बच्चियों पर होने वाले अपराधों को लेकर विशेष रूप से सख्त रहीं मायावती ने कहा, ऐसे अपराधों की लीपापोती में यदि कोई पुलिस अधिकारी या कर्मचारी शामिल मिलता है तो उसे तत्काल निलंबित किया जाए। पुलिसकर्मी के कृत्य की पुष्टि होने पर उसे बर्खास्त किया जाए। पेचीदा मामलों में भी दस दिन के अंदर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर सजा दिलाई जाए।
उन्होंने दो टूक कहा, जिस सर्किल में ऐसी घटनाएं बढ़ेंगी, वहां के सीओ को प्रतिकूल प्रविष्टि देकर उसकी पदोन्नति रोकी जाएगी। डीएम-एसपी से भी ऐसा ही सुलूक किया जाएगा। मायावती ने महिला अपराध के दोषी को बचाने वाले डाक्टर के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। मुख्यमंत्री ने पहली जुलाई से थाना स्तर तक एक माह का विशेष अभियान चलाने को कहा है।
यह भी निर्देश है कि इसकी तैयारी के लिए सभी जिलाधिकारी 29 जून को पूर्वाह्न दस बजे बैठक बुलाएं। इसमें सभी पुलिस अधिकारी, एसडीएम, सीएमओ व थानेदार भी शामिल होंगे। विशेष अभियान के दौरान पुलिस अपराधी व संदिग्ध चाल-चलन वालों की सूची तैयार करेगी। सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय पांच लोगों को बुलाकर उनसे अलग से फीडबैक लिया जाएगा।
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